एकनाथ शिंदे का जीवन परिचय [Eknath Shinde Biography in Hindi] age, family, politics career

एकनाथ शिंदे का जीवन परिचय [जीवनी, पार्टी, लेटैस्ट न्यूज़, बेटा, परिवार, गाँव, जन्म तारीख, शिक्षा, राजनीति, राजनीतिक करियर, विवाद, पत्नी, जाती, धर्म, संपत्ति] Eknath Shinde Biography in Hindi [party, news, son, village, age, mla list, twitter, date of birth, education, politics career, controversy, family, caste, religion, property, net worth, wife]

पिछले कुछ दिनों से लगातार समाचार पत्रों और टीवी चैनल पर छाए हुए एकनाथ शिंदे महाराष्ट्र के साथ ही साथ भारत के सबसे चर्चित चेहरा बन गए हैं और इसकी वजह है एकनाथ शिंदे के द्वारा शिवसेना पार्टी से बगावत करना और 30 से भी अधिक विधायकों का समर्थन प्राप्त करना। वर्तमान में शिवसेना पार्टी की सरकार को गिराने की पुरजोर कोशिश एकनाथ शिंदे द्वारा की जा रही है हैं। ऐसे में आखिर एकनाथ शिंदे कौन है, इनके बारे में जानना हर कोई चाहता है, तो आइए जानते हैं एकनाथ शिंदे के जीवन के बारे में।

Eknath Shinde Biography

एकनाथ शिंदे का जीवन परिचय [Eknath Shinde Biography in Hindi]

नाम:एकनाथ शिंदे
जन्म तारीख:9 फरवरी 1964
उम्र:   58 साल
जन्म स्थान:मुंबई (महाराष्ट्र)
शिक्षा:न्यू इंग्लिश हाई स्कूल ठाणे
स्कूल:कला स्नातक (बीए) की डिग्री
कॉलेज:वाशवंतराव चव्हाण मुक्त विश्वविद्यालय, महाराष्ट्र
राशि:कुंभ राशि
गृहनगर:मुंबई (महाराष्ट्र)
वजन:68 किग्रा
आँखों का रंग:काला
बालो का रंग:काला
नागरिकता:भारतीय
धर्म:हिन्दू
शौक:   किताबें पढ़ना और फिल्में देखना
जाति:पाटीदार
पेशा:राजनीतिज्ञ
वैवाहिक स्थिति:विवाहित
राजनीतिक दल:शिवसेना
संपत्ति:7.82 करोड़

एकनाथ शिंदे का प्रारंभिक जीवन

वर्तमान के समय में महाराष्ट्र की राजनीति में चर्चा का केंद्र बिंदु बनने वाले एकनाथ शिंदे का जन्म साल 1964 में भारत देश के महाराष्ट्र राज्य की राजधानी मुंबई में 9 फरवरी के दिन हुआ था। इनके पिता जी का नाम संभाजी नवलू शिंदे और माताजी का नाम गंगुबाई शिंदे है। एकनाथ शिंदे जी का विवाह लता शिंदे से हुआ है जो कि एक बिजनेस वूमेन है। इन्हें संतान के तौर पर एक बेटा है जिसका नाम श्रीकांत शिंदे है।

वर्तमान में एकनाथ शिंदे की उम्र 58 साल की हो चुकी है। जब यह पैदा हुए थे तब इनके परिवार में काफी गरीबी थी और 16 साल की उम्र में अपने परिवार को आर्थिक तौर पर सहायता देने के लिए इन्होंने ऑटो रिक्शा चलाना प्रारंभ किया और काफी लंबे समय तक इन्होंने ऑटो रिक्शा चलाई। इसके साथ ही साथ यह पैसे कमाने के लिए शराब बनाने वाली एक फैक्ट्री में भी काम करने लगे।

ऐसा कहा जाता है कि साल 1980 के आसपास में बाल साहब ठाकरे के भाषण और उनके विचारों से प्रभावित होकर के एकनाथ शिंदे ने शिवसेना पार्टी जॉइन कर ली। यह वह समय था जब शिवसेना ही एकमात्र इंडिया में ऐसी पार्टी थी, जो कट्टर हिंदुत्व के मुद्दे के लिए जानी जाती थी।

यहां तक कि कट्टर हिंदुत्ववादी नेताओं की अधिक संख्या भाजपा से ज्यादा शिवसेना में थी। साल 2004 में एकनाथ शिंदे को पहली बार विधायक बनने का मौका मिला और बाल ठाकरे की मौत हो जाने के पश्चात यह तेजी के साथ कट्टर हिंदूवादी नेता के तौर पर महाराष्ट्र राज्य में उभर कर के आए।

हालांकि पिछले एक-दो साल से पार्टी में एकनाथ शिंदे से ज्यादा उद्धव ठाकरे और उनके पुत्र का कद बढ़ा और यही वजह है कि एकनाथ शिंदे पार्टी से खफा हो गए। देखा जाए तो एकनाथ शिंदे सिर्फ एक नेता के तौर पर पार्टी में रह गए थे, उन्हें ज्यादा महत्व नहीं दिया जाता था।

एकनाथ शिंदे की शिक्षा

थोड़ी समझ जब एकनाथ शिंदे को प्राप्त हुई, तब इनके माता-पिता के द्वारा ठाणे शहर में मौजूद न्यू इंग्लिश हाई स्कूल में इनका एडमिशन करवाया गया। यहां से इन्होंने अपनी एजुकेशन थोड़े समय तक पूरी की।

हालांकि यह अपनी प्रारंभिक एजुकेशन पूरी नहीं कर पाए और इन्होंने बीच में से ही अपनी प्रारंभिक पढ़ाई को छोड़ दिया और फिर अपने परिवार की आर्थिक सहायता करने के लिए यह ऑटो रिक्शा चलाने का काम करने लगे। इस समय इनकी उम्र 16 साल की थी।  1980 के दशक के आसपास में एकनाथ शिंदे की मुलाकात बाल ठाकरे और शिवसेना पार्टी के ठाणे के जिला प्रमुख आनंद दिघे से हुई और इस प्रकार इन्होंने शिवसेना पार्टी को ज्वाइन कर लिया।

भाजपा और शिवसेना के गठबंधन वाली साल 2014 की सरकार बनने के पश्चात इन्हें मंत्री पद प्राप्त हुआ और उसके बाद उन्होंने फिर से एजुकेशन हासिल करने के उद्देश्य से वसंतराव चव्हाण मुक्त यूनिवर्सिटी में एडमिशन लिया और यहां से मराठी और राजनीति सब्जेक्ट में आर्ट ग्रेजुएट की डिग्री हासिल की।

एकनाथ शिंदे का परिवार

एकनाथ शिंदे जी की माता जी का नाम गंगुबाई शिंदे है। इनके पिताजी का नाम संभाजी नवलु शिंदे था। इसके अलावा इनकी पत्नी का नाम लता शिंदे है और इन्हें एक संतान के तौर पर एक बेटा है जिसका नाम श्रीकांत शिंदे है ।

एकनाथ शिंदे का करियर

  • इन्हें पहली बार पार्षद बनने का मौका साल 1997 में मिला। पहली बार यह ठाणे नगर निगम से पार्षद बने थे।
  • सदन के नेता के पद के लिए ठाणे नगर निगम में इन्हें साल 2001 में चुना गया।
  • ठाणे नगर निगम के पद पर वर्ष 2002 में इन्हें एक बार फिर से विजय हासिल हुई।
  • महाराष्ट्र विधानसभा के लिए साल 2004 में एकनाथ शिंदे चुने गए।
  • शिवसेना पार्टी के द्वारा साल 2005 में ठाणे जिला प्रमुख के पद पर इन्हें नियुक्ति दी गई।
  • साल 2009 में एक बार फिर से एकनाथ शिंदे को महाराष्ट्र विधानसभा के लिए चुना गया।
  • एकनाथ शिंदे को महाराष्ट्र विधानसभा के लिए साल 2014 में एक बार फिर से चुना गया।
  • साल 2014 के अक्टूबर के महीने से लेकर के साल 2014 के दिसंबर के महीने तक एकनाथ शिंदे महाराष्ट्र विधानसभा के विपक्ष के नेता बने रहे।
  • साल 2014 से लेकर के साल 2019 तक यह महाराष्ट्र गवर्नमेंट में कैबिनेट मंत्री बने रहे।
  • साल 2014 से लेकर के साल 2019 तक यह ठाणे जिला के संरक्षण मंत्री भी बने रहे।
  • शिवसेना पार्टी का नेता इन्हें साल 2018 में नियुक्त किया गया।
  • महाराष्ट्र स्टेट गवर्नमेंट में लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री इन्हें साल 2019 में बनाया गया।
  • साल 2019 में इन्हें महाराष्ट्र विधानसभा के लिए चौथी बार चुना गया।
  • शिवसेना के विधायक दल के नेता के तौर पर इन्हें साल 2019 में चुना गया।
  • साल 2019 में 28 नवंबर के दिन इन्होंने महा विकास आघाडी के अंतर्गत कैबिनेट मिनिस्टर के तौर पर पद ग्रहण किया।
  • एकनाथ शिंदे को साल 2019 में शहरी विकास और लोक निर्माण मंत्री बनने का मौका प्राप्त हुआ।
  • साल 2019 में यह गृह मामलों के मिनिस्टर बने और साल 2020 में इन्हें ठाणे जिला का संरक्षक मंत्री बनाया गया।

एकनाथ शिंदे का राजनीति में आगमन

शिवसेना पार्टी में शामिल होने की प्रेरणा एकनाथ शिंदे को बाला साहब ठाकरे से नहीं बल्कि तब के शिवसेना पार्टी के कद्दावर नेता आनंद दिघे से प्राप्त हुई थी। एकनाथ शिंदे ने आनंद दिघे से ही प्रभावित होकर के सबसे पहले शिवसेना के शाखा प्रमुख के तौर पर पार्टी में अपनी मौजूदगी दर्ज करवाई और इसके साथ वह थाने म्युनिसिपल के कॉरपोरेटर भी बने

हालांकि कुछ सालों के पश्चात ही एकनाथ शिंदे काफी बुरी तरह से समय के कुचक्र में फंस गए। दरअसल इनके बेटा और बेटी की मौत हो गई जिसके पश्चात एकनाथ शिंदे के मन में राजनीति को छोड़ने का ख्याल तक आने लगा। हालांकि इस बुरे समय में आनंद दिघे ने एकनाथ शिंदे को काफी सांत्वना दी और उन्हें राजनीति में बने रहने के लिए कहा।

शिंदे का अपने परिवार को खोना

साल 2000 में 2 जून का दिन एकनाथ शिंदे के लिए काफी दुख भरा रहा। दरअसल इसी दिन वह महाराष्ट्र के सतारा जिले में अपने 11 साल के बेटे दीपेश और 7 साल की बेटी शुभदा के साथ घूमने के लिए गए थे और बोटिंग करने के दरमियान एक भयानक एक्सीडेंट हुआ।

इसी एक्सीडेंट में इनके बेटे और बेटी पानी में डूब गए। इस प्रकार से साल 2000 का समय इनके लिए काफी दुख पूर्ण रहा। हालांकि अब वर्तमान के समय में इनके पास इनका एक बेटा मौजूद है।

शिंदे को मिली गुरु की राजनीतिक विरासत

साल 2001 में 26 अगस्त के दिन एक एक्सीडेंट में शिंदे के राजनीतिक गुरु आनंद की मृत्यु हो गई। हालांकि कुछ लोगों का ऐसा भी कहना है कि आनंद दिघे की मृत्यु नहीं हुई थी बल्कि राजनीतिक कारणों से उनकी हत्या करवाई गई थी।

आनंद की मौत हो जाने के पश्चात ठाड़े के इलाके में शिवसेना का वर्चस्व कम होने लगा था और इस प्रकार से पार्टी ने थाने इलाके में शिवसेना के वर्चस्व को बनाए रखने के लिए वहां की कमान एकनाथ शिंदे को दी। इस प्रकार एकनाथ शिंदे ने अपनी काबिलियत के दम पर थाणे इलाके में पार्टी का परचम लहराया।

शिवसेना पार्टी में बगावत का कारण

पिछले कुछ समय से शिवसेना पार्टी पर अपने मूल सिद्धांतों से हटने का आरोप लगाया जा रहा है। लोगों का कहना है कि शिवसेना पार्टी कट्टर हिंदुत्ववादी पार्टी अब नहीं रही। अब वह इस्लाम परस्त पार्टी बन गई है।

इस प्रकार से लोगों का शिवसेना पार्टी से मोहभंग हो रहा है। इन लोगों में शिवसेना पार्टी के विधायक भी शामिल है। वहीं यह भी कहा जा रहा है कि पिछले कुछ सालों से शिवसेना पार्टी के वर्तमान मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के द्वारा ना तो कोई बड़ी मीटिंग का आयोजन किया गया है ना ही वह ज्यादा किसी विधायक से मिलते हैं।

हालांकि कुछ लोगों का यह भी कहना है कि उद्धव ठाकरे बस नाम के ही सीएम है बल्कि सरकार तो एनसीपी के शरद पवार ही चला रहे हैं। ऐसे में एकनाथ शिंदे लगातार विधायकों से मिलते रहे और उनके साथ मीटिंग करते रहे और उनकी समस्या को सुलझाने का प्रयास करते रहे।

इस प्रकार से एकनाथ शिंदे ने शिवसेना के विधायकों का भरोसा जीत लिया और उन्होंने समय आने पर पार्टी से बगावत कर दी। अब आलम यह है कि एकनाथ शिंदे के पास इतने विधायक है कि वह आसानी से महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बन सकते हैं।

एकनाथ शिंदे की संपत्ति

साल 2019 की प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार एकनाथ शिंदे के पास वर्तमान में तकरीबन 7 करोड़ 82 लाख रुपए की संपत्ति है। इनका बैंक में जमा धन ₹281000 है। वहीं इनके पास नगद के तौर पर 3264760 रुपए हैं। इसके अलावा इनके पास बांड और डिवेंचर मिलाकर के 30,591 रुपए हैं।

इसके अलावा एलआईसी और दूसरी पॉलिसी मिलाकर के इनके पास 50,08,930 हैं। इसके अलावा इनके पास मोटर और विभिन्न गहने मिलाकर के तकरीबन 8000000 से भी अधिक रुपए की संपत्ति है। इनके पास उपलब्ध सभी जमीनों की कीमत ₹2800000 है। इनके पास 3000000 रूपए की कमर्शियल प्रॉपर्टी है।

FAQ’S

Q: एकनाथ शिंदे कौन है?

ANS: शिवसेना पार्टी के नेता .

Q: एकनाथ शिंदे चर्चा में क्यों हैं?

ANS: शिवसेना पार्टी से बगावत करने के कारण

Q: एकनाथ शिंदे की जाति क्या है?

ANS: पाटीदार

Q: एकनाथ शिंदे पहली बार विधायक कब बने?

ANS: 2004

Q: एकनाथ शिंदे के राजनीतिक गुरु कौन थे?

ANS: आनंद दीघे

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