‘वन क्लास वन टीवी चैनल’ पर निबंध, 2022, कार्यक्रम, केन्द्रीय बजट 2022, ई-लर्निंग, कुल चैनल (One Class One TV Channel Programme, Essay in Hindi) (Meaning, Union Budget, e-learning, Total Channel)
पिछले एक-दो सालों से पूरे विश्व में कोरोना वायरस का कहर तबाही मचा रहा है। इस तबाही से बचने के लिए डब्ल्यूएचओ के निर्देश के अनुसार लॉकडाउन ही एकमात्र विकल्प बचता है। इसलिए गवर्नमेंट के द्वारा देश के कई राज्यों में पिछले साल लॉक डाउन लगाया गया था और फिलहाल एक बार फिर से करोना का अपडेटेड वैरीअंट यानी कि ओमीकरोन लोगों के अंदर फैलना चालू हो गया है। इसलिए इस पर भी रोकथाम करने के लिए गवर्नमेंट फिर से लॉक डाउन लगा सकती है। लॉकडाउन लगने के कारण कई लोगों को कई समस्याएं होती हैं, परंतु सबसे बड़ी समस्या बच्चों की एजुकेशन को लेकर के होती है, क्योंकि वह अपनी पढ़ाई सही ढंग से कंप्लीट नहीं कर पा रहे हैं। इसलिए गवर्नमेंट ने डिजिटल लर्निंग पर ज्यादा फोकस किया है। इस साल के आम बजट 2022 में ‘वन क्लास वन टीवी चैनल’ नाम से एक योजना की शुरुआत करने की घोषणा की है. इस लेख में हम आपको इसी के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं.
Table of Contents
‘वन क्लास वन टीवी चैनल’ 2022 पर निबंध (‘One Class One TV Channel’ in Hindi)
योजना का नाम | वन क्लास वन टीवी चैनल |
किसने घोषणा की | फाइनेंस मिनिस्टर निर्मला सीतारमण |
किसे फायदा होगा | भारत के विद्यार्थियों को |
क्लास | कक्षा 1 से लेकर के कक्षा 12 तक |
संरक्षक | इंडियन सेंट्रल गवर्नमेंट |
प्रोग्राम | प्रधानमंत्री ई विद्या योजना अथवा दीक्षा एप्लीकेशन |
साल | 2022 |
‘वन क्लास वन टीवी चैनल’ क्या है (What is One Class One TV Channel)
देश के वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बच्चों की पढ़ाई को देखते हुए एक बहुत ही महत्वपूर्ण घोषणा की है। गवर्नमेंट ने डिजिटल एजुकेशन पर काफी ज्यादा फोकस किया है और इसीलिए गवर्नमेंट ने 2022-2023 के बजट में डिजिटल यूनिवर्सिटी को बनाने का भी प्रस्ताव रखा है। इसी के साथ ही प्रधानमंत्री ई विद्या योजना के तहत वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण जी ने वन क्लास वन टीवी चैनल में टीवी चैनल की संख्या को बढ़ाने की भी घोषणा की है।
‘वन क्लास वन टीवी चैनल’ में चैनल संख्या (‘One Class One TV Channel’ List)
पहले वन क्लास वन टीवी चैनल के मद्देनजर सिर्फ 12 टीवी चैनल ही होते थे, जिसके जरिए विद्यार्थी घर पर रहकर ऑनलाइन पढ़ाई कर सकते थे, परंतु गवर्नमेंट अब उन 12 टीवी चैनल की संख्या को 200 टीवी चैनल तक पहुंचाना चाहती है, जो की एजुकेशन के नजरिए से बहुत ही महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
‘वन क्लास वन टीवी चैनल’ कार्यक्रम क्यों शुरू किया गया (Why ‘One Class One TV Channel’ Program was Started)
भारत की सेंट्रल गवर्नमेंट से लगातार देश में कोविड-19 की वजह से एजुकेशन सिस्टम को जो नुकसान हो रहा है, उसकी लगातार विश्लेषण कर रही है और इसीलिए गवर्नमेंट डिजिटल एजुकेशन पर ज्यादा फोकस कर रही है, ताकि बच्चों की पढ़ाई का नुकसान ना हो और उनके साल बर्बाद ना हो! हमारे देश में अभी भी ऐसे कई विद्यार्थी और ऐसे कई लोग हैं, जिनके पास इंटरनेट की पहुंच उपलब्ध नहीं हो पाई है और इसीलिए वह इंटरनेट का इस्तेमाल करने से वंचित है। इंटरनेट ना चला पाने की अवस्था में वह ऑनलाइन अपनी पढ़ाई करने में कई दिक्कतों का सामना करते हैं। इसलिए गवर्नमेंट ने ऑल ओवर सभी लोगों की समस्या को देखते हुए वन क्लास वन टीवी चैनल कार्यक्रम को टेलीविजन के अलावा डीटीएच और रेडियो के जरिए लोगों तक पहुंचाने की घोषणा की है। इंडिया का एजुकेशन सिस्टम कोविड-19 वायरस के कारण सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ, क्योंकि एजुकेशन सिस्टम बच्चों के भविष्य से जुड़ा हुआ है, जो कि लगातार पिछले 2 सालों से बर्बाद हो रहा है। इसीलिए गवर्नमेंट ने काफी सोच विचार करके डिजिटल पढ़ाई करवाने पर फोकस किया, जिसके लिए भारी-भरकम बजट भी लॉन्च किया गया और बच्चों को मुफ्त में टेबलेट, स्मार्ट फोन और लैपटॉप बांटे गए।
‘वन क्लास वन टीवी चैनल’ केन्द्रीय बजट 2022 (‘One Class One TV Channel’ Union Budget 2022)
केन्द्रीय सरकार ने बच्चों की एजुकेशन को ध्यान में रखते हुए पिछले साल वन क्लास वन टीवी चैनल के लिए 93.2 हजार करोड़ रुपए जारी किए थे, जिसे सन 2022-23 में बढ़कर 1.04 लाख करोड़ रूपये कर दिया गया है.
‘वन क्लास वन टीवी चैनल’ की विशेषताएं (‘One Class One TV Channel’ Features)
- पहले इसके अंतर्गत सिर्फ 12 ही चैनल थे जिनकी संख्या अब बढ़ा दी गई है। अब इसके अंतर्गत 200 चैनल हो चुके हैं।
- वन क्लास वन टीवी चैनल कक्षा 1 से लेकर के कक्षा 12 तक के विद्यार्थियों के लिए है।
- इसके साथ ही गवर्नमेंट ने गणित और साइंस के सब्जेक्ट के लिए 750 वर्चुअल लैब और 75 स्किलिंग ई-लैब को भी बनाया है, जिससे विद्यार्थियों के हुनर में बढ़ोतरी हो सके।
- इसके अलावा आपको यह भी बता दें कि गवर्नमेंट लगातार ई लर्निंग सामग्रियों को डिवेलप करने का काम कर रही है, जिसके लिए वह स्कूल में पढ़ाने वाले टीचरों की सहायता ले रही है।
- इसके जरिए विद्यार्थी घर बैठे ही ऑनलाइन स्मार्टफोन के जरिए पढ़ाई कर सकेंगे, जिससे बच्चों को कोरोनावायरस का खतरा होने की संभावना काफी कम हो जाएगी।
‘वन क्लास वन टीवी चैनल’ के फायदे (‘One Class One TV Channel’ Benefit)
शिक्षा के डिजिटलीकरण पर जोर
कोरोनावायरस के कारण बच्चों की पढ़ाई का जो नुकसान हो रहा है वह नुकसान वन क्लास वन टीवी चैनल के कारण अब नहीं होगा। वह घर बैठे ही ऑनलाइन डिजिटल पढ़ाई कर सकेंगे और अपने साल को बर्बाद होने से बचा सकेंगे।
बच्चों की प्रतिभा में वृद्धि
इस वन क्लास वन टीवी चैनल प्रोग्राम के जरिए विद्यार्थियों में छुपी प्रतिभा यानि कि उनके हुनर में भी बढ़ोतरी होगी.
ई लर्निंग को बढ़ावा
वन प्लस वन टीवी चैनल कार्यक्रम के अंतर्गत सिर्फ 12 टीवी चैनल ही थे परंतु गवर्नमेंट ने अब इनकी संख्या 200 कर दी है, जो कि क्षेत्रीय भाषाओं में भी उपलब्ध है। इसलिए कक्षा 1 से लेकर के कक्षा बारहवीं तक के विद्यार्थी ऑनलाइन घर बैठे ई लर्निंग के जरिए अपनी पढ़ाई जारी रख सकेंगे। और इससे ई-लर्निंग को भी बढ़ावा मिलेगा.
डिजिटल यूनिवर्सिटी की स्थापना
डिजिटल यूनिवर्सिटी को इस उद्देश्य के साथ चालू किया जाएगा कि विद्यार्थियों को घर बैठे ही एजुकेशन की सर्विस प्राप्त हो सके। इसके अंतर्गत उन्हे हाई क्वालिटी की एजुकेशन घर बैठे ही मिल सकेगी। बता दे डिजिटल यूनिवर्सिटी हब-स्पोक मॉडल के नेटवर्क के तहत तैयार होगी, जिसमें लेटेस्ट आईसीटी एक्सपर्ट और पब्लिक इंस्टिट्यूट हब-स्पोक के माध्यम के तौर पर सपोर्ट करेंगे।
सरकारी स्कूल एवं ग्रामीण क्षेत्र के बच्चों को फायदा
कोरोना जैसी महामारी अभी खत्म होती नहीं दिखाई दे रही है। इसके कारण कई समस्याएं लोगों को भोगनी पड़ रही है, साथ ही बच्चों की एजुकेशन का भी नुकसान हो रहा है। कोरोना के कारण स्कूल को भी बंद करके रखा गया है, जिसके कारण बच्चों की पढ़ाई पर गहरा प्रभाव पड़ रहा है। इसे रोकने के लिए और बच्चों की पढ़ाई जारी रहे, इसके लिए गवर्नमेंट ने साल 2022 के बजट में डिजिटल एजुकेशन पर काफी जोर दिया है। इससे ऑप्शनल चैनल ई लर्निंग के द्वारा ग्रामीण और ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले गरीब लोगों तक एजुकेशन पहुंचेगी।
‘वन क्लास वन टीवी चैनल’ के सामने चुनौतियां (‘One Class One TV Channel’ Challenges)
सामाजिक-आर्थिक असमानता
जो परिवार आर्थिक रूप से सक्षम है, वह अपने बच्चों को पढ़ने के लिए जरूरी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस खरीद सकते है, परंतु जिन लोगों की इनकम कम है, वह जरूरी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस पढ़ाई करने के लिए नहीं खरीद सकते। इसलिए ई लर्निंग का फायदा वह लोग अधिक उठा पाएंगे, जो आर्थिक रूप से सक्षम है।
इंटरनेट पहुंच में ग्रामीण-शहरी असमानता
इंडिया में शहरी और ग्रामीण इलाके में इंटरनेट इस्तेमाल करने वाले लोगों की संख्या में अभी भी काफी ऊंच-नीच है। एक आंकड़े के अनुसार शहरी इलाकों में सिर्फ 42% लोग ही इंटरनेट का इस्तेमाल करते हैं, वहीं ग्रामीण इलाकों में यह आंकड़ा 15 पर्सेंट के आसपास की है।
व्यावहारिक शिक्षा की कमी
कुछ सब्जेक्ट ऐसे हैं जिसमें प्रैक्टिकल करने की आवश्यकता होती है। जैसे कि फैशन डिजाइनिंग, सिलाई, ट्रेवल इत्यादि। इन सभी को सीखने के लिए ई लर्निंग ज्यादा इफेक्टिव नहीं मानी जाती है।
स्कूली शिक्षा के मूल्यों का ह्रास
इसमें विद्यार्थियों को डिसिप्लिन, भाईचारा जैसे प्राथमिक मूल्यों की एजुकेशन प्राप्त नहीं हो पाती है।
निष्कर्ष (Conclusion)
अतः वन क्लास वन टीवी चैनल एक ऐसा प्लेटफॉर्म हैं जोकि गरीब परिवार के बच्चों की मदद कर रहा है. ऐसे में अब उन बच्चों के सपने अब साकार हो सकेंगे, जोकि आर्थिक तंगी के कारण पूरे नहीं हो पा रहे थे.
FAQ
Ans: दीक्षा एप्लीकेशन
Ans: इंटरनेट से या फिर गूगल प्ले स्टोर से
Ans: भारत के विद्यार्थी
Ans: कक्षा 1 से लेकर के कक्षा 12वीं तक की कक्षाओं के लिए इसे लॉन्च किया गया है।
Ans: इंडियन सेंट्रल गवर्नमेंट
Ans: 200
Ans: 12
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