टेल्गो ट्रेन की गति विशेषताएं और विस्तृत विवरण | Talgo Fastest Train in hindi
टेल्गो ट्रेन की गति – 180 कि. मी. प्रति घंटे
स्पेनिश तकनीक के आधार पर बनाई गयी ‘टेल्गो’ नामक ट्रेन भारत की सबसे तीव्र गति से चलने वाली ट्रेन बन चुकी हैं. रेल्वे अधिकारियों द्वारा हाल ही में किये गये परीक्षणों में टेल्गो ट्रेन ने 180 कि. मी. प्रति घंटे की रफ़्तार से चलने का नया रिकार्ड बनाया हैं. RDSO [रिसर्च डिज़ाइन एंड स्टैंडर्ड्स डिज़ाइन], जो कि रेल्वे का ही एक डिपार्टमेंट हैं, इसके द्वारा लिए गये परिक्षण में इस स्पेनिश संरचना टेल्गो ट्रेन ने रफ़्तार के नए कीर्तिमान स्थापित किये हैं. इस परिक्षण को देखने वाले रेल्वे के सभी उच्च अधिकारीयों द्वारा यह घोषणा की गयी कि इस प्रकार इतनी तीव्र गति से चलने वाली ट्रेन के द्वारा मदुरा से पलवल के बीच की यात्रा का समय बड़े ही नाटकीय रूप से [Dramatically] कम हो जाएगा और वास्तव में ऐसा ही हुआ. इन दोनों स्थानों के बीच की दूरी हैं – 84 कि. मी. और टेल्गो ने इसे गतिमान एक्सप्रेस के रिकॉर्ड को तोड़ते हुए मात्र 38 मिनिट्स में तय किया.
टेल्गो – भारत में सर्वाधिक तीव्र गति से चलने वाली ट्रेन : गति, विशेषताएं और विस्तृत विवरण
Talgo Fastest Train in hindi
इस परिक्षण के पूर्ण होने के बाद रेल्वे के अधिकारीयों द्वारा दी गयी जानकारियों के अनुसार, इस ट्रेन पर अभी और भी परिक्षण किये जाने हैं, जो कि 26 जुलाई तक पूरे हो जाएँगे, जो कि टेल्गो को उसकी योग्यता के संबंध में और भारतीय रेल्वे ट्रैक पर उतारने से पहले किये जाने हैं.
टेल्गो ट्रेन के संबंध में जानकारी [Information about Talgo Train]-:
टेल्गो ट्रेन अपने अनूठे और हल्के वजन वाले डिज़ाइन के कारण प्रसिद्ध हुई हैं, जिसे एल्युमिनियम के द्वारा बनाया गया हैं. साथ ही इसे यात्रियों द्वारा भी इसीलिए पसंद किया जा रहा हैं क्योंकि उन्होंने इसमें हवा की आवाजाही [Air Circulation] को महसूस किया हैं. टेल्गो ट्रेन की सभी बोगियों को कुछ इस प्रकार डिज़ाइन किया गया हैं कि जब ट्रेन अपनी तीव्र गति के साथ मुड़े [Turn] तो कोई परेशानी न हो और लचीलापन [Flexibility] बना रहें.
टेल्गो ट्रेन की इन विशेषताओं और लाभों को देखते हुए, भारतीय सरकार और रेल्वे बोर्ड ने इसे खरीदने में अपनी रूचि दिखाई हैं. इसके परिणाम स्वरुप पिछले साल लगभग जुलाई में, टेल्गो की कार्य प्रणाली [Functioning] का प्रदर्शन भारतीय रेल्वे ट्रैक, मुंबई से दिल्ली तक करने के लिए, इसकी सिरीज़ 9 को भारत लाया गया था.
टेल्गो ट्रेन में 9 कोच हैं, जिसमे पॉवर कार और टेल [Tail] बोगी सम्मिलित हैं, जो टेल्गो को भारतीय लोकोमोटिव [Locomotive] से जोड़ती हैं और जो WDP 4 डीज़ल इंजिन के साथ तैयार की गयी हैं, जिसके द्वारा इसे 4500 हॉर्स पॉवर की शक्ति मिलती हैं, अतः इस कारण टेल्गो की गति के संबंध में कोई प्रश्न ही उत्पन्न नहीं होता. खास बात यह हैं कि इसका डीज़ल इंजिन वाराणसी रेल्वे प्लांट में तैयार किया गया हैं.
टेल्गो ट्रेन : एक नज़र में [Talgo Train : At a glance] –
टेल्गो | स्पेन में तैयार की गयी मुख्य ट्रेन |
टेल्गो प्रतिनिधित्व करती हैं | TrenArticuladoLigeroGoicoecheaOriol |
टेल्गो की अधिकतम गति | 250 कि. मी. प्रति घंटा |
भारतीय रेल की तुलना में | अपेक्षाकृत कम वजन और तेज गति |
रख रखाव [Maintenance] | सरल और साधारण |
टेल्गो ट्रेन में सुधार | शावरिंग यूनिट के साथ यात्रियों के लिए इन – हाउस रेस्टोरेंट्स |
भारतीय टेल्गो ट्रेन में कोच की संख्या | पॉवर कोच और टेल कोच को मिलाकर कुल 9 कोच |
टेल्गो ट्रेन द्वारा ऊर्जा की खपत | साधारण ट्रेन की तुलना में 30% कम |
टेल्गो ट्रेन की ख़ासियत | मध्य एशियाई देशों में तीव्र गति से चलने वाली प्रथम ट्रेन |
टिकट मूल्य | राजधानी एक्सप्रेस की तुलना में अधिक |
मदुरा से पलवल के बीच टेल्गो ट्रेन द्वारा तय किया गया सफ़र [Talgo’s Journey between Madura to Palwal] -:
मदुरा से पलवल के बीच तय किये गये अपने पहले सफ़र में टेल्गो ने 120 कि. मी. प्रति घंटे की रफ़्तार क़ायम की और फिर इसके बाद यह तय किया गया कि इसकी गति को प्रतिदिन 10 कि. मी. प्रति घंटे की रफ़्तार से बढ़ाया जाये.
इसके बाद मंगलवार को टेल्गो ने 170 कि. मी. प्रति घंटे तक अपनी गति बढाई. अपने परिक्षण के पांचवे दिन टेल्गो द्वारा 84 कि. मी. का यह सफ़र, मात्र 38 मिनिट्स में पूरा कर लिया गया. इसके बाद 9 जुलाई से इसका दूसरा चरण प्रारंभ हुआ.
इसके अलावा, टेल्गो का अगला चरण होगा – मुंबई से मदुरा तक का सफ़र. वास्तव में टेल्गो ट्रेन को इसी उद्देश्य के साथ बनाया गया हैं कि यह हमारे देश की राजधानी दिल्ली को हमारी वित्तीय राजधानी मुंबई से जोड़ सकें. यह चरण 220 कि. मी. प्रति घंटे की रफ़्तार पर आयोजित किया जाएगा, यह निर्धारित करने के लिए कि इस ट्रेन द्वारा 1400 कि. मी. की दूरी तय करने में न्यूनतम और अधिकतम कितना समय लगता हैं.
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