ग्रीन टी अर्थात हरी चाय के फ़ायदे व नुकसान | Green Tea Benefits and Side Effect in hindi

ग्रीन टी अर्थात हरी चाय के फ़ायदे व नुकसान एवं सेवन | Green Tea Benefits Side Effects and How to Drink in hindi

हरी चाय कैमलिया सिनेजिस सयंत्र से बनाई जाती है, केमिला सिनेसिस के सूखे पत्तों और कलियों को विभिन्न प्रकार के चाय बनाने के लिए उपयोग किया जाता है. हरी चाय का उपयोग कैंसर के बचने, पेट के विकार, अवसाद के उपचार और सर्दी के फ्लू इत्यादि से बचने के लिए करना बहुत लाभकारी साबित हो सकता है. काली चाय की अपेक्षा हरी चाय को चिकित्सा प्रणाली में ज्यादा महत्व दिया गया है.      

Table of Contents

ग्रीन टी के बारे में पूरी जानकारी

हरी चाय के प्रकार (Green Tea Types)

कई प्रकार की हरी चाय पाई जाती है, हरी चाय शुष्क पत्ते और तरल पत्तियों के रूप में भी पाए जाते है. हरी चाय सिंगल चाय बैग के रूप में, पाउडर के रूप में, डिब्बाबंद कंटेनर, कैप्सूल इत्यादि कई प्रकारों में उपलब्ध है.       

हरी चाय का इतिहास (Green Tea History)

इतिहासकारों के अनुसार 1046 में चीन के शांग राजवंश ने चाय की उत्पत्ति औषधि के रूप में की, लू यू द्वारा लिखी गयी पुस्तक ‘चाय क्लासिक’ को हरी चाय के इतिहास में महत्वपूर्ण माना जाता है. बाद में मंगोलों ने इसे पेय पदार्थ के रूप में इस्तेमाल करना शुरू कर दिया. भारत में ईस्ट इण्डिया कंपनी की स्थापना के बाद ब्रिटिश ने एशिया और यूरोप में चाय के व्यापार को शुरू किया. इसके बाद में दार्जलिंग में चाय की खेती को प्रसिद्धी मिली और भारतीय चाय एशियाई लोगों के लिए एक प्रसिद्ध और लोकप्रिय पेय बन गया, आज पुरे विश्व में इस पेय का आनंद उठाया जाता है.    

Green Tea

हरी चाय में पाए जाने वाले पोषक तत्व (Green Tea Nutritional Value)

100 ग्राम हरी चाय में मिलने वाली न्यूट्रीशन की मात्रा को नीचे टेबल में दर्शित किया गया है जो निम्नवत है-

न्यूट्रीशन मात्रा
ऊर्जा0.96 कैलोरी 
प्रोटीन0.2 ग्राम 
थाईमीन बी1  0.007 मिलीग्राम 
रिबोफ्लाविन बी2  0.06 मिलीग्राम
नियासिन बी3 0.03 मिलीग्राम 
विटामिन बी6 0.005 मिलीग्राम  
विटामिन सी0.3 मिलीग्राम
आयरन0.02 मिलीग्राम
मैग्नीशियम0.18 मिलीग्राम
पोटैशियम8 मिलीग्राम
सोडियम1 मिलीग्राम
पानी99.9 ग्राम
कैफ़िन12 मिलीग्राम

हरी चाय के फ़ायदे (Green Tea Benefits in hindi)

इसके फायदों को निम्न बिन्दुओं के आधार पर दर्शाया गया है :

बालों के लिए लाभदायक (Green Tea Benefits for Hair)

हरी चाय के इस्तेमाल से बालों का झड़ना रुकने के साथ ही उनका विकास भी बड़ी तेज़ी से होता है. हरी चाय बालों को प्राकृतिक रूप से बढ़ने में मदद करते है. हरे रंग के चाय में पोल्य्फेनोल्स, विटामिन सी, 5-अल्फ़ा रिडक्टेज और विटामिन इ पाए जाते है, जो बालों के विकास और उनको नरम रखने में सहायक होते है. चाय में मिलने वाली पाली फेनोलास्टिक और टेस्टोस्टेरोन पदार्थ बालों को झड़ने से रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. जिससे यह लम्बे घने बालों के लिए आसान घरेलू उपाय हैं. हरी चाय का इस्तेमाल सर को साफ़ रखने और सिर को संक्रमण से बचाने के लिए भी किया जा सकता है.

हरी चाय का बालों को झड़ने से रोकने के लिए प्रयोग करने का तरीका
  • सबसे पहले बालों को सामान्य रूप से धो ले फिर चाय के ताजे हरे पत्ते के रस को बालों में 10 मिनट के लिए लगा कर छोड़ दे. इस प्रक्रिया को सप्ताह में 2 से 3 बार दोहराए ऐसा करने से बालों में रुसी की समस्या नहीं होगी.
  • हरी चाय को गर्म या ठन्डे रूप में इसमें शहद मिलाकर पीने से भी बालों को झड़ने से रोकने में मदद मिल सकती है.
  • हरी चाय के तीन बैग को आधा लीटर पानी में 10-15 मिनट रखने के बाद निकाल दे, उसके बाद इस पानी से बालों की जड़ो में मालिश करे, आपको लाभ मिलेगा.
  • हरी चाय 2 से 3 चम्मच और 1 अंडे को मिलाकर बालों में लगाकर आधे घंटे के लिए छोड़ दे, फिर इसे ठन्डे पानी से धो ले. इस मिश्रण को लगाने से बालों में वृद्धि होती है और वो मुलायम बनते है. इसके अलावा आप चाहे तो इस मिश्रण में नीम्बू और शहद को भी मिलकर इस्तेमाल कर सकते है.
  • इसके अलावा बाजार में हरी चाय मिली हुई शैम्पू, कंडीशनर और कैप्सूल भी उपलब्ध है, जिसका उपयोग कर आप बालों को झड़ने से बचा सकने में मदद ले सकते है.        

ग्रीन टी त्वचा के लिए लाभदायक (Green Tea Benefits for Skin)

हरी चाय में एंटी-ऑक्सीडेंट उच्च मात्रा में रहता है, जिस वजह से यह शरीर में मौजूद विषाक्त पदार्थो को बाहर निकालने में मदद करता है. पेट साफ़ होने की वजह से त्वचा दागरहित और कांतिमय दिखती है. हरी चाय युक्त बाजार में कई तरह के कॉस्मेटिक उत्पाद उपलब्ध है. अगर आप कॉस्मेटिक उत्पादों का इस्तेमाल नहीं करना चाहते है तो आप घर पर भी अपनी त्वचा के अनुसार हरी चाय का पैक बना कर इसका इस्तेमाल कर सकते है.

हरी चाय का उपयोग फेस पैक के लिए निम्नलिखित है –
  • सबसे पहले हरी चाय की पत्तियों को 2 कप पानी में उबाल लें फिर इसको ठंडा करने के बाद छान कर इसमें चावल के आटे को मिला कर इस पैक को चेहरे पर लगाये, इस पैक को लगाने से त्वचा पर मौजूद अतिरिक्त तेल निकल जाते है जिससे काले धब्बे हट जाते है और त्वचा स्वास्थ्य और चमकदार बनती है.
  • उबली हरी चाय के पानी में 2 चम्मच दूध की क्रीम, 1 चम्मच चीनी को मिलाकर स्क्रब तैयार कर ले इस पैक को चेहरे पर 15 मिनट के लिए लगा कर छोड़ दे, फिर इसे हल्के हाथों से रगड़कर हल्के गुनगुने पानी से धो दे. गुनगुने पानी के कई फ़ायदे हैं. इस पैक को लगाने से त्वचा के ऊपर से मृत कोशिकाएं हट जाती है और त्वचा में प्राकृतिक चमक आ जाती है.
  • संवेदनशील त्वचा के लिए 1 चम्मच दही में 1 चम्मच नींबू का रस और 2 चम्मच हरी चाय की पानी को मिलाकर इस पेस्ट को 20 मिनट तक चेहरे पर लगा कर छोड़ दे. इस पैक को लगाने से दही में मौजूद प्रोटीन, विटामिन डी और कैल्सियम से धुप में काली पड़ गयी त्वचा की कालिमा को कम करने में मदद मिलती है.
  • सुखी और बेजान त्वचा में नई जान लेन के लिए आप 1 से 2 चम्मच हरी चाय के पानी में मुल्तानी मिट्टी, दही, शहद और पके हुए केले को मसल कर, इन सब सामग्रियों को मिलाकर इस पैक को 15 मिनट तक चेहरे पर लगा कर सूखने दे बाद में ठन्डे पानी से चेहरे को साफ़ कर लें. इससे आपकी त्वचा का तुरंत कायाकल्प हो जायेगा त्वचा जीवंत हो उठेगी साथ ही त्वचा में नई ताजगी आ जायेगी.      

ग्रीन टी स्वास्थ्य के लिए लाभदायक (Green Tea Benefits for Health)

हजारों सालों से हरी चाय का इस्तेमाल दवाओं के रूप में किया जाता है लेकिन चीन में इसका उपयोग व्यापक रूप से किया जाता है. हरी चाय के सेवन से स्वास्थ्य में कई तरह के सुधार होने की संभावना रहती है यह शरीर के तापमान को नियंत्रित करने में मदद करता है.

वजन घटाने और मधुमेह को रोकने में मददगार :

हरी चाय शरीर में मौजूद ग्लूकोज के स्तर को नियंत्रित करता है, यह उच्च इन्सुलिन स्पाईक्स और वसा भण्डारण को रोक सकता है जिससे रक्त शर्करा नियंत्रित रहती है.

ह्रदय रोग से बचाव :

हरी चाय रक्त वाहिकाओं में खून के थक्के के गठन को रोकने में मदद करती है जिससे दिल के दौरे पड़ने से बचा जा सकता है. अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन के एक जरनल में प्रकाशित अध्ययन में यह निष्कर्ष निकला है कि हरी चाय में कैटेचिन, पोल्य्फेनोलिक यौगिक के होने से इसका सेवन जो व्यक्ति करते है उनमे ह्रदय रोग से मृत्यु की दर कम होती है.

कैंसर की रोकथाम :

राष्ट्रीय कैंसर संस्थान के अनुसार हरी चाय में पोल्य्फोनेओल्स की मौजूदगी पराबैगनी किरण यूवीबी विकिरण के कारण होने वाले नुकसान से बचा सकती है. कुछ अध्ययनों में निम्न प्रकार के कैंसर पर हरी चाय के सकारात्मक प्रभाव को दिखाया गया है जिनमे शामिल है- स्तन कैंसर, मूत्राशय, डिम्बग्रंथि, आंत्र, गले, फेफड़ा, त्वचा और पेट के कैंसर से बचाव में हरी चाय सहायक होती है.

निम्न कोलेस्ट्रोल :

2011 में प्रकाशित एक अध्ययन के विश्लेषण में पाया गया है कि हरे रंग की चाय का उपयोग पेय या कैप्सूल के रूप में उपयोग करने से कोलेस्ट्रोल की मात्रा में कमी पाई गयी है.

यादाश्त को बढ़ाने में मददगार :

साइकोफार्माकोलॉजी पत्रिका में प्रकाशित शोध से पता चला है कि हरी चाय हमारे मस्तिष्क के संज्ञानात्मक कार्यो को बढ़ा देती है. हरी चाय के सेवन से अल्जाइमर रोग के जोखिम को कम किया जा सकता है.

इसके अलावा हरी चाय के इस्तेमाल से सुजन में कमी, दांतों को स्वस्थ रखने, गठिया में सुधार, तनाव को कम करने में मददगार, त्वचा के विभिन्न रोगों का इलाज और सुधार इत्यादि को करने में सहायक हो सकता है.                

हरी चाय का प्रभाव (Green Tea Effects)  

हरी चाय के अधिक सेवन से पड़ने वाले प्रभाव से बचने के लिए विशेष सावधानी और चेतावनी निम्नलिखित है-

गर्भावस्था और स्तनपान :

गर्भवती या स्तनपान करने वाली महिला को प्रतिदिन 2 कप से ज्यादा हरी चाय का सेवन नहीं करना चाहिए, क्योकि इसमें मौजूद कैफ़ीन से गर्भपात और बच्चों में जन्म दोष का खतरा बढ़ सकता है.

एनीमिया :

हरी चाय के अत्यधिक सेवन से एनीमिया का ख़तरा बढ़ सकता है.

चिंता या विकार की समस्या :

हरी चाय में मौजूद कैफ़ीन मानसिक चिंता या विकार की समस्या बढ़ा सकता है.

रक्तस्त्राव की समस्या :

कैफ़ीन की मौजूदगी मधुमेह, ह्रदय समस्या, खून के बहाव और ज़िगर की बीमारी की समस्या को बढ़ा सकती है.

कमज़ोर हड्डियाँ :

हरी चाय पीने से कैल्सियम की मात्रा बढ़ जाती है जो मूत्र में फ़ैल जाती है और जो शरीर के लिए नुकसानदायक होता है.

हरी चाय से नुकसान (Green Tea Side Effects)

हरी चाय अपेक्षाकृत अधिकतर वयस्कों के लिए सुरक्षित होती है लेकिन कुछ लोगो में हरी चाय पेट में अपच और कब्ज पैदा कर सकती है. इसको सीमित मात्रा में अगर इस्तेमाल किया जाता है तो यह सुरक्षित है लेकिन अधिक मात्रा में इसका सेवन असुरक्षित है. कैफ़ीन की वजह से इसका दुष्प्रभाव हल्के से गंभीर भी हो सकता है और इस वजह से सिरदर्द, घबराहट, नींद की समस्या, चक्कर आना और कम्पन जैसी समस्या हो सकती है. हरी चाय में कैफ़ीन की खुराक 10 से 14 ग्राम तक घातक हो सकती है.          

ग्रीन टी के सेवन का तरीका (How to Drink Green Tea)

हरी चाय को आप निम्नलिखित तरीके से बना कर इसका स्वाद ले सकते है :-

  • हरी चाय बनाने के लिए आप 1 छोटा चम्मच हरी चायपत्ती, एक कप पानी को 80 डिग्री सेल्सियस पर गर्म कर ले, फिर इसे छानकर आप चाय का स्वाद ले सकते है. ध्यान रहे इसे ज्यादा न खौलाए नहीं तो यह स्वाद में कड़वा लग सकता है.
  • हरी पावडर चाय को पानी मिलाकर गर्म कर ले, फिर उसमे शहद और नींबू का रस डाल कर आप इस स्वादिष्ट और पौष्टिक चाय का आनंद ले सकते है.
  • अदरक वाली हरी चाय बनाने के लिए सबसे पहले पानी और अदरक को डाल कर गर्म कर लें, फिर उसमे हरी चाय पत्ती एक छोटी चम्मच डाल कर गैस को बंद कर दे और थोड़ी देर के लिए चाय को ढँक कर छोड़ दे, उसके बाद इसको छान कर आप इसका सेवन कर सकते है.

अगर आप को मीठा पसंद है तो आप हरी चाय में चीनी का भी इस्तेमाल कर सकते है, लेकिन अगर हरी चाय को बिना चीनी मिलाये पिया जाये तो यह ज्यादा लाभकारी होता है.   

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