सुशासन दिवस क्या है? गुड गवर्नेंस डे 2024 का महत्व निबंध (Good Governance Day Date, Meaning, significance, theme essay in hindi)
देश में महत्वपूर्ण दिवसों की सूची में एक महत्वपूर्ण दिन 25 दिसंबर का होता है, जिसे सुशासन दिवस कहा जाता है. यह दिन हमारे भूतपूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल जी के जन्मदिवस के दिन ही आता है, असल में इस दिन को मनाने का मुख्य उद्देश्य इनकी जन्म तारीख को एक खास पहचान देकर इन्हे सम्मानित करना भी है. साल 2014 में सरकारी कार्यालयों में लोगों को अपने कार्यो के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से इस दिन की स्थापना की गई. और इस दिन के इस सिद्धांत को ध्यान में रखने के लिए यह दिन सरकारी दफ्तरों के लिए अवकाश ना होते हुये एक कार्यकारी दिवस होता है.
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सुशासन क्या है (Good Governance Meaning)
सुशासन का अर्थ हैं एक ऐसा शासन जिसमे देश के लोग प्रसन्न हो, उनका विकास हो, देश के हर फैसले में उनकी हामी शामिल हो ऐसे शासन को ही सुशासन कहा जा सकता हैं जिसकी कल्पना भी आज का व्यक्ति नहीं कर सकता. ऐसे शासन राम राज्य में हुआ करते थे. जब कोई नेता स्वहित छोड़ जनता के हित में कार्य करता हैं वही सुशासन हो सकता हैं लेकिन आज का नेता सबसे पहले स्वहित, फिर अपनों का हित, फिर आस पडौस का हित और फिर कहीं गुंजाईश हो तो जनता का हित देखता हैं.
सुशासन के प्रमुख अंग इस तरह हैं :
विधि (rule of law) :
भारतीय संविधान अनुच्छेद 14 के मुताबिक विधि शासन के तहत यह स्पष्ट किया गया हैं कि देश के सभी नागरिको के लिए समान नियम बनाये गये हैं जो कि देश में रहने वाले एवम देश के बाहर से आने वाले लोगों पर समान रूप से लागु किये जायेंगे.किसी जाति,धर्म विशेष के लिए इन्हें ना तोड़ा जा सकता हैं और नाही बदला जा सकता हैं.
समानता एवं समावेशन (equity and inclusiveness)
सभी जाति एवम धर्म के लोगो के पास समान अधिकार हैं जिसके तहत वो स्वतंत्रता से अपना जीवन व्यापन कर सकते हैं. उन्हें अपना मत रखने, अपनी बात कहने का पूरा अधिकार हैं भले ही वो किसी भी धर्म एवं जाति के हों.
भागीदारी (participation)
हर मनुष्य को देश के अहम् मुद्दों पर बोलने का हक़ हैं. सभी जगह बिना किसी बंधन के वो अपनी भागीदारी दे सकता हैं. किसी भी जाति,धर्म के लोगो को देश के हर कार्य में अपने भगीदारी देने का हक़ हैं एवम उनका कर्तव्य भी.
अनुक्रियता (responsiveness)
देश के नागरिको को देश हित एवम शांति के लिए कुछ नियमो का पालन करना अनिवार्य हैं.इसे वो अपने अधिकारों के हनन के रूप में नहीं देख सकता क्यूंकि एक बड़े समाज को विभिन्नता के साथ एक ही जगह पर शांति से रहने के लिए कुछ बातों के लिए उत्तरदायी होना जरुरी हैं जिसके लिए उन्हें नियमो का पालन करना जरुरी हैं.
बहुमत (consensus oriented)
किसी व्यक्ति विशेष के आधीन नहीं हैं. बहुमत ही सर्वश्रेष्ठ हैं. इसका उल्लंघन कोई नहीं कर सकता. सरकार सदैव बहुमत के हिसाब से ही अपना निर्णय ले सकती हैं.
प्रभावशीलता दक्षता (effectiveness and efficiency)
सुशासन के तहत शासन में कुछ भी करने की काबिलियत होना जरुरी हैं और जनता उन पर भरोसा करें उनमे यह गुण होना जरुरी हैं. यह एक ऐसा गुण हैं जिसका ख्याल नागरिक को वोट देते वक्त करना चाहिए. उसे आंकलन करना चाहिए कि उम्मीद्वार में से कौन ऐसा हैं जिसमे प्रभावशीलता दक्षता का गुण मौजूद हैं. यही गुण ही किसी शासक को हर परिस्थिती में लड़ने की हिम्मत देता हैं.
पारदर्शिता (transparency)
यह एक अहम् बिंदु हैं. प्रजातंत्र में शासन और जनता के मध्य पारदर्शिता सबसे जरुरी हैं यह जनता का हक और सरकार का कर्तव्य हैं. न्याय, नियम सरकारी कार्य किसी मे भी पारदर्शिता का होना जरुरी हैं.
उत्तरदायित्व (accountability):
यह एक ऐसा बिंदु हैं जिसका पालन सरकार के साथ- साथ जनता को करना भी अनिवार्य हैं. किसी भी शासन प्रणाली को संचालित करने के लिए उत्तरदायित्व निभाना जरुरी हैं.
उपरोक्त दिए सभी पॉइंट आज के समय के अनुसार सुशासन की वास्तविक परिभाषा हैं. जहाँ भी इन सभी बिन्दुओं के आधार पर शासन होता हैं उसे सुशासन कहा जाता हैं.
सुशासन दिवस इतिहास (History of Governance Day)
साल 2014 में 23 दिसंबर के दिन हमारे भूतपूर्व पीएम अटल जी और स्वर्गीय मदन मोहन मालवीय जी को भारत रत्न से सम्मानित करने का फैसला लिया गया. इस वर्ष इस घोषणा के बाद ही देश में मौजूद सरकार ने भूतपूर्व प्रधानमंत्री अटल जी के जन्म दिवस को सुशासन दिवस के रूप में घोषित किया, और सुशासन दिवस की घोषणा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने 25 नवंबर 2014 को वाराणसी से की. परंतु विपक्षी दल ने इसका बहुत विरोध किया, उनका कहना था कि 25 दिसंबर जो कि छुट्टी का दिन होता है, उस दिन सरकारी कार्यालयों में काम चालू रखना गलत है.
सुशासन दिवस उद्देश्य (Objective of Good Governance Day)
किसी भी चीज को किए जाने का अपना एक उद्देश्य होता है, उसी प्रकार इस दिन को मनाए जाने के भी कुछ उद्देश्य है, जो इस प्रकार है –
- देश में मौजूद प्रशासन की पारदर्शिता और उत्तरदायित्व के लिए सरकार को प्रतिबध्द करना और लोगों को इसका ज्ञान प्रदान करना.
- सुशासन दिवस मनाए जाने का एक उद्देश्य लोगों का अच्छा करना और उनकी दशा में सुधार करना भी है.
- यह दिन सरकार के कार्यों का एक मानक तय करने लिए और देशवासियों के लिए एक उच्च प्रभावी और उत्तरदायी शासन प्रदान करने के लिए मनाया जाता है.
- इसका एक अन्य उद्देश्य देश में अच्छा और प्रभावी शासन लाने के लिए अच्छे और प्रभावी नियमों को लागू करना भी है. ताकि सुशासन के जरिये लोगों की और देश की प्रगति हो सकें.
- इसका उद्देश्य लोगों को प्रशासन के समीप लाना भी है, ताकि वे सुशासन की प्रक्रिया में भाग लेकर अपना योगदान दे सके.
सुशासन दिवस 2024 में कब है (Good Governance day 2024 Date)
साल 2024 में भी पूरे देश में 25 दिसंबर को यह खास दिवस मनाया जाएगा. बीते हुये सालों के समान इस साल भी इस दिन सरकारी कार्यालयों में कार्य जारी रहेगा, परंतु इस साल इस दिन आयोजित होने वाले विशेष कार्यक्रमों की जानकारी अब तक उपलब्ध नहीं हो पाई है.
सुशासन दिवस कैसे मनाया जाता है (How to Celebrate)
सुशासन दिवस को बहुत से लोगों के साथ मिलकर मनाया जाता है, ताकि वे विभिन्न सुविधायें और सेवाए लेकर खुश हो सके. भारत में अब भी कई सुविधाएं और सेवाए ऐसी मौजूद है जिनके बारे में लोगों को संपूर्ण ज्ञान नहीं है. जिसके कारण उन्हे अपनी लक्ष्य प्राप्ति में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है. इस दिन विभिन्न आयोजनों के माध्यम से यह जानकारी जनता को दी जाती है.
इस दिन स्कूल, कॉलेज के विद्यार्थियों के लिए विभिन्न प्रतिस्पर्धाएं जैसे ग्रुप डिस्कशन, निबंध लेखन, चित्रकला और विभिन्न खेल आदि आयोजित की जाती है. विद्यार्थियों की सुविधा के लिए यह प्रतियोगिता ऑनलाइन भी आयोजित की जाती है. और इन प्रतियोगिताओं के ऑनलाइन आयोजन के कारण इस दिन स्कूलों का खुला होना जरूरी नहीं होता. और इन प्रतियोगिता में भाग लेना पूर्ण रूप से विद्यार्थियों की इच्छा पर निर्भर करता है, उन पर इसके लिए किसी किस्म का दबाव नहीं रहता.
सुशासन दिवस का महत्व (Importance Of Good Governance Day) –
इस दिन को मनाए जाने के महत्व निम्न है –
- सुशासन दिवस देश में शांति और अनुशासन बनाए रखने के लिए बहुत सारें लोगों के साथ मिलकर मनाया जाता है. इसके द्वारा बहुत सारे लोगों को सुविधा तो मिलेगी ही साथ ही यह देश की प्रगति में भी सहायक होगा.
- देश में ऐसे कई लोग मौजूद है जो अन्य लोगों की सहायता करना चाहते है, जो हर परिस्थिति का सामना करने के लिए समर्थ है, इस दिन को मनाने का उद्देश्य ऐसे लोगों को संगठित कर असमर्थ लोगों के साथ संबंध स्थापित करवाना भी है.
- जीवन में हर परिस्थिति का सामना करने के लिए एक बेहतर व्यक्तित्व का निर्माण करना है. साथ ही यह किसी व्यक्ति के व्यवहार की परख करने के लिए और हर परिस्थिति से निपटने के लिए भी आवश्यक है.
- सुशासन दिवस के महत्व को पूरा करने के लिए कई नीतियां बनाई गयी है, लोगों को इसमें भाग लेने के लिए जागरूक करना बहुत ही आवश्यक है.
- सुशासन दिवस के द्वारा हर व्यक्ति के मन में हर कमजोर व्यक्ति के लिए जो अपने अधिकार और तरक्की के अवसर प्राप्त करने में असमर्थ है, के लिए बेहतर दृष्टिकोण उत्पन्न करने का प्रयास किया जाता है.
इस तरह से कहा जा सकता है हर व्यक्ति को उन्नति के लिए समान अवसर प्रदान करना, शक्ति का समान विभाजन और सबको समान अधिकार ही सुशासन है. इसके अलावा शक्तिशाली और शक्तिहीन का पारस्परिक सहयोग भी एक तरह का सुशासन है.
सुशासन दिवस पर आधारित कोट्स (Quotes on Good Governance Day) –
- भ्रष्टाचार से लड़ना सुशासन नहीं है. यह एक तरह की आत्म-रक्षा है. यह देश प्रेम है.
- निर्णय लेने में लगा समय ही सुशासन का सार है.
- लोकतंत्र, सुशासन और आधुनिकता को किसी देश के बाहर से नहीं लिया जा सकता.
- क्षेत्रीय विनिमय विकास और विस्तार का स्त्रोत है जो सुशासन के लिए भी आवश्यक है.
- लिंग समानता अपने आप में एक लक्ष्य से अधिक है. गरीबी को नियंत्रित करने, निरंतर विकास को बढ़ावा देने के लिए और सुशासन को बनाए रखने के लिए यह पहली शर्त है.
सुशासन दिवस अपने आप में एक बहुत बड़ा दिन है. वास्तव में इस दिन का उद्देश्य प्रशासन को अपने कार्य के लिए प्रतिबध्द करके, विकास की ओर अग्रसर होना है. उम्मीद करते है कि यह सुशासन दिवस हमारे देश व देशवासियों के लिए सार्थक सिध्द हो.
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FAQ
Ans : पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी जी के जन्म दिवस पर
Ans : पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी जी को याद करने के लिए
Ans : 25 दिसंबर
Ans : इसकी जानकारी ऊपर दी हुई है.
Ans : सन 2014 में
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