पैराडाइज पेपर्स क्या है व इसमे किन भारतियों के नाम शामिल | What is Paradise Papers and Indians named in release in hindi
पैराडाइज पेपर्स में उन फर्म के नामों का खुलासा है जो अमीर लोगों को टैक्स चोरी करने में मदद करती हैं. ये फर्म फर्जी कंपनी खुलकर अमीर लोगों के कालेधन को टैक्स हैवन देशों में भेजने का काम करती हैं. पैराडाइज पेपर्स से जुड़े 1 करोड़ 34 लाख डॉक्युमेंट्स में 180 देशों के नागरिकों के नाम हैं. जिन्होंने अपने देश में टैक्स ना देने से बचने के लिए ऑफशोर कंपनी खोली हैं. इस लीक में 19 फर्म्स की जानकारी है, जो कालेधन को दुनियाभर में इनवेस्ट करने का काम करते हैं. अभी तक सामने आए दस्तावेजों में ज्यादातर बरमूडा की लॉ फर्म एप्पलबाय के हैं.
कैसे हुआ खुलासा ( How to Reveal)
जर्मनी में प्रकाशित होने वाले Süddeutsche Zeitung अखबार के जरिए पैराडाइज पेपर्स का खुलासा हुआ है. Süddeutsche Zeitung अखबार के हाथ 19 टैक्स हैवन देशों में कराई गई कॉरपोर्ट रजिस्ट्रेशन से जुड़े डॉक्युमेंट्स हाथ लगे. जिसके बाद Süddeutsche Zeitung ने इन दस्तावेजों को International Consortium of Investigative Journalists ( ICIJ) के साथ साझा किया, ICIJ से जुड़े दुनियाभर के लगभग 96 मीडिया ऑर्गनाइजेशंस ने इन दस्तावेजों की पड़ताल की थी. वहीं ICIJ के सभी सदस्य में से एक, इंडियन एक्सप्रेस ने इन दस्तावेजों में भारत से जुड़े लोगों के बारे में जानकारी निकाली थी.
किन कंपनी के नाम आए सामने (Name of the Company)
इन दस्तावेजों में एप्पलबाय और सिंगापुर के एशिया सिटी ट्रस्ट कंपनी से जुड़ी हुई जानकारी मिली हैं. ये दोनों कंपनियां अमीरों को टैक्स चोरी करने में उनकी मदद करती हैं. एप्पलबाय जो कि ऑफशोर लॉ फर्म है, इससे कई भारतीय लोगों के नाम जुड़े हुए हैं. एप्पलबाय की मदद से कई भारतीयों ने अपना कालाधन टैक्स हैवन देशों में भेज रखा है.
क्या कार्य हैं एप्पलबाय का (How to work Appleby )
एप्पलबाय ऑफशोर कंपनी खोलने के काम के अलावा दूसरे देशों में बैंक अकाउंट खुलवाने, round tripping of funds और शेयरों को ट्रांसफर करने का कार्य भी करती है. एप्पलबाय के पूरी दुनिया में कुल 10 ऑफिस हैं. जिसके जारिये ये दुनिया के कई देशों में अपनी सर्विस देती है.
क्या होता है ऑफशोर कंपनी (Meaning Offshore Company)-
ऑफशोर कंपनी उन कंपनियों को कहा जाता है, जो टैक्स से बचने के लिए खोली जाती है. इन कंपनियों को टैक्स हैवन देशों में खोलकर कालेधन को सफेद किया जाता है. टैक्स हैवन देशों में कंपनी रजिस्टर्ड करवाने से इनकम और कॉर्पोरेट टैक्स से बचा जा सकता है.
किन-किन भारतीयों का नाम आया सामने (List of Indian people named in the Paradise Papers Leak in hindi)
पैराडाइज पेपर में भारत के 714 लोगों के नामों का बहुत बड़ा और हैरत अंगेज खुलासा हुआ है. नीचे दिए गए लोगों के नाम इन दस्तावेजों से सामने आया है.
1 | भारत सरकार में विमानन राज्य मंत्री जयंत सिन्हा |
2 | राज्यसभा के पूर्व सदस्य विजय माल्या |
3 | बीजेपी के राज्यसभा सांसद आरके सिन्हा |
4 | पूर्व कॉर्पोरेट मामलों के मंत्री सचिन पायलट |
5 | राज्य सभा सांसद रविंद्र किशोर सिन्हा |
6 | अभिनेता अमिताभ बच्चन, जिनका नाम बरमूडा स्थित डिजिटल मीडिया कंपनी में एक शेयरधारक के रूप में आया है. |
7 | अभिनेता संजय दत्त की पत्नी मान्यता दत्त (दिलनशीं, पुराना नाम ) है. |
इन कंपनियों के नाम भी हैं शामिल (List of Indian Company named in the Paradise Papers Leak)
इस बड़े पैराडाइज पेपर्स के खुलासे में कुछ भारतीय कंपनियों के नाम भी सामने आये है, जो इसमें शामिल है. वे नाम कुछ इस प्रकार है:
अपोलो टायर्स, एस्सेल ग्रुप, एमजीएफ, जीएमआर ग्रुप, हैवेल्स, हिंदुजा ग्रुप, हिरनंदानी ग्रुप, जिंदल स्टील, सन ग्रुप, वीडियोकॉन, डी एस कंस्ट्रक्शन, एमार.
वहीं विदेशों की जानी-मानी हस्तियों के नाम जो सामने आए हैं वो इस प्रकार हैं-
1 | रानी एलिजाबेथ, |
2 | अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की कैबिनेट के मंत्री |
3 | लाइबेरिया के राष्ट्रपति एलेन जॉनसन सरलीफ |
4 | नाइजीरियाई सीनेट के अध्यक्ष बुकोला सरकी |
5 | तुर्की के प्रधानमंत्री के बेटे |
6 | रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के दामाद |
7 | पाकिस्तान के पूर्व प्रधान मंत्री शौकत अजीज |
कौन से देश हैं टैक्स हैवन देश (Name of Tax Haven Countries)
अगर टैक्स हैवन देशों की बात की जाए तो, स्विटजरलैंड, मॉरीशस, पनामा, बरमूडा, ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड्स, आइलैंड हॉन्गकॉन्ग जैसे देश टैक्स हैवन की श्रेणी में आते हैं.
क्या होते हैं टैक्स हैवन देश (Meaning of Tax Haven Country)
अक्सर लोग टैक्स देने से बचने के लिए कई विकल्प चुनते हैं और इन्हीं विकल्पों में से एक विकल्प ‘टैक्स हैवन’ देश होते हैं. टैक्स हैवन उन देशों को कहा जाता है जहां पर इनकम पर ना के बराबर या फिर कोई टैक्स नहीं लिया जाता है. ऐसे में लोग अपने देश में टैक्स देने से बचने के लिए इन देशों में अपनी कंपनी खोल लेते हैं.
टैक्स हैवन देश के फायदे (Benefits of Tax Haven Country)
टैक्स हैवन देशों का सबसे बड़ा फायदा ये होता है कि इन देशों में पैसा रखने से सभी तरह के टैक्स से आप अपना पैसा बचा सकें. देश में टैक्स ना चुकाना पड़े इसलिए अमीर लोग अपने पैसों को टैक्स हैवन देशों में रखना पसंद करते हैं. वहीं पैराडाइज पेपर में भारत के 19 वें नंबर पर होने से ये बात तो साफ हो गई है कि भारत के कई लोगों ने टैक्स हैवन देशों में अपना काला धन छुपाकर रखा हुआ है.
इससे पहले हुए थे पनामा पेपर लीक
पैराडाइज पेपर से पहले भी टैक्सचोरी से जुड़े कई अहम खुलासे सामने आए थे. पनामा पेपर इन्हीं खुलासों में से एक है, जो कि साल 2016 में हुआ था. इस खुलासे में दुनिया के बड़े बड़े लोगों के फर्ज़ी कंपनी बनाकर पैसा उसमें इनवेस्ट करने की बात सामने आई थी. इसी साल पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ का नाम इन पेपर में आने के चलते उन्हें प्रधानमंत्री से हटा दिया गया था. इन दस्तावेजों में 500 भारतीयों के नाम भी शामिल थे. जिसमे अभिनेता अमिताभ बच्चन और उनकी बहु और बॉलीवुडअभिनेत्री ऐश्वर्या राय का नाम भी शामिल था. वहीं पनामा पेपर से पहले स्वीज लीक्स और ऑफशोर लीक्स के जरिए भी टैक्सचोरी करनेवाले लोगों के बारे में जानकारी मिली थी. 2013 में ऑफशोर लीक्स के दस्तावेजों में 130,000 ऑफशोर अकांउट के बारे में जानकारी मिली थी. 100 से ज्यादा पत्रकारों ने इस लीक्स की पड़ताल की थी.
वहीं स्विस बैंक लीक्स का खुलासा ICIJ ने 2015 में किया था. ICIJ ने अपनी वेबसाइट पर स्विटजरलैंड में खोले बैंक अकांउट से जुड़े दस्तावेजों को साझा किए था. जांचकर्ताओं का कहना था कि 180.6 अरब यूरो एचएसबीसी खातों के माध्यम से 100,000 से अधिक क्लाइंट और 20,000
ऑफशोर कंपनियों द्वारा पारित किए गए थे. इस लीक को स्विस बैंक की सबसे बड़ी लीक माना जाता है.
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