अलसी के बीज के फायदे, उपयोग, पोषक तत्व एवं नुकसान (Flax Seeds Benefits, Uses, Nutritional Values and Side Effects in Hindi)
हमें हमेशा अपने खान – पान का ध्यान रखना चाहिए. क्योंकि हमारा जीवन इसी पर आधारित होता हैं. हम जो भी खाना खा रहे हैं, उसका प्रभाव हमारे शरीर पर पड़ता हैं. इसलिए हमें अपनी डाइट में ऐसी चीजें शामिल करनी चाहिये, जिससे हमारा शरीर एक दम स्वस्थ रहे और उससे कोई नुकसान न हो. ऐसे ही एक उत्पाद के बारे में हम आपको इस लेख के माध्यम से जानकारी दे रहे हैं, जोकि आपके शरीर के लिए काफी फायदेमंद हो सकता है. उस उत्पाद का नाम हैं अलसी के बीज. यह क्या होते हैं, इसके क्या – क्या फायदे एवं नुकसान हैं, इसमें कौन – कौन से पोषक तत्व कितनी मात्रा में पाए जाते हैं एवं इसका उपयोग कैसे किया जाता हैं यह सब कुछ आप इस लेख में देख सकते हैं.
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अलसी के बीज क्या हैं ? (What is Flax seeds ?)
अलसी के बीज सुनहरे एवं भूरे रंग के छोटे बीज होते है. ये मनुष्य के सबसे पुराने खेती वाले ‘सुपरफूड्स’ में से एक हैं, जो बेबीलोन के 3000 ईसा पूर्व के इतिहास को दर्शाते है. यह सदियों से चला आ रहा स्वास्थ्य – सुरक्षात्मक गुणों से युक्त बहुत ही बेशकीमती उत्पाद है. 8 वीं शताब्दी में एक राजा शारलेमेन थे, उन्हें अलसी के बीजों के स्वास्थ्य लाभों में इतना अधिक विशवास था, कि उन्होंने इस उत्पाद के विषय में एवं इसका उपभोग करने के लिए आवश्यक कानून भी लागू कर दिये थे. उन्होंने इसका नाम ‘लाइनम युसिटेटिससियम’ दिया, जिसका अर्थ होता है ‘सबसे उपयोगी’. इन बीजों के ऊपर काफी वैज्ञानिक रिसर्च हुई हैं और उनकी रिसर्च इस उत्पाद के स्वास्थ्य लाभ की ओर इशारा करती है.
अलसी के बीज में पाए जाने वाले पोषक तत्व (Nutrients Found in Flax Seeds)
जब अलसी के बीज के पोषक तत्वों एवं उनकी मात्रा की बात आती हैं, तो इस सुपरफूड के कई महत्वपूर्ण पोषक तत्व प्राप्त होते हैं. 100 ग्राम अलसी के बीज में निम्न पोषक तत्व पाए जाते हैं.
क्र. म. | अलसी के बीज में पाए जाने वाले पोषक तत्व | पोषक तत्वों की मात्रा |
1. | कैलोरी | 534 |
2. | टोटल फैट :-
| 42 ग्राम
3.7 ग्राम 29 ग्राम 8 ग्राम |
3. | कोलेस्ट्रॉल | 0 mg |
4. | सोडियम | 30 mg |
5. | पोटैशियम | 813 mg |
6. | टोटल कार्बोहाइड्रेट :-
| 29 ग्राम
27 ग्राम 1.6 ग्राम |
7. | प्रोटीन | 18 ग्राम |
8. | कैल्सियम | 0.25 |
9. | विटामिन सी | 1 % |
10. | आयरन | 31 % |
11. | विटामिन बी – 6 | 25 % |
12. | विटामिन बी – 1 | 80 ग्राम |
13. | मैग्नीशियम | 98 % |
14. | फॉस्फोरस | 50 % |
15. | फोलेट | 25 % |
इन सभी पोषक तत्वों के साथ ही अलसी के बीज में ऑमेगा – 3 फैटी एसिड एवं लिग्नंस भी मौजूद होते हैं. इसके अलावा अलसी में स्वस्थ मात्रा में एएलए होता है, जिसे एक अच्छा फैट माना जाता है. और यह स्वास्थ्य लाभ के लिए बहुत मुख्य होते हैं. इसे रोजाना अपने आहार में शामिल करना महत्वपूर्ण है. इनमें विटामिन – ए, विटामिन बी – 12 एवं विटामिन डी 0 % होता है.
अलसी के बीजों से होने वाले स्वास्थ्य एवं अन्य लाभ (Health and Other Benefits of Flax Seeds)
अलसी के बीजों का रोजाना सेवन करने से बहुत सारे स्वास्थ्य लाभ हो सकते हैं, जिसके बारे में हम नीचे जानकारी दे रहे हैं.
वजन घटाने में लाभकारी (Weight loss) :-
अलसी के बीज वजन घटाने में बहुत ही लाभकारी सिद्ध होते हैं. ऐसा इसलिए हैं, क्योंकि अलसी में उच्च मात्रा में स्वस्थ फैट और फाइबर होते हैं. इसके अलावा, इसमें मौजूद एएलए फैट भी सूजन को कम करने में मदद के लिए जाना जाता है. आप अपना स्वस्थ वजन घटानेके लिए अलसी के बीज को स्मूथी, सलाद या सूप में जोड़ सकते हैं.
कॉलेस्ट्रोल कम करने में भी लाभकारी (Reduce Cholesterol):-
आपके ब्लड में ख़राब कोलेस्ट्रॉल की उच्च मात्रा का होना चिंता का कारण हो सकता है, क्योंकि इससे नब्ज में अकड़न, हृदय रोग और स्ट्रोक हो सकते हैं. अलसी के बीज शरीर में सभी तरह का कोलेस्ट्रॉल कम करते हैं. अलसी के बीज में पाया जाने वाला फाइबर जोकि, घुलनशील होता है, वह पाचन तंत्र के अंदर कोलेस्ट्रॉल एवं फैट को फंसा लेता है और इसे शरीर के द्वारा अवशोषित होने से रोकता है.
कैंसर से लड़ता है :-
अलसी के बीज को मलाशय, गर्भाशय, प्रोस्ट्रेट और स्तन कैंसर से लड़ने के लिए जाना जाता है. ऐसा इसलिए हैं क्योंकि अलसी में महत्वपूर्ण तत्व पाए जाते हैं. जो आँतों में बैक्टीरिया द्वारा एंटेरोलैक्टोन और एंटेरोडिओल में परिवर्तित हो जाते हैं. ये प्राकृतिक तरीके से हार्मोन्स को संतुलित करते हैं और स्तर कैंसर के लक्षण से लड़ने के लिए बहुत लाभकारी होते हैं. अलसी में पाए जाने वाले लिगनान को इंडोमेट्रिअल और गर्भाशय के कैंसर की घटना को कम करने के लिए भी आवश्यक माना जाता है.
यह मीनोपॉज के लक्षण के लिए मददगार है :-
अलसी के बीज उन महिलाओं के लिए बहुत अच्छे हैं, जो अभी भी अपने मासिक धर्म चक्र में हैं. और साथ ही यह मासिक धर्म चक्र को रेगुलेट करने में मदद कर सकते हैं.
उच्च फाइबर एवं कार्ब्स को कम करता है :-
सामान्य तौर पर 30 से 40 ग्राम खाद्य पदार्थों का उपभोग करने की सलाह दी जाती है, जोकि रोजाना फाइबर को बढ़ाता है. उच्च फाइबर वाले भोजन पाचन की सहायता करने में मददगार होते हैं. अलसी के बीज में चिपचिपे गोंद जैसे कंटेंट बहुत अधिक होते हैं, जोकि एक फाइबर होता है. और यह ऐसे रूप में होता हैं, जो पानी में घुलनशील होता है. इसके साथ ही यह आंतों के रास्ते के लिए बहुत अच्छा है क्योंकि यह पेट में भोजन को बहुत जल्दी छोटी अंत में जाने से रोकता है. इससे परिणाम यह होता है कि आपका शरीर पोषण को बेहतर तरीके से अवशोषित कर सकता है. हालांकि अलसी में घुलनशील और अघुलनशील दोनों तरह के फाइबर होते हैं. इसलिए यह फैट को कम करता है, एवं साथ ही साथ चीनी की कमी को कम करने में भी मदद करता है.
यह ग्लूटेन (लस) मुक्त होता है :–
इस समय अधिकतर स्वस्थ आहार ग्लूटेन मुक्त कंटेंट को बढ़ावा देते हैं. अलसी के बीज में भी ग्लूटेन मौजूद होता है, जोकि गेंहू जैसे अनाज के लिए बहुत अच्छा विकल्प है. हालांकि जिन लोगों को ग्लूटेन से एलर्जी है या सेलीयक रोग है. उनके लिए भी यह अच्छा है. और जिन लोगों को सी फूड से एलर्जी हैं, उनके लिए ओमेगा – 3 फैट को शरीर में लाने के लिए अलसी के बीज को भी एक बढ़िया विकल्प माना जा सकता है.
इसमें उच्च मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट होता है :–
अलसी के बीज में लिग्नान बहुत अधिक होता है. लिग्नान आपके ओवरऑल स्वास्थ्य और सुरक्षा के लिए भी बहुत अच्छा है. ये एंटी – वायरल और एंटी – बैक्टीरियल है और इसलिए आम फ्लू और जुकाम से बचने में यह मदद कर सकता है.
यह पाचन स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है :–
आहार में शामिल होने पर अलसी के बीज किसी के शरीर में बहुत अधिक फायदा पहुंचा सकते हैं. क्योंकि वे बेहतर पाचन स्वास्थ्य को बढ़ावा देते हैं. यह उन लोगों के लिए काफी अच्छा है, जो मुख्य रूप से आंत से जुड़ी कोई अन्य बीमारी से पीढित हैं. क्योंकि यह इसकी सूजन को कम करने में मदद करता है. अलसी में उच्च मात्रा में अघुलनशील और घुलनशील फाइबर होते है. जो पाचन तंत्र के लिए बहुत अच्छा होता है. और इसमें उच्च मात्रा में मैग्नीशियम भी होता है. यह पेरिस्टलसिस और आंत में मांसपेशियों को ओपन कर कब्ज से राहत देने में भी मदद कर सकता है.
शरीर को अंदर से स्वस्थ्य रखने के लिए यह बेहतर होने के साथ ही यह आपके बालों एवं त्वचा को भी बहुत स्वस्थ रखता है. यह कैसे हैं यह जानने के लिए नीचे देखें –
अपने बालों, नाखूनों एवं त्वचा को बेहतर बनाने के लिए आप अपने रोजाना के खान पान में प्रतिदिन यह साधारण सी चीज जोड़ सकते हैं.
अलसी के बीज से होने वाले नुकसान (Flax Seeds Disadvantages)
अलसी के बीज का सेवन करना काफी सुरक्षित है, लेकिन कुछ ऐसे उदाहरण है जहाँ इसका उपयोग करना असुरक्षित हो सकता है. अर्थात इसके कुछ नुकसान भी हो सकते हैं जैसे –
- गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को आमतौर पर अलसी का सेवन करने से बचने के लिए कहा जाता है, क्योंकि यह अक्सर एस्ट्रोजेन की तरह काम करता है. और साथ ही यह गर्भवस्था या शिशु के लिए हानिकारक हो सकता है.
- जिन लोगों को ब्लीडिंग डिसऑर्डर जैसी समस्या होती हैं, उन्हें अलसी का सेवन न करने की सलाह दी जाती हैं, क्योंकि इससे थक्के बनने की प्रक्रिया धीमी हो सकती है, जिससे अधिक ब्लीडिंग हो सकती है.
- आँतों या पेट से सम्बंधित बीमारियों वाले मरीजों को अलसी के बीज का सेवन नहीं करना चाहिए, क्योंकि इससे सौच की समस्या हो सकती है, इसके साथ ही शरीर की तुलना में यह तेजी से इस तरह के अवरोधों से निपटने में मदद करता है जोकि शरीर के लिए सही नहीं होता है.
- यह हार्मोन संबंधी स्थितियों को भी तेज कर सकता है, क्योंकि यह एस्ट्रोजन की तरह काम करता है.
अलसी के बीज का उपयोग (Flax Seeds Uses)
ये तो हमने जान लिया, कि अलसी के बीज के क्या – क्या फायदे हैं, लेकिन आपको अब यह जानना आवश्यक हैं कि इसका उपयोग कैसे और कहाँ – कहाँ किया जाता है –
- अलसी को गेंहू और अन्य अनाजों के विकल्प के रूप में उपयोग किया जा सकता है, जोकि ग्लूटेन मुक्त नहीं होते हैं.
- चिकित्सकीय रूप में, अलसी का उपयोग गले में खराश, खांसी, और श्वास संबंधित नली में इन्फेक्शन के लिए किया जा सकता है.
- इसका उपयोग ल्यूपस वाले रोगियों में किडनी की समस्याओं के इलाज के लिए किया जाता है. साथ ही साथ तनाव और एडीएचडी में भी यह मददगार होते हैं.
- अधिकतर आपने देखा होगा कि कई सारी दवाओं में भी अलसी के बीज होते हैं, जैसे आर्थराइटिस, मलेरिया और ब्लैडर में इन्फेक्शन आदि के ईलाज में उपयोग होने वाली दवाओं में यह मौजूद होते हैं.
- इसके अलावा जो लोग एक्जिमा, मुहांसे, फोड़े, जलन और सूजन का ईलाज करना चाहते हैं, उनके द्वारा भी त्वचा पर अलसी के बीज लगाये जा सकते हैं.
- अलसी का पौधा एक फाइबर युक्त पौधा होता है, जिसका उपयोग लिनन और अन्य फाइबर के उत्पादन के लिए किया जा सकता है.
अलसी के बीज की फसल (Flax Seeds Cultivation)
ऐसा अनुमान लगाया गया है, कि अलसी के बीज मिश्र के मूल निवासी हैं. हालांकि यह दुनिया भर में उगाया जाता है, और यह यूरोप, दक्षिण अमेरिका, एशिया और संयुक्त राज्य अमेरिका जैसी जगहों पर आसानी से पाया जा सकता है. इसके अलावा यह भी माना जाता है, कि मनुष्य अब लगभग 6,000 वर्षों से अलसी का सेवन कर रहे हैं. और यह पहला सुपरफूड है जिसे उगाया और खाया जाता है.
अलसी के बीज को कैसे खाएं टिप्स (How to Eat Flax Seeds and Tips)
अलसी के बीज का सेवन कैसे करना चाहिये, लोगों को इसके बारे में बहुत सारे संदेह हैं, तो इसका सेवन कैसे किया जा सकता है यह जानकारी हम आपको यहां दे रहे हैं –
- यह सच है कि अलसी के बीज जब तक ठीक से चबाया ना जायें, तो यह आपके शरीर के सिस्टम के लिए सही नहीं होता है. पाचन संबंधी परेशानी भी हो सकती हैं इसलिए ग्राउंड या मिल्ड अलसी के बीज उस स्थिति में एक अच्छा विकल्प हो सकता है.
- आप अपने खाना पकाने में अन्य तेलों को बदल कर अलसी के तेल का भी विकल्प चुन सकते हैं.
- इसके अलावा आप अलसी के बीज को बाजार से ऐसे ही खरीदते हैं, तो आवश्यकतानुसार उसे पीस कर दही, दलिया, अनाज, स्मूदी आदि चीजों में मिलाकर खा सकते हैं.
- अंकुरित अलसी के बीज अपने प्रोटीन और ऑमेगा – 3 फैट को अधिक रिलीज़ करते हैं, जिस तरह से हीलिंग फूड में उल्लेखित होता है.
- रोटियों, पराठों, पूरियों, ब्रेड, डिजर्ट, सूप्स, सलाद आदि इसी तरह की कई चीजों में आप 1 बड़ी चम्मच अलसी के बीज मिला सकते हैं, जो आपको एक स्वस्थ, पौष्टिक, स्वादिष्ट डिश प्रदान कर सकती है.
इस तरह से आप अलसी के बीज का सेवन कर सकते हैं. जोकि आपके लिए एक पोष्टिक आहार साबित हो सकता है.
अलसी के बीज से बनने वाले व्यंजन (Dishes or recipe made of Flax Seeds)
अगर आप अपने नियमित रूप से खाना पकाने में अलसी के बीज का उपयोग करना शुरू करना चाहते हैं, तो हम आपको यह शुरू करने के लिए सबसे सरल और फ़स – फ्री व्यंजन के बारे में बता रहे हैं.
अलसी के बीज की स्मूदी बनाने की विधि :-
सामग्री :-
2 बड़ी चम्मच अलसी के बीज, 1 कप फ्लेववर्ड सोया दूध, 1 कप ठंडा और दरदरे कटे स्ट्रॉबर्री, आधा कप ठंडा और दरदरा कटा हुआ केला, 2 छोटे चम्मच शहद आदि.
विधि :-
सबसे पहले आप सोया दूध में स्ट्रॉबेरी, केला, अलसी के बीज मिलाएं. इसके बाद इसे जूसर मशीन से मिक्स करें, ताकि यह स्मूथ एवं फैन युक्त बने. इसके बाद स्मूदी की समान मात्रा को 2 अलग – अलग ग्लास में डालें और स्ट्रॉबेरी और केले के स्लाइस से गार्निश करके सर्व करें.
अलसी के बीज का रायता बनाने की विधि (Alsi or Flax Seeds Raita) :-
सामग्री :-
1 कप लौकी मोटी कद्दूकस की हुई, 1 कप लो – फैट दही ताज़ा फिटा हुआ, ½ कप पुदीना पत्ती बारीक़ कटी (पुदीना), ¼ छोटी चम्मच भुने जीरे एवं काला नमक, 1½ बड़ी चम्मच भुना हुआ और जमीनी अलसी, नमक स्वादानुसार आदि.
विधि :-
1 कप पानी में लौकी को भिगोये, और फिर इसे ढक कर 4 मिनिट तक मध्यम आंच में पकाएं. इसके बाद सभी सामग्री को एक साथ कर और साथ में पकी हुई लौकी को गहरे बर्तन में डालें. और अच्छे से मिलायें. फिर इसे फ्रिज में 1 घंटे के लिए रखें और ठंडा – ठंडा सर्व करें.
फ्रूटी अलसी के बीज मफिन्स :-
सामग्री :-
12 मफिन बनाने के लिए ½ कप किसा हुआ अनानास जूस के साथ डिब्बाबंद, ½ कप बारीक़ कटा हुआ सेब (छिलके के साथ), 2 बड़े चम्मच कैनोला तेल, यदि उपलब्ध हो तो 1 बड़ा अंडा जिसमें उच्च ओमेगा – 3 हो और हल्के से फिटा हुआ हो, 2 अंडो का सफेद भाग, (या ¼ कप अंडा सब्टिट्यूट), 1 कप फैट फ्री खट्टा क्रीम, ¼ कप डार्क गुड़, ¼ किशमिश मुन्नका (या कोई अन्य सूखा मेवा, कटा हुआ), 1¼ कप सफेद आटा, ½ कप साबूत गेंहू का आटा, 1 चम्मच बेकिंग पाउडर, 1 चम्मच बेकिंग सोडा, ¼ चम्मच नमक एवं ¾ कप जमीन अलसी आदि सामग्री की आवश्यकता होगी.
विधि :-
400 डिग्री पर ओवन को पहले से गर्म करें, इसके बाद एक लाइन मफ्फिन पैन लें जोकि पेपर या फॉयल लाइनर्स से साथ हो. इसके बाद इसके अंदर थोड़ा सा कैनोला कुकिंग स्प्रे कर दें. इसके बाद एक बड़े बर्तन में अन्नानास एवं उसक जूस, सेव, कैनोला आयल, अंडे, अंडे का सफेद भाग या अंडे का सब्सटीट्यूट, सौर क्रीम और गुड़ को एक साथ मिलाकर इसे फैटें जब तक की घोल हल्का एवं फूल ना जायें. इसके बाद इसमें किशमिश और कुछ सूखे मेवे डालें. इसके बाद एक मध्यम आकार के कटोरे में आटा, बेकिंग पाउडर, बेकिंग सोडा, नमक और अलसी के बीज मिलाएं. इसके बाद इस मिश्रण को सौर क्रीम मिश्रण में मिलाएं, और इसे तब तक बीट करते रहें, जब तक कि यह थोड़ा ढीला घोल ना बन जायें. तैयार मफिन पैन में ¼ कप भर कर चम्मच से यह घोल डालें. और इसे प्री हीट किये हुए ओवन में बेक होने के लिए रखिये और जब तक मफिन सुनहरा भूरा और छूने में स्प्रिंगी न हो जाएं तब तक इसे बेक करें.
इस तरह से आप अलसी के बीज एवं उससे बनने वाली डिशेस का सेवन कर उससे होने वाले फायदे का लाभ उठा सकते हैं.
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