Shaadi (Wedding) Puja Samagri In Hindi भारतीय शादी में दो इन्सान की शादी एक दुसरे से नहीं होती, इसमें एक पूरा परिवार दुसरे परिवार से जुड़ता है. शादी सिर्फ एक रिवाज नहीं होता है, ये कई दिनों तक चलने वाला इवेंट होता है. भारतीय शादी किसी त्यौहार से कम नहीं होती है, इसे पूरा परिवार पुरे जोश से मनाता है और जी लेना चाहता है. हिन्दू शादी सिर्फ एक शादी की रस्म नहीं होती है, इसमें तो रस्मो, रीती-रिवाज की लम्बी लिस्ट होती है. शादी एक ऐसा क्षण होता है, जब दूल्हा, दुल्हन अपने जीवन के नए सफ़र पर कदम रखते है, यहाँ उनके साथ पूरा परिवार खड़ा हुआ रहता है. इस शादी को पूरा तभी माना जाता है, जब शादी की रस्म पुरे रीती रिवाज से होती है. इन रस्मों में बहुत सी पूजा सामग्री लगती है. हिन्दू शादी को पुरानों के अनुसार ब्रह्म विवाह कहा जाता है.
शादी की तैयारी के समय शादी से जुड़ी पूजन सामग्री भी एक साथ रखकर तैयार कर लेनी चाहिए, ताकि बाद में किसी परेशानी का सामना न करना पड़े. आजकल शादियाँ घर से नहीं होती है, लड़का हो या लड़की दोनों ही अपने घर से दूर किसी होटल में शादी करते है, इसलिए जरुरी है कि जरूरत की हर चीज आपके पास व्यवस्थित रूप में हो. लड़का, लड़की के परिवार की कुछ रस्म अलग अलग हो सकती है, लेकिन ओवरआल बहुत कुछ एकसा होता है. आज मैं आपको हिन्दू शादी में लगने वाली पूजा सामग्री के बारे बताउंगी. शादी की तैयारी कैसे करें? ये जानने के लिए यहाँ पढ़ें.
Table of Contents
हिन्दू शादी पूजा की सामग्री सूूची लिस्टShaadi Puja Samagri In Hindi
अगर आपके यहाँ पहली शादी है तो आपको कब कौनसी रस्म होगी और उसकी रीती के बारे में नहीं पता होगा, इसके लिए जरुरी है कि शादी की डेट फिक्स होते ही, आप उसके आगे पीछे की रस्मों के बारे में पूरी जानकारी ले लें. हर हिन्दू परिवार की रस्में अलग अलग होती है, इसलिए आप अपने ही घर के किसी बड़े या कुटुम्बियों से सभी रस्मों को अच्छे से समझ लें. रस्म के हिसाब से कब क्या लगेगा, उस रस्म के सामने ही लिख लें, जिससे समान इक्कठा करते समय आपको आसानी होगी. इसके अलावा आप अपने पंडित से भी पूजा सामग्री की लिस्ट ले सकते है.
भगवान की फोटो या प्रतिमा –
हिन्दू समाज में गणेश जी को सबसे प्रथम पूजा जाता है. इसलिए इनकी फोटो या प्रतिमा जरुर रखें. इसके साथ ही माता लक्ष्मी की भी फोटो या प्रतिमा को रखें.
एक अनुभवी पुजारी –
हिन्दुओं की पूजा किसी पंडित के द्वारा ही पूरी मानी जाती है. लगभग हर हिन्दू परिवार का एक फॅमिली पंडित होता है, जो सारी रस्मों को अच्छे से पूरा करवाते है. अगर आपके पास ऐसे कोई पंडित नहीं है तो आप अपनी जान पहचान से एक पंडित जी से पहले ही बात कर लें. शादी सीजन में पंडित जी लोग भी व्यस्त रहते है, इसलिए उनसे सारी बातें पहले ही कर लें.
हल्दी की रस्म के लिए जरुरी समान –
हल्दी की रस्म सभी हिन्दू परिवार की शादीयों में होती है. यह रस्म दूल्हा एवं दुल्हन दोनों ही के परिवार में होती है. हल्दी धार्मिक दृष्टि से पवित्र मानी जाती है, साथ ही ये स्वास्थ्य की दृष्टि से भी बहुत अच्छी होती है. इसके लगाने से चेहरे की रंगंत बढ़ती है, इसलिए ये दूल्हा दुल्हन को उपटन के रूप में लगाई जाती है. उपटन बनाने के लिए 3 चम्मच हल्दी पाउडर, 3 चम्मच दूध, 3 चम्मच बेसन एवं कुछ बूंदे गुलाब जल की डालें. गुलाब जल के फायदे एवं बनाने की विधि जानने के लिए यहाँ क्लिक करें. हल्दी वाली रस्म में आजकल दुल्हन पीली साडी पहनती है एवं फूलों की ज्वेलरी से अपने आपको सजाती है. टीवी, फिल्मों की वजह से आजकल ये ट्रेंड एक रस्म ही बन गया है. जबकि दूल्हा धोती कुरता पहनते है.
मेहँदी एवं संगीत रस्म –
हल्दी के बाद, मेहँदी की रस्म होती है. ज्यादातर ये रस्म शाम या रात के समय होती है. आजकल मेहँदी प्रोफेशनल के द्वारा ही लगवाई जाती है. इसमें किसी पूजा पाठ की जरुरत नहीं होती है. लेकिन यह भी शादी की एक रस्म का मुख्य भाग है, इसमें दुल्हन को अच्छे से तैयार होना चाहिए, ये सब यादें है जो कैमरे में कैद होती है, जो हमें जीवन भर याद रहती है. इसलिए इन पलों को जी भर के जीना चाहिए और यादगार बना देना चाहिए. कई लोग मेहँदी सेरेमनी के समय ही लेडीज संगीत भी करते है, जिसमें घर, रिश्तेदार, दोस्त सभी मिल कर नाच गाना करते है. मेहँदी का गहरा रंग एवं उससे लम्बे समय तक रखने के तरीके जानने के लिए यहाँ पढ़ें.
शादी की रस्मों के बीच बैठने की व्यवस्था –
शुभ शादी समारोह पर, पूजा कुछ सख्त नियमों में की जाती है. दूल्हा, दुल्हन एवं पंडित जी के बैठने का स्थान अहम होता है, इसके लिए पंडित जी से पूछ कर ही जगह तय करें.
हवन सामग्री –
हिन्दू शादी में अग्नि के सात फेरे लेकर ही दूल्हा दुल्हन गठबंधन में बंधते है. इसके बाद ही उनकी शादी पूरी मानी जाती है. हवन के लिए हवन कुंड लाकर रखें, इस कुंड में सबसे पहले रेत की लेयर रखें. हवन की पूरी सामग्री, पूजा सामग्री वाली शॉप पर मिल जाती है. इसके अलावा आम के पेड़ की सूखी लकड़ी रखें, चंदन, घी, शक्कर, चावल को भी हवन में डाला जाता है.
धान, राजह्म रस्म के लिए –
2 प्लेट चावल राजह्म रस्म के लिए लगते है. इसमें लड़की का भाई, दूल्हा दुल्हन के हाथों में धान डालता है, जो अग्नि में गिरता जाता है.
ताजे फूल – पत्ती –
आम के पेड़ की पत्ती, पान, दुवा पूजा के समय लगती है. इसके साथ ही ताजे फूल भी लगते है. दूल्हा दुल्हन के लिए जयमाल भी ताजे फूलों की बनती है.
ताजे फल –
शादी की रस्म में बहुत से फलों की भी जरूरत होती है. प्रसाद के तौर पर फलों को चढ़ाया जाता है. इसमें केला, नारियल बहुत जरुरी होता है, इसके अलावा 5 अलग अलग तरह के फल रख सकते है.
कलश –
कलश में पवित्र जल को रखा जाता है, आप इसमें गंगा जल या कोई भी पवित्र नदी का जल रख सकते है. कलश के तौर पर ताम्बे का लौटा उपयोग किया जाता है. इसके उपर आम के पत्ते और फिर नारियल रखते है. नारियल के गुण एवं फायदे जानने के लिए यहाँ पढ़ें. कलश को हवन कुंड के पास में रखते है. इसके पास में गोबर से बने गौर गणेश को पान के पत्ते के उपर रखा जाता है, और फिर इसकी पूजा की जाती है.
गठबंधन के लिए जरुरी समान –
गठबंधन मतलब दूल्हा दुल्हन के बीच बाँधी हुई गाँठ. इसे दुल्हन की साडी और दूल्हा के चुन्नी से बांधा जाता है. गठबंधन के समय शंख बजाय जाता है, इसलिए इस समय शंख अवश्य रखें.
बड़ो का आशीर्वाद –
बड़ों के द्वारा गुलाब के फूल को गंगा जल में डुबोकर दूल्हा दुल्हन के उपर छिड़का जाता है.
सिंदूर –
अग्नि के सात फेरे लगाने के बाद दूल्हा, दुल्हन को सिंदूर लगाता है. सिंदूर सुहागन औरत के सुहाग का प्रतीक होता है. इसमें सिंदूर को चांदी के सिक्के या अंगूठी से भरा जाता है.
मंगलसूत्र –
मंगलसूत्र भी सुहागन की निशानी होती है. हिन्दुओं में शादीशुदा औरतें मंगलसूत्र को हमेशा पहने रहती है. इस सेरेमनी के समय दूल्हा दुल्हन पर फूल बरसाए जाते है.
अन्य सामग्री –
क्रमांक | सामग्री |
1. | हल्दी, कुमकुम |
2. | मिठाई |
3. | नयी टॉवल, एक साडी, एक ब्लाउज पीस, शाल |
4. | सुहागन का पूरा समान |
5. | दीपक जलने के लिए, घी, तेल, बत्ती |
6. | सफ़ेद धागा, मौली |
7. | चौक बनाने के लिए आटा या रंगोली |