मध्यप्रदेश लव जिहाद कानून, 2020-21, क्या है, मतलब (MP Love Jihad Bill in Hindi)
आज हमारे देश में और अन्य देश के प्रदेशों में लव जिहाद के मामले दिन-प्रतिदिन सामने आते ही रहते हैं और ऐसे में प्रत्येक प्रदेश में इसके प्रति एक कड़े कानून को लाने की आवश्यकता थी और इसकी पहल मध्य प्रदेश राज्य सरकार ने शुरू कर दी है और उन्होंने लव जिहाद के खिलाफ प्रदेश में लव जिहाद 2020 बिल को मंजूरी दिला दी है अर्थात अब मध्य प्रदेश राज्य में लव जिहाद के मामले सामने आने पर अपराधियों और उनसे जुड़े अन्य लोगों को सख्त कानूनी कार्यवाही का सामना करना पड़ सकता है. आज हम आपको इस लेख में मध्य प्रदेश लव जिहाद 2020 बिल के बारे में विस्तार पूर्वक से जानकारी देंगे तो इस लेख को आप अवश्य अंतिम तक पढ़े.
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मध्य प्रदेश लव जिहाद बिल के बारे में जानकारी
बिल का नाम | मध्य प्रदेश लव जिहाद बिल |
लांच किया गया | मध्य प्रदेश राज्य |
बिल की लॉन्च तिथि | दिसंबर, 2020 |
बिल की मंजूरी | दिसंबर, 2020 |
बिल का उद्देश्य | प्रदेश में लव जिहाद को रोकना और इसके प्रति कड़े कानून को प्रदेश में लागू करना है |
क्या है मध्यप्रदेश लव जिहाद बिल
मध्य प्रदेश राज्य सरकार की कैबिनेट मीटिंग में लव जिहाद विरोधी विधेयक को माननीय मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जी के अध्यक्षता में मंजूरी प्रदान कर दी है. यह मंजूरी संपूर्ण रूप से कैबिनेट ने प्रदान कर दी है और इसमें सभी कैबिनेट मंत्रियों की पूरी सहमति के साथ इसे मंजूरी प्रदान किया गया है. मध्य प्रदेश फ्रीडम आफ रिलिजन बिल 2020 में कुल 19 नए कानून तैयार करने का प्रावधान है. इस बिल के मुताबिक अगर कोई व्यक्ति धर्म परिवर्तन के मामले को पीड़ित पक्ष के अंतर्गत शिकायत दर्ज करवाता है, तो पुलिस उनके खिलाफ कड़ी से कड़ी और शीघ्र से शीघ्र कार्यवाही करने के लिए बाध्य होगी. अगर कोई ऐसा अपराधी पाया जाता है जो नाबालिक, अनुसूचित जाति/ जनजाति की प्रदेश की बेटियों को बहला-फुसलाकर शादी करने में दोषी पाया जाएगा तो उसे इस बिल के मुताबिक 10 साल की सजा हो सकती है और अगर कोई ऐसा शख्स धन और संपत्ति के लालच में किसी भी प्रदेश के लड़कियों के साथ धर्म छिपाकर शादी करने का झूठा नाटक करता है, उसकी इस शादी को प्रदेश में किसी भी प्रकार की योग्यता या मान्यता नहीं मानी जाएगी.
मध्य प्रदेश के स्वयं मुख्यमंत्री जी ने इस बिल के बारे में लोगों को विस्तार पूर्वक जानकारी देते हुए कहा है, कि बिल के आने से पहले प्रदेश में बलपूर्वक और जबरन, प्रलोभन या फिर धोखा देकर लव जिहाद के मामले दिन प्रति दिन सामने आ रहे थे। मगर इस बिल के अंतर्गत नए कानूनों के लागू हो जाने पर यह सभी कार्य प्रदेश में और संभव हो जाएंगे और प्रदेश में लव जिहाद के मामले बिल्कुल कम नजर आएंगे या यूं कहें कि ना के बराबर ही यह हो पाएगा. यदि इस प्रकार के कार्य को प्रदेश में करने की जरूरत की तो दोषी करार पाए जाने पर अपराधी को कानून की तरफ से 10 साल की सजा देने के साथ-साथ 50 हजार रूपये से लेकर एक लाख रुपए के बीच में जुर्माना भी अपराधी से लिया जा सकता है. इस बिल को प्रदेश में लागू करने का मुख्य उद्देश्य है कि प्रदेश में लव जिहाद जैसे जघन्य अपराध को रोका जायें और प्रदेश में शांतिपूर्ण तरीके से लोगों को जीने की अनुमति और आजादी मिल सके खासकर बेटियों और बहनों के लिए योजना लाभकारी है.
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मध्य प्रदेश राज्य सरकार ने दी लव जिहाद कानून को मंजूरी
मध्य प्रदेश राज्य के माननीय गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा जी ने इस बिल को प्रदेश का सबसे कठोर कानून और महत्वपूर्ण कानून बताया है. 28 दिसंबर से मध्य प्रदेश राज्य में विधानसभा का सत्र प्रस्तावित होने वाला है और अब इस विधेयक को विधानसभा में भी प्रस्तुत करने की सरकार ने पूरी तैयारी कर ली है. मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा जी से उत्तर प्रदेश के कानून पर तुलनात्मक सवाल किए जाने पर उन्होंने कहा कि यह विधेयक या यह कानून की किसी भी देश के कानून से तुलना नहीं की जा सकती, परंतु यह कानून देश का अब तक का सबसे बड़ा कानून कहलाया जाएगा. इसके अतिरिक्त गृह मंत्री जी ने कहा कि लव जिहाद के अंतर्गत की गई शादियों को टूटने पर संतान को भी संपत्ति का पूरा हक दिलाया जाएगा और इतना ही नहीं मां भी गुजारा भत्ते की हकदार पूरी की पूरी कहलाएगी.
जुर्माने की रकम इतनी ज्यादा रखे जाने पर एक सवाल पूछे जाने के दौरान उन्होंने जवाब दिया कि इस रकम को इसलिए इतना ज्यादा रखा गया है, ताकि कोई भी व्यक्ति एक बार ऐसा कदम उठाने से पहले अवश्य सौ बार सोचे. मध्यप्रदेश में लव जिहाद के प्रति नए कानून के बारे में लोगों को जानकारी देते हुए नरोत्तम मिश्रा जी ने बताया कि अगर लव जिहाद में किसी भी पंडित या फिर मौलवी का कोई भी किरदार पाया जाएगा, तो उसे भी अपराधी के समान ही दंडित किया जाएगा, इसमें किसी भी प्रकार की किसी को राहत प्रदान करने का प्रावधान नहीं है. इस परिस्थिति में उसे भी पूरी तरीके से आरोपी घोषित किया जाएगा और उस शख्स के साथ-साथ मौलाना या पंडित को भी कड़ी से कड़ी सजा दी जाएगी. मध्य प्रदेश राज्य सरकार का कहना है, कि अब तक का प्रदेश में लव जिहाद रोकने के लिए बड़े कानून व्यवस्था को बनाए जाने का प्रावधान सरकार ने जारी करने का पूरा निर्णय लिया है.
स्वेच्छा से धर्म परिवर्तन करने की परिस्थिति में 1 माह से पूर्व देनी होगी सूचना
बिल में बताया गया है, कि जिस भी शख्स का धर्म परिवर्तन किया जा रहा है, उसके माता-पिता या फिर भाई बहन को अनिवार्य रूप में संबंधित अधिकारी और नजदीकी जिला कानून व्यवस्था में संपर्क करके इसकी सूचना देनी आवश्यक होगी. यदि कोई शख्स अपनी इच्छा से धर्म परिवर्तन करना चाहता है, तो ऐसी परिस्थिति में आपको अपने नजदीकी धार्मिक नेता से संपर्क करना है और फिर वह आगे की इसकी प्रक्रिया को पूरा करवाएंगे. इतना ही नहीं उस व्यक्ति को अपने नजदीकी डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट के पास जाना है और 1 महीने पहले ही इसके बारे में उनको सूचना देना है.
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क्या है मध्य प्रदेश लव जिहाद बिल में विशेष
- इस बिल में धर्म परिवर्तन जबरन या फिर मानसिक प्रताड़ना करने की परिस्थिति में अपराधी को 5 से 10 साल के बीच में कारावास भी हो सकता है एवं इसके अतिरिक्त जुर्माने की राशि 50 हजार से 1 लाख रुपए के बीच में हो सकती है.
- अगर प्रदेश में महिला, नाबालिक, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति के वर्ग के लोगों में किसी भी परिवार के धर्म परिवर्तन किए जाने पर अपराधी को कम से कम 2 साल से 10 साल का कारावास और 50,000 से अधिक रुपयों का दंड भी दिया जा सकता है.
- अगर कोई अपना धर्म छिपाकर किसी के साथ धोखे से उसका धर्म परिवर्तन कर आता है, तो ऐसी परिस्थिति में अपराधी को कम से कम 3 साल कारावास से लेकर अधिकतम 10 साल तक का कारावास एवं निर्धारित की गई दंड राशि का भी भुगतान करना होगा.
- इतना ही नहीं सामूहिक रूप से धर्म परिवर्तन किए जाने के जुर्म में अपराधी व्यक्ति को कम से कम 5 साल और अधिकतम से अधिकतम 10 साल कारावास में गुजारना पड़ सकता है और दंड राशि के रूप में अपराधी को 1 लाख रुपयों का हर्जाना चुकाना पड़ सकता है.
- इस बिल में यह भी कानून है, कि एक से अधिक बार धर्म परिवर्तन किए जाने की परिस्थिति में अपराधी को कम से कम 5 से और अधिकतम से अधिकतम 10 साल का कारावास हो सकता है.
- इसके अतिरिक्त पैतृक धर्म परिवर्तन होने पर और अपने वास्तविक धर्म में वापस आने पर धर्म परिवर्तन नहीं माना जाएगा. पैतृक धर्म केवल उसे माना जाएगा जो व्यक्ति के जन्म से उसके पिता का धर्म होता है.
- यदि कोई ऐसा व्यक्ति है, जो स्वेच्छा से अपना धर्म परिवर्तन करना चाहता है और ऐसे में उसे सर्वप्रथम एक महीने पहले ही अपने नजदीकी जिला दंडाधिकारी को इसकी सूचना देनी होगी. यदि व्यक्ति ऐसा नहीं करता है, तो उसे कम से कम 3 साल और अधिकतम 5 साल का कारावास होने के साथ-साथ 50 हजार रुपए का जुर्माना चुकाना पड़ सकता है.
- प्रदेश में लव जिहाद के सारे मामले गैर जमानती होंगे और इस पर किसी भी प्रकार कि किसी की पहुंच काम नहीं आएगी.
मध्यप्रदेश राज्य में इस बिल को लागू हो जाने पर अब लव जिहाद जैसे जघन्य अपराधों को रोका जा सकता है और प्रदेश में इसकी बढ़ती संख्या को इस बिल के आ जाने से भी काफी ज्यादा कमी आएगी. मध्य प्रदेश राज्य सरकार के द्वारा लागू किए जा रहे हैं, लव जिहाद बिल सेमध्य प्रदेश के नागरिकों को और बहू बेटियों को बहुत फायदा होगा.
FAQ
Ans : मध्य प्रदेश राज्य में.
Ans : मध्य प्रदेश राजकीय कैबिनेट मीटिंग और मुख्यमंत्री जी की अध्यक्षता में इसको मंजूरी दी गई.
Ans : जी बिल्कुल इसमें बहुत ज्यादा कमी देखने को मिलेगी.
Ans : मध्य प्रदेश राज्य का विधानसभा सत्र 28 दिसंबर से प्रारंभ हो रहा है और इसी तारीख में लव जिहाद बिल को प्रस्तुत किया जाएगा.
Ans : जी बिल्कुल इस पर काम जारी है.
Ans : अपराधी पाए जाने पर 5 से 10 साल के बीच गैर जमानती कारावास और 50 हजार रुपए से लेकर 1 लाख रुपए की दंड राशि का प्रावधान सुनिश्चित किया गया है.
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