अखिलेश यादव का जीवन परिचय (Akhilesh Yadav Biography, news, education, net worth in hindi)
अखिलेश यादव की पहचान सामाजवादी पार्टी के प्रमुख नेता के रूप में हैं, लेकिन साथ ही 38 वर्ष की उम्र में उत्तर-प्रदेश के सबसे कम उम्र में मुख्यमंत्री बनना भी उनकी विशिष्ट पहचान में शामिल हैं. अखिलेश पेशे से एग्रीकल्चरिस्ट भी हैं, लेकिन अभी वो सामजिक-राजनैतिक कार्यकर्ता के रूप में सक्रिय हैं. अखिलेश के पिता और उत्तर-प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायमसिंह यादव ने समाजवादी पार्टी की नींव रखी थी, लेकिन अखिलेश ने पार्टी का युवा चेहरा बनकर इसे नयी दिशा दी.
Table of Contents
अखिलेश यादव का जीवन परिचय
क्र. म.(s.No.) | परिचय बिंदु (Introduction Points) | परिचय (Introduction) |
1. | पूरा नाम ((Full Name) | अखिलेश यादव |
2. | जन्म (Birth Date) | 1 जुलाई 1973 |
3. | जन्म स्थान (Birth Place) | इटावा जिले के सैफई में |
4. | पेशा (Profession) | राजनेता |
5. | राजनीतिक पार्टी (Political Party) | समाजवादी पार्टी |
6. | अन्य राजनीतिक पार्टी से संबंध (Other Political Affiliations) | – |
7. | राष्ट्रीयता (Nationality) | भारतीय |
8. | उम्र (Age) | 46 वर्ष |
9. | गृहनगर (Hometown) | सैफई, इटावा |
10. | धर्म (Religion) | हिन्दू |
11. | जाति (Caste) | यादव |
12. | वैवाहिक स्थिति (Marital Status) | विवाहित |
13. | राशि (Zodiac Sign) | कैंसर |
अखिलेश यादव: बचपन और प्रारम्भिक जीवन (Akhilesh Yadav: Childhood and Early life)
अखिलेश इटावा में रह रहे थे, तब वो अपने चाचा और परिवार के अन्य सदस्यों के साथ एक छोटे से किराये के घर में रहते थे. अखिलेश ने अपनी स्कूली शिक्षा राजस्थान के धोलपुर मिलिट्री स्कूल से की थी. इसके बाद उन्होंने सिविल एनवायरमेंट इंजीनियरिंग की डिग्री मैसूर यूनिवर्सिटी से ली थी. अखिलेश ने सिडनी से भी एनवायरमेंट इंजीनियरिंग में डिग्री ले रखी हैं.
अखिलेश यादव: परिवार और निजी जानकारी (Akhilesh yadav: Family and personal information)
अखिलेश यादव और डिंपल यादव ने 24 नवंबर 1999 को विवाह किया था. अखिलेश को खेलों जैसे क्रिकेट और फूटबाल में रूचि हैं, उनको किताबे पढने का, गाना सुनने का और फिल्मे देखने का शौक हैं.
पिता (Father) | मुलायम सिंह यादव |
माता (Mother) | मालती देवी |
सौतेली माता (step mother) | साधना गुप्ता |
भाई(half brother) | प्रतीक यादव |
पत्नी (Wife) | डिंपल यादव |
पुत्री (Daughter) | अदिति और टीना |
पुत्र (Son) | अर्जुन |
चाचा/ताऊ (uncles) | शिवपाल सिंह यादव, रतन सिंह यादव, अभी राम यादव, राजपाल सिंह यादव |
अखिलेश यादव का राजनैतिक करियर (Political Career of Akhilesh Yadav)
- राजनैतिक परिवेश में बड़े होने के कारण उनका राजनीति में आना तय ही था, लेकिन इससे पहले उन्होंने अपनी शिक्षा पूरी की थी. 2000 के 13वीं लोक सभा चुनाव में अखिलेश यादव को पहली बाद कन्नौज से चुना गया था, इसके बाद हुए 14वे और 15वें लोकसभा चुनाव में भी लोकसभा की सदस्यता हासिल की थी, इसके अलावा अखिलेश यादव सिविल सप्लाई,खाध्य और वितरण कमिटी के सदस्य रह चुके हैं.
- 2000 से 2001 तक उन्हें कमिटी ऑफ़ एथिक्स का सदस्य बनाया गया. 2002 से 2004 तक वो एनवायरमेंट एंड फारेस्ट कमिटी और विज्ञान एवं तकनीक कमिटी के सदस्य भी थे.
- 2004 से 2009 तक वो अर्बन डेवेलपमेंट कमिटी ऑन एस्टिमेट्स, कमिटी ऑन प्रोविजिन ऑफ़ कंप्यूटर्स जैसे कई विभागों के सदस्य रहे.
- 2009 से 2012 तक वो एनवायरमेंट एंड फारेस्ट कमिटी, विज्ञान और तकनीक कमिटी और 2जी स्पेक्ट्रम स्कैम के जेपीसी में सदस्य रहे.
- अखिलेश यादव निरंतर ग्रामीण इलाकों, गरीबों और किसानों के लिए काम करते रहते हैं, उनकी पार्टी ने विधान सभा चुनावों की डोर जब उनके हाथ में सौंपी, तो उन्होंने पारम्परिक तरीके से प्रचार करने के स्थान पर नये तरीके से पुरे प्रदेश में रैलियां करनी शुरू की, जिसमे उन्हें न केवल सफलता मिली, बल्कि काफी प्रसिद्धि भी मिली और विभिन्न वर्ग के लोगों और युवाओं के बीच एक नयी पहचान बनी.
- अखिलेश ने 2012 में हुए उत्तरप्रदेश के चुनावों में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभायी थी. उन्होंने समाजवादी पार्टी को न केवल सत्ता दिलाई बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों और गरीबों एवं किसानों तक अपनी पहचान बनाई. अखिलेश यादव को समाजवादी पार्टी की छवि बदलने का श्रेय दिया जाता हैं,उन्होंने चुनाव अभियानों में नयी तकनीकों को जोडकर पार्टी को एक नयी दिशा दी. उन्होंने प्रदेश में बहुत सी साइकिल रेलिया और एक सफल रथ यात्रा की, जिससे युवा वोटर्स पर काफी सकारात्मक प्रभाव पड़ा, इसके परिणाम स्वरूप ही 2012 के यूपी विधानसभा चुनावों में समाजवादी पार्टी को 403 में से 224 सीट मिली .
- 10 मार्च 2012 को अखिलेश यादव को उत्तरप्रदेश के समाजवादी पार्टी के नेता के रूप में चुना गया, और 15 मार्च को वो सबसे कम उम्र के उत्तर-प्रदेश के मुख्यमंत्री बने. 2 मई 2012 को अखिलेश ने 15वीं लोकसभा से इस्तीफा दे दिया और उत्तर-प्रदेश के विधानसभा काउंसिल के सदस्य बन गये.
- 2017 में हुए उत्तर-प्रदेश के विधानसभा चुनावों से पहले अखिलेश यादव ने कांग्रेस पार्टी से गठबंधन कर लिया था. उन्होंने विकास के मुद्दे पर वोट मांगे थे और राज्य से कम्युनल शक्ति को हटाने का प्रयास किया, फिर भी समाजवादी पार्टी चुनावों में जीत नहीं सकी.
अखिलेश यादव से जुडी रोचक जानकारियाँ (Intresting facts about Akhilesh yadav)
- अखिलेश यादव समाजवादी पार्टी के ऐसे युवानेता हैं, जो अपने भाषणों से युवाओं को ना केवल आकर्षित करते हैं, बल्कि ये विशवास भी दिलाते हैं, कि वो उन्ही में से एक हैं. उनकी भाषा पर अच्छी पकड़ हैं, साथ ही मुद्दों की बात करते हुए, वो जनता को काफी प्रभावित करते हैं. एक कैम्पेन के दौरान अखिलेश ने 6 महीने में 800 रैलियाँ की थी और 10,000 किलोमीटर की यात्रा की थी.
- अखिलेश जब मैसूर में पढाई कर रहे थे, तब वो अपनी कॉलेज के पास ही एक चाय की दूकान पर जाते थे, जहाँ उनकी दोस्ती चंदु नाम के व्यक्ति से हुयी, जिसने उन्हें कन्नड़ सिखाई और अखिलेश ने कॉलेज में एक भाषण कन्नड़ में दिया.
- अखिलेश यादव को शुरू से खेलों में रूचि रही हैं, वो रोज अपने भाई के साथ खेलते थे, इसके लिए वो अपने भाई को भी जल्दी उठाते थे, यदि कोई दिन उनका भाई दरवाजा नहीं खोलता, तो वो दरवाजे को खटखटाटे रहते थे.
अखिलेश यादव से जुड़े विवाद (Akhilesh Yadav Controversy)
- अखिलेश यादव के सक्रिय राजनीति से जुड़े होने के कारण उनसे जुड़े कई विवाद सामने आते रहते हैं. 2013 में अखिलेश तब विवादों में गिर गये थे, जब उन्होंने आईएस ऑफिसर दुर्गा शक्ति नागपाल को सस्पेंड किया था.
- इसके बाद 2014 में बोलीवुड फिल्म पीके की पायरेटेड कॉपी डाउनलोड करके देखने पर भी उन पर एफआईआर दर्ज की गयी थी.
- 2016 में कैराना मुद्दे पर गलत बयानबाजी के कारण भी उनकी आलोचना की गयी थी. उतरप्रदेश के विधानसभा चुनाव से पहले यादव के परिवार में काफी तनाव की स्थिति थी. समाजवादी पार्टी के उम्मीदवारों की सूची को लेकर काफी विवादस्पद स्थितियां बनी थी. इसके अतिरिक्त भी उनके चाचा शिवपाल सिंह यादव के साथ राजनैतिक और निजी विवादों की चर्चा मिडिया में बनी रहती हैं
वर्तमान में भारत की राजनीति के युवा चेहरों में से एक चेहरा अखिलेश यादव का भी हैं, जबकि वो किसी राष्ट्रीय राजनैतिक पार्टी का नेतृत्व नहीं करते, बल्कि क्षेत्रीय राजनीति में अपनी सशक्त पहचान रखते हैं.
होम पेज | यहाँ क्लिक करें |
अन्य पढ़े: