7वें वेतन आयोग के अंतर्गत परिवहन सुविधा भत्ता क्या है Transport Allowance in 7th Pay Commission in hindi
परिवहन भत्ता या ट्रांसपोर्ट अलाउंस वह भत्ता है, जो सरकार के अधीन कार्य कर रहे कर्मचारियों को स्पेशल इंसेंटिव के रूप में प्राप्त होता है. 7वें वेतन आयोग के अंतर्गत सरकार मुश्किल स्थान भत्ता दे रही है साथ में परिवहन सुविधा भत्ता भी दे रही है. परिवहन भत्ते का प्रयोग सरकारी कर्मचारी अपने कार्यकाल के दौरान अपने घर से ऑफिस आने में होने वाले खर्च के रूप में करते हैं. परिवहन भत्ता का लाभ तत्कालिक समय में कई सरकारी कर्मचारी उठा रहे हैं.
7वें वेतन आयोग के अंतर्गत परिवहन सुविधा भत्ता पाने के नियम (Transport Allowance Rules in 7th Pay Commission in hindi)
यह अलाउंस सरकारी कर्मचारियों को निश्चित स्थितियों पर ही प्राप्त हो सकता है. इस तरह की विशेष स्थितियों का वर्णन नीचे किया जा रहा है.
- नए वेतन आयोग में पारित प्रस्ताव के अंतर्गत सरकार द्वारा यह निर्णय लिया गया है, कि परिवहन की सुविधा सिर्फ सरकारी कर्मचारियों को दी जायेगी.
- यह भत्ता सरकारी कर्मचारियों को उनकी ड्यूटी के दौरान, घर से ऑफिस आने के लिए इस्तेमाल किये जा रहे परिवहन के खर्च के रूप में दिया जाएगा.
- इस अलाउंस की गणना सालाना तौर पर की जायेगी. अतः पूरे साल भर घर और ऑफिस के बीच की दूरी तय करने के लिए प्रयोग में लाने वाले परिवहन का खर्च सरकारी कर्माचारी को अपनी जेब से नहीं देना होगा.
वित्तीय वर्ष 2016-17 और 2017-18 के अनुसार परिवहन भत्ता की सीमा (Transport Allowance limit for FY 2016-17 and FY 2017-18)
6 ठवें और 7वें वेतन आयोग के अंतर्गत परिवहन अलाउंस की सीमा निम्नलिखित है. इसकी सहायता से विगत और तात्कालिक दोनों वर्षों के परिवहन भत्ते की जानकारी प्राप्त की जा सकेगी.
- 6 ठवें वेतन आयोग के अंतर्गत सरकार ने इस भत्ते के मद्देनज़र एक विशेष टैक्स मुक्त सीमा निर्धारित की थी, जिसके अंतर्गत इस भत्ते के रूप में प्राप्त रू 19,200 तक किसी तरह का कर या टैक्स नहीं लगाया जायेगा.
- यह हालाँकि सबसे अधिक ट्रांसपोर्ट अलाउंस था, जिस पर साल 2016-17 के वित्तीय वर्ष में किसी तरह का टैक्स नहीं लगाया गया था.
- इस वर्ष इस भत्ते के लिए अधिकतम सीमा का निर्धारण नहीं किया गया है. हालाँकि परिवहन खर्च के रूप में प्रति महीने सरकार सरकारी कर्मचारियों को रू 1600 देगी.
- केंद्र सरकार के अंतर्गत कार्य कर रहे कर्मचारियों को इसी सीमा के अन्दर परिवहन भत्ता दिया जाएगा.
परिवहन भत्ता और टैक्सेशन (Transport Allowance Taxation)
परिवहन भत्ता और उस पर टैक्सेशन का वर्णन नीचे किया जा रहा है.
- किसी कर्मचारी का सालाना परिवहन भत्ता यदि रू 19,200 का होता है, अर्थात प्रति महीने उसका परिवहन खर्च रू 1600 से अधिक नहीं जाता है, तो इस भत्ते पर किसी भी तरह का टैक्स नहीं लगाया जाएगा.
- परिवहन खर्च इस सीमा से अधिक जाने पर यानि परिवहन भत्ता रू 19,200 से अधिक होने पर 7 वें वेतन आयोग के अंतर्गत भत्ते पर टैक्स लगाया जाएगा.
परिवहन भत्ता की गणना (Transport Allowance Calculation Formula)
परिवहन भत्ता की गणना निम्नलिखित तरीके से की जाती है.
- स्तर 1 अथवा स्तर 2 के सरकारी कर्मचारियों के लिए यदि परिवहन भत्ते की गणना करनी हो, तो यह गणना ‘TPTAरू 1300+ आवासीय शहर का डीए + प्रति महीने का डीए’ के रूप में की जाती है.
- स्तर 3 से 8 के अंतर्गत ‘TPTA भत्ता रू 3600 + शहरों के लिए डीए रू 1800+ मासिक डीए’ के आधार पर इस भत्ते की गणना होती है.
- स्तर 9 या उससे अधिक स्तर के सरकारी कर्मचारियों के लिए ‘रू 7200 + प्रति महीने रू 3600 का डीए+ मासिक डीए’ के आधार पर परिवहन भत्ते की गणना होती है.
विकलांगों के लिए परिवहन भत्ता (Transport Allowance for Handicapped)
7 वें वेतन आयोग के अंतर्गत विकलांगों के लिए इस भत्ते की गणना निम्न रूप से की जायेगी. विकलांग विधवा और वृद्धा पेंशन की राशि को मिलेगी ज्यादा पेंशन के बारे में यहाँ पढ़ें. न्यूनतम परिवहन भत्ता रू 2200+ मासिक डीए.
केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए परिवहन भत्ता (Transport Allowance for Central Govt Employees)
केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए परिवहन भत्ते के अंतर्गत प्राप्त लाभ निम्न लिखित हैं.
- 7 वें वेतन आयोग के दौरान ये तय किया गया है, कि अभी तक सरकारी कर्मचारियों को इस भत्ते के अंतर्गत जितना रूपया प्राप्त हो रहा था, उतना ही दिया जाएगा.
- 7 वें वेतन आयोग के अंतर्गत सरकार ने डीए की वृद्धि 125% तक की है और परिवहन भत्ते को जस का तस रखा है.
- सरकार ने A1/A मार्क किये गये शहरों के नाम बदल दिए हैं, किन्तु इसके बाद भी इन शहरों में काम कर रहे कर्मचारियों को उच्च परिवहन भत्ता ही प्राप्त होगा.
- A1/A वाले शहरों का आम शहरों के अपेक्षा परिवहन खर्च अधिक होता है, अतः इन स्थानों पर कार्यरत कर्मचारियों को उच्च परिवहन भत्ता प्राप्त होता है. अतः इस केटेगरी के अंतर्गत शहरों के नाम में परिवर्तन किया गया है.
परिवहन भत्ता का विवरण (Transport Allowance Details)
क्र.म. | गुण (एट्रिब्यूट) | सम्बंधित डेटा |
1 | अलाउंस का नाम | परिवहन सुविधा भत्ता (ट्रांसपोर्ट अलाउंस) |
2 | उच्च भत्ते वाले शहरों की संख्या | 19 शहर |
3 | शहरों के नाम | दिल्ली, कोलकाता, बैंगलोर, हैदराबाद, चेन्नई, मुंबई, कानपूर, नागपुर, जयपुर, लखनऊ, पुणे, सूरत, अहमदाबाद, पटना, इंदौर, कोच्ची, कोज्हिकोड़े, गाजियाबाद, कोयम्बटूर |
4 | स्तर 1 और 2 के लिए (उच्च स्तर भत्ता) | रू 1350+ DA |
5 | स्तर 1-2 (सामान्य भत्ता ) | रू 900+ DA |
6 | स्तर 3 से 8 (उच्च स्तर भत्ता) | रू 3,600+DA |
7 | स्तर 3 से 8 (सामान्य) | रू 1800+ DA |
8 | स्तर 9 और उससे ऊपर (उच्च स्तर) | रू 7200+DA |
9 | स्तर 9 और उससे ऊपर (सामान्य) | रू 3600+DA |
10 | पे स्तर 14 और उससे ऊपर का भत्ता | रू 15,750+ DA |
11 | विकलांग लोगों के लिए न्यूनतम भत्ता | रू 2,200+ DA |
12 | भत्ते पर टैक्स छूट | सेक्शन 10 (14) ii तहत टैक्स का प्रावधान |
इस तरह से 7 वें वेतन भत्ते के आधार पर सरकारी कर्मचारियों को परिवहन भत्ता पहले की तरह ही नियमित रूप से प्राप्त होता रहेगा और कर्मचारी इसका लाभ यथावत उठा पाएंगे.
अन्य पढ़ें –