राष्ट्रीय शिक्षा दिवस 2024 निबंध, भाषण, महत्व, पढाई का महत्व पर निबंध (Significance of Education and National Education Day Essay in hindi)
शिक्षा आज के समय लोगों के जीवन का बहुत ही अहम् हिस्सा बन चुकी है. इसके बिना कोई भी व्यक्ति कुछ भी नहीं है. देखा जाये तो पहले के समय से अब के समय में बहुत अधिक फर्क है. पहले पढ़ाई का उतना ज्यादा महत्व नहीं दिया जाता था. किन्तु आज शिक्षा है आप है नहीं तो आपकी कोई वैल्यू नही है. आज के समय में राष्ट्रीय शिक्षा दिवस भी मनाया जाता है, ताकि जो लोग इसे अभी भी कम समझते हैं वे इससे जागरूक हों, और इसे अपने जीवन का अहम् हिस्सा बनाये. आज इस लेख में हम आपको शिक्षा के महत्व एवं राष्ट्रीय शिक्षा दिवस से जुड़ी सभी जानकारी देने जा रहे हैं. इसे अंत तक पढिये.
Table of Contents
राष्ट्रीय शिक्षा दिवस (National Education Day)
नाम | राष्ट्रीय शिक्षा दिवस |
राष्ट्रीय शिक्षा दिवस की तारीख | 11 नवंबर |
मनाने का तरीका | प्रतिवर्ष |
कहाँ मनाया जाता है | भारत में |
पहला राष्ट्रीय शिक्षा दिवस | 11 नवंबर, सन 2008 |
इसकी घोषणा | मानव संशाधन विकास मंत्रालय द्वारा |
राष्ट्रीय शिक्षा दिवस क्या है (What is National Education Day)
शिक्षा आज के समय में बहुत आवश्यक है. आज लोगों को अपना बेहतर तरीके से जीवन जीना हैं, तो उनका शिक्षित होना बहुत जरुरी हैं. भारत में लोगों की शिक्षा के लिए अनेक पहलें की जाती रही है, ताकि लोग इसके महत्व को समझें और अपना भविष्य उज्ज्वल करने की ओर कदम बढ़ाएं. कुछ साल पहले केन्द्रीय मंत्रिमंडल द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर राष्ट्रीय शिक्षा दिवस मनाने का फैसला लिया गया. इस विशेष दिन लोगों को शिक्षा के महत्व के बारे में रूबरू कराया जाता है. इसे किस दिन और किस तरीके से मनाया जाता है इसकी पूरी जानकारी आप हमारे इस लेख के माध्यम से प्राप्त कर सकते हैं.
राष्ट्रीय शिक्षा दिवस कब मनाया जाता है (When it is Celebrated)
भारत को आजादी मिलने के बाद मौलाना अबुल कलाम आजाद ने भारत के प्रथम शिक्षा मंत्री के पद के रूप में कार्यभाल संभाला था. उन्हीं की याद में उनके जन्मतिथि के दिन यानी नवंबर महीने की 11 तारीख को राष्ट्रीय शिक्षा दिवस का आयोजन किया जाता है. इस वर्ष मौलाना आजाद की 130 वीं जयंती पर 11 वां राष्ट्रीय शिक्षा दिवस मनाया गया था.
राष्ट्रीय शिक्षा दिवस इतिहास (History and Why it is Started)
राष्ट्रीय शिक्षा दिवस की स्थापना सन 2008 में केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा की गई थी. उन्होंने इस दिन को मनाने की घोषणा भारत में शिक्षा के क्षेत्र में मौलाना अबुल कलाम आजाद के योगदान को याद करने के लिए उनके जन्मदिन 11 नवंबर के दिन की थी. दरअसल भारत के पहले शिक्षा मंत्री के रूप में आजाद ने मुफ्त प्राथमिक शिक्षा और उच्च शिक्षा के आधुनिक संस्थानों एआईसीटीई और यूजीसी के साथ राष्ट्रीय शिक्षा प्रणाली की स्थापना की थी. उन्हें भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों (आईआईटी), आईआईएससी और आर्किटेक्चर स्कूल की स्थापना का श्रेय भी दिया जाता है, इसे शुरू करने की योजना इन्हीं के दिमाग की उपज थी. यहाँ तक कि मौलाना आजाद ने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की नींव भी रखी थी, जो पूरे देश में उच्च शिक्षा की देखरेख और उन्नति के लिए एक महत्वपूर्ण संस्थान है.
मौलाना आजाद ने शिक्षा मंत्री के पद के लिए 11 साल तक सेवा दी थी. उन्होने भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ मुस्लिम नेता के रूप में कार्य किया था. अपने कार्यकाल के दौरान उनका मानना था कि शिक्षा हर एक व्यक्ति के लिए महत्वपूर्ण है. अतः प्रतिवर्ष मौलाना आज़ाद को सम्मान देने एवं उनके कार्यों को याद करने के लिए राष्ट्रीय शिक्षा दिवस मनाने की शुरुआत की गई.
राष्ट्रीय शिक्षा दिवस उद्देश्य (Objectives)
इन दिन को मनाने का उद्देश्य शैक्षिक संस्थानों को मजबूत करना और शिक्षा की गुणवत्ता को अधिक ऊँचाइयों तक पहुँचाना हैं. और इसे एक स्वतंत्र भारत में शिक्षा प्रणाली की नींव रखने के साथ – साथ इस क्षेत्र में हमारे मौजूदा प्रदर्शन का मूल्यांकन करने में मौलाना आजाद के योगदान को याद करने के अवसर के रूप में देखा जा सकता है. इसके साथ ही भारत में शिक्षा की वर्तमान स्थिति में सुधार करना और उन्हें शिक्षा के महत्व को समझाना भी इस दिन को मनाने के मुख्य उद्देश्यों में से एक है.
राष्ट्रीय शिक्षा दिवस 2024 (National Education Day 2024)
आने वाले साल यानि सन 2024 में 17 वां राष्ट्रीय शिक्षा दिवस मनाया जायेगा. इसे भी गतवर्ष की तरह 11 नवंबर को ही मनाया जायेगा, और इस दिन शिक्षा के बारे में देश के अलग – अलग क्षेत्रों में कई सारे आयोजन भी किये जायेंगे.
राष्ट्रीय शिक्षा दिवस कैसे मनाया जाता है (How to Celebrate it)
जिस तरह से हम भारत के पहले उप राष्ट्रपति सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती मनाने के लिए शिक्षक दिवस मनाते हैं, उसी तरह भारत के पहले शिक्षा मंत्री मौलाना आज़ाद के सम्मान में 11 नवंबर को राष्ट्रीय शिक्षा दिवस मनाया जाता है. इसे मनाने के तरीके के बारे में जानकारी इस प्रकार दर्शाई गई है –
- इस विशेष दिन को राष्ट्रीय अवकाश घोषित किये बिना शिक्षा दिवस के रूप में मनाया जाता है. हर साल इस दिन स्कूलों, विश्वविद्यालयों और विभिन्न शैक्षिक प्लेटफॉर्म जैसी संस्थानों में विभिन्न तरह के आयोजन किये जाते हैं.
- राष्ट्रीय शिक्षा दिवस मनाने के लिए वाद – विवाद, आर्टिकल लेखन, पोस्टर मेकिंग, ग्रुप डिस्कशन आदि जैसी प्रतियोगितायें आयोजित की जाती हैं.
- इसके अलावा छात्रों द्वारा मौलाना आजाद के जीवन पर आधारित प्रस्तुतियां भी दी जाती है, प्रेरणादायी भाषण दिए जाते हैं. इस तरह इस शुभ दिन पर इसी तरह के कई सांस्कृतिक कार्यक्रम भी किये जाते हैं.
- इस दिन विभिन्न स्कूलों के छात्रों द्वारा खेल प्रतियोगिता, कला प्रतियोगिता, नुक्कड़ – नाटक जैसी विभिन्न प्रतियोगिताओं का भी प्रदर्शन किया जाता है.
इस प्रकार इस दिन को बहुत ही उत्साह के साथ मनाया जाता है.
राष्ट्रीय शिक्षा दिवस कार्यक्रम (Events)
राष्ट्रीय शिक्षा दिवस मनाने के लिए केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने अपने सभी सम्बद्ध स्कूलों से विभिन्न कार्यक्रमों एवं गतिविधियों जैसे सभी स्तरों के शैक्षणिक संस्थान में सेमिनार, निबंध – लेखन प्रतियोगिता, भाषण प्रतियोगिता, वर्क शॉप, साक्षरता के महत्व पर बैनर्स और कार्ड्स के साथ रैलियां के माध्यम से शिक्षा दिवस मनाने के लिए कहा, ताकि शिक्षा के महत्व और शिक्षा के सभी पहलूओं के लिए एवं देश की प्रतिबद्धता पर जोर दिया जा सके.
सीबीएसई बोर्ड द्वारा एक बयान जारी किया गया था कि इन गतिविधियों को स्कूलों के कार्यक्रम के अपने शेड्यूल के अनुसार किसी भी दिन आयोजित किया जा सकता है. किन्तु उन्होंने स्कूलों को 20 नवंबर 2018 को या उससे पहले इसकी एक रिपोर्ट भेजने के लिए भी कहा था. सीबीएसई बोर्ड ने इस संबंध में एक नोटिस केन्द्रीय विद्यालय संगठन, नवोदय विद्यालय समिति, दिल्ली सरकार के शिक्षा डायरेक्टरेट और कई अन्य लोगों को भेजा था. और उसमें सीबीएसई के सभी क्षेत्रीय निर्देशकों / राष्ट्रीय अधिकारीयों द्वारा अनुरोध किया गया था कि वे अपने – अपने क्षेत्रों में बोर्ड के संबद्ध स्कूलों के सभी प्रमुखों को सर्कुलेशन भेजें.
इस तरह के कार्यक्रम के साथ इस साल का राष्ट्रीय शिक्षा दिवस मनाया गया था. साल 2019 में क्या – क्या कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है. इसके बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए आप हमारे लेख के अपडेट होने का इंतजार करें. हम जल्द ही आपको इसकी जानकारी प्रदान करेंगे.
राष्ट्रीय शिक्षा दिवस पर नारे (Slogans)
- शिक्षा सभी हिंसाओं पर विजय पाने का एक मात्र साधन है.
- मानव मन को सकारात्मक रूप से बदलने के लिए शिक्षा काफी स्मार्ट है.
- शिक्षा एक उपयोगिता है जो मानव का व्यक्तित्व बनाती है.
- शिक्षा जीवन में सफलता पाने का एक तरीका है.
- शिक्षा सबसे अच्छा दोस्त हैं जो आजीवन हमारे साथ रहता है.
- शिक्षा व्यक्ति की स्वतंत्रता की रक्षा करती है.
- स्वाद में कड़वा होने के बाद भी शिक्षा मीठा फल देती है.
- शिक्षा सीखने का एक अल्टीमेट तरीका है.
- शिक्षा स्वयं सभी ताकतों, उम्र, लिंग, जाति, धर्म और क्षेत्र से मुक्त है.
- शिक्षा खाली दिमाग को सकारात्मक विचारों से भर देती है.
- शिक्षा लोगों को सही रास्ते से जोड़ती है.
- शिक्षा लोगों को सुधारने का सबसे अच्छा तरीका है.
- शिक्षा बच्चों की दुनिया को बेहतर बनाती है.
- शिक्षा आपके बुरे आज को अच्छे कल में बदल देती है.
राष्ट्रीय शिक्षा दिवस सुविचार (National Education Day Quotes)
- शीर्ष पर चढ़ने के लिए ताकत की मांग होता है, चाहे वह माउंट एवरेस्ट के शीर्ष पर हो या अपने करियर के शीर्ष पर हो.
- भगवान के एक बच्चे के रूप में, मैं अपने साथ हो सकने वाली किसी भी चीज से बड़ा हूँ.
- शिक्षाविदों को छात्रों के बीच जाँच, रचनात्मकता, इंटरप्रेंयूरियल और मोरल लीडरशिप की भावना की क्षमता का निर्माण करना चाहिये और उनका आदर्श बनना चाहिये.
इस तरह हमारे कल यानि भविष्य के लिए शिक्षा बहुत आवश्यक है, क्योंकि इससे आप किसी भी उपलब्धि को प्राप्त करने में सक्षम हो सकते हैं.
भारत के अलग अलग प्रदेश के हिसाब से शिक्षा का स्तर (Education level in India state wise)-
प्रदेश का नाम | परसेंटेज (%) |
केरल | 93.9% |
लक्ष्यद्वीप | 92.28% |
मिजोरम | 91.58% |
त्रिपुरा | 87.75% |
गोवा | 87.4% |
दमन एवं द्वीप | 87.07% |
पौण्डीचेरी | 86.55% |
चंड़ीगढ़ | 86.43% |
दिल्ली | 86.34% |
अंडमान निकोबार | 86.27 |
बिहार में साक्षरता 63.08% है, जो की पुरे भारत में सबसे कम शिक्षित प्रदेश है.
शिक्षा (पढ़ाई) के महत्व पर निबंध (Essay on Importance of Education)
शिक्षा यानि कि पढ़ाई का महत्व आज के समय में हर व्यक्ति जानता है. आइये हम यहाँ आपको इसके बारे में डिटेल में जानकारी देते हैं.
शिक्षा क्या है (What is Education)
पढाई का आज के जीवन में बहुत महत्व है, इसके सिर्फ फायदे ही फायदे है. पढाई से ज्ञान मिलता है, जो इन्सान को अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाता है. शिक्षा का महत्व युगों युगों से चला आ रहा है. पहले लोग किसी महान महापुरुष के पास जाकर शिक्षा लिया करते थे, उनके आश्रम में रहकर हर प्रकार की शिक्षा लेते थे. फिर गुरुकुल भी बने, जहाँ वेद पूरण का ज्ञान दिया जाने लगा. अंग्रेजों के आने के पहले ऐसे ही शिक्षा दी जाती थी, उनके आने के बाद शिक्षा का रूप बदल गया. शिक्षा के लिए स्कूल बनाए गए, जहाँ सिर्फ पढाई पर ध्यान दिया जाता था, दूसरी बातों का ज्ञान यहाँ नहीं मिलता था. शिक्षा के क्षेत्र में और तरक्की हुई, और सरकारी स्कूल के अलावा प्राइवेट स्कूल भी बनने लगे. बड़े बड़े कॉलेज का निर्माण हो गया, अलग अलग क्षेत्र की शिक्षा के लिए अलग अलग कॉलेज बन गए.
अगर आपसे पुछा जाये आपसे A B C आता है, तो आप कहेंगे हां, इसका क्या मतलब है आप शिक्षित है या साक्षर? शिक्षित होना और साक्षर होना दोनों में अंतर होता है. साक्षरता का मतलब होता है कि आप पढ़ लिख सकते है. शिक्षा का मतलब है कि आप पढ़ लिख सकते हैं और इस शिक्षा का उपयोग आप अपने फायदे के लिए भी कर सकते है. अगर आप पढ़ना लिखना जानते है, लेकिन ये न समझे कि कैसे उपयोग करे, कैसे इसका उपयोग कर जीवन में आगे बढ़ें तो आपके साक्षर होने का क्या फायदा. साक्षर होना बस काफी नहीं है, आपको शिक्षित होना चाहिए. आजकल हर देश में वहां के नागरिक को साक्षर बनाने की बात पर जोर दिया जा रहा है, लेकिन देश को आगे बढ़ाने के लिए नागरिक को साक्षर होने साथ शिक्षित भी होना चाहिए. देश को ऐसे समूह की जरूरत नहीं है, जो सिर्फ पढ़ा लिखा हो, जबकि देश को ऐसे लोग चाहिए जो शिक्षा के बल पर जीवन में आगे बढे. आजकल पढ़ा लिखा तो रोबोट भी होता है, तो इसका क्या मतलब वो शिक्षित है? रोबोट अपनी पढाई का उपयोग खुद नहीं कर सकता, जितना उससे बोला जायेगा वो उतना ही करेगा. हमें रोबोट नहीं बनना है.
शिक्षा आज के समय में सबका मौलिक अधिकार बन गया है. लड़का हो या लड़की, या किसी भी जाति, धर्म, क्षेत्र का इन्सान शिक्षा प्राप्त करने का अधिकार रखता है. स्वामी विवेकानंद ने हमेशा शिक्षा पर जोर दिया, साथ ही उन्होंने लड़का लड़की को समान शिक्षा देने की बात भी कही. शिक्षा व शिक्षा का स्वरुप आज पूरी तरह से बदल गया है, खुले आसमान के नीचे लगने वाली क्लास की जगह आज स्मार्ट क्लास ने ली है. छोटे छोटे एक भवन के स्कूल की जगह इंटरनेशनल पब्लिक स्कूल ने ले ली है.
शिक्षा (पढ़ाई) के महत्व (Importance of Education in Life)
- एक खुशहाल जीवन के लिए – अगर आप एक खुशहाल, सुखी जीवन चाहते है, तो आपको शिक्षित होने की बहुत आवश्कता है. शिक्षा के बिना आप जीवन में सफल नहीं हो सकते है, शिक्षा से आपका भविष्य सुंदर व सुरक्षित होता है. शिक्षा अगर आपके पास है तो आप जीवन में कुछ भी हासिल कर सकते है, आपको किसी के सामने हाथ फ़ैलाने की जरूरत नहीं पड़ेगी.
- पैसा कमाने के लिए – खुशहाल जीवन के लिए आज के समय में धन सबसे मुख्य है. धन से सब कुछ नहीं लिया जा सकता है, लेकिन बहुत कुछ लिया जा सकता है. शिक्षित व्यक्ति मेहनत करके अच्छा पैसा कम सकता है, उसे अच्छी जॉब मिल सकती है. आज के समय में जितने ज्यादा आप शिक्षित होंगें, उतना अच्छा आपका करियर बनेगा.
- समानता – अगर आप चाहते है कि आपके साथ कोई भेदभाव न हो तो आपको शिक्षित होना बहुत जरुरी है. कोई इन्सान किसी भी धर्म, जाति, लिंग का हो अगर वो शिक्षित हो तो उसे एक समान दर्जा मिलता है.
- आत्म निर्भर बनते है – अगर आप आत्म निर्भर स्वावलंबी बनना चाहते है तो शिक्षा बहुत जरुरी है. इससे आप अपने व अपने परिवार को संभाल सकते है, आपके अंदर बड़े से बड़े निर्णय लेने का आत्मविश्वास आता है.
- आप अपने सपने को साकार कर सकते है – आपके जीवन में आपका सपना है एक सफल इन्सान बनने का, बड़ा अमीर बनने का, फेमस बनने का, तो सपने साकार करने का एक ही मूलमंत्र है शिक्षा. हां खिलाड़ी इसमें एक अपवाद है, जो कम पढ़े लिखे होते है, लेकिन फिर भी सफल होते है. इन सब के बावजूद ज्यादातर केस में सफलता के लिए आपको डिग्री की जरूरत पड़ती है.
- अच्छा नागरिक बनाता है – आप अगर शिक्षित है, तो देश के प्रति आप अपनी ज़िम्मेदारी समझेंगें और एक अच्छा नागरिक बनते है. शिक्षित व्यक्ति ही देश को आगे बढाता है, वो सही व गलत में फर्क समझता है. एक शिक्षित व्यक्ति अपने मौलिक, नैतिक व क़ानूनी अधिकार को समझता है. वह कानून के विरुध्य कार्य नहीं करेगा. अशिक्षित लोग ही आगे बढ़ने के लिए, पैसा कमाने के लिए चोरी, डाका डालना, लूट करता है. अशिक्षित व्यक्ति महिलाओं की, दूसरों की इज्ज़त नहीं करता, ये ही लोग आतंकवाद को बढ़ावा देते है. देश व समाज में शांति के लिए शिक्षा बहुत जरुरी है.
- शिक्षित व्यक्ति को सम्मान मिलता है – अगर आप शिक्षित है, तो आपको हर जगह सम्मान मिलेगा. आपकी बात का मान होगा और आपसे सलाह भी ली जाएगी. घर परिवार के अलावा आपको समाज व कार्यस्थल में भी सम्मान दिया जायेगा. अशिक्षित व्यक्ति की बात को कोई भी गहराई से नहीं लेता है.
- समाज – हम सब एक समाज में रहते है, हमारा समाज हमसे उम्मीद करता है कि हम पढ़े लिखें और अच्छी नौकरी पाकर सफल बने. और सफल व्यक्ति समाज के स्तंभ होते है, जिनके कन्धों पर समाज खड़ा रहता है. शिक्षा समाज के लिए आपको उपयोगी बनाता है.
- आपको कोई बेवकूफ नहीं बना सकता – शिक्षित व्यक्ति का कोई शोषण नहीं कर सकता है, न कोई उसे बेवकूफ बना सकता है. हम एक ऐसे देश में रहते हैं जहां हमें बहुत से अधिकार और स्वतंत्रता दी गई है. अशिक्षित व्यक्ति का कोई भी फायदा उठा सकता है, पढना लिखना न आने की वजह से, उससे कोई भी किसी भी पेपर में साइन करा सकता है.
शिक्षा की कमी क्यों है आज (Why is there a Lack of Education Today)
- स्कूल की कमी – आज भी कई ऐसे गाँव है जहाँ स्कूल नहीं है. गाँव के बच्चों को शिक्षा प्राप्त करने के लिए कई किलोमीटर दूर जाना पड़ता है, जिससे कुछ लोग जा पाते है, लेकिन अधिकतर नहीं जा पाते है.
- जनसँख्या वृद्धि – देश की जनसँख्या दिन पे दिन बढ़ती जा रही है, इसका असर देश के हर क्षेत्र में नजर आ रहा है. जनसँख्या वृद्धि का भी असर इसमें नजर आ रहा है, हर व्यक्ति को शिक्षा नहीं मिल पा रही है. जितनी जनसँख्या है उसके हिसाब से स्कूल नहीं खुल रहे है.
- पैसों की कमी – देश में आज भी गरीबी मुख्य समस्या है. कई ऐसे परिवार है जिन्हें एक समय के खाने के लिए भी बहुत मेहनत करनी पड़ती है, ऐसे में वे लोग पढाई के लिए अतिरिक्त पैसा कहा से लायेगें. पैसों की कमी के चलते परिवार का मुखिया बच्चों को शिक्षा देने में असमर्थ होता है. इसके साथ ही लोगों की यह भी सोच होती है कि अगर बच्चा स्कूल जायेगा तो पैसे कमाने के लिए काम नहीं करेगा और पैसा ज्यादा जरुरी है. कई बार एक परिवार में एक बच्चे को शिक्षा देने के लिए बस पैसे होते है.
- शिक्षा महंगी हो गई – भले ही आज देश में शिक्षा के लिए बड़ी बड़ी मुहीम चलाई जा रही, योजनायें निकाली जा रही है, लेकिन इन सब के बावजूद अच्छी शिक्षा आज महंगी है. सरकारी स्कूलों की हालात आज किसी से छुपी नहीं नहीं है, और प्राइवेट स्कूल की शिक्षा महंगी है.
- लडकियों को शिक्षा नहीं दी जाती – समाज में आज भी लड़के लड़कियों में फर्क किया जाता है, लड़कियों को शिक्षा देने के अधिकार पर आज भी समाज दो रायें रखता है. छोटी जगह में लड़कियों को घर के काम करने की ही शिक्षा दी जाती है, और लड़कों को बस स्कूल भेजा जाता है.
- शिक्षा का स्तर कठिन है – स्कूल में आज पढाई का स्टार बहुत बदल चूका है, बसते का बोझ बढ़ता ही जा रहा है. कई बच्चे इससे घबराते है और स्कूल नहीं जाना चाहते है. आजकल स्कूल की पढाई में बच्चों के साथ साथ माँ बाप को भी मुख्य भूमिका निभानी पड़ती है, लेकिन जो माँ बाप अशिक्षित होते है, उन्हें यहाँ परेशानी से गुजरना पड़ता है.
- स्कूल है पैसे कमाने का जरिया – स्कूल आजकल पैसा कमाने का जरिया बन गया है, ढेरों स्कूल तो खोले जा रहे है, लेकिन शिक्षा का स्तर गिरता जा रहा है. पढाई को छोड़ सब होता है, और फीस के नाम पर अधिक से अधिक पैसा लिया जाता है.
साक्षरता बढ़ाने सरकार द्वारा उठाये जा रहे कदम (Steps Taken by Government of India to improve Literacy Rate)
- छोटे शहर व गाँव में रहने वालों के लिए सरकार द्वारा मुफ्त शिक्षा योजना कार्यक्रम शुरू किये जा रहे है.
- जिला व प्रदेश लेवल पर नए स्कूल व कॉलेज का निर्माण हो रहा है.
- सामाजिक कार्यकर्ता एक साथ होकर साक्षरता को बढ़ाने के लिए धन इक्कठा कर रहे है, और सरकार की मदद के लिए हाथ बढ़ा रहे है.
- “बेटी बचाओ बेटी पढाओ” भारतीय सरकार द्वारा चलाई जा रही एक नयी मुहीम है, जिसमें लड़कियों की शिक्षा पर जोर दिया जा रहा है.
- हर साल राष्ट्रीय शिक्षा दिवस मन कर लोगों को इसके लिए जागरूक किया जा रहा है.
इस तरह से आज देश और दुनिया में शिक्षा का महत्व बहुत अधिक हो गया है. और उम्मीद है यह आगे भी बढ़ता जायेगा.
होमपेज | यहाँ क्लिक करें |
FAQ
Ans : 11 नवंबर
Ans : 2008
Ans : पहले शिक्षा मंत्री मौलाना आजाद के जन्म दिवस के दिन
Ans : 16 वां
Ans : मानव संशाधन विकास मंत्रालय द्वारा
अन्य पढ़े: