विद्यांजली योजना 2023 | Vidyanjali yojana details in hindi

विद्यांजली योजना Vidyanjali yojana details in hindi 

क्या  आपको  हमारे  देश  के  सरकारी  विद्यालयों  की  दशा  देखकर  दया  आती  हैं ?  क्या  आप  देश  की  शिक्षण  दशा  को  देखते  हुए  इसके  विकास  में  अपना  योगदान  देना  चाहते  हैं, परन्तु  आप  सरकार  द्वारा  निर्धारित  शिक्षण  मानकों  के  कारण  ऐसा  करने  में  असमर्थ  हैं ?  अगर  इनसे  से  किसी  भी  प्रश्न  का  उत्तर  ‘ हाँ ’  में  हैं,  तो  सरकार  ने  इसके  उपाय  में  एक  नयी  योजना  शुरू  की  हैं. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के द्वारा सुरक्षित मातृत्व योजना के जैसे ही जनधन योजना के अंतर्गत एक योजना लागु की है, जिसका नाम है विद्यांजली  योजना | मानव  संसाधन  विकास  मंत्रालय  [ HRD  Dept. ]  ने  “ विद्यांजली  योजना ” नामक  एक  नयी  योजना  शुरू  की  हैं,  जिसके  अंतर्गत  अब  लगभग  सभी  इच्छुक   व्यक्ति  सरकारी  विद्यालयों  में  पढ़ा  सकते  हैं.  आइये  इसके  बारे  में  विस्तार  से  जानकारी  प्राप्त  करते  हैं.

विद्यांजली  योजना की जानकारी [ Vidyanjali yojana Details in hindi ]

Vidyanjali Yojana

विद्यांजली  योजना  विवरण/ आवेदन  प्रक्रिया/  चयन  प्रक्रिया/  योग्यता/  बिना  शिक्षक  बने  बच्चों  को  पढ़ाना

विद्यालय  स्वयं – सेवी  कार्यक्रम ( School self – savvy program)

मौलिक  रूप  से  विद्यांजली  योजना  मानव  संसाधन  विकास  मंत्रालय  द्वारा  प्रारंभ  किया  गया  एक  विद्यालय  स्वयं – सेवी  कार्यक्रम  हैं,  जिसका  उद्देश्य  सरकारी  विद्यालयों  में  निजी  क्षेत्रों  एवं  समाज  की  मदद  से   शिक्षा  की  गुणवत्ता  को  सुधारना  हैं.  चाहे  आप  एक  सेवा – निवृत्त  सरकारी  कर्मचारी  हो,  NRI  हो,  सेना  से  सम्बंधित  व्यक्ति  हो  अथवा  चाहे  आप  गृहणी  हो,  यह  कार्यक्रम  आपको  किसी  भी  सरकारी  विद्यालय  में  अपना  मनचाहा  विषय  पढ़ाने की  अनुमति  देता  हैं.

विद्यांजली  योजना  का  लक्ष्य  (Vidyanjali scheme Aim)-

हमारे  देश  में  सरकारी  प्राथमिक  शालाओं  में  शिक्षा  की  गुणवत्ता  का  क्या  स्तर  हैं,  यह  बात  किसी  से  भी  छुपी  नहीं  हैं  और  देश  में  ऐसे  लोगों  की  कमी  नहीं  हैं,  जो  लम्बे  समय  से  इस  स्तर  को  सुधारने  के  लिए  सरकार  को  आवेदन  कर  रहे  हैं,  साथ  ही  इस  शिक्षण  कार्य  में  अपना  योगदान  की  भी  इच्छा  रखते  हैं.

अतः  सरकार  ने  इन  लोगों  की  प्रार्थना  सुनी  और  ऐसी  योजना  बनाई.  यह  योजना  इस  प्रकार  बनाई  कि  यह  स्वयं – सेवी  लोगों  को  उन  शालाओं  से  जोड़े,  जहाँ  इनके  कार्यों  की  आवश्यकता  सर्वाधिक  हैं.  इस  योजना  के  अंतर्गत  उन  क्षेत्रों  को  शामिल  किया  गया  हैं,  जहाँ  शिक्षा  की  अधिक  जरुरत  हैं,  उन्हें  सामर्थ्य – वान  बनाने  का  प्रयास  किया  जाना  ज्यादा  जरुरी  हैं.

विद्यांजली  योजना  की  मुख्य  बातें  (Vidyanjali yojana important points)-

विद्यांजली  योजना  की  कुछ  मुख्य  बातें  हैं,  जो  इसे  खास  बनाती  हैं,  उदाहरण  के  तौर  पर -:

  • योग्यता (Eligibility) -: इस योजना  में  हिस्सा  लेने  के  लिए  योग्यता  का  कठोर  मापदंड  नहीं  हैं,  जैसा  कि  नियमित सरकारी  शिक्षकों  की  नियुक्ति  के  लिए  होता  हैं.
  • नियमित शिक्षकों  की  भर्ती  पर  कोई  असर  नहीं (Does it affect the normal teacher jobs in country)-: चूँकि  इस  योजना  के  अंतर्गत  लोग  अपनी  इच्छा  से  स्वयं – सेवक  के  रूप  में  कार्य  करते  हैं,  परन्तु  इससे  नियमित  शिक्षकों  की  भर्ती  पर  कोई  असर  नही  पड़ेगा. सरकार  द्वारा  यह  पहले  ही  स्पष्ट  किया  जा  चुका  हैं  कि  कक्षा  के पाठ्यक्रम  को  पूरा  कराने  की  जिम्मेदारी  नियमित  शिक्षकों  की  ही  होगी,  इस  कार्य  के  लिए  इस  योजना  द्वारा  जुड़े  स्वयंसेवी  शिक्षक  जिम्मेदार  नहीं  होंगे.  इस  योजना  में  जुड़े  स्वयंसेवी  शिक्षक  नियमित  शिक्षकों  के  साथ  ही  काम  करते  हैं,  परन्तु  वे  नियमित  शिक्षकों  का  प्रतिस्थापन्न  नहीं  हैं.
  • विषय एवं  विद्यालय  की  स्वतंत्रता -: इस  योजना  के  अंतर्गत  कार्यरत  स्वयंसेवी  शिक्षक  मनचाहे  विद्यालय  में  अपनी  रूचि  का  विषय  पढ़ा  सकते  हैं  और  अपनी  सुविधा  के  अनुसार  इन्हें  विद्यालय  और  विषय  चुनने  की  स्वतंत्रता  होती  हैं.

इन  विशेषताओं  को  देखते  हुए  ये  कहा  जा  सकता  हैं  कि  लोगों  को  इस  योजना  से  जुड़ने  में  कोई  परेशानी  नहीं  होगी  और  वे  अपनी सेवाएँ  आसानी  से  दे  पाएँगे.

विद्यांजली  योजना  को  लागू  करना (Who can join the vidyanjali scheme) -:

भारत  सरकार  द्वारा  इस  योजना  को  21  जिलों  में  2200  सरकारी  विद्यालयों  में  लागू  किया  जा  चुका  हैं.  इस  कार्यक्रम  में  प्राथमिक  शिक्षा,  जो  कि  कक्षा  1  से  कक्षा  8  तक  होती  हैं,  को  शामिल  किया  गया  हैं.  वो  विद्यालय  जो  इस  कार्यक्रम  में  हिस्सा  लेना  चाहते  हैं,  उन्हें  निम्न – लिखित  मूलभूत  आवश्यकताओ  को  पूर्ण  करना  होगा,  तभी  वे  इस  कार्यक्रम  में  भाग  ले  सकेंगे -:

  • विद्यालय एक  पक्की  इमारत  में  हो  और  उसमें  बच्चों  के  लिए  प्रसाधन  सुविधा [ Toilet ] उपलब्ध  हो.
  • इन्टरनेट की   सुविधा  होना  चाहिए,
  • पूर्णकालीन प्रधान  अध्यापक  हो,
  • अगर कन्या  शाला  हैं  या  सह – शिक्षा [ Co – Ed System] प्रणाली  हो, तो  वहाँ  कम –से – कम  एक  महिला  शिक्षक  अवश्य  होना  चाहिए,
  • RTE नॉर्म्स  के  अनुसार  PTR  होना  चाहिए.

विद्यांजली  योजना  में  शामिल  होने  हेतु  स्वयंसेवियों  में  आवश्यक  योग्यता (Vidyanjali yojana eligibility Criteria):

  • विद्यांजली योजना  स्वयंसेवी  कौन  बन  सकता  हैं विद्यांजली  योजना  में  शामिल   होने  हेतु  बहुत  कठोर  नियम  या  अतिरिक्त  योग्यता  की  आवश्यकता  नहीं  हैं.  सरकार  द्वारा  बस  यह  देखा  जाता  है  कि  वह  स्वयंसेवी  अपने  विषय  में  पारंगत  हो.  इस  हेतु  निम्न  योग्यता  देखी  जाती  हैं -:
श्रेणीन्यूनतम  योग्यता
गृहिणीउच्च  शिक्षा  [ हाई  स्कूल ]
भारतीय  प्रवासी [Diaspora]  के  लोगकक्षा  12
सेवा – निवृत्त / पेशेवर व्यक्तिस्नातक
NRIOCI  कार्ड

उपरोक्त  वर्णन  से  यह  तो  स्पष्ट  हो  जाता  हैं  कि  इसमें  बहुत  से  लोग  जुड़े  हैं  अथवा  जुड़  सकते  हैं,  जिनमें  ग्रामीण  लोगों  से  लेकर  NRI  तक  शामिल  हैं  और   इनकी  सूचि  तो  अंत – हीन  हैं.  इस  कार्यक्रम  का  क्षेत्र  बहुत  ही  विशाल  हैं,  जो  विभिन्न  प्रकार  के  लोगों  को  आपस   में  जोड़ता  हैं.

विद्यांजली योजना  से  किस  प्रकार  जुड़ा  जा  सकता  हैं ? (What is the process of joining the vidyanjali scheme)-

अगर  आप  उपरोक्त  वर्णित  न्यूनतम  योग्यता  रखते  हैं  और  इस  प्रोग्राम  द्वारा  अपनी  सेवाएँ  देने  के  इच्छुक  हैं,  तो  आप  अग्र – लिखित  चरणों  में  आवेदन  कर  इस  योजना  से  जुड़  सकते  हैं -:

  • MyGov.in पोर्टल या मोबाइल  एप  पर  login  करे.  अगर  आप  इस  पर  रजिस्टर्ड  नहीं  हैं,  तो  पहले  स्वयं  को  रजिस्टर  करे.
  • आपके क्षेत्र में  जिन  विद्यालयों  में  स्वयंसेवी  शिक्षकों  की  जरुरत  होगी,  वे  इस  पोर्टल  पर  दिखाई  देंगे.  आप  इनमे  से  अपनी  सुविधानुसार  विद्यालय  का  चयन  कर  सकते  हैं.

विद्यांजली योजना  में  चयन  प्रक्रिया  (Vidyanjali yojana registration process):

आपके  द्वारा  जमा  किये  गये  आवेदन  को  BEO  [ ब्लोक  एजुकेशन  ऑफिसर ]  देखेगा  और  यह  ऑफिसर  उस  क्षेत्र  का  होगा,  जहाँ  विद्यालय  स्थित  हैं. BEO  तथा  शाला  प्रधान  अध्यापक  आवेदन  पर  विचार  करने  के  पश्चात्  आपको  एक  स्वयंसेवी  शिक्षक  के  रूप  में  वहाँ  पढ़ाने  की  अनुमति  दे  सकते  हैं.

 इस  प्रकार  चयन  होने  पर  उस  स्वयंसेवी  शिक्षक  को  कम – से – कम  12  दिन  पढ़ाना  होगा.  अब  ये  12  दिन  चाहे  वह  लगातार  पढ़ाकर  दो  हफ्तों  में  पूरा  कर  ले  अथवा  हर  हफ्ते  में  एक  दिन  पढ़ाकर  इसे  12  हफ्तों  में  पूरा  करें,  यह  पूर्णतः  उस  स्वयंसेवी  शिक्षक  की  इच्छा  और  सुविधा  पर  निर्भर  करता  हैं.  इन  12  हफ्तों  के  बाद  वह  फिर  से  ऑनलाइन  आवेदन  करके  अपनी  सेवाओं  का  समय  बढ़ाने  की  मांग  कर  सकता  हैं.

विद्यांजली योजना  में  स्वयंसेवी  शिक्षकों  की  जिम्मेदारी :

चूँकि  यह  योजना  सेवा – भाव  को  ध्यान  में  रखते  हुए  बनाई  गयी  हैं,  जिसके  लिए  स्वयंसेवकों  को  किसी  भी  प्रकार  से  आर्थिक  रूप  से  कोई  भुगतान  नही  किया  जाता  हैं.  बल्कि  उनकी  जिम्मेदारियाँ  हैं,  जिनमे  बच्चों को  शिक्षित  करने  के  साथ  ही  उन्हें  सभी  या  निम्न  में  से  कोई  भी  विषय  में  [ अपनी  रूचि  के  अनुसार ]  बच्चों  को  ज्ञान  देना  होता  हैं -:

  • लोगों के सामने  अपने  विचार व्यक्त  करने  की  कला, अभिनय, सर्जनात्मक  और  रचनात्मक  हस्तलेखन  की  कला,  संगीत,  नृत्य  एवं  अन्य  रचनात्मक  गतिविधियाँ
  • खेल – कूद या कोई  अन्य  मनोरंजक  गतिविधि,
  • कसरत, योग और  कोई  अन्य  स्वास्थ्य  सम्बन्धी  गतिविधियाँ,
  • शैक्षणिक और पेशेवर  जीवन  के  लिए  काउंसलिंग  करना,  आदि

विद्यांजली योजना  के  लाभ  (Vidyanjali yojana benefits):

  • ऐसे लोग, जो  विभिन्न  शैक्षणिक  योग्यता  रखते  हैं,  और  अन्य  क्षेत्रों  में  भी  जानकारी  देने  को  सेवा  भाव  से  तत्पर  हैं;  इस  प्रकार  के  लोगों  द्वारा  बच्चों  को  विविध  क्षेत्रों  का  ज्ञान  उपलब्ध  कराना,  ये  देश  के  विकास  में  एक  महत्व – पूर्ण  चरण  साबित  हो  सकता  हैं.
  • चूँकि इस योजना  में  लोग  स्वयंसेवक  के  रूप  में  जुड़ते  हैं,  अतः  विद्यालयों  एवं  सरकार  पर  बिना  आर्थिक  रूप  के   भार  बढ़ाये  बच्चों  में  अनेक  हुनर  विकसित  किये  जा  सकते  हैं  और  उनके  व्यक्तित्व  को  निखारा  जा  सकता  हैं.  साथ  ही  इससे  बच्चों  में  रोजगार  में  मददगार  शिक्षा  देकर  उनके  भविष्य  को  भी  उज्जवल  बनाने  का  प्रयास  किया  जा  सकता  हैं.

यह  विस्तृत  क्षेत्र  में  प्रारंभ  की  गयी  योजना  हैं,  जिसका  लाभ  कुछ  सीमा  तक  मिल  चुका  और  बहुत  कुछ  लाभ  मिलना  अभी  बाकी  हैं.

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