भारतीय कृषि प्रधान देश है, जहां अधिकांश जनसंख्या का जीवन यापन कृषि पर निर्भर करता है। किसान हमारे देश की आत्मा हैं, और उनकी समृद्धि ही देश की समृद्धि का प्रतीक है। इस दिशा में केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का आरंभ किया, जिसका उद्देश्य छोटे और सीमांत किसानों को आर्थिक सहायता प्रदान करना है। यह योजना किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुई है, लेकिन कई पात्र किसान अभी भी इस योजना के लाभ से वंचित हैं।
बजट में इस योजना का उल्लेख आने के बाद, प्रशासन ने इन वंचित किसानों तक पहुँचने के लिए एक नई पहल शुरू की है। जिले में इस योजना से जुड़े किसानों को काफी लाभ मिला है, लेकिन अब भी कई पात्र किसान इस योजना से वंचित हैं। प्रशासन ने गांवों में शिविर लगाकर इन किसानों को एक और मौका देने का निर्णय लिया है।
इन शिविरों में कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) प्रतिनिधि, पोस्ट ऑफिस प्रतिनिधि, लेखपाल और कृषि विभाग से किसान सहायक उपस्थित रहेंगे। उनका मुख्य कार्य पात्र किसानों से आवेदन लेना और उनकी समस्याओं का मौके पर ही निस्तारण करना होगा। यह शिविर चार मार्च तक सभी ग्राम पंचायतों में लगाए जाएंगे, जिससे किसानों को भाग-दौड़ करने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी।
फरवरी 2019 के बाद वाले किसान लाभ से वंचित –
यह भी ध्यान देने योग्य है कि फरवरी 2019 के बाद जमीन खरीदने वाले किसान इस योजना के लिए पात्र नहीं होंगे। इस नियम का उद्देश्य योजना को अधिक प्रभावी और लक्षित बनाना है। हालांकि, वारिसान वाले किसानों को इस योजना से जोड़ा जाएगा।
इस पहल से उम्मीद है कि अधिक से अधिक पात्र किसान इस योजना का लाभ उठा सकेंगे। कृषि उपनिदेशक मनोज कुमार के अनुसार, गांवों में शिविर लगाने का मुख्य उद्देश्य पात्र वंचित किसानों को योजना से जोड़ना है। इस प्रयास से न केवल किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा, बल्कि यह उन्हें एक नई उम्मीद और समर्थन भी प्रदान करेगा।
FAQ –
उत्तर: इस योजना का उद्देश्य छोटे और सीमांत किसानों को आर्थिक सहायता प्रदान करना है।
उत्तर: बदायूं जिले में वंचित पात्र किसानों तक पहुंचने और उन्हें योजना का लाभ दिलाने के लिए गांवों में शिविर लगाने की नई पहल की गई है।
उत्तर: शिविर में कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) प्रतिनिधि, पोस्ट ऑफिस प्रतिनिधि, लेखपाल और कृषि विभाग से किसान सहायक मौजूद रहेंगे।
उत्तर: शिविर 4 मार्च तक सभी ग्राम पंचायतों में लगाए जाएंगे।
उत्तर: फरवरी 2019 के बाद जमीन खरीदने वाले किसान इस योजना के लिए पात्र नहीं होंगे।
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