ई-गवर्नेंस क्या है और इससे जुड़े फायदे और नुकसान | What is E-Governance, full form benefits and services in India in Hindi

शासन क्या है, इससे क्‍या-क्‍या कर सकते हैं व इसके फायदे व नुकसान | what is e- governance, full form, type, benefits and list of e-governance services in India in hindi

गुजरते वक्त के साथ भारत एक शक्तिशाली देश बनने की राह में आगे बढ़ता जा रहा है. किसी भी देश का शक्तिशाली बनना इस बात पर निर्भर करता है कि उस देश की तरक्की और विकास दर में हर साल किस रफ्तार से बढ़ोत्तरी हो रही है. वहीं भारत सरकार, देश को एक शक्तिशाली देश बनाने के लिए कई सारे काम कर रही है. भारत सरकार द्वारा कई योजनाएं चलाई जा रही हैं ताकि देश के साथ-साथ देश के नागरिकों की भी तरक्की हो सकें. इतना ही नहीं सरकार अपने सरकारी दफ्तरों में भी काम काज करने के तरीके को बदलने में लगी हुई है. क्योंकि जिस तरह से सरकारी दफ्तरों में कार्य किए जाते हैं उनकी रफ्तार ना के बराबर होती है. जिसके चलते कई कार्य को करने में काफी अधिक समय लग जाता है.

वहीं एक समय था जब सरकारी दफ्तार में अपना काम करवाने के लिए लोगों का पूरा दिन निकल जाता था और फिर भी उनका काम नहीं हो पता था. इतना ही नहीं कई कामों के लिए लोगों को कई हफ्तों तक सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटने पड़ते थे. लोगों की इन्हीं परेशानी को समझते हुए और कंप्यूटर और इंटरनेट के फायदों का लाभ उठाते हुए सरकार ने देश में ई-गवर्नेंस की शुरुआत की थी. ताकि इसकी मदद से लोग आसानी से अपना काम करवा सकें. इतना ही नहीं ई-गवर्नेंस की मदद से सरकारी कामों में भी खूब तेजी आई है. आखिर क्या है ये ई-गवर्नेंस और इससे जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी आपको नीचे इस लेख में पढ़ने को मिलेगी.

E-Governance

शासन क्या है (what is e- governance)

इंटरनेट के जरिए सरकारी सुविधाओं को आम जनता तक पहुंचाने को ई-गवर्नेंस कहा जाता है. ई-गवर्नेंस या ई-शासन से आम लोगों को शासकीय सेवाएं और महत्वपूर्ण सूचनाएं इंटरनेट के जरिए मुहैया करवाई जाती है. वहीं अगर आप बिजली या पानी का बिल इंटरनेट के जरिए भरते हैं तो इसका मतलब है कि आप ई-गवर्नेंस के चलते ऐसा कर पा रहे हैं.

ई-गवर्नेंस की फुल फॉर्म्स या पूरा नाम kya है? (egovernance full form)

ई-गवर्नेंस का पूरा नाम यानी फुल फॉर्म्स इलेक्ट्रॉनिक गवर्नेंस है. इस शब्द में ‘ई’ शब्द का मतलब इलेक्ट्रॉनिक के लिए किया गया है. इलेक्ट्रॉनिक उन चीजों को कहा जाता है जो कि बिजली की मदद से चलती हैं. इलेक्ट्रॉनिक चीजों में कंप्यूटर, फोन, लैपटॉप और इत्यादि जैसी चीजें आती हैं. वहीं गवर्नेंस को हिंदी में शासन कहा जाता है, जिसका मतलब होता है कि किसी चीजे के लिए नियम और मानदंड बनाना और ये सुनिश्चित करना की वो अच्छे से कार्य करे.

राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस योजना (एनईजीपी) (what is NEGP of the government of India)

राष्ट्रीय ई-शासन या राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस योजना के जरिए ही भारत सरकार देश की सभी सरकारी सेवाएं को इलेक्ट्रानिक माध्यमों के जरिए देश के आम नागरिक तक पहुंचाना चाहती है. इस योजना को साल 2006 में शुरू किया गया था और अभी तक सरकार इस योजना के लक्ष्यों को पाने में कई हद तक कामयाब भी हो गई है. वहीं ये योजना भारत के इलेक्ट्रॉनिक्स, सूचना और प्रौद्योगिकी विभाग और प्रशासनिक सुधार एंव सार्वजनिक शिकायत विभाग द्वारा बनाई गई है.

मिशन मोड प्रोजेक्ट (एमएमपी) (mission mode projects in India)

मिशन मोड प्रोजेक्ट (एमएमपी) राष्ट्रीय ई-शासन प्लान के तहत शामिल एक योजना है. ये योजना इलेक्ट्रॉनिक प्रशासन के एक पहलू पर केंद्रित है. इस योजना के तहत बैंकिंग, भूमि रिकॉर्ड या वाणिज्यिक कर आदि जैसी सुविधाओं को इलेक्ट्रॉनिक्स माध्यम से लोगों तक पहुंचाने का लक्ष्य है. वहीं मिशन मोड प्रोजेक्ट में 31 मिशन शामिल हैं, जिन्हें राज्य, केंद्रीय और एकीकृत परियोजनाओं के रूप में वर्गीकृत (क्लासिफाइड) किया गया है. जिनके बारे में नीचे जानकारी दी गई है.

  • राज्यों में ई-गवर्नेंस पहल और मिशन मोड प्रोजेक्ट (mission mode projects for e-governance)

कई राज्य सरकारों ने ई-गवर्नेंस को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाए हैं और अपने राज्य के सभी सरकारी कामों को ऑनलाइन से जोड़ने का रोडमैप तैयार किया है. इसके अलावा हर राज्य अपने राज्य के हिसाब से किन्हीं भी पांच चीजों को मिशन मोड परियोजनाओं के अतंर्गत जोड़ सकता है. वहीं राज्यों के एमएमपी में जो चीजे रखी गई हैं वो इस प्रकार हैं वाणिज्यिक कर, ई-जिला, रोजगार एक्सचेंज, भूमि अभिलेख, नगर पालिका, ग्राम पंचायत, पुलिस, सड़क परिवहन और कोषागार आदि.

हर राज्य को ऊपर बताई गई सरकारी सेवाओं के लिए एक वेबसाइट बनानी होगी. जिसकी मदद से वहां के निवासी इन सेवाओं का लाभ उठा सकें. उदाहरण के लिए भारत के लगभग हर राज्य ने अपनी सरकारी बसों के लिए ऑनलाइन सुविधा लोगों को मुहैया करवा ली है. इन राज्य के लोग ऑनलाइन जाकर अपने राज्यों की बसों की टिकट बुक करवा सकते हैं.

  • केंद्रीय सरकार के लिए मिशन मोड प्रोजेक्ट –  (mission mode projects Indian government)

केंद्रीय सरकार को केंद्रीय उत्पाद शुल्क और सीमा शुल्क, आयकर, बीमा, पासपोर्ट, वीज़ा, विदेशियों के पंजीकरण और ट्रैकिंग, पेंशन, आधार कार्ड जैसी सुविधाओं को ऑनलाइन करने की जिम्मेदारी इस योजना के अंतर्गत दी गई है. वहीं केंद्रीय सरकार ने इसमें से लगभग कई सुविधा ऑनलाइन ले आई है. वहीं एकीकृत (इंटीग्रेटेड एमएमपीएस) की अंतर्गत ई-कोर्ट, ई-प्रोक्योरमेंट, ई-ट्रेड के लिए ईडीआई, भारत पोर्टल को रखा गया है.

ई-गवर्नेंस की पहुंच-

ई-गवर्नेंस के बदौलत आप आज के दौर में बिजली का बिल भरवाने से लेकर किसी भी विद्यालय में दाखिला, आसानी से घर पर बैठकर करवा सकते हैं. भारत सरकार ने ई-गवर्नेंस को धीरे-धीरे हर जगह पर लागू कर दिया है. जिसकी चलते ज्यादातर कामों को देश के नागरिक आसानी से अपना समय बचाते हुए घर से करवा सकते हैं. भारत सरकार के अलावा राज्य सरकारें भी आम जनता के लिए अपनी सारी सुविधाओं को इंटरनेट पर उपलब्ध करा रही हैं. जिस की आने वाले समय में अधिकतर सरकारी कामों को आप इंटरनेट की मदद से कर सकेंगे.

ई-गवर्नेंस की श्रेणी (Type)

ई-गवर्नेंस का फायदा ना सिर्फ नागरिकों को हो रहा है. बल्कि सरकार भी इस की ई-गवर्नेंस की मदद से राज्य सरकारों से संपर्क कर सकती है. इसी तरह इस के जरिए कर्मचारी भी सरकार से संपर्क कर सकते हैं. नीचे हमने आपको इसके द्वारा किस तरह और कौन-कौन संपर्क कर सकता है इसकी जानकारी दी है.

  • जी 2 जी सरकार से सरकार- (g2g e-governance)

जी 2 जी प्रकार के ई-गवर्नेंस में एक सरकारी विभाग दूसरे सरकारी विभाग से संपर्क कर सकता है. उदाहरण के तौर पर अगर एक राज्य में किसी अपराधी को पकड़ा जाता है, तो उस अपराधी के बारे में पुलिस सारी जानकारी एक सिस्टम में डाल देती है. वहीं कल को किसी अन्य राज्य सरकार को उस अपराधी के बारे में जानकारी चाहिए होगी तो, वो इंटरनेट के जरिए जानकारी आसानी से प्राप्त कर लेगी. दूसरे शब्दों में कहा जाए तो इसके जरिए देश के हर पुलिस स्टेशन के अपराधियों के रिकॉर्ड एक जगह दर्ज हो जाते हैं. जिसका इस्तेमाल किसी भी राज्य की पुलिस द्वारा किया जा सकता है.

इसी तरह भारत सरकार भी अन्य राज्य की सरकारों से संपर्क कर सकती है. अगर भारत सरकार कोई जानकारी राज्यों को देना चाहती है, तो उस जानकारी से जुड़ी वेबसाइट पर उस जानकारी को डाला जा सकता है. जिसके चलते सरकारों के बीच में कम समय में ज्यादा संपर्क हो जाता है. इसी तरह कई अन्य सरकारी विभाग भी आपस में संपर्क करते हैं और जानकारी को साझा करते हैं.

  • जी 2 सी: सरकार से नागरिक (Government to citizen)

जी 2 सी उस ई- गवर्नेंस को कहा जाता है. जब एक आम नागरिक इसकी मदद से अपने सरकारी कामों को आसानी से पूरा कर सकता है. उदाहरण के लिए मान लीजिए कि अगर किसी व्यक्ति को अपनी किसी बीमा पॉलिसी के बारे में जानकारी लेनी हो, तो वो व्यक्ति बिना बीमा पॉलिसी के दफ्तर जाए अपना ये कार्य कर सकता है. इसी तरह कोई भी व्यक्ति अपना आयकर, पानी का बिल, रेल का टिकट इनके विभागों में बिना जाए करवा सकता है.

  • जी 2 बी: सरकार से व्यवसाय (Government to business)

जी 2 बी के अंतर्गत देश के व्यापारियों की ई-गवर्नेंस की सुविधा दी जाती है. इस सुविधा के अंतर्गत व्यापारी घर पर बैठे ही कई सरकारी कामों को आसानी से कर सकते हैं. जैसे ट्रेडिंग लाइसेंस के लिए आवेदन करना, सरकार द्वारा व्यापारों के लिए चलाई गई किसी भी योजना की जानकारी, वैट के लिए पंजीकरण करवाना हो और इत्यादि. ऐसा करने से व्यापारों के समय की बचत होती है.

  • जी 2 ई: सरकार से कर्मचारी (government to employees )

जी 2 ई में सरकारी कर्मचारी से सरकार आसानी से संपर्क कर सकती है. सरकार के किसी भी विभाग से जुड़े कर्मचारी को उस विभाग से जुड़ी जानकारी उस विभाग की वेबसाइट के जरिए मुहैया करवा जाती है.  

ई- गवर्नेंस के माध्‍यम से क्‍या-क्‍या कर सकते हैं आप  (list of e-governance services in India in hindi)

नीचे हमने आपको बताया है कि सरकार द्वारा शुरू किए गए ई- गवर्नेंस योजना के अंतर्गत आप कौन-कौन सी सुविधा ले सकते हैं. और इस योजना के शुरू होने से आपका कितना समय बचेगा.

संख्यासुविधा
1आसानी से बनवा सकते हैं कोई भी प्रमाण पत्र- ई- गवर्नेंस के माध्यम से आप घर पर बैठकर आप कोई भी प्रमाण पत्र बनवा सकते हैं. सरकार ने आय, जाति, निवास जैसे प्रमाण पत्रों के लिए ऑनलाइन सेवा शुरू कर दी है.
2ऑनलाइन शिकायत- अगर आपको किसी चीजों को लेकर सरकारी दफ्तर में शिकायत दर्ज करवानी हो तो आप इसकी मदद से वो भी आसानी से घर पर बैठे-बैठे कर सकते हैं. 
3पैन कार्ड की सुविधा– देश के हर व्यक्ति के लिए पैन कार्ड बनवाना काफी जरूरी होता जा रहा है. ऐसे में ई- गवर्नेंस की मदद से आप ऑनलाइन इस कार्ड को बनवाने के लिए आवेदन कर सकते हैं.
4पासपोर्ट की सुविधा- पहले पासपोर्ट बनवाने के लिए आपको अपने शहर के पासपोर्ट के दफ्तर में जाकर इससे जुड़ा फॉर्म लेना होता था. मगर अब आपको ये सुविधा में ऑनलाइन सरकार द्वारा मुहैया करवा दी गई है.
5ऑनलाइन वोटर कार्ड की सुविधा- आप अपने वोटर कार्ड के बारे में भी ऑनलाइन जाकर जानकारी प्राप्त कर सकते हैं. ऐसा करने के लिए आपको बस इससे जुड़ी वेबसाइट पर जाना होगा. और आपको कोई भी जानकारी हासिल हो जाएगी. 
6आयकर रिटर्न फाइलिंग- आसानी से देश के नागरिक अपना आयकर का भुगतान कर सकते हैं. इसलिए सरकार ने इस सेवा को भी ऑनलाइन से जोड़ दिया है. जिससे आप कुछ ही देर में अपना आयकर भर सकते हैं. 
7आधार कार्ड- अपने आधार कार्ड की पूरी जानकारी आप बिना सरकारी कार्यालय जाए इंटरनेट की सुविधा से ही जान सकते हैं. ऐसा करने के लिए बस आपको इसकी वेबसाइट के बारे में पता होने की जरूरत है. वहीं इसकी वेबसाइट पर जाकर आप कोई भी जानकारी हासिल कर सकते हैं. 
8रेल और बस टिकट बुकिंग- पहले रेलवे की बुकिंग के लिए लोगों को घंटों तक स्टेशन पर लंबी लाइन में खड़ा रहना पड़ा था. लेकिन अब सरकार ने सरकारी बसों से लेकर रेलवे की टिकट बुक करवाने के लिए वेबसाइट बना दी है. जहां पर आसानी से कभी-भी ऑनलाइन पैसे देकर कोई भी टिकट हासिल कर सकता है. इसके अलावा आप किसी भी प्लेन की टिकट को भी ऑनलाइन ले सकते हैं. 
9विद्यालयों में दाखिले- पहले छात्रों को सराकरी विद्यालय में दाखिला लेने के लिए उस विद्यालय जाना होता था और वहां से आवेदन पत्र लेना होता था. लेकिन अब ज्यादातर विद्यालयों ने अपनी वेबसाइट बना ली है जिस पर जाकर आप आसानी से घर बैठ आवेदन पत्र भर सकते हैं.
10सराकरी नौकरी का आवेदन देना- सरकार द्वारा निकाले जाने वाली लगभग सारी सरकारी नौकरियों के लिए अब ऑनलाइन ही आवेदन मांगे जाते हैं. ऐसा करने से आप आसानी से बिना किसी देरी के और परेशानी के आवेदन कर सकते हैं.

ई-गवर्नेंस के फायदे (Benefits of e-Governance)

  • कार्य में तेजी– सभी महत्वपूर्ण सरकारी कामों को ऑनलाइन जोड़ने की वजह से हर तरह के कार्य में तेजी आई है. जहां किसी भी कार्य को करने में दो से तीन दिन लग जाता थे. वहीं अब वो काम केवल चंद घंटों में हो सकता है.
  • पारदर्शिता– सभी कार्यों के ऑनलाइन होने से एक पारदर्शिता बन जाती है. जिसकी मदद से कोई भी कार्य गलत तरीके से नहीं हो सकता है. इतना ही नहीं हर सरकारी कार्य की जानकारी इंटरनेट पर उपलब्ध होती है. ऐसे में कोई भी नागरिक आसानी से सरकार के कार्य के बारे में जानकारी हासिल कर सकता है.
  • लागत में कटौती – ई- गवर्नेंस की मदद से काफी चीजों पर आने वाले खर्चे में भी कटौती हुई है. उदाहरण के लिए जब आप किसी आवेदन को ऑनलाइन भरते हैं तो आपको किसी भी तरह के कागज का इस्तेमाल नहीं करना पड़ता है. इसी तरह सरकारी दफ्तरों में भी कागजों के इस्तेमाल में कटौती आई है.
  • पर्यावरण के लिए लाभ दायक- जितने कम कागज का इस्तेमाल होगा उतने ही पेड़ों को बचाया जा सकेगा. पेड़ों को बचाने से हमारे पर्यावरण को और बेहतर बनाया जा सकेगा. इसलिए ई-गवर्नेंस का जो सबसे बड़ा लाभ है, वो हमारे पर्यावरण को की रक्षा करना है.
  • जवाबदेही – सरकार द्वारा किए जा रहे कार्यों को पारदर्शिता मिलने के चलते सरकार की जवाबदेही बन जाती है. जिससे की सरकार का लोगों को जवाब देना का उत्तरदायित्व बन जाता है. ऐसे में कोई भी गलत काम होने की संभावनाएं कम होती है. इतना ही नहीं सरकारी दफ्तरों में काम करने वाले लोगों पर भी सही तरह से कार्य करने की जिम्मेदारी बन जाती है.
  • लोगों के लिए फायदेमंद- ई- गवर्नेंस के कारण हर किसी नागरिक को कंप्यूटर का इस्तेमाल करना आ रहा है. जिससे की हमारे देश के गांव के लोग भी कंप्यूटर की शिक्षा हासिल करने के लिए प्रेरित हो रहे है.

ई- गवर्नेंस के नुकसान (Drawbacks of e-Governance)

जिस तरह हर चीजे के कुछ लाभ और कुछ नुकसान होते हैं. उसी तरह से ई-गवर्नेस के भी कई नुकसान हैं. जिनके बारे में आपको नीचे जानकारी दी गई है.

  • हर कोई लाभ नहीं उठा सकता – हमारे देश की ज्यादातर आबादी अशिक्षित है, जिसके चलते वो ई-गवर्नेंस का फायदा चाहते हुए भी नहीं उठा सकती हैं. देश के अधिकतर लोगों को तो कंप्यूटर का प्रयोग करना भी नहीं आता है. ऐसे में और किसी पर अपने कार्य के लिए उन्हें निर्भर रहना पड़ता हैं.
  • पहुंच में कमी होना- गांवों के लोगों को अभी तक ई- गवर्नेंस के बारे में सही से कोई जानकारी नहीं है. ऐसे में अभी भी कई लोग इस सुविधा का इस्तेमाल करने से वंचित हैं.
  • इंटरनेट की सुविधा नहीं होना- अभी तक हमारे देश में ऐसे कई गांव हैं, जहां पर अभी तक इंटरनेट की सुविधा को सरकार पहुंचाने में नाकाम रही है. ऐसे में ई- गवर्नेंस से देश के हर नागरिक को जोड़ने का सपना पूरा करना नामुमकिन है.
  • इंटरनेट का सुरक्षित ना होना- इस बात में कोई संदेह नहीं है कि अभी भी इंटरनेट एक सुरक्षित जरिए नहीं है. इसके माध्यम से किसी भी जानकारी को साक्षा करने में एक खतरा हमेशा रहते हैं. हमारे द्वारा साक्षा की जानकारी का फायदा कोई भी उठा सकता है.

ई-शासन के उद्देश्य (objective of e-governance)

  • सरकार और नागरिक में संवाद होना- ऑनलाइन सारी सुविधा होने के चलते नागरिक और सरकार के बीच अच्छे तरह से संवाद हो सकता है. कोई भी नागरिक अगर सरकार की किसी सेवा से खुश नहीं हैं, तो वो अपना फीडबैक सरकार को ऑनलाइन की मदद से दे सकता है. इतना ही नहीं फीडबैक के कारण लोगों की समस्याओं के बारे में सरकार को भी पता केवल चंद समय में लग जाता है.
  • सरकार की प्रतिक्रिया जल्दी मिलना- आम तौर पर सरकार लोगों के प्रश्नों और समस्याओं का जवाब देने में बहुत समय लेती है. वहीं ई-शासन का एक उद्देश्य इन जवाब देने वाली प्रतिक्रिया में लगने वाले समय को कम करना भी है.
  • लोगों को डिजिटल बनाना- गवर्नेंस का जो अगला उद्देश्य हैं, वो है लोगों को डिजिटल बनाना. ई- गर्वेंनेंस के इस्तेमाल करने के लिए लोगों को डिजिटल दुनिया से जुड़ना होगा और ऐसा करने से हमारे देश के लोग इंटरनेट का इस्तेमाल करना सीख सकेंगे.

हिंदी भाषा में भी है वेबसाइट

ई-गवर्नेंस के अंतर्गत जो वेबसाइट या फोन का एप बनाई गई हैं, वो हिन्दी भाषा में भी उपलब्ध करवाई गई है. ताकि जिन लोगों को अंग्रेजी भाषा नहीं आती है. वो हिंदी भाषा में इस वेबसाइट को पढ़ सकें.

अन्य पढ़े:

Leave a Comment