विश्व जनसंख्या दिवस 2023, निबंध, जनसंख्यावृद्धि समस्या, कारण, समाधान, कब मनाया जाता है, थीम, स्लोगन (World Population Day, Essay, Speech, Slogans, Theme, Population Reason in Hindi)
जनसंख्या से तात्पर्य एक सीमित क्षेत्र मे रहने वाले व्यक्तियो की संख्या से है. जब किसी क्षेत्र मे रहने वाले व्यक्तियो की संख्या आवश्यकता से अधिक हो जाए, तो उसे जनसंख्या वृद्धि कहते है. अब सवाल यह उठता है कि यह कैसे पता चलेगा कि किसी स्थान की जनसंख्या अधिक है. इसका उत्तर भी साफ है, जब किसी क्षेत्र के युवाओ के लिए आमदनी के साधन कम मतलब नौकरी के लिए भटकना पड़े या किसी परिवार को अपनी दो वक़्त की रोटी के लिए अत्याधिक परिश्रम करना पड़े, तो निश्चित ही वहा की जनसंख्या आवश्यकता से अधिक होने लगी है. आपको बता दें कि हर साल विश्व भर में विश्व जनसंख्या दिवस मनाया जाता है. आज इस लेख में हम आपको इसी की जानकारी देने वाले हैं.
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विश्व जनसंख्या दिवस कब मनाया जाता है (World Population Day)
नाम | विश्व जनसंख्या दिवस |
कब मनाया जाता है | 11 जुलाई |
शुरुआत कब हुई | सन 1987 में |
साल 2023 में कौन है | 36 वां |
विषय क्या है | जल्द ही घोषणा की जाएगी |
विश्व जनसंख्या दिवस हर साल 11 जुलाई को पूरी दुनिया में मनाया जाता है. सितम्बर 2016 तक की विश्व में जनगणना को देखे तो दुनिया में 7,342,686,578 लोग हैं जिनमें से 1,373,541,278 तक जनसंख्या केवल चीन में हैं और भारत में 1,266,883,598 की संख्या के साथ विश्व में दूसरे स्थान पर हैं. हालांकि ये आंकड़े थोड़े पुराने हैं लेकिन इतने ज्यादा पुराने नहीं हैं कि वर्तमान स्थिति का अनुमान नहीं लगाया जा सके. भारत का भी जनसंख्या विस्फोट में महत्वपूर्ण योगदान हैं लेकिन वैश्विक स्तर पर जनसंख्या का आंकलन करे, तो ये कहना गलत नही होगा कि विश्व में जनसंख्या नियंत्रण महत्वपूर्ण विषय हैं.
विश्व जनसंख्या दिवस का इतिहास (World Population Day History)
विश्व जनसंख्या दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य वर्तमान में बढती आबादी के कारण होने वाले दुष्प्रभावों और इससे जुड़े अन्य मुद्दों और इसके महत्व पर ध्यान केंद्रित करना है. इस दिन का निर्धारण 1989 में संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम की तत्कालीन गवर्निंग काउंसिल द्वारा किया गया था. इस दिन को मनाने का सुझाव डॉक्टर केसी जैक्रियाह (Dr KC Zachariah) ने दिया था जिन्होंने दुनिया को विश्व की जनसंख्या के 5 बिलियन तक पहुचने का आंकड़ा बताया था. उस समय वो वर्ल्ड बैंक में सीनियर डेमोग्राफर के तौर पर काम कर रहे थे. इस तरह पहली बार इसे 11 जुलाई 1987 को मनाया गया. 1987 में 5 बिलियन तक जनसंख्या पहुचने के बाद यूनाइटेड नेशन्स डेवलपमेंट प्रोग्राम ने ये तय किया कि इस दिन अवकाश रखा जाएगा जिससे बढती जनसंख्या और इसके दुष्प्रभावों की तरफ दुनिया का ध्यान आकर्षित किया जा सके. और इसी कारण 1989 में इस दिन को मनाना शुरू किया गया. दिसंबर 1990 में रिजोल्यूशन 45/216 से संयुक्त राष्ट्र महासभा ने जनसंख्या के मुद्दों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य के साथ विश्व जनसंख्या दिवस मनाया और इसमें पर्यावरण और इसके समग्र विकास के मुद्दों को भी शामिल किया गया.
विश्व जनसंख्या दिवस का उद्देश्य (World Population Day Objectives)
लगभग 2 दशक से मनाये जाने वाले इस दिवस का उद्देश्य जन्मदर (बर्थ रेट) पर नियंत्रण और जनसंख्या में अनियमितता जैसे विषय को मुख्य धारा में लाकर दुनिया को इसके प्रति सजग करना हैं.
तत्कालीन परिस्थितियों में भी विश्व की जनसंख्या लगभग 7 बिलियन हैं और यूएन की रिपोर्ट के अनुसार ये बहुत तेजी से बढ़ रही हैं और प्रति वर्ष लगभग 83 बिलियन लोगों की वृद्धि हो रही हैं.
यूनाइटेड नेशन डेवलपमेंट प्रोग्राम की गवर्निंग काउंसिल का उद्देश्य दुनिया में फैली प्रजनन सम्बन्धित समस्यायों की तरफ ध्यान आकर्षित करना हैं, इसके कारण स्वास्थ सम्बन्धित समस्याएं भी बढ़ रही हैं और दुनिया भर में गर्भवती महिलाओं की मृत्यु दर में बढ़ोतरी हो रही हैं, ये देखा गया हैं कि प्रति दिन लगभग 800 महिलाएँ बच्चे को जन्म देते समय मरती हैं.इस तरह हर साल विश्व जनसंख्या दिवस मनाने से लोगों में प्रजनन सम्बन्धित जानकारियों के प्रति जागरुकता लायी जा सकती हैं.
भारत में जनसंख्या वृद्धि के कारण (Reason of Indian Population)
कहा जाता है कि किसी भी चीज की अति अच्छी नहीं होती. फिर चाहे वह अति किसी देश मे रहने वाले व्यक्तियों की क्यो न हो. अब जब हम भारत की बात करते हैं, तो यहा की जनसंख्या वृद्धि का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि भारत जनसंख्या के मामले मे विश्व मे दूसरे स्थान पर आता है . जनसंख्या के मामले मे चीन सबसे आगे है, परंतु वह दिन भी दूर नहीं जब भारत चीन से भी आगे निकल जाएगा.
भारत मे इस बढ़ती हुई जनसंख्या का कारण आज भी लोगो की अशिक्षा व अंधविश्वास है. भारत ही एक ऐसा देश है जहाँ अभी भी कुछ लोगो की यह मान्यता है कि जीतने लोग कमाने वाले होंगे उतनी ही अधीक आमदनी होगी. परंतु वे लोग यह भूल जाते है, कि जितने लोग कमाएंगे उतने ही खायेंगे भी. अगर किसी माता पिता की ज्यादा संताने होंगी, तो यह संभव नहीं कि वे आज के समय मे सभी को बेहतर शिक्षा और अन्य सुविधाए दे पाये. परंतु इसी के विपरीत किसी की एक या केवल दो संताने है, तो उन माता पिता का पूरा ध्यान अपने बच्चो पर केन्द्रित रहता है तथा वे अपने बच्चो को बेहतर परवरिश दे पाते है. अब जरूरत यह है कि भारत जैसे अंधविश्वासी देश मे बच्चो को भगवान की देन ना मानकर यह समझा जाए, कि जनसंख्या नियंत्रण हमारे हाथो मे है, हम चाहे तो इस पर नियंत्रण कर सकते है.
जनसंख्या पर नियंत्रण कैसे किया जाए (How to Control Population)
किसी घर के कमरे मे अपने कम्प्युटर के सामने बैठकर यह तय कर पाना की भारत जैसे अनेकता से भरे देश मे जनसंख्या वृद्धि पर नियंत्रण कैसे किया जाए, नामुमकिम है. परंतु फिर भी ऐसी कई बाते है जिन्हें अगर हर कोई ध्यान मे रखे, तो शायद जनसंख्या वृद्धि की दर कम होगी. कुछ कारण ऐसे है जिनपर मैं यहाँ प्रकाश डालना चहुंगी .
- बलिकाये जिनका विवाह कम आयु मे हो गया है, वे केवल दो बच्चो को जन्म देने की सोच रखे तथा अपने परिवार को एक अच्छी परवरिश दे.
- परिवार कल्याण जैसे कार्यक्रमों को समझे तथा उन्हे उपयोग मे लाये. विज्ञापनो और उनसे दी जाने वाली जानकारी को समझने की कोशिश करे.
- हमारी आने वाली पीढ़ी को शिक्षित और नए विचारो से समृध्ध बनाए.
- यह विचार करने योग्य बात है कि भारत के उत्तरी राज्यो मे जनसंख्या वृद्धि की दर ज्यादा है.
विश्व जनसंख्या दिवस 2023 में कब है (World Population Day 2023 Date)
2023 में भी ये प्रतिवर्ष की भांति 11 जुलाई को ही मनाया जाएगा, इस बार 36 वां विश्व जनसंख्या दिवस का आयोजन किया जाएगा.
विश्व जनसंख्या दिवस 2023 थीम (World Population Day Themes)
यूनाइटेड नेशन द्वारा प्रति वर्ष विश्व जनसंख्या दिवस के लिए विभिन्न प्रकार की थीम रखी जाती हैं, और उस थीम को ध्यान में रखते हुए ही कई तरह के कार्यक्रम आयोजित करवाए जाते हैं. हर साल इस दिन मानाने के लिए एक थीम रखी जाती है. 2023 के लिए भी कोई थीम होगी, लेकिन अभी तक इससे सम्बन्धित जानकारी की घोषणा नहीं हुई हैं. गत कुछ वर्षों में इसके लिए निम्न थीम का उपयोग हुआ हैं –
- साल 2014 :- जनसंख्या से सम्बंधित मुद्दों में युवाओं के योगदान को देखने का समय (अ टाइम टू रिफ्लेक्ट ऑन पोप्युलेशन ट्रेंड्स एंड रिलेटेड इश्यू एंड इन्वेस्टिंग इन यंग पीपल) [A time to reflect on population trends and related issues” and “Investing in Young People]
- साल 2015 :- आपातकाल में जनसंख्या की अतिसम्वेदनशील स्थिति (वलनरेबल पोप्युलेशन इन इमरजेंसी) [Vulnerable Populations in Emergencies]
- साल 2016 :- टीनएज की लडकियों पर ध्यान देना (इन्वेस्टिंग इन टीनएज गर्ल) [Investing in teenage girls]
- साल 2017 :- परिवार नियोजन: नागरिकों का सशक्तीकरण,विकासशील देश (फैमिली प्लानिंग:एमपोवेरिंग पीपल,डेवेलपिंग नेशन) [Family Planning: Empowering People, Developing Nations”]
- साल 2018 :- परिवार नियोजन मानवाधिकार हैं (फैमिली प्लानिंग इज ह्यूमन राईट)[ Family Planning is a Human Right]
- साल 2019 :- फैमिली प्लानिंग: इम्पावरिंग पीपल, डिवेलपिंग नेशन्स
- साल 2020 :- कोविड-19 की रोकथाम: महिलाओं और लड़कियों के स्वास्थ और अधिकारों की सुरक्षा कैसे हो
- साल 2021 :- कॉविड-19 महामारी का प्रजनन क्षमता पर प्रभाव
- साल 2022 :- 8 बिलियन की दुनिया: सभी के लिए एक लचीला भविष्य की ओर – अवसरों का दोहन और सभी के लिए अधिकार और विकल्प सुनिश्चित करना.
- साल 2023 :- एक ऐसी दुनिया की कल्पना करना जहां हम सभी से 8 अरब लोगों का भविष्य आशाओं और संभावनाओं से भरपूर हो.
विश्व जनसंख्या दिवस कैसे मनाया जाता हैं (How to Celebrate World Population Day)
- यह दिवस युवा महिलाओं और पुरुषों सभी के लिए होता है,जिससे समाज के हर वर्ग में जनसंख्या वृद्धि के प्रति जागरूकता लाई जा सके.
- समाज में प्रत्येक जोड़े को स्वास्थ सुरक्षा के प्रति जागरूक करना आवश्यक हैं.
- लडकियों के अधिकारों की रक्षा करना और इसके लिए कानून बनाना भी इसमें शामिल हैं. विवाह सम्बन्धों से जुडी जिम्मेदारियों के प्रति सजग होना जरुरी हैं.
- इस तरह के आयोजन में भाग लेकर लोगों में जनसंख्या और इससे जुड़े विभिन्न मुद्दों जैसे बढ़ती जनसंख्या, जननी और बच्चे का स्वास्थ्य, गरीबी, मानवाधिकार, स्वास्थ्य का अधिकार से सुरक्षा और निरोध के उपयोग पर जागरुकता लायी जा सकती हैं.
- इन सबके अलावा भारत जैसे विकासशील देशों में जहां अब भी बाल विवाह देखा जाता हैं और कम उम्र में ही गर्भधारण गम्भीर विषय है, यहाँ भी इस दिशा में जागरूकता अभियान चलाया जा सकता हैं.
- बालिका शिक्षा,बाल विवाहभी काफी महत्वपूर्ण और आवश्यक मुद्दे हैं, इन्हें भी विश्व जनसंख्या दिवस के जागरूकता अभियान में शामिल किया जा सकता हैं.
विश्व जनसंख्या दिवस पर इवेंट्स (World Population Day Events)
विश्व जनसंख्या दिवस पर पूरे विश्व में कई तरह के इवेंट्स आयोजित किये जाते हैं, जिनमें वाद-विवाद,शैक्षिक कार्यक्रम,जानकारियाँ देने सम्बन्धित विभिन्न कार्यशालाएं आयोजित करवाई जाती हैं.
टॉप 10 अधिक जनसंख्या वाले देश (Top 10 Countries by Population)
देश का नाम | जनसंख्या | विश्व मे प्रतिशत |
चीन | 1372120000 | 18.9% |
भारत | 1277240000 | 17.6% |
यूनाइटेड स्टेट | 321840000 | 4.43% |
इंडोनेशिया | 252164800 | 3.47% |
ब्राज़ील | 204911000 | 2.82% |
पाकिस्तान | 190933000 | 2.63% |
नाईजीरिया | 173615000 | 2.39% |
बांग्लादेश | 159038000 | 2.19% |
रशिया | 146068400 | 2.01% |
जापान | 127130000 | 1.75% |
विश्व जनसंख्या दिवस पर नारे (World Population Day Slogans)
- विश्व जनसंख्या दिवस मनाने का उद्देश्य भविष्य की भीड़ कम करना हैं.
- विश्व जनसंख्या दिवस मनाने से जनसंख्या वृद्धि को रोका जा सकता हैं.
- जनसंख्या विस्फोट के कारण होने वाले शोषण से धरती को बचाए.
- धरती पर रहने की पर्याप्त जगह बनाने के लिए इस केम्पेन में शामिल होना चाहिए.
- जनसंख्या नियंत्रण के लिए अपने खुदके बच्चे को जन्म देने के स्थान पर एक बच्चा गोद ले.
- धरती को जनसंख्या विस्फोट से बचाइए.
- भुखमरी से बचने के लिए जनसंख्या वृद्धि पर नियंत्रण करे.
- भविष्य के सुखद जीवन के लिए जनसंख्या पर नियंत्रण करें.
- विश्व जनसंख्या दिवस मनाकर जनसंख्यावृद्धि के खिलाफ आवाज़ उठायी जा सकती हैं.
- जनसंख्या नियंत्रण करना मुश्किल हैं लेकिन नामुमकिन नहीं.
भारत में बढती जनसंख्या को सरकार कैसे रोक सकती है (Govt Step)
भारत विश्व का दूसरा सबसे ज्यादा जनसंख्या वाला देश है, ऐसे में जनसंख्या पर रोक लगाना कितना आवश्यक है यह हम सब जानते हैं. भारत में जनसंख्या अधिक होने का एक कारण यह भी है की अभी भी लोग जागरूक नहीं है. ऐसे में सरकार चाहे तो समय-समय पर लोगों को बढती जनसंख्या के खतरों के बारें में बताकर उन्हें जागरूक कर सकती है. बढती जनसंख्या पर रोक लगाने के लिए सरकार चाहे तो कोई ऐसा नियम बना सकती है या कानून लागु कर सकती है जिसकी मदद से भारत में जनसंख्या को कंट्रोल किया जा सके.
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FAQ
Ans : बढती जनसंख्या और इसके दुष्प्रभावों की तरफ दुनिया का ध्यान आकर्षित करने के लिए विश्व जनसंख्या दिवस की शुरुआत की गई है.
Ans : 11 जुलाई को
Ans : 7.9 अरब
Ans : 140 करोड़
Ans : एक ऐसी दुनिया की कल्पना करना जहां हम सभी से 8 अरब लोगों का भविष्य आशाओं और संभावनाओं से भरपूर हो.
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