उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू का जीवन परिचय | Vice President Venkaiah Naidu Biography in hindi

वेंकैया नायडू का जीवन परिचय | Venkaiah Naidu Biography (Jivani) in hindi

वेंकैया नायडू भारतीय राजनीति में एक बेहद जाने माने नाम हैं, यह कम्मा जाती से आते है। ये तत्कालिक समय में भारत सरकार के अंतर्गत कार्यरत हैं, और अब इनका नाम राष्ट्रीय जनतान्त्रिक गठबंधन की तरफ से उपराष्ट्रपति के रूप में लिया जा रहा है. इन्होने तात्कालिक भारत सरकार के कैबिनेट में आवास और शहरी उन्नयन मंत्रालय, शहरी विकास और सूचना प्रसारण के अंतर्गत कार्य किया है. ये भारतीय जनता पार्टी के एक बहुत महत्वपूर्ण नेता हैं और इन्होंने साल 2002 से 2004 तक पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के तौर पर भी काम किया. श्री अटल बिहारी वाजपेयी के सरकार के दौरान उनके भी कैबिनेट में इन्होने ग्रामीण विकास मंत्रालय के अंतर्गत कार्य किया.

वेंकैया नायडू

Venkaiah Naidu Biography

वेंकैया नायडू का प्रारंभिक जीवन और शिक्षा (Venkaiah Naidu Birth and Education)

वेंकैया नायडू का जन्म 1 जुलाई सन 1949 में आँध्रप्रदेश के नेल्लोर जिले में चावतापलेम नामक ग्राम में हुआ. उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा नेल्लोर के वी. आर. हाई स्कूल से की और वीआर कॉलेज से राजनीति में स्नातक किया. इसके उपरान्त उन्होंने पुनः विशाखापटनम के आंध्र यूनिवर्सिटी ऑफ़ कॉलेज एंड लॉ से लॉ की डिग्री प्राप्त की.

वेंकैया नायडू का पारिवारिक जीवन (Venkaiah Naidu Family Details)

वेंकैया नायडू का जन्म एक किसान परिवार में हुआ था. इनके पिता का नाम रंगैया नायडू और माता का नाम रामानम्मा था. ये एक समृद्ध परिवार से ताल्लुक़ रखते हैं. बचपन से ही इनकी रूचि राजनीति समझने में रही थी. अतः उच्च शिक्षा के लिए इन्होने राजनीति ही चुना.

वेंकैया नायडू का करियर (Venkaiah Naidu Career)

अपने कॉलेज के दिनों में ये दक्षिणपंथी विचारधारा से प्रभावित थे और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में स्वयंसेवक भी रहे. जल्द ही इन्होने छात्र राजनीति में छलांग लगाई और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के सदस्य हो गये. ‘अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद’ भारतीय जनता पार्टी का छात्र संघ है. जल्द ही यहाँ पर इन्हें सफलता प्राप्त हुई और इन्हें स्टूडेंट यूनियन पर अध्यक्ष का पद प्राप्त हुआ. यहाँ से इनकी राजनीतिक करियर भी शुरू होता है.

वेंकैया नायडू का राजनैतिक करियर (Venkaiah Naidu Political Career)

वेंकैया नायडू को साल 1972 में जय आन्ध्र आन्दोलन से एक राजनीतिक पहचान मिली और ये लोगों की नज़र में आये. इस समय इस आन्दोलन का नेतृत्व ककनी वेंकट रत्नम कर रहे थे. वेकैया नायुडू इस आन्दोलन में बहुत सक्रिय रहे और वे तब तक इससे जुड़े रहे जब तक ये पूरी तरह से समाप्त नहीं हो गया. साल 1974 में वेंकैया नायडू ने जय प्रकाश नारायण के भ्रष्टाचार मुक्ति अभियान में आन्ध्र प्रदेश के छात्र संघर्ष समिति के संयोजक के रूप में भी काम किया. इंदिरा गाँधी द्वारा लगाए गये आपातकाल के दौरान इन्होने सड़क पर होने वाले आन्दोलनों में भाग लिया और जेल भी गए.

वेंकैया नायडू का राजनीतिक करियर उनके छात्र जीवन से ही सक्रीय था. इन्होने छात्र राजनीति और उसके बाद की उच्चस्तरीय राजनीति में एक सफल प्रवक्ता का काम किया. इनकी वाक् शक्ति का किसानों और पिछड़ी जाति के लोगों पर भी बहुत गहरा असर हुआ. इन्हें अपनी राजनीतिक क्षमताओं के बल पर आंध्रप्रदेश विधानसभा में उदयगिरी विधानसभा क्षेत्र से दो बार विधयाक पद से नियुक्त किया गया. पहली बार साल 1978 में और दूसरी बार साल 1983 में इन्होने यहाँ से चुनाव जीता, और इस तरह से ये आन्ध्रप्रदेश में भारतीय जनता पार्टी के एक मशहूर नेता हो गये.

साल 1980-85 के बीच ये भाजपा के आन्ध्रप्रदेश राज्य के लेजिस्लेटिव लीडर रहे. इसके अलावा साल 1988- 93 के बीच आन्ध्र प्रदेश क्षेत्र के बीजेपी अध्यक्ष, साल 1993- 2000 तक बीजेपी के नेशनल जनरल सेक्रेटरी और इसी समय बीजेपी पार्लियामेंट्री बोर्ड के महासचिव, प्रवक्ता भी रहे. इसके उपरांत इन्होंने भारतीय जनता पार्टी के लिए राज्य और केंद्र स्तरीय कई पदों पर कार्य किये और साल 1998 में इन्हें कर्नाटक के राज्यसभा सांसद के रूप में नियुक्त किया गया. साल 1996 से 2000 के बीच इन्होने पार्टी प्रवक्ता के हिसाब से भी कार्य किया. दक्षिण भारत के नेता होते हुए भी इन्होने अपनी रैलियों में हिंदी बोलने पर जोर दिया, ताकि अधिक से अधिक लोग इनकी राजनीतिक विचारों को समझ सकें.

साल 1999 में एनडीए द्वारा लोकसभा चुनाव जीतने के बाद इन्हें केंद्र सरकार के कैबिनेट में शामिल किया गया और ग्रामीण विकास मंत्रालय का कार्यभार सौंपा गया. इस मंत्रालय के कार्यभार को पूरा करते हुए इन्होने ‘प्रधानमन्त्री ग्राम सड़क योजना’ और इसी तरह के अन्य योजनाओं को पूरा करते हुए देश का विकास किया. साल 2002 में इन्होने जाना कृष्णमूर्ति के स्थान पर भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष का कार्यभार संभाला. इनकी कार्यशैली को देखते हुए साल 2004 में इन्हें बिना किसी विरोध के पूर्ण 3 वर्ष की समयावधि के लिए राष्ट्रीय अध्यक्ष नियुक्त किया गया.

साल 2004 के बीजेपी द्वारा संचालित राष्ट्रीय जनतान्त्रिक गठबंधन की सरकार की हार पर इन्होने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से 18 अक्टूबर 2004 को त्यागपत्र दे दिया और उनके स्थान पर लाल कृष्ण आडवाणी ने ये कार्यभार संभाला. हालाँकि इसके बाद भी ये आंध्रप्रदेश में भारतीय जनता पार्टी का चेहरा बने रहे. इन्हें कर्नाटक राज्यसभा पद से पुनः साल 2004 और साल 2010 में नियुक्त किया गया. अप्रैल 2005 से ये भारतीय जनता पार्टी के उप- अध्यक्ष भी रहे. साल 2014 में भारतीय जनता पार्टी की ऐतिहासिक जीत के बाद इन्होने शहरी विकास मंत्री के रूप में शपथ ग्रहण की.

वेंकैया नायडू राजनीति से परे (Venkaiah Naidu Other Activities)

वेंकैया नायडू की अपनी भी एक संस्था ‘स्वर्ण भारत ट्रस्ट’ के नाम से चलती है. यह ट्रस्ट ग़रीबों के बच्चों को शिक्षा प्रदान करने का और युवाओं के लिए सेल्फ एम्प्लॉयमेंट ट्रेनिंग देने का कार्य करती है. इस ट्रस्ट की सहायता से कई संसाधनहीन बच्चों को शिक्षा प्राप्त करने में मदद मिलती है और साथ ही कई युवाओं को अपने पैरों पर खड़े होने का अवसर प्राप्त हो जाता है. इसी संस्था की सहायता से महिला सशक्तिकरण का कार्य भी किया जाता है.

इन बड़े और दायित्व कार्यभारों के निर्वहन कार्य को देखते हुए राष्ट्रीय जनतान्त्रिक गठबंधन ने इन्हें उप-राष्ट्रपति के चुनाव में अपना उम्मीदवार नियुक्त किया है. यदि ये उपराष्ट्रपति पद के चुनाव में अपनी जीत दर्ज कराते हैं, तो इन्हें भारत के तात्कालिक उपराष्ट्रपति डॉ हामिद अंसारी के स्थान पर कार्यभार प्राप्त होगा. इस पद के लिए इनके सभी अनुभव बहुत काम आयेंगे.     

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