क्रिमिनल लॉ क्या है, अमेंडमेंट एक्ट, बिल 2023, रिफार्म (Criminal Law amendment bill 2023 in Hindi) (Bill Passed, Amendment Act 2013, Crime, Reform)
पिछले कई दिनों से देश की संसद में काफी ज्यादा उथल-पुथल चल रही थी, जिसकी प्रमुख वजह थी सरकार के द्वारा क्रिमिनल लॉ में बदलाव से संबंधित नए प्रस्ताव को संसद में पास करना, जिसका विरोध कांग्रेस के अलावा कई विपक्षी पार्टी के नेता कर रहे थे। कई बार विरोध की वजह से संसद की कार्य प्रणाली में भी रुकावट आई थी। हालांकि अब आखिरकार संसद में क्रिमिनल लॉ पास हो गया है। ऐसे में चलिए जानते हैं कि आखिर नया क्रिमिनल लॉ क्या है और क्रिमिनल लॉ में कौन से बदलाव हुए हैं।
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क्रिमिनल लॉ क्या है
हिंदी में क्रिमिनल लॉ को अपराधिक कानून कहा जाता है, जोकि भारत का एक ऐसा कानून होता है जो क्राइम और उसके दंड से संबंधित होता है। क्रिमिनल लॉ ऐसे क्राइम से रिलेटेड होता है जो समाज और देश के खिलाफ होते हैं। क्रिमिनल लॉ में ऐसे काम होते हैं जो किसी व्यक्ति की हेल्थ या प्रॉपर्टी को हानि में डालते हैं। हाल ही में सरकार ने क्रिमिनल लॉ में महत्वपूर्ण बदलाव किए हुए हैं। यह बदलाव कई साल बाद सरकार के द्वारा किए गए हैं।
क्रिमिनल लॉ में नया अपडेट
लंबी चर्चा के बाद आखिरकार लोकसभा में अंग्रेजों के 150 साल पुराने कानून में बदलाव से संबंधित तीन नए क्रिमिनल लॉ वाले बिल साल 2023 में 20 दिसंबर को पास हो चुके हैं। इस दौरान जो चर्चा हुई, उसमें भारत के बड़े नेता अमित शाह के द्वारा जो बदलाव क्रिमिनल लॉ में किए गए हैं, इसकी जानकारी दी गई। अमित शाह के द्वारा बताया गया कि, अब देश में मोब लिंचिंग की घटना में आरोप सिद्ध होने पर फांसी का प्रावधान होगा। वही ऐसे लोग जो देश के खिलाफ काम करेंगे, उन पर देशद्रोह का मुकदमा चलेगा और अगर उन पर आरोप सिद्ध हो जाते हैं तो कठोर से कठोर कार्रवाई ऐसे लोगों के खिलाफ की जाएगी।
राजद्रोह की जगह शामिल हुआ देशद्रोह
पहले देश के खिलाफ काम करने वाले लोगों पर राजद्रोह का मुकदमा दर्ज किया जाता था, परंतु अब क्रिमिनल लॉ में बदलाव होने की वजह से देश के खिलाफ काम करने वाले लोगों पर राजद्रोह की जगह पर देशद्रोह का मुकदमा दर्ज किया जाएगा और जो भी व्यक्ति गिरफ्तार किए जाएंगे उनके बारे में हर पुलिस स्टेशन में जानकारी दर्ज की जाएगी और एक पुलिस अधिकारी को इसी काम के लिए रखा जाएगा, ताकि वह ऐसे लोगों के रिकॉर्ड को बनाए रखें। अमित शाह ने इस बात को भी साफ किया कि, सरकार की आलोचना करने के लिए व्यक्ति अभी भी स्वतंत्र है, परंतु सरकार की आलोचना करने की आड़ में अगर कोई देश के खिलाफ बोलेगा तो ऐसी घटनाओं को बिल्कुल भी नहीं सहा जाएगा और कठोर से कठोर कार्रवाई नए क्रिमिनल कानून के तहत की जाएगी।
क्रिमिनल लॉ में शामिल नए कानून
लोकसभा में भारतीय न्याय संहिता विधेयक 2023 और भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता विधेयक 2023 तथा भारतीय साक्ष्य विधेयक 2023 पास हो चुके हैं। सर्वप्रथम बार मानसून सत्र के दौरान इन्हें संसद में प्रस्तुत करने का काम सरकार के द्वारा किया गया था। वहीं संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान अमित शाह के द्वारा विधेयकों का संशोधित वर्जन प्रस्तुत किया गया था। अमित शाह के द्वारा इस बात की भी जानकारी दी गई है कि, प्रस्तावित कानून भारत की पुलिस की जिम्मेदारी को स्ट्रांग करने के लिए एक सिस्टम लेकर के आएगी।
अब तक किसी कानून में आतंकवाद की व्याख्या नहीं थी
लोकसभा में बोलते हुए आगे अमित शाह के द्वारा कहा गया कि, देश में टेक्नोलॉजी के बढ़ते हुए इस्तेमाल की वजह से अब देश की कानून व्यवस्था भी आधुनिक होती जा रही है। उन्होंने कहा कि, मोब लिंचिंग एक बहुत ही खराब क्राइम है। इसलिए हमने इस नए प्रावधान में मोब लिंचिंग के आरोप में आरोपी बनाए गए अपराधी पर आरोप सिद्ध हो जाने पर उसे फांसी देने का प्रावधान रखा हुआ है। आगे उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधा और कहा कि कांग्रेस ने कई सालों तक देश पर शासन किया है। आखिर उन्होंने मोब लिंचिंग के खिलाफ मजबूत कानून क्यों नहीं बनाया। कांग्रेस ने सिर्फ हमें गाली देने के लिए ही मोब लिंचिंग शब्द का इस्तेमाल किया परंतु जब वह सत्ता में थे तब उन्होंने इस पर कानून बनाने के बारे में जरा भी विचार नहीं किया।अभी तक किसी भी प्रकार के कानून में आतंकवाद की कोई भी व्याख्या नहीं की गई थी।
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FAQ
Ans : 20 दिसंबर 2023
Ans : भारतीय संसद
Ans : भाजपा
Ans : आपराधिक कानून उन कानूनों के समूह को संदर्भित करता है जो आपराधिक कृत्यों पर लागू होते हैं.
Ans : क्रिमिनल लॉयर यानि आपराधिक वकील वह वकील होता है जो आपराधिक मामलों में शामिल व्यक्तियों या संगठनों का बचाव करता है या उन पर मुकदमा चलाता है.
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