प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधी परियोजना 2023

प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि परियोजना क्या है व केंद्र खोलने की आवेदन प्रक्रिया  2023 Pradhan Mantri Bhartiya Jan Aushadhi Pariyojana in hindi (PMBJP) store opening process , Generic Drugs name in hindi

भारत में बढ़ती महंगाई और कम आमदनी के कारण कई लोग अपना इलाज करवाने में असमर्थ हैं. किसी साधारण व्यक्ति के लिए भी आजकल अपने इलाज का खर्चा उठा पाना काफी मुश्किल हो जाता है और इसकी वजह है दुकानों में मिलने वाली महंगी दवाई. कई लोग तो महंगी दवाइयों के खर्चे से इतना डर जाते हैं कि अपना इलाज तक नहीं करवाते हैं. वहीं लोगों की इस परेशानी को समझते हुए सरकार ने उनके लिए एक नई योजना चलाई है. सरकार द्वारा चलाई गई इस योजना के तहत अब कोई भी व्यक्ति बिना महंगी दवाई के खर्चे के डर से अपना इलाज आसानी से करवा सकता है. आखिर क्या है ये योजना और इस योजना से जुडी महत्वपूर्ण जानकारी को हमारे इस लेख में बताया गया है.  

क्या है प्रधानमंत्री जन औषधि योजना (What is Pradhan Mantri Jan Aushadhi Scheme )

प्रधानमंत्री जन औषधि योजना भारत सरकार के द्वारा उन लोगों के लिए शुरू की गई है जो कि ज्यादा महंगी दवाइयों का बोझ उठाने में असमर्थ हैं. इस योजना की घोषणा देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 1 जुलाई 2015 को गई थी. इस योजना से ना सिर्फ गरीब बल्कि मध्यमवर्ग के परिवारों के लोगों को भी काफी मदद मिलेगी. इस योजना के मुताबिक लोगों को सस्ती दवाईयां दी जाएगी. ये दवाईयां आप सरकार द्वारा खोले गए किसी भी ‘जन औषधि केंद्र’ से आसानी से ले सकते हैं. इस योजना के तहत सरकार जन औषधि केंद्र बनाएगी, जहां जेनेरिक दवाईयां आम जनता को बेची जाएंगी.

प्रधानमंत्री जन औषधि योजना

किन्हें कहते हैं जेनेरिक दवाई (What is generic medicine )

जेनेरिक दवाई और ब्रांड वाली दवाइयों में कोई भी अंतर नहीं होता है. ये दोनों दवाई एक जैसी होती हैं, बस फर्क इनके दामों में होता है. उदाहरण के तौर पर मान लीजिए आप किसी अच्छे ब्रांड की कोई दवाई लेते हैं, तो वो आपको जहां 100 रूपए की मिलेगी. वहीं जेनेरिक दवाई आपको 50 रूपए तक मिल जाएगी. यानी काम दोनों दवाइयों का एक जैसे होगा बस दामों में अंतर होगा. वहीं बहुत से लोग चिंतित हो जाते हैं कि जेनेरिक दवाएं सस्ते उत्पादों से बनाई गई होगी. मगर ऐसा कुछ भी नहीं होता है. इन दवाइयों की गुणवत्ता और प्रभावशीलता से कोई भी समझौता नहीं किया जाता है. वहीं अमेरिकी खाद्य एवं औषधि प्रशासन ने भी जेनेरिक दवाओं को सुरक्षित माना है और कहा है कि ये दवाई भी ब्रांड नाम वाली दवाओं की तरह प्रभावशाली होती हैं. कोई भी इन दवाइयों को बिना किसी चिंता के ले सकता है.

आखिर क्यों सस्ती होती हैं जेनेरिक दवाएं (Why Generic Drugs Cheaper than Branded Medicine)

दरअसल, जेनेरिक दवाएं इसलिए सस्ती होती हैं, क्योंकि इसके निर्माता इन दवाइयों या फिर अपनी कंपनी के विकास और अपने प्रचार प्रसार पर ज्यादा खर्चों नहीं करते हैं. जबकि कोई भी ब्रांड वाली कंपनी बाजार में अपने प्रचार पर अधिक खर्चा करती है, जिससे इनकी दवाइयों के दाम भी ज्यादा होते हैं. इसके अलावा इन दवाईयों का कितना दाम रखा जाए इसका फैसला लेने में सरकार की अहम भूमिका होती है. इसलिए कोई चाहकर भी इन दवाइयों के दाम नहीं बढ़ा सकता है.

प्रधानमंत्री जन औषधि अभियान का लक्ष्य (Aim of Pradhan Mantri Jan Aushadhi Scheme in hindi)

वहीं प्रधानमंत्री जन औषधि अभियान का सबसे महत्वपूर्ण काम जनता को जेनेरिक दवाइयों के प्रति जागरूक करना है और ये बताना है कि ये दवाईयां भी ब्रांड वाली दवाईयों के जैसे ही होती हैं. साथ ही इसकी क्वालिटी में किसी तरह का समझौता नहीं किया जाता है और ये आपको मार्केट में आसानी से उपल्बध भी हैं.

लोगों को कितना होगा फायदा (Benefits)

अक्सर डॉक्टर पैसे कमाने के चक्कर में मरीजों को ब्रांड वाली दवाई लेने को कहते हैं, ऐसा करने से उनको उस दवाई की कंपनी की ओर से अच्छे खासे पैसे मिलते हैं. वहीं अगर आप जेनेरिक दवाई लेते हैं तो आपको ये दवाई ब्रांड वाली दवाई से 60 से 70 फीसदी तक कम कीमत पर मिल जाएगी.

कौन करता हैं जन औषधि योजना का सञ्चालन  (Responsible of Jan Aushadhi Scheme):

फार्मास्युटिकल्स विभाग ने एक स्पेशल विभाग बनाया हैं जिसे ब्यूरो ऑफ फार्मा पीएसयू ऑफ इंडिया (बीपीपीआई) के नाम से जाना जाता है. यह सभी जन औषधि अभियान की देख रेख करती हैं. साथ ही जनता को इसके प्रति जागरूक करती हैं इसके फायदे, नुकसान बताती हैं और समय पर दवायें उपलब्ध कराती हैं. साथ ही जन औषधि शॉप के लिए उचित उम्मीदवारों को तैयार कर उन्हें इस जेनेरिक दवाओं की पूरी जानकारी देती हैं. बीपीपीआई पुरे देश में जन औषधि का प्रचार प्रसार कर मार्केटिंग भी करती हैं.

बीपीपीआई का कार्य  (BPPI Work for PMJAY)

ब्यूरो ऑफ फार्मा पीएसयू ऑफ इंडिया (बीपीपीआई) की स्थापना 2008 में भारत सरकार द्वारा की गई थी. बीपीपीआई डिपार्टमेंट ऑफ फार्मास्युटिकल्स के अंतर्गत कार्य करता है. वहीं बीपीपीआई के कार्यों के बारे में नीचे जानकारी दी गई है, जो कि इस प्रकार है-

  • जेनेरिक दवाई के बारे में बताना- जेनेरिक दवाइयों को लेकर लोगों के बीच काफी सारी गलतफहमियां है. जैसे कि इसकी क्वालिटी में कमी होना या फिर ब्रांड वाली दवाई के मुकाबले कम असरदार होना. लोगों की इन्हीं गलतफहमियों को दूर करना और उनको जेनेरिक दवाई के लिए जागरूक करना बीपीपीआई का कार्य है.
  • जन औषधि केंद्र खोलना- बीपीपीआई का मुख्य काम देशभर में जितने हो सके उतने जन औषधि केंद्रों को खोलना है. ज्यादा से ज्यादा केंद्रों को खोलने से लोगों को आसानी से, कहीं से भी सस्ती दवाईयां मुहैया हो सकेंगी.
  • जन औषधि केंद्रों का प्रचार- अगला जो कार्य बीपीपीआई का है वो है देश में इस योजना के तहत जो केंद्र खोले जा रहे हैं. उनके बारे में प्रचार करना और लोगों को जेनेरिक दवाईयों के बारे में सही जानकारी देना.
  • सही उम्मीदवार का चुनाव- बीपीपीआई का जो अगला कार्य है वो सही उम्मीदवार का चयन करना है. इन केंद्रों को खोलने के लिए जिन लोगों द्वारा बीपीपीआई में आवेदन किए गए हैं, उनमें से सही व्यक्ति का चुनाव बीपीपीआई द्वारा ही किया जाएगा.
  • सही तरह है केंद्रों का संचालन- सही उम्मीदवार का चयन करने के बाद उस उम्मीदवार द्वारा खोले गए जन औषधि केंद्र में सही तरह से कार्य हो रहा है कि नहीं इसको देखने की भी जिम्मेदारी बीपीपीआई की है.

जन औषधि केंद्र के लिए आवेदन कौन-कौन कर सकता है ( Eligible Criteria For Opening Jan Aushadhi Store)

अगर अपने बी फार्मा और डी फार्मा की पढ़ाई कर रखी है, तो आप ये केंद्र खोलने के लिए आवेदन कर सकते हैं. इसके अलावा कोई भी चेरिटेबल ट्रस्ट या फिर एनजीओ भी इसके लिए आवेदन कर सकते हैं. बस उनको किसी बी फार्मा और डी फार्मा डिग्रीधारी व्यक्ति को इस केंद्र की जिम्मेदार देनी होगी.

  • औषधि स्टोर खोलने के लिए आवेदक के पास पर्याप्त जगह होना, चाहिये जो कि किराए की हो सकती हैं.
  • स्टोर के लिए 120 sq ft की जगह होना चाहिये, जिसका निर्णय बीपीपीआई स्वयं विजिट करके लेती हैं.
  • आवेदक के पास फार्मिस्ट का सर्टिफिकेट होना चाहिये.
  • आवेदक के पास रिटेल ड्रग लाइसेंस एवम टिन नंबर होना चाहिये.
  • आवेदक की हालत अच्छी होनी चाहिये, उसका टैक्स फाइल होना चाहिये. पिछले तीन साल का सभी फाइनेंसियल ब्यौरा सही होना चाहिये. जिसका परिक्षण बीपीपीआई द्वारा किया जायेगा.

केंद्र खोलने का स्थान (Place to Open Jan Aushadhi medical stores )

अगर आप जन औषधि केंद्र खोलने का सोच रहे हैं, तो आपके पास कम से कम 120 वर्ग फीट की एक दुकान होनी चाहिए. इतना ही नहीं उद्यमियों, फार्मासिस्ट और डॉक्टर में से कोई भी अस्पताल के परिसर के बाहर या किसी अन्य उपयुक्त जगह पर जन औषधि केंद्र खोल सकता है. जन औषधि केंद्र को देश के हर शहर में खोलने के लिए इस योजना का खूब प्रचार भी किया जा रहा है. बीपीपीआई द्वारा कोशिशें की जा रही है कि इन स्टोरों को रेलवे, बस, सरकारी दफ्तर के पास वाली जगह पर भी खोला जाए. इसके लिए बीपीपीआई, राज्य सरकार से बात कर रही है कि वो इन जगहों पर स्टोर खोलने के लिए स्थान मुहैया करवाएं.

विभिन्न श्रेणी के लिए जन औषधि केंद्रर खोलने के लिए दिशा निर्देश (Opening of Jan Aushadhi Stores Guidelines)-

अगर आप अपना जन औषधि केंद्र खोलना चाहते हैं, तो नीचे बताए गए लिंक पर जाकर आपको इससे जुड़ी सारी जानकारी प्राप्त हो जाएगी. इस लिंक पर दिशा-निर्देश और आवेदन फॉर्म से जुड़ी जानकारी आपको मिल जाएगी.

जन औषधि केंद्र खोलने के लिए आवेदन या पंजीकरण प्रक्रिया (How to apply or register for Jan Aushadhi Stores in hindi)

इस योजना को सफल बनाने के लिए सरकार द्वारा पहले जो शुल्क लिया जा रहा था, उस शुल्क को अब खत्म कर दिया गया है. साथ ही इससे जुड़े फॉर्म को भी सरल तरीके से बनाया गया है ताकि किसी को भी इसे भरने में किसी तरह की कोई परेशानी ना हो. आप अगर इस योजना के तहत अपना कोई स्टोर खोलना चाहते हैं, तो नीचे बताए गए लिंक पर जाकर आप अपना पंजीकरण करवा सकते हैं.

http://janaushadhi.gov.in/online_registration.aspx

जन औषधि केंद्र खोलने के लिए जरूरी दस्तावेज (Required Documents for JAY)

  • आधार कार्ड- अगर आप जन औषधि केंद्र खोलने के लिए आवेदन करते हैं, तो आपके पास आधार कार्ड होना जरूरी है. आवेदनकर्ता से फॉर्म के साथ आधार कार्ड मांगा गया है, जो की देना अनिवार्य है.
  • पैन कार्ड– जो अगला दस्तावेज आवेदकों से मांग गया है वो है पैन कार्ड. फॉर्म के साथ आपको अपने पैन कार्ड की एक फोटो कॉपी लगानी होगी. वहीं अगर अभी तक आपके द्वारा अपना पैन कार्ड नहीं बनवाया गया है तो इस तुरंत बना लें.
  • प्रमाण पत्र- अगर कोई संस्थान, NGO, हॉस्पिटल, या फिर कोई चैरिटेबल ट्रस्ट जन औषधि केंद्र खोलना चाहता है तो उसके पास आधार कार्ड,  पैन कार्ड के अलावा, संस्थान का प्रमाणपत्र एवं पंजीयन प्रमाण पत्र होना जरूरी है.

कौनसी दवाई के नाम और दाम , जो जन औषधि के अंतर्गत आती हैं  (Generic medicines list in India )

BPPI ने अधिकतर दवायें जन औषधि के अंतर्गत शामिल की हैं जिसके जरिये गरीब लोग आसानी से अपना इलाज करवा सके. कौन सी दवायें जन औषधि में शामिल की गई हैं कुछ दवाओ के जेनेरिक नाम, यूनिट, मैक्सिमम रिटेल प्राइज एवम अन्य केटेगरी नीचे दी गई हैं जिन्हें इस वेबसाइट से ही लिया हैं.

जेनेरिक नामयूनिटMRPकेटेगरी
Aceclofenac + Paracetamol (100 mg + 500mg) Tab10’s10.00ANALGESIC/ ANTI-INFLAMMATORY/ MUSCLOSKELETAL DISORDER
Aceclofenac 100 mg Tab10’s8.00ANALGESIC/ ANTI-INFLAMMATORY/ MUSCLOSKELETAL DISORDER
Aceclofenac Gel10’s30 gmANALGESIC/ ANTI-INFLAMMATORY/ MUSCLOSKELETAL DISORDER
Acetaminophen + Tramadol Hydrochloride (325 mg + 37.5 mg) Tab10’sPUR*ANALGESIC/ ANTI-INFLAMMATORY/ MUSCLOSKELETAL DISORDER
Asprin 150 mg Tab10’sPUR*ANALGESIC/ ANTI-INFLAMMATORY/ MUSCLOSKELETAL DISORDER

कोई शुल्क नहीं देना होगा

आपको जन औषधि केंद्र को खोलने के लिए किसी तरह का भी शुल्क किसी को भी नहीं देना होगा. वहीं अगर कोई व्यक्ति आप से बीपीपीआई से जुडी किसी भी सेवा के लिए पैसे मांगता है, तो इसकी सूचना आप तुरंत बीपीपीआई डिपार्टमेंट से करें. बीपीपीआई द्वारा उस व्यक्ति के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जाएगी.  

देश में खोले गए केंद्र (Jan Aushadhi kendra)

इस योजना के तहत देशभर में अभी तक 850 से अधिक प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि केंद्र खोले जा चुके हैं और उम्मीद की जा रही है कि आनेवाले समय में इनकी संख्या और बढ़ जाएगी. वहीं अगर आप अपने घर के पास खोले गए इन केंद्रों का पता करना चाहते हैं, तो इससे जुड़ी जानकारी आपको

http://janaushadhi.gov.in/ लिंक पर जाकर मिल जाएगी.

कितना होगा मुनाफा

इस योजना के मुताबिक अगर कोई व्यक्ति ये केंद्र खोलता है तो उसे सरकार द्वारा एक साल तक इनकम दी जाएगी. साल में होने वाली सेल की 10 फीसदी राशि सरकार की तरफ से इन्सेंटिव के तौर पर भी दी जाएगी. वहीं अगर कोई नक्सली प्रभावित जगह पर ये स्टोर खोलता है तो उसे 15 फीसदी तक मार्जिन मिलेगा. वहीं इन्सेंटिव राशि नक्सल प्रभावित इलाके में 15 हजार रुपए होगी.

जन औषधि स्टोर के लिए सरकार द्वारा की जाने वाली मदद  (Government Contribution For Scheme):

  • जन औषधि स्टोर ओपन (Jan Aushadhi Scheme) करने के लिए सरकार स्टोर मालिको को यह कार्य शुरू करने के लिए 2 लाख रूपये देगी साथ ही कंप्यूटर जैसे हार्डवेयर लगाने के लिए 50हजार रूपये की मदद की जाएगी.
  • जन औषधि स्टोर मालिको के लिए दवायें MRP से 16 % कम में दी जाएँगी. जहाँ से मालिक सीधे कमाई कर सकते हैं.

इसके अलावा सरकार की जाने वाली बिक्री के अनुसार इंसेंटिव भी देगी.

सरकार द्वारा जेनेरिक दवाई को लेकर लोगों के प्रति जागरूकता फैलने के लिए ये जो कदम उठाया गया है वो काफी महत्वपूर्ण कदम है. ऐसा करने से उन डॉक्टरों पर लगाम लगाई जा सकेगी, जो कि पैसा कमाने के चक्कर में अक्सर मरीजों को महंगी दवाई के नाम लिखकर देते हैं. इस कदम से अब लोगों को पता होगा की बाजार में सस्ती दवाईयां भी मौजूद हैं. इतना ही नहीं किसी भी व्यक्ति का उसके इलाज में होनेवाले खर्चे में भी उसे काफी राहत मिलेगी. वहीं अगर इसके केंद्र की बात की जाए तो, इस योजना से कई लोगों को रोजगार भी मिलेगा. 

जन औषधि के अंदर सरकार ने बायोग्रेडबल सेनेटरी पैड सुविधा शुरु की है. ये पैड 2.5 रुपय में इन केंद्र में मिलेंगे.

अन्य पढ़े ;

Leave a Comment