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मंच संचालन स्क्रिप्ट, महिला संगीत या विदाई समारोह या एंकरिंग स्क्रिप्ट (Ladies Sangeet Anchoring Script and Quotes for farewell, college annual function Speech In Hindi)
इसमें हमने महाविद्यालय को परिवार बताया है , जहाँ कुछ गुरु एवम शिष्य के स्थान पर थे, कुछ बड़े भाई, कुछ छोटे भाई, कुछ बहने , कुछ बेटियाँ और कुछ उनके सखा एवम सखी के स्थान पर थे. वर्षो के सफ़र में बने इन रिश्तों को मैंने कुछ पंक्तियों के माध्यम से व्यक्त किया हैं. आशा हैं आपको अपने किसी कार्यक्रम में इन पंक्तियों से मदद मिल सकती हैं.
स्टार्टिंग
यादों का हैं विशाल आकार,
संजो रखा हैं एक परिवार.
एक माला के मोती हैं सब,
शिक्षा के मंदिर के ज्योति हैं सब.
नहीं हैं यह केवल एक महा विद्यालय का प्रांगन.
यह तो हैं स्नेह भक्ति से सजा श्री ……….के घर का आँगन.
गुरु के लिए
मानते हैं इन्हें एक गुरु अपना
दिखाया जिसने जीवन का सपना
पग पग पर दिया दिशा निर्देश
जिससे सजा जीवन परिवेश
बड़े भाई के लिए
कड़ी धूप में दे पीपल जो छाया
ऐसी अदभुद हैं प्रेम की माया
होता हैं जब बड़े भाई का हाथ
जीवन बीतता हैं बिना विवाद
नहीं हैं इनसे रक्त सम्बन्ध
पर है जीवन का अनमोल बंधन
सखा के लिए
जीवन का घरोंदा सजता हैं सपनों से
दिल भर उठता हैं यादों की दस्तक से
हर लम्हा खुशनुमा हो उठता हैं
जब साथ इन यारों का होता हैं.
शिष्य के लिए
गुरु के लिए क्या हैं ख़ुशी ?
ना तारीफ के शब्धों में हैं वो ताकत
ना मूल्यवान उपहारों में हैं सच्ची इबादत
बस एक ही हैं जिससे मिले आत्मीय शांति
जब शिष्य को मिले सफलता की कांति
बेटियों के लिए
कभी-कभी आते हैं जीवन में ऐसे मोड़
मिल जाते हैं धुरंधर उतपाती लोग
किसी को हैं फेशन का कीड़ा
किसी का कड़क मिजाज अलबेला
एक हैं इसमें प्यारी बनिया
एक ने उड़ा रखी हैं निंदिया
ऐसा हैं इन लड़कियों का फेरा
जिन्होंने कई बार इन्हें विवादों में घेरा
शरारती बेटियों के लिए
हैं यहां कुछ सुशील बहुए
मीठी, कड़क, चाय हो जैसे
काम में तेज , तो कभी बातों में
कभी सीधी तो कभी कराटो में
हैं इनका एक अलग स्थान
शिक्षा के मंदिर में, अमीट योगदान
सखी के लिए
हैं राजनीती शास्त्र में इनकी पकड़
साड़ी पहने कलफ चड़ीं कड़क
चेहरे पर न झुर्री न दाग
आवाज में हैं दबंगता का भाव
इनके इतिहास के पन्ने हैं ताजे
भुत से भुत तक इनके शंख हैं बाजे
……………………नाम हैं जिनका
सखी सहलियों सा साथ हैं इनका
staff के लिए
बिना इनके नहीं होता पूरा परिवार
साथ हो सबका तब ही बनता आकार
जब होते हैं सभी प्यार के बंधन में बंधे
तब ही जगमगाते हैं मोती माला के
अन्य साथी
हर काम आसान हो जाता है
जब दिलों का तार जुड़ जाता हैं
फिर कितना भी हो मन मुटाव
प्यार से भरी जिन्दगी में होता हैं ठहराव
आते हैं कई मोड़ ऐसे
जब मन विचलित होता हैं
जब उन कठिनाइयों में
बस साथ अपनों का होता हैं
यह हैं S N College का परिवार
जहाँ सबका हैं समान आकार
अन्य मेम्बर
इन्हें समझा हैं इस परिवार का बच्चा
जिनकी शैतानी से तरो ताज़ा रहता हैं अच्छा-अच्छा
इनकी शरारतो से खुशनुमा हैं वातावरण
जैसे इत्र की सुगंध से महके आवरण
बिना इनके होता हैं सूनापन
करते हैं हर दम मक्खी सी भीन-भीन
छोटे भाई
परिवार जितना सजता हैं बड़ो के आशीर्वाद से
उतना ही महकता हैं छोटो की नटखट शरारतो से
इस परिवार में हैं छोटे भाई भी इतने खास
जिनके बिना ना सजे कोई साज
जीवन परिचय
कुछ पंक्तियों के जरिये,
इक छोटा सा परिचय.
जीवन बीता इस नगरी में,
शिक्षा का दीपक जलाया,
स्कूल के प्रांगन से
उच्च शिक्षा का गौरव दिलाया,
कॉलेज की गलियों में
अभी भी भर रहा था ज्ञान का घड़ा
आगे की पढाई के लिए इन्हे जाना पड़ा.
आज इस जगह को अलविदा हैं कहने वाले
सभी हैं साथ आज इनके चाहने वाले
ये अपने ही हैं इनके जीवन की पूंजी
सरल सादे आचरण की इकलोती कुंजी.
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