हिंदी दिवस महत्व, निबंध, कविता, भाषण, स्लोगन, कहानी, कब है, क्यों मनाते हैं (Hindi Diwas Nibandh (Essay) in Hindi) (Poem, Speech, Slogan, Kavita, Quotes, Date, Poster, World Hindi Day)
हिंदी दिवस कब मनाया जाता है: हिंदी, भारत देश की मातृभाषा. गर्व से स्वीकारते हैं कि हम हिंदी भाषी हैं. अनेकता में एकता का स्वर हिंदी के माध्यम से गूंजता हैं. जीवन में भाषा का सबसे अधिक महत्व होता हैं. एक भाषा ही हममे तहज़ीब का विकास करती हैं. इसी कारण सभी देशो की अपनी एक मूल भाषा होती है, जिसका सम्मान करना देशवासियों का कर्तव्य हैं. माना कि भाषा भावनाओं को व्यक्त करने का एक साधन मात्र हैं लेकिन इस साधन में वो बल हैं जो दुनियाँ को बदल सकता हैं. विभिन्नताओं के बीच एक भाषा ही है, जो एकता का आधार बनती हैं और हम सभी को इस एकता के साधन का सम्मान करना चाहिये. हिंदी हमारी मातृभाषा हैं जिसे सम्मान देना हमारा कर्तव्य हैं.
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हिंदी दिवस पर निबंध (Hindi Diwas Essay)
हिंदी दिवस भारत में हिंदी का विकास करने के लिए बहुत बड़े पैमाने पर मनाया जाता है. भारत एक ऐसा देश है, जहाँ पर बहुत अधिक संस्कृतियाँ पायी जाती हैं. इन सांस्कृतिक भिन्नता की वजह से कई तरह की भाषाएँ भी सम्मिलित होती है. चूँकि इतनी भाषाओँ के होने की वजह से यहाँ के औपचारिक कार्यों में यह तय कर पाना कठिन हो जाता है कि किस भाषा में सभी औपचारिक कार्य किये जाएँ. इस वजह से हिंदी को एक मुख्य भाषा के रूप में स्थापित करने की कोशिश की गयी. यहाँ पर हिंदी और हिंदी दिवस से सम्बंधित सभी विशेष बातों का वर्णन किया जा रहा है.
हिंदी दिवस का इतिहास (Hindi Diwas History in Hindi)
नाम | हिंदी दिवस |
कब मनाया जाता है | 14 सितंबर |
कब घोषित हुआ | साल 1950 में |
विश्व हिंदी दिवस | 10 जनवरी |
कब घोषित किया | सन 2006 में |
भारत देश कई विधाओं का मिश्रण हैं. उनमे कई भाषाओँ का समावेश हैं. इन सभी भाषाओँ में हिंदी को देश की मातृभाषा का दर्जा दिया गया था. आज यह दुनिया में सर्वाधिक बोली जाने वाली भाषाओं में से एक हैं. इसे सम्मान देने के लिए प्रति वर्ष 14 सितम्बर को हिंदी दिवस और राष्ट्रीय एकता दिवस मनाया जाता हैं. वास्तव में 14 सितम्बर 1949 के दिन आजादी के बाद हिंदी को देश की मातृभाषा का गौरव प्राप्त हुआ. उसी की याद में 1953 में निर्णय लिया गया, जिसके फलस्वरूप प्रति वर्ष 14 सितम्बर को हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाने लगा.
विश्व हिंदी दिवस कब मनाया जाता है (International Hindi Diwas Date)
14 सितम्बर को स्वदेश में हिंदी दिवस मनाया जाता हैं विश्व स्तर पर भी इस खास दिवस को मनाया जाता हैं. सर्वप्रथम 10 जनवरी 1975 को नागपुर महाराष्ट्र में विश्व हिंदी दिवस मनाया गया था. उसके बाद 2006 में 10 जनवरी को विश्व हिंदी दिवस (International Hindi Diwas) के रूप में मनाये जाने का ऐलान किया गया. खासतौर पर विदेशो में बने भारतीय दूतावास में 10 जनवरी को हिंदी दिवस बड़े शान-ओ-शोकत से मनाया जाता हैं. दुनिया में हिंदी के महत्व (Hindi Ka Mahtva) को समझाने के लिए यह दिन शुरू किया गया था.
हिंदी दिवस 14 सितंबर को क्यों मनाया जाता है
हिंदी दिवस क्यों मनाते हैं (Why Hindi Diwas is Celebrated)
भारत के संविधान में 14 सितम्बर 1949 को हिंदी को देवनागरी लिपि के साथ भारतीय गणतंत्र का औपचारिक माना गया था. 26 जनवरी 1950 के दौरान भारत में संविधान पारित हुआ और हिंदी को औप्चारिक भाषा के रूप में स्थापित किया गया. इस बात का जिक्र भारतीय संविधान के आर्टिकल 343 में किया गया है. आज भी केंद्र सरकार के अधीन हिंदी और इंग्लिश दो ही औप्चारिक भाषाएँ हैं.
हिंदी दिवस मनाये जाने के कारण (Hindi Diwas Celebrate Reason)
हिंदी दिवस मनाना आज के समय में अनिवार्य हो गया है. दरअसल तात्कालिक समय में लोग केवल अंग्रेजी पर ही ध्यान देते हैं. लोगों के बीच केवल उन्हीं लोगों को पढ़ा लिखा माना जाता है जो अंग्रेजी बोल पाते हैं. कई स्थानों पर तो हिंदी बोलने से व्यक्ति के ‘स्टेटस’ पर फ़र्क पड़ने लगता है. इस कारण कई लोग हिंदी पर जरा भी ध्यान नहीं देते. यहाँ पर कुछ विशेष पहलुओं का वर्णन किया जा रहा है, जिसके अंतर्गत यह पता चलता है कि तात्कालिक समय में लोगों को हिंदी के लिए जागरूक करने के लिए हिंदी दिवस मनाना क्यों आवश्यक है.
- किसी भी भाषा के साथ उसकी संस्कृति जुडी हुयी होती है. भारत का सांस्कृतिक इतिहास बहुत गौरवशाली रहा है. जो भी भारतीय इस सांस्कृतिक इतिहास की जानकारियों से अछूता रह जाता है अथवा इसे नहीं अपना पाता, वह पूर्ण रूप से भारतीय नहीं हो सकता है. अतः अपनी संस्कृति को समझने के लिए हिंदी को जानना अतिआवश्यक है.
- देश में सभी लोगों को आज भी अंग्रेजी का ज्ञान पूर्ण रूप से नहीं हो सका है. लोग अक्सर अंग्रेजी बोलते हुए बीच बीच में हिंदी का सहारा लेने लगते हैं. अतः यदि किसी व्यक्ति को हिंदी बेहतर आती तो, तो वह किसी भी स्थान पर प्रतिष्ठित रूप से इसका प्रयोग कर सकता है. इसलिए हिंदी के महत्व को समझना बहुत आवश्यक है.
- हिंदी में कई ऐसी रचनाएं हुईं है, जिसे पढ़ कर और जिस पर अमल करके व्यक्ति का जीवन बदल सकता है. इस तरह की रचानाओं को पढने समझने के लिए हिंदी का सीखना आवश्यक है. हिंदी दिवस के माध्यम से लोगों के बीच इन रचनाओं के प्रति जागरूकता लाने का प्रयत्न किया जाता है.
- हिंदी की सहायता से देश की एकता और अखंडता को कायम रखा जा सकता है. अतः हिंदी दिवस को मनाते हुए देश के लोग एक साथ आगे आ पाते है, और देश में एकता का प्रसार होता है. इसलिए यह बहुत आवश्यक भाषा है.
कैसे मनाते हैं हिंदी दिवस (Hindi Diwas Celebration In India)
आमतौर पर 14 सितम्बर के दिन बच्चों को मातृभाषा का महत्व बताने के लिए स्कूल से प्रोजेक्ट दिए जाते हैं. हिंदी दिवस के उपलक्ष मे प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता हैं, जिसमे वाद विवाद, भाषण, कविता वाचन, निबंध आदि क्षेत्र आते हैं. इसके आलावा राजनीती गलियारों में हिंदी दिवस के लिए छोटे मोटे समारोह का आयोजन किया जाता हैं.
दुःख की बात तो यह हैं कि युवा वर्ग जो अपने जीवन की व्यस्तता में इतना लग्न हैं कि उसे यह दिन याद तक नहीं रहता हैं. वास्तव में हम सभी जानते हैं कि सर्वाधिक बोले जाने वाली इस भाषा को वो सम्मान प्राप्त नहीं हैं जो होना चाहिये हैं और इसका कारण हैं अपनी भाषा को तुच्छ समझना. जब तक हम स्वयं अपने देश की धरोहर हमारी मातृभाषा का सम्मान नहीं करेंगे तब तक हम इसे सम्मान दिला नहीं पायेंगे.
किसी भी तरह की भाषा को सिखना, उसे बोलना अपराध नहीं हैं पर अपनी भाषा के प्रति हिन् भावना रखना देश के प्रति गद्दारी के समान हैं.
हिंदी का महत्व (Hindi Importance)
हिंदी का महत्व हमारे देश में बहुत अधिक है. भारत में हिंदी दरअसल एक तरह से एकता का प्रतीक है. अंग्रेजों से स्वतंत्रता की लड़ाई के समय भी लोगों को एकजुट होने में हिंदी ने अपना बहुत बड़ा योगदान दिया. इस समय पूरे भारत में हिंदी बोली जाती थी. महात्मा गाँधी ने भी हिंदी के प्रसार प्रचार पर जोर देने की बात कही थी. भारत की स्वतंत्रता के बाद इस भाषा के विकास के लिए कई विद्वानों ने कार्य किया.
राष्ट्रीय एकता में हिंदी का महत्व (Rashtriya Ekta Main Hindi Ka Mahtva)
यह पढ़कर अक्सर ही हम जो शहरो अथवा महानगरो में बैठे हैं उन्हें हँसी आती हैं. पढ़े लिखे लोग जो बड़ी-बड़ी कंपनी में जॉब कर रहे हैं उन्हें आज के समय में हिंदी का कोई भविष्य दिखाई नहीं देता. उनका मानना भी सही हैं क्यूंकि वे अपने आस-पास के दायरे में रहकर सोच रहे हैं. उन्हें एक सफल भविष्य जिसमे नौकरी, पैसा एवम एशो आराम हैं. उसके लिए हिंदी का होना जरुरी नहीं लगता. पर वही जब एक क्षितिज पर खड़े होकर एक व्यक्ति देश के भीतर झांकता हैं तो उसे लोगो के मध्य एक बहुत बड़ा मतभेद दिखाई देता हैं.और यह मतभेद इन पढ़े लिखे लोगो को ही अकेला कर रहा हैं क्यूंकि देश में आज भी हिंदी भाषी ज्यादा हैं. माना कि ये हिंदी भाषी तकनिकी ज्ञान से दूर हैं पर आज भी तकनिकी एकता से ज्यादा मानवीय एकता महत्व रखती हैं.मानवीय एकता तब ही आएगी जब सबमे समानता होगी. मतभेद कम होगा.
यह मतभेद भाषा का मतभेद हैं. इंग्लिश आज की जरुरत हैं लेकिन क्या जरुरत के लिए नींव को छोड़ा जा सकता हैं ? अगर Hindi को इस तरह से प्रथक कर दिया जायेगा तो गाँव और शहरों में बढ़ता मतभेद और गहरा हो जायेगा जो कि देश के विकास में एक बड़ी बाधा हैं.
भाषा व्यक्ति को जोड़ती हैं व्यक्ति को जोड़ने से परिवार बनता हैं परिवारो के जुड़ने से समाज बनता हैं समाज से गाँव, गाँव से शहर, शहरों से महा नगर और महा नगरो से देश. इस प्रकार देश के विकास में इस जुड़ाव का मजबूत होना आवश्यक हैं. खासतौर पर यह जुड़ाव भाषा के माध्यम से ही मजबूत हो सकता हैं क्यूंकि देश में सर्वाधिक बोली जाने वाली भाषा हिंदी हैं. जब तक इसका विकास नही होगा तब तक देश के विकास में बाधा पहुँचेगी. इसके लिए एक उदाहरण दे रही हूँ
आज डिजिटलाईजेशन को भारत में जोरो शोरो से लाया जा रहा हैं जिसमे सबसे पहले गाँव को टारगेट किया जा रहा हैं. इन्टरनेट को देश के हर कोने में लाने का काम हो रहा हैं लेकिन यह तब तक संभव नहीं हैं. जब तक यह काम Hindi में ना किया जाये. आप सोचे की हर एक व्यक्ति पहले इंग्लिश पढ़ना, लिखना सीखे फिर आकर इन्टरनेट पर गूगल करे तो इसमें कई सदिया बीत जायेगी. असंभव नहीं हैं पर इसमें बहुत वक्त लगेगा. हर एक छोटी ईकाई को इससे जोड़ने के लिए इसे हिंदी में लाना जरुरी हैं. तब ही पुरे देश को डिजिटलाइजेशन से जोड़ने का सपना सच हो सकेगा.
इसी प्रकार बहुत से कारण हैं जिनके लिए हम सभी को एक भाषा से जुड़ना जरुरी हैं. इन सबसे बढ़कर यह देश की मातृभाषा हैं उसे सम्मान देना और दिलाना हमारा कर्तव्य हैं.
हिंदी दिवस पर भाषण (Hindi Diwas Speech)
हिंदी दिवस के दिन देश के सभी स्कूलों एवं कॉलेज में हिंदी दिवस का आयोजन किया जाता है, और इस योजना में विभिन्न तरह के कार्यक्रम होते हैं. और साथ ही भाषण भी दिए हैं. ये भाषण हिंदी भाषा के महत्व को समझाने के लिए होते हैं. लोगों को ये बताने के लिए हिंदी का हमारे लिए कितना महत्व है.
हिंदी साहित्य सागर (Hindi Sahitya Sagar)
हिंदी एक बहुत ही सरल भाषा है. देवनागरी में लिखी जाने वाली यह भाषा अपने आप में काफ़ी समृद्ध है. इसके विकास के लिए कई कवियों और लेखकों ने अपनी रचानाओं से इसे समृद्ध किया. इन कवियों में मैथिलीशरण गुप्त, रामधारी सिंह दिनकर, सुभद्रा कुमारी चौहान, महादेवी वर्मा, निराला आदि बेहद प्रमुख है. तात्कालिक समय में भी कई कवि इसे अपनी रचनाओं से समृद्ध कर रहे हैं. इसके उपरान्त गद्य साहित्य में भी प्रेमचंद, निर्मल वर्मा, अज्ञेग, जैनेन्द्र जैसे रचनाकारों ने इस भाषा का विकास किया.
हिंदी दिवस स्लोगन सन्देश नारे (Hindi DiWas Slogan, Quotes)
- एकता ही हैं देश का बल, जरुरी हैं हिंदी का संबल
===================================== - हिंदी का विकास, देश का विकास
===================================== - करो हिंदी का मान, तभी बढ़ेगी देश की शान
===================================== - प्रेम का दूजा नाम हैं हिंदी.
===================================== - ना करो हिंदी की चिंदी, हिंदी तो हैं देश की बिंदी
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Hindi Diwas per Kavita Poem (हिंदी दिवस पर कविता)
- हिन्दुस्तानी हैं हम गर्व करो हिंदी पर
सम्मान देना,दिलाना कर्तव्य हैं हम पर
खत्म हुआ विदेशी शासन
अब तोड़ो बेड़ियों को
तह दिल से अपनाओ खुले आसमां को
पर ना छोड़ो धरती के प्यार को
हिंदी हैं मातृतुल्य हमारी
इस पर न्यौछावर करो जिन्दगी सारी
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- सबकी सखी हैं मेरी हिंदी
जैसे माथे पर सजी हैं सुंदर बिंदी
देवनागरी हैं इसकी लिपि
संस्कृत हैं इसकी जननी
हर साहित्य की हैं ये ज्ञाता
सुंदर सरल हैं इसकी भाषा
प्रेम अपनापन सौन्दर्य हैं इसका
दिलाना सम्मान कर्तव्य हैं हम सबका
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हिंदी दिवस शायरी (Hindi Divas Shayari)
- हर कण में हैं हिंदी बसी
मेरी माँ की इसमें बोली बसी
मेरा मान हैं हिंदी
मेरी शान हैं हिंदी
================================ - हिंदी का करे सम्मान
हैं यह प्रेम सौहाद्र का दूजा नाम
हर देश का सम्मान हैं मातृभाषा
गर्व से कहों हैं हमारी हिंदी भाषा
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मातृभाषा देश की धरोहर होती हैं जिस तरह हम तिरंगे को सम्मान देते हैं वैसे ही हमारी भाषा भी सम्मानीय हैं. हम खुद जब तक इस बात को स्वीकार नहीं करेंगे तब तक इसे दुसरो तक पहुँचाना मुश्किल हैं.
हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने अमेरिका में जाकर मातृभाषा में भाषण दिया था. यह हमारे लिए एक गर्व की बात हैं. कई लोग कहते हैं कि उन्हें इंग्लिश नही आती इसलिए उनके पास विकल्प नहीं हैं. शायद सच भी होगा पर अगर आपने वो भाषण देखा हैं. तब श्री मोदी जी के हाव भाव को जरुर देखिएगा आपको एहसास होगा कि इंग्लिश नहीं आती यह प्रश्न का उनके दिलो दिमाग में हो ही नहीं सकता जिस सहजता से बुलंद आवाज के साथ उन्होंने अपनी बात रखी थी उसमे गर्व छिपा था. विदेशी धरती पर अपनी मातृभाषा में पुरे आत्मविश्वास के साथ वही एक मंच की शोभा बढ़ा सकता हैं जो सच्चा देशभक्त हैं.
हिंदी दिवस हिंदी दिवस को महज एक दिन ना समझे राष्ट्रीय एकता एवम देश विकास हम सबकी जरुरत हैं, जिसके लिए सभी को एक साथ आगे बढ़ना जरुरी हैं. और इस दिशा में हिंदी को वास्तविक सम्मान मिले यह अत्यंत आवश्यक हैं.
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FAQ
Ans : 14 सितंबर
Ans : 10 जनवरी
Ans : सन 2006 में
Ans : हिंदी एवं अंग्रेजी
Ans : 26 जनवरी, 1950 को
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