देश के पहले लोकपाल जस्टिस पिनाकी चंद्र घोष का जीवन परिचय (Pinaki Chandra Ghose Biography in Hindi)
पिनाकी चंद्र घोष जी की हमारे देश के पहले लोकपाल यानि भारत के भ्रष्टाचार – विरोधी ओम्बड्समैन के रूप में नियुक्ति हुई हैं, जोकि भारत की सुप्रीमकोर्ट के जज रह चुके हैं, और 2 साल पहले रिटायर्ड भी हो गये हैं. इन्होंने कई सारे बड़े एवं महत्वपूर्ण मुकदमें में अपना फैसला सुनाया है. घोष जी के द्वारा लिए गये अब तक के महत्वपूर्ण फैसले एवं इनके जीवन के बारे में जानकारी आप इस लेख से प्राप्त कर सकते हैं.
Table of Contents
पिनाकी चंद्र घोष का जन्म एवं परिचय (Pinaki Chadra Ghose Birth and Introduction)
क्र.म. (s.No.) | परिचय बिंदु (Introduction Points) | परिचय (Introduction) |
1. | पूरा नाम (Full Name) | पिनाकी चंद्र घोष |
2. | जन्मतिथि (Birthday) | 28 मई, 1952 |
3. | जन्म स्थान (Birth Place) | कोलकाता, पश्चिम बंगाल |
4. | पेशा (Profession) | रिटायर्ड जज एवं भारत के पहले लोकपाल |
5. | राष्ट्रीयता (Nationality) | भारतीय |
6. | धर्म (Religion) | हिन्दू |
7. | जाति (Caste) | बंगाली |
8. | उम्र (Age) | 66 वर्ष |
9. | कद (Height) | 5 फुट 9 इंच |
10. | वजन (Weight) | 84 किलोग्राम |
11. | राशि (Zodiac Sign / Sun Sign) | मिथुन |
पिनाकी चंद्र घोष जी का परिवार एवं शुरूआती जीवन (Pinaki Chandra Ghose Family and Early Life)
पिनाकी चन्द्र घोष जी अपने परिवार के पांचवी पीढ़ी के ऐसे सदस्य हैं जोकि वकील हैं, यह परिवार जोरासांको के दीवान बरनासी घोष का परिवार है. ये कलकत्ता शहर के उत्तरी प्रान्तों का एक प्रसिद्ध परिवार है. इसलिए कहा जाता है कि वे एक वकील परिवार से संबंध रखते हैं. इनके पिता स्वर्गीय श्री संभु चंद्र घोष जी कोलकाता हाई कोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश रह चुके हैं. इसलिए इन्हें भी बचपन से ही वकालत करने के लिए प्रेरित किया जाता रहा है. हारा चंद्र घोष, सन 1867 में कलकत्ता में सदर देवानी अदालत के पहले भारतीय मुख्य न्यायाधीश बने, वे भी इन्हीं के परिवार के एक सदस्य थे.
पिनाकी चंद्र घोष के परिवार की जानकारी (Pinaki Chandra Ghose Family Details)
1. | पिता का नाम (Father’s Name) | स्वर्गीय श्री संभु चंद्र घोष |
2. | माता का नाम (Mother’s Name) | – |
3. | पत्नी का नाम (Wife’s Name) | श्री मति देबजानी घोष |
4. | बेटी का नाम (Daughter’s Name) | डॉ संजुक्ता सहाई |
5. | बेटे का नाम (Son’s Name) | सौमभो घोष |
पिनाकी चंद्र घोष जी की शिक्षा (Pinaki Chandra Ghose Education)
पिनाकी चंद्र घोष जी ने अपनी शुरूआती स्कूल की पढ़ाई कोलकाता के स्थानीय स्कूल से की. इसके बाद उन्होंने कोलकाता के सेंट जेवियर्स कॉलेज से वाणिज्य विषय में स्नातक पूरा कर डिग्री हासिल की. फिर घोष जी ने कोलकाता विश्वविद्यालय से कानून और अटोर्नी – एट – लॉ की डिग्री प्राप्त की. और फिर सन 1976 में बार काउंसिल ऑफ़ वेस्ट बंगाल के साथ एक वकील के रूप में खुद को नामांकित किया. वकालत में उनके विशेष क्षेत्र नागरिक, कंपनी से जुड़े, मध्यस्थता और संविधान एवं इसी तरह के कुछ अन्य क्षेत्र थे.
पिनाकी चंद्र घोष का करियर (Pinaki Chandra Ghose Career)
- वकालत करते – करते पिनाकी चंद्र जी को सन 1997 में जाकर कोलकाता उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में पदभार संभालने का मौका मिला. उन्होंने इस पद पर कई सालों तक कार्य किया.
- पिनाकी चंद्र घोष जी ने जनवरी, 2007 में अंडमान और निकोबार राज्य कानूनी सेवा ऑथोरिटी के कार्यकारी अध्यक्ष और फिर इसी साल अगस्त में पश्चिम बंगाल राज्य कानूनी सेवा ऑथोरिटी के कार्यकारी अध्यक्ष का पद संभाला.
- इससे पहले जनवरी, 2005 तक पिनाकी चंद्र घोष जी भारतीय कानून संसथान (कलकत्ता चैप्टर) से जुड़े हुए थे. और फिर मई 2012 तक उन्होंने इसके कोषाध्यक्ष के रूप में कार्य किया. उस दौरान घोष जी नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ कॉलरा और एंतेरिक डिजीज कोलकाता के इंस्टिट्यूशनल एथिक्स समिति के अध्यक्ष भी थे.
- इसके बाद इसी साल पिनाकी चंद्र घोष जी हैदराबाद में स्थित उच्च न्यायालय के न्यायिक न्यायालय में स्थानांतरित हो गए थे, वहां पर वे मुख्य न्यायाधीश बने.
- जब घोष जी उच्च न्यायालय में कार्यरत थे, उनका प्रदर्शन बेहतर रहा, और उन्हें एक साल के अंदर ही यानि मार्च 2013 में भारत की सर्वोच्च न्यायालय में प्रमुख जज का पद हासिल हुआ. फिर सर्वोच्च न्यायालय में उनके यह कार्यकाल मई, सन 2017 तक चला, इसके बाद वे रिटायर्ड हो गए.
- एक न्यायधीश के रूप में रिटायर्ड होने के बाद घोष जी राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग में उसके एक सदस्य के रूप में शामिल हो गए. और हालही में 19 मार्च, 2019 को पिनाकी चंद्र घोष जी को भारत का पहला लोकपाल बनाया गया है, जोकि भ्रष्टाचार के विरोध के लिए कार्य करता है.
पिनाकी चंद्र घोष जी की लोकपाल के रूप में नियुक्ति (Pinaki Chandra Ghose Appoint as a Lokpal)
सन 2013 में संसद के दोनों सदनों में लोकपाल बिल पास कराया गया था. फिर इसके 6 साल बाद भारत के पहले लोकपाल की नियुक्ति हुई. पिनाकी चंद्र घोष जी का नाम भारत के पहले लोकपाल के रूप में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वली चयन समिति में लिया गया था, जिसे राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद जी द्वारा मंजूरी दी गई. इस समिति में 5 लोग शामिल थे. इसके साथ ही राष्ट्रपति भवन में लोकपाल जोकि भ्रष्टाचार – विरोधी ओम्बड्समैन हैं, के अन्य 8 सदस्यों की भी नियुक्ति हुई, जिनमें नॉन – जुडिशल सदस्य के रूप में पूर्व सशस्त्र सीमा बल प्रमुख अर्चना रामासुंदरम, महाराष्ट्र के पूर्व मुख्य सचिव दिनेश कुमार जैन, महेंद्र सिंह और इन्द्रजीत प्रसाद गौतम शामिल हैं. और जुडिशल सदस्य के रूप में जस्टिस दिलीप बी भोसले, प्रदीप कुमार मोहांटी, अभिलाषा कुमारी और अजय कुमार त्रिपाठी आदि शामिल हैं.
पिनाकी चंद्र घोष जी के द्वारा किये गये कार्य एवं फैसले (Pinaki Chandra Ghose’s Works and Decisions)
पिनाकी चंद्र घोष जी ने अपने अब तक के करियर में वकालत के दौरान कई ऐसे कार्य एवं फैसले लिए है, जिनके लिए इन्हें हमेशा याद किया जाता रहेगा, उनमें से कुछ की जानकारी इस प्रकार हैं –
- मुख्यमंत्री जयललिता से संबंधित मुद्दा :- जिन फैसलों के लिए जज पिनाकी चंद्र घोष जी को याद किया जायेगा, उनमें से एक तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जे. जयललिता एवं उनकी सेकेटरी वी. के. शशिकला के खिलाफ चले मुकदमे पर लिया गया फैसला था. दरअसल जयललिता और शशिकला ने नकाबपोश मोर्चों के नाम पर भारी संपत्ति खरीदने के लिए सार्वजिनक संपत्ति का दुरूपयोग किया था. जिसके चलते फरवरी सन 2017, में जज घोष एवं जज अमिताव रॉय की डिवीज़न बेंच ने उन्हें दोषी करार दिया.
- भारतीय दंड संहिता की धारा 498 – ए से संबंधित :- एक और फैसला जिसके लिए जज पिनाकी चंद्र घोष को याद किया जायेगा, वह भारतीय दंड संहिता की धारा 498 – ए से सम्बंधित है. जुलाई, सन 2014 में जज घोष एवं जज चंद्रमौलि प्रसाद की डिवीज़न बेंच ने फैसला सुनाया, कि 498 – ए केस में कोई आटोमेटिक गिरफ़्तारी नहीं होनी चाहिए और साथ ही नॉन – कंप्लायंस अनुशासन संबंधी और निंदनीय कार्यवाही को आकर्षित करेगा.
- बाबरी मस्जिद विनाश मामला :- अप्रैल 2017 में, जज आर. एफ. नरीमन और जज घोष की डिवीज़न बेंच ने एक ट्रायल कोर्ट में निर्देश दिया था, जिसमें भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती, कल्याण सिंह एवं बाबरी मस्जिद विनाश मामले में शामिल अन्य लोगों के खिलाफ आपराधिक साजिश का आरोप तय किया गया था. यह फैसला भी घोष जी द्वारा लिये गये एक महत्वपूर्ण फैसले में से एक था.
इस तरह से पिनाकी चंद्र घोष जी को भ्रष्टाचार से निपटने के लिए प्रमुख बनाया गया हैं. ताकि वे देश से बिना किसी पर भेदभाव किये भ्रष्टाचार के आरोपी को सजा दिलवाकर देश को भ्रष्टाचार मुक्त बनाने में अपना योगदान दें.
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