ममता बनर्जी का जीवन परिचय | Mamata Banerjee Biography in Hindi

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का जीवन परिचय (Mamata Banerjee Biography, net worth in Hindi)

ममता बनर्जी भारतीय राजनीति का बहुत प्रसिध्य चेहरा है. ये पश्चिम बंगाल की पहली महिला मुख्यमंत्री हैं, इन्होंने केन्द्रीय कैबिनेट मंत्री के रूप में भी कार्य किया हैं. मुख्यमंत्री के पद पर आसीन होकर ममता बनर्जी जी ने काफी सारे महत्वपूर्ण कार्य किये हैं. साल 2019 के आम चुनाव में पश्चिम बंगाल में भी चुनाव का असर काफी देखने को मिला, जिसमें ममता बनर्जी का नाम सबसे अधिक सामने आ रहा हैं. ममता बनर्जी के द्वारा किये गये कार्य एवं उनके अब तक के जीवन की सभी जानकारी आप नीचे देख सकते हैं.

Mamata Banerjee

ममता बनर्जी का जन्म एवं परिचय (Birth and Introduction)

क्र. .जीवन परिचय बिंदुजीवन परिचय
1.पूरा नाम (Full Name)ममता बनर्जी
2.अन्य नाम (Other Name)दीदी
3.पेशा (Profession)भारतीय राजनेता
4.राजनीतिक पार्टी (Political Party)भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस एवं ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस
5.राजनीतिक पार्टी का चिन्ह (Political Party Sign)पंजा, एवं जोरा घास फूल
6.जन्म दिवस (Birth Date)5 जनवरी 1955
7.उम्र (Age)62 साल
8.जन्म स्थान (Birth Place)कोलकाता, पश्चिम बंगाल, भारत
9.राष्ट्रीयता (Nationality)भारतीय
10.गृहनगर (Hometown)कोलकाता, पश्चिम बंगाल, भारत
11.धर्म (Religion)हिन्दू
12.जाति (Caste)ब्राह्मण
13.पसंद (Hobbies)वाकिंग एवं पेंटिंग करना
14.पसंदीदा पास टाइम (Favourite Pastime)पढ़ना, लिखना और संगीत सुनना आदि
15.वैवाहिक स्थिति (Marital Status)अविवाहित
16.नेट वर्थ (Net Worth)30 लाख रूपये
17.कद (Height)5 फुट, 4 इंच
18.वजन (Weight)59 किलोग्राम
19.आंखों का रंग (Eye Colour)हेज़ल ब्राउन
20.बालों का रंग (Hair Colour)साल्ट एवं पेपर
21.राशि (Zodiac Sign)मकर राशि

ममता बनर्जी का परिवार (Family)

1.पिता का नाम (Father’s Name)प्रोमिलेस्वर बनर्जी
2.माता का नाम (Mother’s Name)गायेत्री देवी
3.भाई का नाम (Brother’s Name)अमित बनर्जी, अजीत बनर्जी, काली बनर्जी, बबन बनर्जी, गणेश बनर्जी और समीर बनर्जी
4.बहन का नाम (Sister’s Name)कोई नहीं है.

ममता बनर्जी का जन्म पश्चिम बंगाल में बंगाली परिवार में हुआ था. ममता बनर्जी ने बहुत कम उम्र में अपने पिता को चिकित्सा ईलाज के चलते खो दिया था. इनके 6 भाई हैं और ये 6 भाइयों में अकेली एक बहन हैं.

ममता बनर्जी की शिक्षा (Education)

ममता बनर्जी जी ने अपनी स्कूली शिक्षा कोलकाता के देशबंधु सिशु सिक्षालय से की. इसके बाद इन्होंने कोलकाता के जोगोमाया देवी कॉलेज से इतिहास में स्नातक किया और कलकत्ता विश्वविद्यालय से इस्लामिक इतिहास में स्नातकोत्तर किया. इसके बाद ममता बनर्जी जी ने कोलकाता के श्री शिक्षाशयन कॉलेज से शिक्षा की डिग्री हासिल की. और साथ ही उन्होंने कानून की पढ़ाई के लिए कोलकाता के जोगेश चंद्र चौधरी लॉ कॉलेज में दाखिला लिया और वहां से कानून की डिग्री हासिल की. जब वे कानून की पढ़ाई कर रही थीं तब उन्होंने राजनीति में शामिल होकर छात्र परिषद यूनियन की स्थापना की, जोकि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की छात्र शाखा हैं. ममता जी ने ओडिशा के कलिंगा इंस्टिट्यूट ऑफ़ इंडस्ट्रियल टेक्नोलॉजी से अपना डॉक्टरेट प्राप्त किया. और इस तरह से इन्होंने अपनी शिक्षा कोलकाता में रह कर ही पूरी की और फिर राजनीति में प्रवेश कर दिया.

ममता बनर्जी का राजनीतिक करियर (Political Career)

ममता बनर्जी जी ने बहुत कम उम्र में ही अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत कर दी थी. और वे शुरू से ही कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गई थी. सन 1976 से 1980 तक ममता जी पश्चिम बंगाल की महिला कांग्रेस (i) की महासचिव बनी हुई थी. इसके बाद सन 1984 में लोक सभा चुनाव में पश्चिम बंगाल के जादवपुर संसदीय क्षेत्र से ममता जी ने एक अनुभवी नेता सोमनाथ चटर्जी को पीछे छोड़ कर जीत हासिल की और वे वहां सबसे कम उम्र की सांसद बन गई. सन 1980 के दशक में, ममता बनर्जी जी भारतीय यूथ कांग्रेस की महासचिव बनी हुई थी. सन 1989 में हुए लोकसभा चुनाव में इन्होंने अपने जादवपुर संसदीय क्षेत्र को खो दिया था. हालांकि फिर सन 1991 में ममता बनर्जी जी ने दक्षिण कोलकाता संसदीय क्षेत्र से चुनाव लड़कर जीत हासिल की थी. और इस पद पर ममता जी बहुत ही लंबे समय तक यानि सन 2009 तक बनी हुई थी.

सन 1991 में जब हमारे देश के प्रधानमंत्री पी.वी. नरसिम्हा राव जी थे. उस दौरान ममता बनर्जी जी पश्चिम बंगाल राज्य में मानव संसाधन विकास, युवा एवं खेल और महिला एवं बाल विकास मंत्रालय में कार्यरत रही थी. और वे उस दौरान पहली ऐसी महिला थी, जो इन सभी पदों पर विराजमान रही थी. जब वे खेल मंत्री के रूप में सेवा कर रही थी, तब उन्होंने देश में खेल व्यवस्था में सुधार लाने के लिए एक प्रस्ताव दिया था, जिसके चलते उन्होंने सरकार की उदासीनता के खिलाफ विरोध प्रदर्शन भी किया था.

ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस पार्टी का गठन (AITCP Party)

  • सन 1997 में ममता बनर्जी जी की विचारधारा अलग होने के कारण उन्होंने पश्चिम बंगाल में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से अलग होने का फैसला किया और फिर खुद की नई पार्टी का गठन किया. जिसका नाम है ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस पार्टी यानि (टीएमसी).
  • सन 1999 में वे नेशनल डेमोक्रेटिक अलायन्स (एनडीए) में शामिल हो गई. इसके बाद उन्हें अटल बिहारी वाजपेयी जी की सरकार में रेल मंत्री बनने का मौका मिला.
  • सन 2002 में उन्होंने अपना पहला रेलवे बजट पेश किया, किन्तु इसमें उन्होंने अपने राज्य पश्चिम बंगाल को अधिक प्राथमिकता एवं लाभ दिया था.
  • सन 2009 के आम चुनाव से पहले, ममता बनर्जी जी ने यूनाइटेड प्रोग्रेसिव अलायन्स यानि (यूपीए) में शामिल होने का फैसला किया, और उन्होंने सीट हासिल की. उस दौरान ममता जी को दोबारा रेल मंत्री बनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ.
  • सन 2010 में पश्चिम बंगाल में नगर पालिका चुनाव हुए. इस चुनाव में ममता जी की पार्टी टीएमसी कोलकाता नगर पालिका कारपोरेशन में 62 सीट के मार्जिन के साथ विजयी हुई थी.

ममता बनर्जी जी मुख्यमंत्री के रूप में (Chief Minister)

फिर सन 2011 में पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव हुए उस समय ममता जी की पार्टी ने भारत की कम्युनिस्ट पार्टी के शासन को ख़त्म कर दिया, जोकि 34 साल से उस राज्य में शासन कर रहा था. उसी वर्ष ममता बनर्जी जी पश्चिम बंगाल राज्य की पहली महिला मुख्यमंत्री बनी. सितंबर सन 2012 में ममता जी ने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी के साथ अपना समर्थन पूरी तरह से छोड़ दिया. और इस पद पर आसीन रहकर इन्होंने कई सारे ऐसे कार्य किये जिसके चलते पश्चिम बंगाल के लोग इन्हें ‘दीदी’ के नाम से जानने लगे. अगले विधानसभा चुनाव जोकि साल 2016 में हुए थे, उसमें भी ममता जी ने फिर से जीत हासिल की और वे एक बार फिर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री बन गई. और इस तरह से वे अब तक इस पद पर बनी हुई हैं.

ममता बनर्जी पश्चिम बंगाल चुनाव 2021 (WB Election)

पश्चिम बंगाल में हालही में विधानसभा चुनाव संपन्न हुआ है, जिसका 2 मई को परिणाम आ गया है. ममता ने पिछले 2 बार से विधानसभा चुनाव में जीत हासिल करने के बाद इस साल भी अपनी जगह कायम रखी है. जी हां ममता बनर्जी ने इस साल के भी विधानसभा चुनाव में जीत हासिल कर ली है. इस साल ममता ने 210 सीटों के साथ जीत हासिल की है. ममता बनर्जी की इस साल की जीत एक बड़ी जीत है. क्योकि इसमें उन्होंने बीजेपी को हराया है. जोकि उनके लिए सबसे बड़ी विरोधी पार्टी थी. अतः इस तरह से एक बार फिर यानि तीसरी बार ममता बनर्जी बंगाल की मुख्यमंत्री पद को संभालेंगी.

ममता बनर्जी जी का विवाद एवं आलोचनाएँ (Controversy)

  • दिसम्बर सन 1998 में, ममता जी ने महिलाओं के लिए आरक्षण बिल के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करते हुए लोक सभा में समाजवादी पार्टी के एक एमपी डोगरा प्रसाद सरोज जी की कोलर पकड़कर एवं उन्हें घसीटते हुए बाहर निकला था, जिसके चलते वे बहुत अधिक विवादों से घिरी थी.
  • ममता बनर्जी ने एक बार भारत में अपराध की बढ़ती संख्या पर एक टिप्पणी की थी. जिसके कारण उनकी काफी आलोचना की गई थी. दरअसल ममता बनर्जी ने सन 2012 में यह कहा था, कि ‘पहले जब लड़के व लड़की साथ में हाथ पकड़ कर घूमते थे, तो उस समय उनके माता – पिता द्वारा वे पकड़े जाते थे और उनकी फटकार लगाई जाती थी, किन्तु अब सबकुछ खुलेआम होने लगा हैं, यह कई विकल्पों के साथ एक खुले बाजार की तरह हो गया हैं’ इस टिप्पणी से उन्हें काफी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था.
  • अक्टूबर सन 2016 में, पश्चिम बंगाल में ममता सरकार ने 25 मुस्लिम परिवारों के द्वारा दुर्गा पूजा की प्रथा के खिलाफ आपत्ति जताने के कारण दुर्गा पूजा पर पाबंदी लगा दी थी. उनका कहना था कि दुर्गा पूजा मुस्लिमों के त्यौहार ‘मुहर्रम’ के दौरान उनकी भावनाओं को ठेस पहुंचा सकती हैं. हालांकि हाई कोर्ट ने उनके इस फैसले को बदल दिया था और इसे ‘अल्पसंख्यकों को खुश करने की बोली’ के रूप में टैग किया गया था.
  • ‘रेनबो’ शब्द को बंगाली टेक्स्टबुक में ‘रामधोनु’ शब्द के रूप में जाना जाता था, जिसका मतलब होता है ‘राम का धनुष’. लेकिन सन 2017 में रामधोनु शब्द को रोंगधोनु शब्द में बदल दिया गया, जिसका मतलब होता है धनुष के रंग. इसके कारण देश के कट्टरपंथियों के बीच काफी विवाद हुआ था.
  • हालही में आम चुनाव शुरू होने से पहले ममता बनर्जी ने अपने कार्यकाल के दौरान भारत के फ़ेडरल सिस्टम को चुनौती दी, जब उन्होंने सारदा ग्रुप फाइनेंसियल घोटाले की जाँच करने के लिए कोलकाता पहुंचे सीबीआई अधिकारीयों को गिरफ्तार करने का आदेश दिया. उस दौरान ममता ने काफी सारा ड्रामा किया था, जिसके चलते अब तक आम चुनाव में भी वे सुर्ख़ियों में दिखाई दे रही हैं. अभी कुछ दिन पहले बीजेपी के अध्यक्ष अमित शाह पश्चिम बंगाल में रैली करने पहुंचे थे, उस दौरान बंगाल में काफी अधिक विवाद फ़ैल गया और उसमे भी ममता बनर्जी जी का नाम सामने आ रहा है.

इस तरह ममता बनर्जी जी को अब तक काफी सारे विवादों से घिरा देखा गया हैं. आगे देखना काफी दिलचस्प होगा, कि चुनाव परिणाम के बाद ममता बनर्जी जी राजनीति क्या मोड़ लेगी.

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