राजीव गाँधी का जीवन परिचय जन्म, मृत्यु ,जन्म स्थान, माता, पिता, पत्नी, बच्चे, पढ़ाई, विवाद, राजनीति, पुरस्कार(Rajiv Gandhi biography in hindi, date of birth, birth place, father, mother, wife, children, cast, religion, education, death,net worth, politics, controversy, awards, career, death, latest news)
राजीव गाँधी भारत के पहले युवा प्रधानमंत्री थे, सिर्फ 40 साल की उम्र में ये प्रधानमंत्री बन गए थे. राजीब गाँधी को इन्दिरा गाँधी की मृत्यु के बाद 1984 में भारी बहुमत से जिताया गया. यह भारत के नोंवे प्रधानमंत्री थे. यह बहुत ही सरल स्वभाव के धेर्यवान व्यक्ति थे. अहम निर्णय सदैव पार्टी के लोगो से परामर्श लेकर ही करते थे. यह बहुत सहनशील युवा के प्रतिबिम्ब थे. यह भारत के लिए एक नवीन अनुभव की छवि रखते थे. इन्होने देश को आधुनिकता की तरफ अग्रसर किया . युवाओ को आगे बढाने के लिए उनके हित में कई निर्णय एवम बदलाव किये . सरलता से राजनीती को चलाने में इनका कोई तोड़ ना था ,मरणोपरांत 1991 में इन्हें “भारत रत्न” से नवाज़ा गया.
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राजीव गाँधी की जीवनी
राजीव गाँधी प्रारंभिक जीवन व परिवार ( Rajiv Gandhi early life and family )–
जीवन परिचय बिंदु | राजीव गाँधी जीवन परिचय |
पूरा नाम (Name) | राजीव गाँधी |
जन्म (Date of Birth) | 20 अगस्त 1944 |
जन्म स्थान (Birth Place) | बॉम्बे, महाराष्ट्र |
माता-पिता(Mother, Father) | इंदिरा गाँधी, फिरोज गाँधी |
भाई(Brother) | संजय गाँधी |
नाना-नानी (Grand Father , Mother) | जवाहरलाल नेहरु, कमला नेहरु |
पत्नी (Wife) | सोनिया गाँधी |
बच्चे (Children) | प्रियंका गाँधी, राहुल गाँधी |
मृत्यु (Death) | 21 मई, 1991 |
राजनैतिक पार्टी (Political Party) | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस |
राजीव का जन्म 20 अगस्त 1944 में मुंबई में हुआ था. राजीव गाँधी इंदिरा गाँधी और फ़िरोज़ गाँधी के पुत्र थे. दोनों में अलगाव होने के बाद इंदिरा गाँधी अपने पिता जवाहरलाल नेहरु के घर रहने लगी. और उन्होंने भी अपने पिता के साथ राजनीती की तरफ रुख कर लिया, राजनीती को उन्होंने नेहरु परिवार के होने के नाते करीब से देखा था.
इनकी प्राथमिक शिक्षा देहरादून के प्रतिष्ठित विद्यालय से हुई ,जहाँ महानायक अमिताभ बच्चन से इनकी मित्रता हुई . आगे की पढाई इन्होने लन्दन के इम्पीरियल कॉलेज से की, इसके बाद इन्हें कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी से इंजीनियरिंग करने का ऑफर आया. 1965 तक वे कैम्ब्रिज में रहे, लेकिन उन्होंने अपनी इंजीनियरिंग की पढाई पूरी नहीं की. 1966 में राजीव भारत आ गए, इस समय उनकी माँ इंदिरा गाँधी देश की प्रधानमंत्री बन गई थी. इसके बाद राजीव ने दिल्ली में जाकर फ्लाइंग क्लब से पायलट की ट्रेनिंग ली, और 1970 में एक पायलट के तौर पर इंडियन एयरलाइन में काम करने लगे. जब वे भारत आये उस समय उनके भाई संजय अपनी माँ के साथ भारत की राजनीती में उतर चुके थे.
कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी में पढने के दौरान राजीव गाँधी की मुलाकात एंटोनिया मैनो से हुई, जिनसे वे प्यार कर बैठे और दोनों ने 1969 में शादी कर ली. विवाह के बाद एंटोनिया मैनो का नाम परिवर्तित कर सोनिया गाँधी हो गया. राजीव गाँधी की दो सन्ताने है राहुल और प्रियंका. इनका पूरा परिवार राजनीती से प्रेरित रहा पर इन्हें राजनीती से लगाव नहीं था .आज भी इनकी पत्नी सोनिया गाँधी काँग्रेस की अध्यक्ष है, एवम बेटा राहुल भी सासंद के रूप में कार्यरत है.
राजीव गाँधी का राजनैतिक सफ़र (Rajiv Gandhi political career) –
कहा जाता है राजीव को राजनीती में बिलकुल लगाव नहीं था, पर वक्त के पलटवार के कारण इन्हें राजनीती में आना ही पड़ा. 23 जून 1980 में संजय गाँधी की विमान दुर्घटना में मृत्यु हो जाने के कारण राजीव गाँधी को 1982 से इन्दिरा के साथ राजनीती में आना स्वीकार करना पड़ा . उन्होंने अमेठी से लोकसभा का चुनाव जीता और संसद में स्थान बनाया. 1981 में राजीव को भारतीय युवा कांग्रेस का अध्यक्ष बना दिया गया.
प्रधानमंत्री राजीव गाँधी (Prime minister Rajiv Gandhi) –
31 अक्टूबर 1984 को राजीव गाँधी की माँ इन्दिरा गाँधी को उनके ही सिख बॉडीगार्ड द्वारा मार दिया गया. मौत के कुछ घंटों बाद ही कांग्रेस के सदस्यों से मिलकर काँग्रेस की पूरी बागडौर राजीव गाँधी के कन्धों पर डाल दी. 1981 में आम चुनाव हुए, जिसमें राजीव गाँधी ने 80% सीट अपने नाम की और 40 साल की उम्र में देश के प्रधानमंत्री बन गए.
राजीव गाँधी एक युवा प्रधानमंत्री थे, जिन्होंने देश की प्रगति में अमिट योगदान दिया. इन्होने देश में संचार क्रांति, कंप्यूटर जैसे विज्ञान को भारत में आरम्भ किया. राजीव गाँधी ने शिक्षा को हर तरफ से बढाया, एवम 18 वर्ष के युवाओ को मत अधिकार और पंचायती राज को भी शामिल किया. राजीव गाँधी ने कई अहम फैसले लिए, जिसमें श्रीलंका में शांति सेना भेजना, असम, मिजोरम एवम पंजाब समझौता आदि शामिल था. राजीव गाँधी ने कश्मीर और पंजाब में हो रही आंतरिक लड़ाई को भी काबू में करने की भरपूर कोशिश की. राजीव देश की युवा शक्ति को अत्याधिक बढ़ावा देते थे, उनका मानना था कि देश का विकास युवाओं के द्वारा ही हो सकता है. देश के युवाओं को रोजगार भरपूर मिले, इसके लिए राजीव गाँधी हमेशा प्रयासरत रहे. राजीव गाँधी ने इसके लिए जवाहर रोजगार योजना शुरू की.
राजीव गाँधी पर लगे आरोप ( Rajiv Gandhi controversie)-
राजीव गाँधी स्वयं भ्रष्टाचार विरोधी थे, पर इन पर बोफोर्स कांड के लिए भष्टाचारी होने के आरोप लगे. 1980 और 1990 के बीच काँग्रेस सरकार पर भ्रष्टाचारी होने का आरोप लगाया गया, उस वक्त राजीव प्रधानमन्त्री थे. इस घटना में सरकार पर घुस खोरी होने का दावा किया गया. जिसका राजीव के राजनैतिक जीवन पर गहरा आघात पहुंचा और इसका असर आगामी चुनाव में दिखाई दिया. 1989 में हुए आम चुनाव में राजीव गाँधी को हार का सामना करना पड़ा. राजीव गाँधी ने दो साल तक विपक्ष में रहकर कार्य किया. इनका राजनेतिक जीवन बहुत कष्टदायक था, जिसके साथ वह अपने धेर्यवान स्वभाव के कारण ही न्याय कर पाए, इसलिए इन्हें बहुत प्यार एवम सम्मान मिला.
राजीव गाँधी मृत्यु ( Rajiv Gandhi death) –
श्रीलंका में हो रहे आतंकी मसलो को निपटाने के लिए राजीव गाँधी ने अहम कदम उठाये, जिस कारण इन पर 1991 में हमला किया गया और राजीव गाँधी जैसे महान युवा नेता को भारत ने खो दिया. 21 मई 1991 को राजीव गाँधी की मानव बम द्वारा हत्या कर दी गई थी. यह पहली बार नहीं था, जब भारत के किसी बड़े नेता को आतंकियों ने मार दिया. यह घटना तमिलनाडु में चुनाव प्रचार के दौरान घटी . इससे पहले भी इन पर जानलेवा हमला किया गया था. इनके परिवार में इन्दिरा और राजीव गाँधी की मृत्यु आतंकियों के कारण हुई, पर संजय गाँधी की मृत्यु आज भी एक सवाल बन कर रह गई .ख़बरों की सुने तो उनकी मृत्यु के पीछे इन्दिरा का नाम जुड़ा पाते है. शायद यही राजनीती की एक गन्दी शक्ल है .
राजीव गाँधी की अकारण हुई मृत्यु से जनता को गहरा आघात पहुंचा, जिसे आज भी याद करके दुःख होता है.
राजीव गांधी की हत्या का मास्टरमाइंड
हमारे देश के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे एजी पेरारिवलन को देश की सबसे बड़ी अदालत ने आखिरकार रिहाई दे ही दी। आपको बता दें कि, इस मामले में 7 लोगों को दोषी करार दिया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने पेरारिवलन को सजा-ए-मौत की सजा सुनाई थी। ऐसा इसलिए क्योंकि उनकी हत्या के पीछे अहम रोल एजी पेरारिवलन ने निभाया था।
आपको बता दें कि, जिस महिला ने अपने कमर में बम बांधा था। उस बम को बांधने का काम एजी पेरारिवलन को दिया गया था। जिसका आदेश मास्टरमाइंड शिवरासन ने दिया। उसने पेरारिवलन से पास के बाजार से 9 एमएम बैटरी खरीदी उसके बाद उसे शिवरासन तक पहुंचाया। उसी बैटरी से 21 मई 1991 को तमिलनाडु के श्रीपेरंबुदूर में एक चुनावी रैली के दौरान पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या कर दी गई। आपको बता दें कि, राजीव गांधी की हत्या के बाद पूरे देश में दहशत का माहौल पैदा हो गया था। जिसके कारण कोई भी अपने घरों से बाहर तक नहीं निकल रहा था।
जानिए कौन है एजी पेरारिवलन
एजी पेरारिवलन तमिलनाडु के एक छोटे से कस्बे का रहने वाला है। आपको बता दें कि, राजीव गांधी की हत्या के मामले में 11 जून 1991 को उसकी गिरफ्तारी हुई थी। उस समय वो महज 19 साल का था और इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्यूनिकेशन की पढ़ाई कर रहा था। इस पढ़ाई को उन्होंने जेल में भी जारी रखा और अपना कोर्स पूरा किया। जिसमें उन्हें गोल्ड़ मेडल प्राप्त हुआ।
राजीव गांधी अवॉर्ड्स
राजीव गांधी जन्मदिवस को सद्भावना दिवस के रूप में
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FAQ
A. 20 अगस्त 1944
A मुंबई
A. आतंकवादी संगठन
A वीर भूमि
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