केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए कैलेंडर 2021 के अवकाश या छुट्टियाँ (Calendar 2021 Holiday list for Central Government Employee in hindi)
कर्मचारी निजी हो या सरकारी हो, अवकाश प्रत्येक कर्मचारी का मूलभूत अधिकार हैं. भारत में सरकारी कर्मचारियों को दिए जाने वाले अवकाश कई प्रकार के होते हैं. इनमें से कुछ ऐसे अवकाश होते हैं, जो देश में सभी शैक्षणिक और गैर-शैक्षणिक संस्थाओं को भी मिलते हैं. हालांकि केंद्र सरकार और राज्य सरकार द्वारा घोषित किये जाने वाले अवकाश अलग-अलग हो सकते है, लेकिन उससे उन अवकाशों पर कोई फर्क नहीं पड़ता, जो संविधान द्वारा सदा के लिए नियत किये गये हैं, इनमे लोकतंत्र के पर्व और विभिन्न धर्मों के पर्व शामिल हैं.
अनिवार्य अवकाश (Compulsory Holiday)
कुछ त्यौहार और दिन ऐसे हैं, जिन पर अवकाश अनिवार्यत: होता ही हैं. भारत में कुल 14 त्यौहार ऐसे हैं जिनमें अवकाश होना क़ानूनी अनिवार्य हैं. इसमें भी 4 अवकाश क्रमश: गणतंत्र दिवस,स्वतंत्रता दिवस, गांधी जयंती एवं क्रिसमस के अवकाश प्रति वर्ष के लिए तय दिनांक पर आते हैं जबकि बाकी के अवकाशों की दिनांक उससे सम्बन्धित धर्म के अनुसार कैलेंडर की गणना के आधार पर होता हैं. और 2021 में भी ये त्यौहार निम्न दिनांको को होंगे-
गणतन्त्र दिवस | 26 जनवरी |
महावीर जयंती | 25 अप्रैल |
गुड फ्राइडे | 2 अप्रैल |
बुद्ध पूर्णिमा | 26 मई |
इदुल फ़ितर | 12 मई |
इदुल जुहा | 21 जुलाई |
स्वतंत्रता दिवस | 15 अगस्त |
मुहर्रम | 19 अगस्त |
दशहरा | 15 अक्टूबर |
गांधी जयंती | 2 अक्टूबर |
दिवाली | 4 नवंबर |
ईद ए मिलाद प्रोफेट मुहम्मद का जन्मदिन | 10 नवंबर |
गुरु नानक जयंती | 19 नवम्बर |
क्रिसमस | 25 दिसम्बर |
इस तरह ये उक्त 14 दिन तो केंद्र सरकार की तरफ दी जाने वाले वो अवकाश हैं, जो कि हर स्थिति में अनिवार्य होते हैं. ये अवकाश किसी भी कारण से स्थगित नहीं हो सकते हैं. यदि इन दिनों के आगे-पीछे या उसी दिन रविवार पड़ जाए, तो भी ये अवकाश स्थगित या नियत दिवस के अलावा किसी और दिन को नही हो सकते.
इस तरह वर्ष 2021 में कुल 18 अवकाश ऐसे हैं, जो कि गजेटेड (Gazetted leave) अर्थात अनिवार्य हैं, जिसमें महाशिवरात्रि (11 march), होली (29 march) और जन्माष्टमी (30 अगस्त) भी शामिल हैं.
त्यौहारी अवकाश (Festival Holiday)
देश में कई तरह के त्यौहार होने के कारण केंद्र सरकार द्वारा कुछ ऐसे त्यौहार भी निर्धारित किये गये हैं, जिनमें कोई व्यक्ति किसी भी धर्म का हो वो अवकाश का लाभ ले सकता हैं.
पोंगल | 14 जनवरी |
मकर संक्रांति | 14 जनवरी |
वसंत पंचमी | 16 फरवरी |
महा शिवरात्री | 11 मार्च |
होली | 29 मार्च |
रामनवमी | 21 अप्रैल |
वैशाखी | 13 अप्रैल |
रथ यात्रा | 12 जुलाई |
जन्माष्टमी | 30 अगस्त |
गणेश चतुर्थी | 10 सितंबर |
ओणम | 12 अगस्त |
प्रतिबंधित अवकाश (Restricted Holiday)
कुछ त्यौहार ऐसे होते हैं, जो प्रतिबंधित अवकाश कहलाते हैं. ये भी त्योहारों के लिए मिलने वाले अवकाश के समान ही होते हैं,और पहले से निर्धारित होते हैं. इन्हें प्रतिबंधित अवकाश (रेस्ट्रिक्टेड हॉलिडे) इसलिए कहा जाता हैं, क्योंकि इन्हें कभी बदला या स्थगित नही किया जा सकता,और ये राष्ट्रीय या अनिवार्य अवकाशों के समान ही पूर्व निर्धारित और निश्चित होते हैं. इन त्योहारों पर मिलने वाले अवकाशों की विशेषता ये हैं कि इसे सभी धर्म को मानने वालों के लिए समान हैं, जैसे यदि कोई व्यक्ति मुस्लिम हैं और वो दिवाली, होली या दशहरा नहीं मनाता हैं, लेकिन उसे भी इन उत्सवों पर अवकाश का लाभ मिलेगा. ऐसा ही मुस्लिम त्यौहार पर हिन्दू और ईसाई को भी मिल सकता हैं.
केंद्र सरकार के दिल्ली में स्थित ऑफिस के लिए प्रतिबंधित अवकाश निम्न हैं,राज्यों में राज्य सरकार वहाँ की परिस्थितियों के अनुसार इसके लिए अलग लिस्ट ज़ारी कर सकती हैं.
न्यू ईयर | 1 जनवरी |
लोहड़ी | 13 जनवरी |
मकर संक्रांति | 14 जनवरी |
पोंगल | 14 जनवरी |
बसंत पंचमी | 16 फरवरी |
गुरु रविदास जन्मदिन | 27 फरवरी |
शिवाजी जयंती | 19 फरवरी |
स्वामी दयानंद सरस्वती जयंती | 8 मार्च |
होलिका दहन | 28 मार्च |
दोल यात्रा | 10 मार्च |
हजरत अली जन्मदिन | 25 फरवरी |
चैत्र सुकाडी/गुडी पर्व/उगाडी/चेटीचंड | 13 अप्रैल |
राम नवमी | 21 अप्रैल |
बैसाखी | 13 अप्रैल |
ईस्टर संडे | 4 अप्रैल |
गुरु रबिन्द्र नाथ जन्मदिन | 9 मई |
जमात-उल-विदा | 6 मई |
रक्षा बंधन | 22 अगस्त |
पारसी न्यू ईयर/नौराज | 16 अगस्त |
विनायक चतुर्थी/गणेश चतुर्थी | 10 सितंबर |
ओणम या थिरु ओणम दिवस | 21 अगस्त |
दशहरा (महासप्तमी) (एडिशनल) | 12 अक्टूबर |
दशहरा (महाअष्टमी) (एडिशनल) | 13 अक्टूबर |
दशहरा (महानवमी) | 14 अक्टूबर |
महर्षि वाल्मीकि जन्मदिन | 31 अक्टूबर |
करका चतुर्थी या करवा चौथ | 24 अक्टूबर |
नरक चतुर्दशी | 13 नवम्बर |
गोवर्धन पूजा | 4 नवम्बर |
भाई दूज | 6 नवम्बर |
प्रतिहर षष्ठी या सूर्य षष्ठी (छठ पूजा) | 10 नवम्बर |
गुरु तेग बहादुर शहादत दिवस | 24 नवम्बर |
क्रिसमस ईव | 24 दिसंबर |
कमर्शियल और ट्रेडिंग स्टेबलिशमेंट इंडस्ट्री-केंद्र सरकार (Commercial industrial holiday)
केंद्र सरकार के अंतर्गत बहुत सी इंडस्ट्री और सेक्टर्स आते हैं. संस्था लोकल पस्थितियों और त्योहारों के आधार पर अवकाशों की सूची में परिवर्तन भी कर सकती हैं. यह ना केवल कमर्शियल, ट्रेडिंग और इंडस्ट्रियल स्थायित्व के लिए हैं बल्कि अन्य सेक्टर्स के लिए भी हैं.
अवकाश में परिवर्तन
परिस्थियों के अनुसार अवकाश में परिवर्तन करने का भी नियम बनाया गया हैं. यह अनिवार्य अवकाश या त्योहारों के अवकाश की स्थिति में हो सकता हैं. ज्यादातर अवकाशों में परिवर्तन त्योहारों पर ही होता हैं. जैसे कि ईद एक ऐसा त्यौहार हैं, जो देश का सबसे बड़ा त्यौहार हैं लेकिन ये चन्द्रमा की कला पर निर्भर करता हैं,
इस कारण ये निर्धारित दिनांक के आगे-पीछे हो सकता हैं, लेकिन ये तय हैं कि ईद का अवकाश होगा. इस तरह इदुल फितर, इदुल जुहा, मुहर्रम और ईद-ए-मिलाद के अवकाश आगे पीछे किये जा सकते हैं. पश्चिमी बंगाल में दीवाली एक दिन पहले मनाई जाती है, जब काली की पूजा की जाती हैं. इसलिए यदि बंगाली समुदाय को 2 दिन का अवकाश मिलता हैं एक दिन काली पूजा का अवकाश और दूसरा अनिवार्य दिवाली का अवकाश होता हैं. इसी तरह बंगाल के सबसे बड़े त्यौहार दुर्गा पूजा पर भी बंगालियों को दशहरे के 2 दिन पहले से अवकाश मिलता हैं, मतलब कि अन्य देश के लिए जहां विजयादशमी का अवकाश होता हैं वही बंगाल में दुर्गाष्टमी से लेकर दशहरा तक अवकाश होता हैं.
बैंक हॉलिडे (Bank Holiday)
बैंक के अवकाश केंद्र सरकार के अवकाशों में नहीं गिने जाते हैं. इन अवकाशों का निर्धारण वित्त मंत्री करते हैं. प्रत्येक वर्ष 1 अप्रैल को सभी बैंक बंद रहते हैं. इसके बाद 30 सितम्बर को भी सभी बैंक बंद रहते हैं. लेकिन ये दोनों ही अवकाश केंद्र सरकार के कर्मचारियों को नही मिलते हैं.
सामान्य अवकाश और अन्य अवकाश (केजुअल लीव और अन्य लीव)
केंद्र सरकार द्वार दिए जाने वाली अवकाशों में कर्मचारी द्वारा ली जाने वाली सामान्य अवकाश (Casual leave) शामिल नहीं हैं. काफी लोग इन दोनों के बीच में कन्फ्यूज हो जाते हैं. लेकिन बहुत सी छूट्टियाँ प्रत्येक कर्मचारी को उनको मिलने वाले त्योहारी और अनिवार्य अवकाश के अतिरिक्त भी दी जाती हैं.
यदि कर्मचारी कोई छुट्टी नही लेना चाहता हैं, तो वो पूरे साल काम कर सकता हैं लेकिन कर्मचारी का अनिवार्य अवकाश के दिन काम करने का कोई प्रावधान नहीं हैं. उन्हें त्यौहार वाले दिन काम बंद करना जरुरी होता हैं, लेकिन वो उनकी ली हुयी छूट्टी की श्रेणी में नहीं आता.
गृह मंत्रालय के निर्देशानुसार यूनियन टेरिटरी एड्मिनिट्रेशन ने केंद्र सरकार को प्रत्येक वर्ष के लिए होलीडे लिस्ट ज़ारी करने का आदेश दिया हैं.
भारत में विभिन्न धर्म, संस्कृति और सभ्यता को मानने वाले लोग मिलते हैं, इसलिए ये एक विविधताओं का देश हैं. और संस्कृतियों में विविधता ही विविध त्यौहार मनाये जाने का कारण भी हैं. जिनमे भी किसी धर्म विशेष के त्यौहार तो पूरे देश में एक ही दिन मनाये जाते हैं, ऐसे में साल में इन त्योहारों पर अवकाश होना तो अनिवार्य हैं ही, इसके अतिरिक्त अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग तरह के त्योहारों के लिए अलग-अलग प्रकार की छुट्टियाँ भी होती हैं, जो किसी एक दिन से लेकर कई दिनों तक हो सकती हैं, ये पूरी तरह से राज्यों के मुख्यमंत्री, राज्यपाल और जिला कलेक्टर पर निर्भर करता हैं, और ऐसा होने पर केंद्र सरकार के कर्मचारीयों को भी अवकाश का लाभ मिल सकता हैं, हालांकि ये कोई जरूरी नहीं हैं कि राज्य स्तर पर होने वाले हर अवकाश केंद्र कर्मचारियों को मिले, लेकिन जो केंद्र सरकार ने द्वारा घोषित किये अवकाश होते हैं, उसका फायदा उन्हें निश्चित रूप से मिलता हैं, फिर चाहे कोई कर्मचारी उस धर्म या त्यौहार से सम्बंध रखता हो या नहीं रखता हो.
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