ज्योतिरादित्य सिंधिया का जीवन परिचय| Jyotiraditya Scindia Biography in hindi

ज्योतिरादित्य सिंधिया का जीवन परिचय (शिक्षा, परिवार, करियर)  (Jyotiraditya Scindia Biography in hindi) (Political Career, Age, Caste, Family History, News, Children) 

कमलनाथ सरकार या यूं कहें कि कांग्रेस पार्टी को ज्योतिरादित्य सिंधिया जी के इस्तीफा देने के बाद बहुत भारी झटका लगा हुआ है. ऐसे में सवाल उठता है, कि आखिर क्यों और किस कारण से कमलनाथ की सरकार को ज्योतिरादित्य सिंधिया ने ठुकराया है. आज के समय में यह खबर बहुत ही तेजी से पूरे देश में फैल चुकी है और ऐसे में जो लोग ज्योतिरादित्य सिंधिया को नहीं जानते हैं, उनके लिए हमने यह लेख ज्योतिरादित्य सिंधिया का जीवन परिचय आप सबके समक्ष प्रस्तुत करने का प्रयास किया है.

jyotiraditya scindia biography jivani hindi

आइए जानते हैं, कि आखिर क्यों ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस पार्टी को ठुकराया और किस प्रकार से उनका राजनीतिक करियर एक सफलता की ओर अग्रसर हुआ था.

ज्योतिरादित्य सिंधिया का जीवन परिचय [Jyotiraditya Scindia Biography in hindi]

परिचय बिंदु (Introduction Points) परिचय (Introduction)
पूरा नाम (Full Name)ज्योतिरादित्य माधवराव सिंधिया
जन्म दिन(Birth Date) 1 जनवरी 1971
जन्म स्थान (Birth Place)  महाराष्ट्र, भारत
पेशा (Profession) राजनीतिज्ञ
राजनीतिक पार्टी (Political Party)बीजेपी
राष्ट्रीयता (Nationality) भारतीय
उम्र (Age) 49 वर्ष
गृहनगर (Hometown) ग्वालियर, मध्य प्रदेश
धर्म (Religion) हिन्दू
जाति (Caste) क्षत्रिय
वैवाहिक स्थिति (Marital Status) विवाहित
राशि (Zodiac Sign) मकर
शैक्षिक योग्यता (Education)एमबीए
लम्बाई (Height)(लगभग)  से० मी०- 168
               मी०- 1.68
               फीट इन्च- 5’ 6”
वजन/भार (Weight)(लगभग)   72 कि० ग्रा०
आँखों का रंग (Eye Colour)काला
बालों का रंग (Hairs Colour)काला

राहुल गाँधी का राजनीती सफ़र जानने के लिए यहाँ क्लिक करें

ज्योतिरादित्य सिंधिया का प्रारंभिक एवं परिवारिक परिचय (Family)

ज्योतिरादित्य सिंधिया एवं प्रियदर्शनी राजे ने 12 दिसंबर 1994 को विवाह किया था और इन दोनों दंपतियों को एक बेटा एवं एक बेटी भी है. ज्योतिरादित्य सिंधिया के पिता माधवराव सिंधिया बहुत ही लोकप्रिय एवं जनकल्याण वाले स्वभाव के राजनेता हुआ करते थे और इनकी माता माधवी राजे सिंधिया अपने पुत्र ज्योतिरादित्य सिंधिया से बहुत ही प्रेम किया करती है. ज्योतिरादित्य सिंधिया की एक बहन भी है, जिनका नाम चित्रांगदा राजे सिंधिया है. प्रियदर्शनी राजे सिंधिया एवं ज्योतिरादित्य सिंधिया का विवाह 12 दिसंबर 1994 में संपन्न हुआ था और इनको एक बेटा एवं एक बेटी है. ज्योतिरादित्य सिंधिया का घराना राजशाही है. यह 400 वाले कमरों के महल में रहने वाले व्यक्ति है.

पारिवारिक परिचय (Introduction Of Family ) परिचय (Introduction)
माता / पिता  (Mother & Father)माधवराव सिंधिया और माधवी राजे सिंधिया
बहन ( Sister )चित्रांगदा राजे सिंधिया
पत्नी (Wife)प्रियदर्शनी राजे सिंधिया
बेटा / बेटी  (Son / daughter  )महानारयमन सिंधिया एवं अनन्या सिंधिया

ज्योतिरादित्य सिंधिया जी शिक्षा

लोकप्रिय नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा को मुंबई के कैंपियन स्कूल एवं दून स्कूल में पूरा किया था. ज्योतिरादित्य सिंधिया जी ने अपनी स्नातक की शिक्षा को पूरा करने के लिए हार्वर्ड विश्वविद्यालय का रुख किया और वहां से उन्होंने अर्थशास्त्र विषय से अपनी स्थानक की डिग्री को हासिल किया.

जैसा कि इनका संबंध राजघराने से था, तो इन्होंने अपनी पढ़ाई को उच्च स्तर तक ले जाने का विचार किया और इन्होंने स्टैनफोर्ड ग्रेजुएशन स्कूल आफ बिजनेस से अपनी एमबीए की पढ़ाई को पूरा किया था. इनका पढ़ने में बहुत ही अच्छा स्वभाव रहा है और इसी वजह से यह एक अच्छे स्तर के विद्यार्थी भी रह चुके थे.

पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का कार्यकाल यहाँ पढ़ें

ज्योतिरादित्य सिंधिया जी का पारिवारिक इतिहास

ज्योतिरादित्य सिंधिया जी की दादी ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत कांग्रेसी पार्टी से की थी और उन्होंने 1957 में गुना क्षेत्र से लोकसभा सांसद के लिए चुनाव लड़ा था और वे इसमें विजय होकर संसद भी पहुंचने में सफल हुई थी. इसके बावजूद भी विजय राजे सिंधिया यानी की ज्योतिरादित्य सिंधिया जी दादी चाहती थी, कि उनके सभी परिवार के लोग राजनीतिक पार्टी भाजपा की तरफ से चुनाव लड़े.

इसके बावजूद माधवराव सिंधिया और उनके पुत्र ज्योतिरादित्य सिंधिया जी ने कांग्रेस की तरफ से चुनाव लड़ने का निर्णय लिया था. पूरे 10 वर्षों तक विजयराजे सिंधिया जी ने कांग्रेस पार्टी की तरफ से चुनाव लड़ा था और अंत में उन्होंने 1967 में जनसंघ में जाने का निर्णय लिया और यही वजह है, कि विजयराजे सिंधिया जी के क्षेत्र में जनसंघ बहुत ही मजबूत हुआ था. 1971 में पूरे भारतवर्ष में इंदिरा गांधी का बोलबाला था, तब विजयराजे सिंधिया ने जनसंघ से गुना क्षेत्र से लोकसभा सीट के लिए चुनाव लड़ा था और वे यहां से 3 सीटों के साथ विजय भी हुई थी.

ज्योतिरादित्य का राजनीतिक करियर

ज्योतिरादित्य सिंधिया जी ने अपने करियर की शुरुआत राजनीतिक क्षेत्र से की थी और यह करियर की शुरुआत उनके पिता की मृत्यु के बाद शुरू हुई थी. वर्ष 2002 में अचानक हेलीकॉप्टर दुर्घटना में माधवराव सिंधिया यानी के ज्योतिरादित्य सिंधिया के पिता का स्वर्गवास हो गया था और तभी से ज्योतिरादित्य सिंधिया जी ने अपने पिता जी के संसदीय क्षेत्र गुना से उनके स्थान पर चुनाव लड़ने का निश्चय किया था और वहां की जनता को भी यह निर्णय बहुत ही पसंद आया था.

जैसा कि गुना क्षेत्र सिंधिया परिवार का बहुत मजबूत क्षेत्र रहा है और यही वजह है, कि ज्योतिरादित्य सिंधिया जी को 2002 में लोकसभा चुनाव में बहुत ही भारी मतों से विजय प्राप्त हुई थी. जब ज्योतिरादित्य सिंधिया गुना क्षेत्र से सांसद के रूप में उभर के आए तब उन्होंने भारत सरकार की केंद्र की सहायता से अपने गुना क्षेत्र में बहुत से विकास कार्य किए और यह विकास कार्य गुना क्षेत्र की जनता को बहुत पसंद आई और हमेशा हमेशा के लिए ज्योतिरादित्य सिंधिया वहां के निवासियों के दिल में बस गए हैं.

राजीव गाँधी कब से कब तक प्रधानमंत्री रहे, यहाँ पढ़ें

सबसे  बड़ा यही कारण है, कि कांग्रेस पार्टी को हमेशा से मध्यप्रदेश में गुना क्षेत्र से अच्छे खासे वोट प्राप्त होते थे. ज्योतिरादित्य सिंधिया जी के वजह से ही कांग्रेस पार्टी को सम्मानजनक चुनाव में जीत प्राप्त हो जाती थी. मध्य प्रदेश के गुना क्षेत्र में पहले पानी और सड़कों की बहुत विकराल समस्या हुआ करती थी. ज्योतिरादित्य सिंधिया जी ने अपने जनता के समस्या को समझते हुए इन सभी आवश्यक विकास को पूरा करने के लिए केंद्र सरकार एवं मध्य प्रदेश की राज्य सरकार की सहायता से सारे दुख तकलीफें गुना क्षेत्र के निवासियों की दूर करने में सफल रहे थे.

इसी की वजह से गुना क्षेत्र के निवासी ज्योतिरादित्य सिंधिया जी को महाराज कह कर संबोधित भी किया करते हैं. ज्योतिरादित्य सिंधिया जी ने गुना क्षेत्र में विकास लाने के लिए अथक प्रयास किए हैं और यही गुना क्षेत्र के निवासियों को इनकी बात बहुत पसंद आती है.

ज्योतिरादित्य सिंधिया जी अगर गुना क्षेत्र से चुनाव लड़ने के लिए खड़े हो जाते हैं, तो उनके सामने बड़े से बड़े दिग्गज नेता को ज्योतिरादित्य सिंधिया जी के क्षेत्र में विजय प्राप्त करने के लिए बहुत ही कठिनाई होती हैं. क्योंकि अब ज्योतिरादित्य सिंधिया गुना क्षेत्र के निवासियों के दिल में हमेशा के लिए बस चुके हैं.

वर्ष 2002 से वर्ष 2014 तक ज्योतिरादित्य सिंधिया जी हमेशा से लोकसभा के चुनाव को जीतते आ रहे थे, परंतु उनके ही सहयोगी कृष्ण पाल सिंह यादव ने उन्हें 2019 के लोकसभा चुनाव में पराजय का मुंह दिखा दिया था.

भारतीय राष्ट्रीय ध्वज का इतिहास क्या है, यहाँ पढ़ें

ज्योतिरादित्य सिंधिया जी के कार्यकाल

  • वर्ष 2002 में ज्योतिरादित्य सिंधिया जी अपने पिता की मृत्यु के बाद गुना क्षेत्र से लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए सामने आए.
  • वर्ष 2004 में ज्योतिरादित्य सिंधिया जी एक बार फिर से लोकसभा निर्वाचन में निर्वाचित हुए थे.
  • वर्ष 2007 में ज्योतिरादित्य सिंधिया जी को केंद्रीय संचार और सूचना प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री के रूप में केंद्रीय मंत्री परिषद के सदस्य के रूप में इनका चुनाव हुआ.
  • वर्ष 2009 में ज्योतिराज सिंधिया जी को वाणिज्य और उद्योग राज्य मंत्री के रूप में चुनाव हुआ और यह एक बार फिर से तीसरी बार लोकसभा चुनाव में विजई बनकर गुना क्षेत्र में उभर के आए थे.
  • इसके अतिरिक्त वर्ष 2012 में ज्योतिरादित्य सिंधिया जी विद्युत राज्यमंत्री के रूप में उभर के सामने आए थे.
  • वर्ष 2013 में ज्योतिरादित्य सिंधिया जी मध्य प्रदेश से अभियान समिति के प्रमुख के रूप में चुने गए थे.
  • ज्योतिरादित्य सिंधिया जी मध्य प्रदेश के गुना जिले के सांसद के रूप में जाने जाते हैं.

ज्योतिरादित्य सिंधिया जी और कमलनाथ सिंह जी के बीच कैसे तनाव का माहौल उत्पन्न हुआ

काफी जद्दोजहद के बाद कांग्रेस पार्टी ने मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव में विजय प्राप्त हो गई मगर ज्योतिरादित्य सिंधिया जी के काफी कोशिशों के बावजूद भी उनको सीएम पद के लिए नहीं चुना गया. मध्यप्रदेश में ज्योतिरादित्य सिंधिया जी के जगह कमलनाथ जी को सीएम का पद दे दिया गया.

किसी से नाराज होकर सिंधिया जी और कमलनाथ के बीच तकरार का मामला पब्लिक में उभर के आया. लोकसभा चुनाव में सिंधिया जी को हार मिलने के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया जी कांग्रेस पार्टी से मध्य प्रदेश के अध्यक्ष का पद मांग रहे थे, परंतु उन्हें यह भी नहीं प्रदान किया गया.

इसी से नाराज होकर ज्योतिरादित्य सिंधिया जी ने कमलनाथ की सरकार के खिलाफ सड़कों पर धरना प्रदर्शन करने का धमकी भी दिया था, परंतु उनके इस दबाव से कांग्रेस पार्टी को जरा सा भी फर्क नहीं पड़ा. यही कारण है, कि 10 मार्च 2020 को ज्योतिरादित्य सिंधिया जी ने कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे दिया और उनके साथ ही उनके खेमे में कुल 22 सदस्यों ने कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे दिया. ऐसे में देखा जाए, तो कांग्रेस पार्टी को बहुत बड़ा झटका लगा है.

ज्योतिरादित्य सिंधिया ताजा खबर

सिंधिया ने 2020 में कांग्रेस को इस्तीफा देकर बीजेपी को ज्वाइन किया जिसके बाद नवम्बर 2020 में मध्यप्रदेश उपचुनाव प्रक्रिया संपन्न की गई जिसमे ज्योतिरादित्य जी की ताकत उभर कर सामने आई और उन्होंने स्वयं को सिद्ध कर दिखाया .

होम पेजयहाँ क्लिक करें

FAQ

Q- ज्योतिरादित्य सिंधिया कौन हैं?

A-भारतीय राजनेता

Q-ज्योतिरादित्य सिंधिया क्यूं चर्चित हैं?

A-ज्योतिरादित्य ने जब कांग्रेस पार्टी छोड़ कर बीजेपी ज्वाइन की तब वो चर्चा में आए।

Q-ज्योतिरादित्य सिंधिया की उम्र क्या है?

A-51 वर्ष

Q- ज्योतिरादित्य सिंधिया  का जन्मस्थान क्या है?

A-महाराष्ट्र

Q-ज्योतिरादित्य सिंधिया के पिता कौन हैं?

A-माधवराव सिंधिया

Other links –

Ankita
अंकिता दीपावली की डिजाईन, डेवलपमेंट और आर्टिकल के सर्च इंजन की विशेषग्य है| ये इस साईट की एडमिन है| इनको वेबसाइट ऑप्टिमाइज़ और कभी कभी आर्टिकल लिखना पसंद है|

More on Deepawali

Similar articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here