जोधा अकबर की जीवनी [Jodha Akbar Jeevan Parichay Essay History In Hindi]
जोधा अकबर का इतिहास यह एक रोचक कथा हैं जिसके विषय में अबतक प्रमाणित जानकारी मिलना संभव नही हो पाया हैं लेकिन फिर भी जोधा अकबर की प्रेम कहानी को सब जानना चाहते हैं | अगर यह किसी लेखक की कल्पना हैं तो वह भी बहुत अनूठी हैं जिस रचना ने कल्पना और वास्तविक्ता के बीच के अंतर को खत्म कर दिया हो वास्तव में वह लेखक की महानता हैं | जोधा अकबर प्रेम कथा ने हिन्दू मुस्लिम संस्कृति के मिलाप की नींव रखी हैं |
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जोधा अकबर की जीवनी
अकबर की जीवनी :
यह मोहम्मद जलाल्लुद्दीन अकबर के नाम से प्रसिद्धी पाने वाले मुग़ल शासक थे | इन्हें इतिहास में सबसे सफल मुग़ल शासक के रूप में जाना जाता हैं | यह एक ऐसा राजा बना जिसे दोनों सम्प्रदायों हिन्दू एवम मुस्लिम ने प्यार से स्वीकार किया इसलिए इन्हें जिल –ए-लाही के नाम से नवाजा गया | अकबर के शासन से ही हिन्दू मुस्लिम संस्कृति में संगम हुआ जो कि उस वक्त की नक्काशी से साफ़ जाहिर होता हैं | मंदिरों और मज्जितों में समागन हुआ दोनों को समान सम्मान का दर्जा दिया गया | जब भी हम इतिहास के इस रूप को देखते हैं तब यही एक सवाल उठता हैं कि ऐसा क्यूँ ? क्यूँ अकबर जैसा शक्तिशाली शासक हिन्दू संस्कृति को भी प्रेम करता था | तब इतिहास के पन्नो से ही आवाज आती हैं उस प्रेम कथा की जिसे हम जोधा अकबर कहते हैं |
पूरा नाम | मोहम्मद जलाल्लुद्दीन अकबर |
जन्म मृत्यु | 1542- 1605 |
माता पिता | नवाब हमीदा बानो बेगम सा |
पत्नी | रुकैया बेगम,सलीमा सुल्तान बेगम और मारियाम उज़-ज़मानि बेगम (जोधा ) |
संतान | जहांगीर |
जोधा की जीवनी :
यह एक राजपूतानी कन्या थी जिन्हें हरका बाई, हीर कुंवर कई नामों से जाना जाता हैं | यह राजा भारमल की पुत्री थी और मुग़ल शासक की बेगम | जोधा राजपूत थी और अकबर मुग़ल शासक इन दोनों का विवाह प्रेम संबंध नहीं बल्कि राजनैतिक समझौता था | परन्तु फिर भी यह संबंध एक प्रेम कहानी के नाम से विख्यात हैं |
पूरा नाम | हीर कुंवर/ जोधा बाई/ हरका बाई |
जन्म मृत्यु | मतभेद |
धर्म | हिन्दू राजपुत |
माता पिता | राजा भारमल- मानवती साहिबा |
पति | अकबर |
संतान | जहांगीर |
जोधा अकबर एक एतिहासिक कहानी जिसे इतिहास की सबसे यादगार प्रेम कहानी कहा जाता हैं | जोधा अकबर पर कई फिल्मे और टीवी सीरियल भी बने हैं जिनके कारण जोधा अकबर के प्रति आज के लोगों का रुझान काफी बढ़ा हैं| जोधा अकबर की इन कहानियों पर बनी फिल्मो और धारावाहिकों का कई इतिहासकार एवम मूल राजिस्थानी लोगो ने विरोध किया | जिस कारण लोगों में यह जानने का उत्साह बना कि आखिर क्या था जोधा-अकबर का सच ?
जोधा अकबर एक प्रेम कथा हैं| वास्तव में इसके अस्तित्व के कोई खास प्रमाण मौजूद नहीं हैं | अकबर मुगलों का बादशाह था जिसने अपनी ताकत से भारत को मुगलों के आधीन कर लिया था | उस वक्त अकबर के शत्रु राजपुताना थे जिसे हम अकबर और प्रताप के युद्ध के रूप में जानते हैं |
अकबर ने भारत को अपने आधीन करने के लिये कुछ रणनीति बनाई जिसमे युद्ध और समझौता शामिल था | अकबर के पास विशाल सैन्यबल था जिससे वो आसानी से विरासतों पर अपना परचम फहरा सकता था लेकिन इन सबमे बहुत सारा खून बहता था जो कि कई मायनों में अकबर को पसंद नहीं था इसलिये उसने समझौते की नीति को भी अपनाया जिसके तहत वो अन्य राजा की बेटियों से विवाह कर सम्मान के साथ उनसे रिश्ते बनाकर उन रियासतों को बिना जन हानि के अपने आधीन कर लेता था | उन दिनों अकबर के सबसे बड़े शत्रु राजपूत थे जिन्हें वो इन दोनों नीतियों में से किसी एक तरह से अपने आधीन करता था |जब अकबर का युद्ध राजा भारमल से हुआ तब उसने उनके तीनों बेटों को बंदी बना लिया तब राजा भारमल ने अकबर के सामने समझौते के लिये हाथ बढ़ाया और इस तरह राजा भारमल की कन्या राजकुमारी जोधा का विवाह अकबर के साथ किया गया | परम्परा के अनुसार जोधा को मुग़ल धर्म अपनाना था लेकिन अकबर ने उन्हें इस बात के लिए जोर नहीं दिया | यही था जोधा अकबर की प्रेम कथा का आधार क्यूंकि अकबर जोर जबरजस्ती से देश पर मुग़ल साम्राज्य नहीं चाहता था इसलिए इतिहास अकबर को एक अच्छा शासक कहता हैं | अकबर के इसी व्यवहार के कारण राजकुमारी जोधा के मन में अकबर के लिये प्रेम का भाव जागा और उन्होंने अकबर को हिन्दू संस्कृति से अकबर का परिचय करवाया | शायद इसी कारण अकबर दोनों धर्मों में प्रिय शासक बने | इसके अलावा अकबर का बचपन हिन्दू परिवार के साथ बिता | जंग के दिनों में इनके पिता हुमायु को कई दिनों तक अज्ञातवास में बिताना पड़ा जिस कारण इन्हें हिन्दू परिवार के साथ रहना पड़ा जिस कारण भी अकबर के मन में हिन्दू संस्कृति के लिये भी आदर था | अकबर की कई बेगम थी लेकिन फिर भी उनका मन जोधा से ज्यादा जुड़ा जिसका कारण जोधा का निडर व्यवहार था जो अकबर को बहुत पसंद था | जोधा ने हमेशा अकबर को सही गलत का रास्ता दिखाया जो कि अकबर को एक प्रिय राजा बनने में मददगार साबित हुआ |
जोधा ही मुग़ल साम्राज्य की मरियम उज़-ज़मानी (जिसकी संतान राजा बनती हैं )बनी | जोधा की पहले दो संताने (हसन हुसैन )हुई जो कुछ ही महीने बाद मृत्यु को प्राप्त हो गई | बाद में जोधा की संतान जहाँगीर ने मुगुल साम्राज्य पर अपनी हुकूमत की |
इसी तरह मुग़ल और राजपुताना के संबंधो के कारण हम हिन्दू और मुग़ल नक्काशी का समावेश देख पाते हैं | अकबर ने जोधा को किले में मंदिर बनाने की अनुमति दी थी जिसके कारण उस वक्त में इन दोनों संस्कृति का समावेश देखा गया जो अत्यंत अनूठा संगम हैं |
लेकिन कई इतिहासकारों ने जोधा अकबर की कथा को गलत कहा उनके हिसाब से किसी भी एतिहासिक किताब में जोधा के होने के कोई पुख्ता प्रमाण नहीं हैं | कुछ इतिहासकार के अनुसार जोधा, अकबर के बेटे जहाँगीर की राजपुताना बैगम थी | कई इतिहासकारों के अनुसार जोधा किसी लेखक की कलम का काल्पनिक पात्र हैं | रजिस्थानी लोगो का कहना हैं कि किसी भी राजपूत स्त्री की शादी अकबर से नहीं की गई थी और कुछ का कहना हैं कि जोधा नाम से नहीं अन्य किसी नाम से राजपुताना बैगम को जाना जाता था | इसी तरह की कई कहानियाँ जोधा अकबर के प्रेम के संदर्भ में कही जाती हैं |
जोधा अकबर पर बनी फ़िल्म जिसे आशुतोष गोवारेकर ने बनाया था उन्हें भी कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ा और उनका भी बहुत विरोध किया गया जिसके बारे में उन्होंने कहा कि उन्होंने एतिहासिक किताबों, रिसर्च और कई अच्छे इतिहासकार से बातचीत के बाद अपनी फ़िल्म बनाई | उनके अनुसार अकबर की राजपुताना बैगम थी लेकिन उनके नाम अलग-अलग थे जिन में से एक जोधा भी था |
FAQ
Ans- जोधा बाई के बचपन का नाम हीरा कुमारी और हरका बाई था।
Ans- अकबर ने जोधा को मरियम-उज-जमानी की उपाधि दी थी।
Ans-जोधा अकबर की शादी 6 फरवरी 1562 में हुई थी।
Ans- जोधा अकबर की शादी राजनीतिक गठबंधन के कारण हुई थी।
Ans- साल 1623 में हुई थी जोधा बाई की मृत्यृ।
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