महामारी पर निबंध, क्या है, किसे कहते है, परिभाषा, कैसे फैलती है, सूची शायरी, अधिनियम, इतिहास, विज्ञान के उद्देश्य, नाश मंत्र (Endemic, Epidemic, Pandemic in Hindi) (History, Act, Essay)
इन दिनों पूरी दुनिया को एक ऐसी बीमारी ने घेर लिया हैं जिसे विश्व के स्वास्थ्य संगठन द्वारा महामारी (पैंडेमिक) घोषित कर दिया गया है. इस बीमारी का सबसे बड़ा कारण है कोरोना वायरस. लेकिन आपको यह जानकर हैरानी होगी कि दुनिया के इतिहास में कई सदियों पहले से कई सारी ऐसी बीमारियाँ फ़ैल चुकी हैं, जिससे लाखों ही नहीं बल्कि करोड़ों लोगों की मृत्यु हो चुकी है. और उन सभी बीमारियों को महामारी (पैंडेमिक) घोषित किया गया था. आज हम इस लेख में वे कौन – कौन सी बीमारियां थी, जिसे महामारी (पैंडेमिक) घोषित किया गया इसकी एक सूची लेकर आये हैं. इस सूची में आपको उन सभी बीमारियों के नाम और उनकी जानकारी प्राप्त हो जाएगी.
Table of Contents
महामारी पर निबंध [Mahamari Essay in Hindi]
प्रस्तावना
महामारी संक्रमण से फैलने वाली एक बीमारी है, जो बहुत ही तेजी से एक इंसान से दूसरे इंसान में या फिर एक जानवरों से दूसरे जानवरों में फैलती है। महामारी की शुरुआत किसी छोटी जगह से होती है, जब इस बीमारी की समय पर रोकथाम नहीं की जाती है या फिर इसका पता समय पर नहीं लग पाता है, तो धीरे-धीरे यह विकराल रूप धारण कर लेती हैं, जिसके कारण कई लोगों की मृत्यु हो जाती है और कई लोग बीमारी की चपेट में आ जाते हैं।
महामारी क्या होती है
महामारी की सामान्य शब्दों में व्याख्या की जाए, तो जब कोई बीमारी छुआछूत के कारण फैलने लगती है, तो उस बीमारी को महामारी का नाम दिया जाता है। महामारी पूरे वर्ल्ड में धीरे-धीरे फैलती है। ऐसी बीमारियों पर नियंत्रण रख पाना काफी मुश्किल हो जाता है, जिन्हें महामारी बीमारी घोषित कर दिया जाता है। वर्तमान समय में कोरोनावायरस को वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन ने महामारी घोषित कर दिया है। कोरोनावायरस के आने के पहले भी प्लेग, हैजा और चेचक जैसी बीमारियों को महामारी घोषित किया जा चुका है।
महामारी का इतिहास
दुनिया में अब तक कई ऐसी महामारी आई है जिन्होंने लोगों के जीना दूभर कर दिया था। इतिहास की कुछ प्रमुख महामारियां निम्नलिखित हैं।
फेलाइटिस लेटाग्रिका –
यह बीमारी साल 1915 से लेकर सन 1926 तक चली थी। इस बीमारी के प्रभाव से आदमी का नर्वस सिस्टम काफी खराब हो जाता था और इसका इंफेक्शन काफी तेजी से फैलता था। मुख्य तौर पर यह बीमारी नाक और मुंह के द्वारा फैलती थी। इस बीमारी का शिकार हो जाने पर व्यक्ति को बहुत ही ज्यादा नींद और सुस्ती हो जाती थी।
स्पेनिश फ्लू –
साल 1918 से लेकर 1920 तक स्पेनिश फ्लू महामारी का प्रकोप काफी तेज था। स्पेनिश फ्लू की बीमारी फ्लू वायरस इनफ्लुएंजा के कारण फैली थी। इंडिया में भी इसका लोगों पर काफी कहर बरपा था।
हैजा महामारी –
हैजा महामारी साल 1961 से लेकर 1975 तक फैली थी। यह महामारी एशिया के देशों के अलावा इंडिया और बांग्लादेश में भी फैली थी। विब्रियो कोलेरा नाम के बैक्टीरिया के कारण यह बीमारी फैली थी।
फ्लू महामारी –
फ्लू महामारी साल 1968 से लेकर 1969 तक हांगकांग में फैली थी। जब यह महामारी फैली थी, तो उसी समय वियतनाम का युद्ध हो रहा था और जिन सैनिकों ने इस युद्ध में भाग लिया था, उन सैनिकों को भी यह बीमारी हो गई थी और इन्हीं सैनिकों के कारण अमेरिका देश में भी यह वायरस फैल गया था।
चेचक महामारी –
चेचक महामारी साल 1974 में फैली थी। इस महामारी के फैलने के पीछे मुख्य तौर पर दो वायरस का हाथ था, जिनमें पहले का नाम वायरल माइनर तथा दूसरे का नाम वेरीयोला मेंजर था। इंडिया में तकरीबन 60% चेचक के मामले 1974 में आए थे। इंडिया की सरकार ने इस खतरनाक बीमारी से छुटकारा पाने के लिए राष्ट्रीय चेचक उन्मूलन कार्यक्रम चलाया था। काफी कोशिश करने के बाद साल 1977 में हमारे देश को इस खतरनाक बीमारी से छुटकारा मिला।
सूरत में प्लेग –
साल 1994 में सूरत शहर में न्यूमोनिक प्लेग महामारी फैली थी। इस महामारी के कारण सूरत के बहुत सारे लोगों को सूरत छोड़कर जाना पड़ा था। सूरत शहर में गंदी नालियों और खराब सीवेज के कारण यह बीमारी फैली थी। यह बीमारी एक आदमी से दूसरे आदमी में आराम से ट्रांसफर हो जाती थी।
सार्स –
सार्स नाम की यह बीमारी साल 2002 से लेकर साल 2004 तक फैली थी। इसके लक्षण कोविड-19 के तरह ही थे।
चिकनगुनिया और डेंगू –
डेंगू और चिकनगुनिया की बीमारी मच्छरों के द्वारा फैली थी। नालियों के अंदर गंदा पानी भर जाने के कारण मच्छरों की प्रजनन बहुत ही तेजी से होती थी। इस बीमारी के सबसे ज्यादा मरीज दिल्ली में मिले थे। यह बीमारी साल 2006 में फैली थी।
हेपेटाइटिस –
गुजरात राज्य के कुछ डॉक्टरों ने खराब सिरिंज का इस्तेमाल किया था, जिसके कारण यह बीमारी इंसानों में फैल गई। हेपेटाइटिस बी की बीमारी साल 2009 में फरवरी के महीने में अस्तित्व में आई थी।
पीलिया –
इस बीमारी की स्टार्टिंग खराब पानी पीने के कारण हुई थी। पीलिया बीमारी की शुरुआत ओडिशा राज्य में साल 2014 में हुई थी और यह तकरीबन साल 2015 तक चली थी।
स्वाइन फ्लू –
स्वाइन फ्लू एक इनफ्लुएंजा वायरस था, जो साल 2014 में H1V1 वायरस के द्वारा फैली थी। स्वाइन फ्लू बीमारी के कारण तकरीबन 2000 लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा था।
एन्सेफेलाइटिस –
इस बीमारी की शुरुआत साल 2017 में उत्तर प्रदेश के गोरखपुर शहर में हुई थी। इंसेफलाइटिस बीमारी के कारण गोरखपुर में कई बच्चों की मौत हो गई थी। जो बच्चे इस बीमारी से पीड़ित हो जाते थे, उनके दिमाग में सूजन हो जाती थी और वह विकलांग हो जाते थे।
निपाह वायरस –
केरल में चमगादड़ो के द्वारा साल 2018 में यह वायरस पहली बार अस्तित्व में आया था।
कोरोना वायरस –
वर्तमान में दुनिया कोरोनावायरस से पीड़ित है। कोरोनावायरस महामारी की शुरुआत साल 2019 में चाइना के वेहान शहर से हुई थी। इस बीमारी से पीड़ित हो जाने पर व्यक्ति को सांस लेने में दिक्कत होने लगती थी, साथ ही उसे बुखार भी हो जाता था और समय पर इलाज ना मिलने के कारण उसकी मृत्यु हो जाती थी।
महामारी के प्रकार
महामारी के कुल तीन प्रकार है, जो निम्नानुसार हैं।
एंडेमिक
किसी खास वर्ग के लोगों में या किसी विशेष देश के लोगों के बीच फैली बीमारी को एंडेमिक महामारी नाम दिया जाता है। इसे स्थानिक भी कहा जाता है, कोई भी बीमारी स्थानिक तब होती है, जब दुनिया की जनसंख्या में इसकी उपस्थिति बनी रहती है। इस प्रकार की महामारी में सरकार से ज्यादा लोगों का यह फर्ज बनता है कि वह अपना बचाव करें।
एपिडेमिक्स
एपिडेमिक्स महामारी का स्तर ज्यादा बड़ा नहीं होता है। इस प्रकार की महामारी में इन्फेक्शन वाली बीमारियों के फैलने का खतरा ज्यादा होता है, परंतु इसका प्रकोप अधिकतर क्षेत्रीय या फिर क्षेत्र के लोकल लोगों को ही पड़ता है।
पैनडैमिक
ऐसे संक्रमण वाली महामारी को पैनडैमिक कहते हैं, जो किसी एक जगह से दूसरे देशों, महाद्वीपों या फिर पूरी दुनिया में फैल गई हो। इस प्रकार की बीमारी को महामारी घोषित किया जाता है, जब उसका कहर सिर्फ एक ही देश में नहीं अभी तो दुनिया के विभिन्न देशों में देखने को मिलता है।
दुनिया के इतिहास की महामारी घोषित बीमारियों की सूची (World Mahamari Disease List)
नीचे दी गई तालिका में हम आपको सदियों से दुनिया के इतिहास में अब तक जिन – जिन बीमारियों को महामारी घोषित किया गया है उनकी जानकारी दे रहे हैं –
नाम | समय अवधि | प्रकार / कारण | मरने वालों की संख्या |
एथेंस | 430 बीसी | – | – |
एंटोनिन प्लेग | 165–180 | चेचक या खसरा | 5 मिलियन |
प्लेग ऑफ़ जस्टिनियन | 541–542 | येर्सीनिया पेस्टिस बैक्टीरिया / चूहे, फ्लास से | 30 से 40 मिलियन |
लेप्रोसी कुष्ठ रोग | 11 वीं शताब्दी | धीमी गति से विकसित होने वाली जीवाणु संबंधी बीमारी | मिलियंस लोग |
द ब्लैक डेथ | 1346–1353 | बूबोनिक प्लेग / येर्सीनिया पेस्टिस बैक्टीरिया / चूहे, फ्लास से | 200 मिलियन |
द कोलमबियन एक्सचेंज | 1492 | चेचक, खसरा और बूबोनिक प्लेग जैसी बीमारी के चलते | 56 मिलियन |
ग्रेट प्लेग ऑफ़ लन्दन | 1665 | येर्सीनिया पेस्टिस बैक्टीरिया / चूहे, फ्लास से | 1,00,000 |
इटालियन प्लेग | 1629 -1631 | येर्सीनिया पेस्टिस बैक्टीरिया / चूहे, फ्लास से | 1 मिलियन |
कॉलरा पैंडेमिक 1–6 | 1817–1923 | वी. कॉलरा बैक्टीरिया | 1 मिलियन से भी ज्यादा |
थर्ड प्लेग | 1885 | येर्सीनिया पेस्टिस बैक्टीरिया / चूहे, फ्लास से | 12 मिलियन (चीन और भारत) |
येलो फेवर | लेट 1800s | वायरस / मच्छरों से | 1-15 लाख (यूएस) |
रशियन फ्लू | 1889–1890 | एच2एन2 वायरस (एवियन ओरिजिन) | 1 मिलियन |
स्पेनिश फ्लू | 1918–1919 | एच1एन1 वायरस / सूअर से | 40 से 50 मिलियन |
एशियाई फ्लू | 1957–1958 | एच2एन2 वायरस | 1.1 मिलियन |
होंगकोंग फ्लू | 1968–1970 | एच3एन2 वायरस | 1 मिलियन |
एचआईवी एड्स | 1981 से अब तक | वायरस / चिम्पंजीस | 25-35 मिलियन |
स्वाइन फ्लू | 2009–2010 | एच1एन1 वायरस / सूअर | 2 लाख |
सार्स | 2002–2003 | चमगादड़, सिवेट्स | 770 |
इबोला | 2014–2016 | इबोला वायरस / जंगली जानवरों से | 11 हजार |
मर्स | 2015 से अब तक | चमगादड़ और ऊंट | 850 |
कॉविड–19 | सन 2019 से अब तक | कोरोना वायरस / कारण का अभी पता नहीं चल पाया है. | लगभग 6 हजार (अब तक) |
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महामारी का प्रकोप
महामारी जब किसी एक ही देश में या फिर किसी एक ही राज्य में या क्षेत्र में होती है, तो उसे स्थानीय महामारी कहा जाता है, परंतु जब कोई महामारी दुनिया के अलग-अलग देशों में फैल जाती है तो उसे वैश्विक महामारी कहा जाता है। किसी भी बीमारी को वैश्विक महामारी घोषित करना है या नहीं, इसका निर्णय वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन लेता है, जिसे प्रायः विश्व स्वास्थ्य संगठन कहा जाता है।
जब विभिन्न देशों में यह बीमारी आम लोगों में फैलने लगती है, तो उसे महामारी के तौर पर घोषित कर दिया जाता है। किसी भी बीमारी को महामारी घोषित करने के टाइम इस बात का काफी ख्याल रखा जाता है कि, लोगों के मन में बिना कारण का डर उत्पन्न ना हो। हमारे देश में समय-समय पर काफी भयानक और विकराल महामारियो का सामना किया है। हालांकि इन महामारीओं से हमारे देश में निजात भी पा लिया है, परंतु इन सभी महामारीओ ने हमारे देश के काफी लोगों की जान ली थी और इन महामारियो को रोकने में सरकार को काफी ज्यादा परेशानियों का सामना करना पड़ा था। कई महामारीया तो हमारे भारत में ऐसी थी, जो एक या दो नहीं बल्कि 4 से लेकर 5 सालों तक चली थी, जिसके कारण भारत की आर्थिक तरक्की पर भी काफी चोट पहुंची थी, वरना आज हमारा भारत देश काफी आगे होता।
आज के समय में कोरोनावायरस के कारण लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। इस वायरस के कारण दुनिया के अधिकतर देश प्रभावित हुए हैं। कोरोनावायरस को अस्तित्व में आए हुए महज अभी 2 साल ही हुआ है, परंतु इसका प्रभाव इतना ज्यादा विकराल है कि इससे निजात पाने में बड़े-बड़े देशों के पसीने छूट जा रहे हैं। कोरोनावायरस को भी विश्व स्वास्थ्य संगठन ने साल 2020 में वैश्विक महामारी घोषित कर दिया है। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन के द्वा रा इस वायरस का नाम कोविड-19 वायरस रखा गया है। कोविड-19 का मतलब होता है साल 2019,क्योंकि साल 2019 में ही यह वायरस चीन के वुहान शहर में अस्तित्व में आया था।
महामारिया समय समय पर आती रहती हैं और जब महामारी आती है, तो इससे विश्व की जनसंख्या का एक बड़ा हिस्सा प्रभावित होता है, साथ ही इससे लाखों लोगों की मौत भी हो जाती है।
महामारी अधिनियम 1897 क्या है
महामारी अधिनियम अंग्रेजी हुकूमत ने साल 1897 में बनाया था। जब 1897 में मुंबई में प्लेग महामारी फैली थी, तत्पश्चात इस कानून का निर्माण किया गया था। महामारी अधिनियम 1897 कानून में कुल 4 प्रकार की धारा शामिल है। इस अधिनियम के तहत राज्यों को यह अधिकार मिला है कि, वह रेलवे या फिर किसी भी दूसरे परिवहन के द्वारा ट्रेवल कर रहे पैसेंजर की चेकिंग कर सके। इसके अलावा इस कानून के अंतर्गत कोई विरोध करता है, तो उसे गिरफ्तार भी किया जा सकता है और उसे जबरदस्ती हॉस्पिटल में एडमिट करवाया जा सकता है। अगर कोई व्यक्ति महामारी अधिनियम 1897 के कानूनों का उल्लंघन करता है, तो उसके खिलाफ कानून की धारा 188 के तहत कार्रवाई होगी।
महामारी अधिनियम 2020 क्या है
महामारी अधिनियम साल 2020 में लागू किया गया था। इस अधिनियम के अंतर्गत अगर कोई व्यक्ति आशा वर्कर्स, डॉक्टर, नर्स या फिर जो महामारी के काम में लगे हुए हैं, अगर उनके ऊपर हमला करता है, तो उसे 7 साल की सजा हो सकती है। इसके अलावा उसे जुर्माना भी भरना पड़ सकता है या फिर उसे सजा और जुर्माना दोनों का सामना करना पड़ सकता है।
महामारी विज्ञान क्या है
महामारी विज्ञान को अंग्रेजी भाषा में epidemiology कहा जाता है। एपिडेमियोलॉजी साइंस की उस ब्रांड से रिलेटेड है, जिसमें इंफेक्शन वाली बीमारियों के प्रचार की स्टडी की जाती है। पूरे समुदाय और मानव जाति की सुरक्षा के लिए इस फील्ड में एक्सपर्ट काम करते हैं।
महामारी कैसे फैलती है
महामारी जानवरों से जानवरों में, जानवरों से इंसानों में तथा इंसानों से इंसानों में फैलती है। जो व्यक्ति महामारी बीमारी से पीड़ित होता है, अगर वह किसी अन्य व्यक्ति के संपर्क में आता है, तो उस व्यक्ति को भी वह महामारी बीमारी अपनी जकड़ में ले लेती है। इसके अलावा महामारी अलग-अलग प्रकार से जानवरों में और इंसानों में फैलती है। जैसे आंख, नाक, मुंह के द्वारा या फिर एक दूसरे के संपर्क में आने के द्वारा।
महामारी नाशक मंत्र
इतिहास में देखा जाए,तो जितनी भी महामारी अभी तक आ चुकी है, वह सभी सावधानी और दवाई के द्वारा ही गई है। महामारी नाश का मूलमंत्र यही है कि सबसे पहले बीमारी का कारण जो भी वायरस है, उसका पता लगाया जाए और उसके बारे में पूरी जानकारी इकट्ठी की जाए। उसके बाद अगले कदम में लोगों की जांच की जाए और जांच के बाद उनका इलाज करवाया जाए। इसके साथ ही जब तक बीमारी की दवाई नहीं बन जाती है, तब तक सरकार जो भी दिशानिर्देश जारी करती है, उसे फॉलो किया जाए ताकि अन्य लोगों में बीमारी ना फैले।
उपसंहार
सरकार को महामारी के लिए एक ठोस रणनीति बनानी चाहिए।इसके साथ ही जनता का भी यह फर्ज बनता है कि वह सिर्फ सरकार के भरोसे ही ना बैठे रहे, बल्कि सरकार के द्वारा दिए गए आदेशों का पालन करें।हम सबका यह कर्तव्य होता है कि, महामारी के दौरान सरकार जो भी दिशा निर्देश जारी करती है, हम उसका पालन करें, तभी महामारी पर जल्दी से काबू पाया जा सकता है। इसलिए सतर्क रहें, सुरक्षित रहें और स्वस्थ रहें।
देखा जाये तो प्लेग एवं फ्लू जैसी ये सभी बीमारियों ने काफी बड़े पैमाने पर लोगों की हत्या की. इन बीमारियों से इतने लोगों को अपने प्राणों से हाथ धोना पड़ा कि कुछ तो द्वीप के द्वीप तक ख़त्म हो गए. हालही में फैले कोरोना वायरस के चलते भी कॉविड – 19 जैसी महामारी (पैंडेमिक) ने दुनिया भर में लोगों के बीच काफी डर का माहौल बना दिया है. यह वायरस चीन के वुहान शहर की देन है. जिससे चीन सहित दुनिया के 147 ऐसे देश प्रभावित हुए हैं जिन्हें इस वायरस ने घेरा रखा है. इस वायरस से अब तक 1 लाख 40 हजार से भी ज्यादा लोग ग्रसित हो गए है. आने वाले समय में यह आंकड़ा बढ़े नहीं, इसलिए दुनिया भर में इस बीमारी से निपटने के हर संभव प्रयास करते हुए लोगों की सुरक्षा के पूरे इन्तेजाम किये जा रहे हैं.
FAQ
Ans : 6 से भी ज्यादा महामारी आ चुकी है, जिसमें करोड़ों लोगों की जानें जा चुकी है।
Ans : विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी कि वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) करता है।
Ans : सावधानी बरतें और सरकार जो भी दिशा निर्देश देती है उसका सख्ती के साथ पालन करें।
Ans : महामारी को अंग्रेजी में epidemiology कहते हैं।
Ans : जी हां कोरोनावायरस एक वैश्विक महामारी है, क्योंकि यह दुनिया के कई देशों में फैला हुआ है।
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