जयललिता के जीवन की कहानी (Jayaram Jayalalitha Biography in hindi) (इतिहास, जीवनी, बायोग्राफी, पति का नाम, करियर, फ़िल्में, परिवार, मौत, राजनैतिक पार्टी) (Age, Death, Movie, Family, Caste, Marriage, Husband, Original name) (Biopic Movie Thalaivi, Kangana Ranaut Next movie)
आपने बॉलीवुड के बड़े पर्दे की बहुत सी अभिनेत्रियाँ ऐसी देखी होंगी जिन्होंने बॉलीवुड के बड़े पर्दे को रौशन करने के बाद देश के प्रति अपने जीवन को समर्पित कर दिया। उन्होंने अभिनय के जीवन से रुख करते हुए राजनीति की तरफ मुड़कर देश के लिए भी बहुत से काम किए. इनमें कई नाम शामिल हैं जैसे कि सबसे मुख्य नाम जिसके बारे में हम आज बात करने वाले हैं उनका नाम है जयललिता जय राम। जी हां साउथ फिल्म इंडस्ट्री की एक जानी पहचानी खूबसूरत अदाकारा जयललिता जय राम को आज हर कोई जानता है। उनके अभिनय से लेकर उनकी राजनैतिक समझ के लिए आज भी लोग उन्हें याद करते हैं।
Table of Contents
Jayaram Jayalalitha Biography
परिचय बिंदु | परिचय |
पूरा नाम (Full Name) | जयललिता जयराम |
अन्य नाम (Other Name) | जयललिता, अम्मा |
निक नाम (Nick Name) | Thanga tharagai, पुराची थलाईवी |
पेशा (Profession) | एक्ट्रेस, राजनीतिज्ञ, लेखिका, नृतिका |
शैली (Genre) | अभिनय करना, नाचना, गाना, लिखना राजनीति करना |
जन्म (Birth) | 24 फरवरी 1948 |
मृत्यु (Death) | 5 दिसंबर 2016 |
उम्र (Age) | 65 |
जन्म स्थान (Birth Place) | मंड्या डिस्ट्रिक्ट मैसूर, कर्नाटका |
राष्ट्रीयता (Nationality) | भारतीय |
गृहनगर (Hometown) | मैसूर, कर्नाटका |
जाति (Caste) | ब्राह्मण |
खाने में पसंद (Food Habit) | – |
पसंद (Hobbies) | किताब पढ़ना |
शैक्षिक योग्यता (Educational Qualification) | – |
वैवाहिक स्थिति (Marital Status) | अविवाहित |
बालों का रंग (Hair Color) | ब्लैक |
आँखों का रंग (Eye Color) | ब्लैक |
राजनैतिक पार्टी का नाम | AIADMK |
कौन है जयललिता जय राम?
भारत में महिला मुख्यमंत्रियों की लिस्ट में दूसरे नंबर पर गौरव प्राप्त करने वाली एक महिला जिनका नाम जयललिता जयराम था। दक्षिण भारत की एक मशहूर अभिनेत्री जयललिता ने सदैव ही अपने जीवन के अहम किरदारों को बखूबी निभाया था। हिंदी ही नहीं बल्कि उन्होंने तमिल, कन्नड़ और तेलुगू भाषाओं में कई सारी फिल्मों में अभिनय के बाद उन्होंने राजनीति में भी अपनी प्रतिभा आजमाइ। एक ऐसी मुख्यमंत्री रहे जिन्होंने 5 बार करूणानिधि के साथ मुख्यमंत्री पद संभालने का एक नया रिकॉर्ड कायम किया। जय ललिता जय राम ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम पार्टी की महा सचिव भी रह चुकी है। 23 मई साल 2016 को उन्होंने छठी बार मुख्यमंत्री के रूप में अपने कार्य भार को संभालने के लिए शपथ ली थी।
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जयललिता जय राम के परिवार की जानकारी (Jayalalitha Jayram Family Details)
पिता का नाम (Father’s Name) | स्व जयराम |
माता का नाम (Mother’s Name) | स्व वेदवती (संध्या) |
बच्चे (Children) | 1 बेटा (गोद लिया हुआ) |
भाई/ बहन (Brother/Sister) | स्व जयकुमार |
जयललिता का प्रारंभिक जीवन
कर्नाटक राज्य के मैसूर, मेलुकोटे नामक स्थान पर 24 फरवरी 1948 को जयललिता का जन्म हुआ था। वह तमिलियन थी जो तमिल आयंगर परिवार से संबंध रखती थी जिनके पिता जयराम पेशे से वकील थे. लेकिन जब जयललिता जयराम मात्र 2 साल की थी उस समय ही उनके पिता की मृत्यु हो गई। उसके बाद जयललिता और उनके भाई को लेकर उनकी मां वेदवती उन दोनों के साथ बेंगलुरु में शिफ्ट हो गई। अब उन दोनों बच्चों की जिम्मेदारी उनकी मां के कंधे पर आ गई थी जिसके चलते उन्होंने तमिल सिनेमा में काम करना शुरू कर दिया था। उनके परिवार में सभी सदस्यों के नाम के आगे उपसर्ग के तौर पर जय लगाया जाता था जिसका अर्थ होता था विजय होना। इसलिए उनके भाई का नाम जय कुमार था और उनका खुद का नाम जयललिता रखा गया था।
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जयललिता की शिक्षा
चेन्नई में मौजूद बिशप कॉटन गर्ल्स हाई स्कूल से जयललिता ने अपनी स्कूली शिक्षा शुरू की, उसके बाद सेक्रेड हार्ट मैट्रिकुलेशन स्कूल में अपनी आगे की पढ़ाई जारी की। पढ़ाई में उनकी बहुत ज्यादा दिलचस्पी थी जिसकी वजह से सन 1964 में ही उन्होंने अपनी मैट्रिक की पढ़ाई पूरी कर ली थी। उनके अंक इतने अच्छे आते थे कि उन्हें आगे की पढ़ाई के लिए सरकार से छात्रवृत्ति भी प्राप्त हुई। कुछ समय बाद उन्होंने फिल्मों में काम करना शुरू कर दिया उन्होंने अपने करियर में कई सारी भाषाओं में जैसे अंग्रेजी, हिंदी, कन्नड़, मलयालम, तमिल और तेलुगु आदि भाषाओं की फिल्मों में अभिनय करके दुनिया में अपना परचम लहरा दिया।
जयललिता की हॉबी –
जयललिता को डांस का बहुत ज्यादा शौक था इसलिए उन्होंने भरतनाट्यम भी मन लगाकर सीखा है इसलिए वे एक प्रसिद्ध भरतनाट्यम नृत्यांगना भी बनी। वे नृत्य में कत्थक, मोहिनीअट्टम और मणिपुरी जैसे प्रसिद्ध नृत्य की महान ज्ञाता रह चुकी है। उनकी आवाज भी बेहद खूबसूरत थी जिसके चलते उन्होंने कई सारी फिल्मों के गानों में अपनी आवाज दी। जयललिता के भाई की सन 1990 में आकस्मिक मृत्यु हो गई थी। जिसके बाद जयललिता ने अपने जीवन पर्यंत शादी नहीं की।
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जयललिता का फिल्मी करियर
- जयललिता जब मात्र 15 साल की थी तब उन्होंने अपने जीवन में अभिनय के करियर की शुरुवात की, इस समय वे स्कूल में भी पढ़ा करती थी।
- उनकी पहली फिल्म एपिस्टल थी जो अंग्रेजी भाषा में सन 1961 में रिलीज हुई थी।
- सन 1964 में उन्होंने एक कन्नड़ फिल्म में काम किया जिसका नाम चिन्नादा गोम्बे था उसमें वह मुख्य अभिनेत्री के रूप में नजर आई इस फिल्म का निर्देशन बीआर पंथुलु ने किया था।
- अपने करियर को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने एक तमिल फिल्म में भी मुख्य भूमिका निभाई इस फिल्म का नाम मीरा आधी था जिसे सीवी श्रीधर द्वारा निर्देशित किया गया था। यह फिल्म सन 1965 में रिलीज हुई थी, इस फिल्म में वह एक पहली अदाकारा ऐसी थी जो दक्षिण फिल्म इंडस्ट्री में कम बाजू की ड्रेसेस स्कर्ट गाउन और ऊनी सूट पहने हुए नजर आयी थीं।
- अपने जीवन में आगे बढ़ते हुए उन्होंने सन 1966 में एक और फिल्म में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई इस फ़िल्म का नाम मनुसूलू ममथालू था। यह फिल्म तेलुगु भाषा में बनाई गई थी।
- सन 1972 में जयललिता ने शिवाजी गणेशन के साथ पट्टीकाडा पट्टनामा नामक एक तमिल फिल्म में महत्वपूर्ण किरदार निभाया जिसके लिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म का राष्ट्रीय पुरस्कार भी मिला।
- सन 1973 में सूर्यकांति और श्रीकृष्ण सत्य के लिए भी उन्हें फिल्म फेयर पुरस्कार से नवाजा गया था। इन तीनों फिल्मों में ही उनके अभिनय को बहुत सराहा गया था।
- उन्होंने शिवाजी गणेशन के साथ एक तमिल फिल्म देवा मगन में अपना बखूबी किरदार निभाया था जिसके लिए उन्हें बेस्ट फॉरेन लैंग्वेज फिल्म श्रेणी का भी पुरस्कार मिला। वह पहली ऐसी तमिल फिल्म थी जिसे इस अवार्ड से नवाजा गया था।
- 1960 और 70 के दशक के बीच उन्होंने एमआर रामचंद्रन के साथ कई सारी फिल्में कि जो बेहद सफल रही और दक्षिण फिल्म इंडस्ट्री में वे दोनों ही धीरे-धीरे फेमस होते चले गए।
- बॉलीवुड के बड़े पर्दे पर उन्होंने धर्मेंद्र के साथ फिल्म इज्जत में अपना बेहतरीन किरदार निभाया था जिसके लिए भी उन्हें बॉलीवुड के बड़े पर्दे पर कई सराहना मिली थी।
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जयललिता का राजनीतिक कैरियर
- सन 1982 में एमजी रामचंद्रन द्वारा स्थापित एक पार्टी के सदस्य के रूप में जयललिता ने राजनीति में प्रवेश किया।
- उन्होंने उस वर्ष पार्टी के सम्मेलन के दौरान अपना पहला सार्वजनिक भाषण दिया था जो प्राइड ऑफ विमन के ऊपर था। 1983 जनवरी के उस दौर में उन्हें एआईएडीएमके पार्टी के प्रचार सचिव के रूप में चुना गया। उसके बाद जयललिता ने अपने नेतृत्व में पहला चुनाव अभियान चलाया।
- फरवरी 1983 में तिरूचेंदुर विधानसभा सीट से उपचुनाव में उन्हें उम्मीदवार के रूप में चुना गया।
- जयललिता चुनाव में जीत गई जिसके बाद 1984 में वह पहली बार राज्यसभा के सदस्य के रूप में चुनी गई जिस सीट पर लगातार चुनाव लड़ते हुए उन्होंने सन् 1989 तक उसे अपने पास ही बनाए रखा।
- 1984 के दौरान जब एमजीआर बीमार हो गए थे तो वे अपनी चिकित्सा उपचार के लिए यूएसए चले गए थे। जिसके बाद पार्टी की पूरी कमान 1984 के दौरान जयललिता ने संभाली जिसमें उन्होंने लोकसभा और विधानसभा चुनावों के दौरान पार्टी की अगुवाई की। उस वर्ष कांग्रेस और अन्नाद्रमुक के गठबंधन ने चुनाव में भारी जीत हासिल की थी।
- 1987 में पुराची थलाइवी एमजीआर का अचानक निधन हो गया जिसके बाद अन्नाद्रमुक दो दलों में विभाजित हो गया।
- 1989 के दौरान जयललिता को तमिलनाडु के बोडी नायक्कनूर क्षेत्र से चुनाव लड़ने के लिए चुना गया।
- महिलाओं ने देश के प्रति अपने कर्तव्य को सदैव ही बखूबी निभाया है इसका प्रमाण जयललिता ने तमिलनाडु विधान सभा की पहली मंत्री नेता बन कर दी और मौजूदा पार्टी के विपक्ष में चुनावी मैदान मे उतरी।
- फरवरी 1989 में जयललिता के नेतृत्व में पार्टी के हुए दो टुकड़ों को जोड़कर फिर से एक कर दिया जिसके बाद जयललिता को एआईएडीएमके पार्टी का महासचिव चुना गया।
- 1989 के आम चुनावों के दौरान पांडुचेरी और तमिलनाडु की लोकसभा में जयललिता के निर्देशन में ऐतिहासिक जीत प्राप्त कराई।
- 1991 में फिर से विधानसभा चुनावों के दौरान जयललिता ने पार्टी को शानदार जीत दिलाई जिसमें 234 सीटों में से 225 सीटें जीतकर उन्होंने इतिहास कायम कर दिया।
- 14 मई साल 2001 को तमिलनाडु की मुख्यमंत्री की सीट जीतकर वह 21 सितंबर 2001 तक इस पद पर आसीन रही। उसके बाद फरवरी 2002 में वह एंड डिप्टी के निर्वाचन क्षेत्र में जीत हासिल करके चुनी गई जिसके बाद साल 2002 से लेकर साल 2006 तक वह तमिलनाडु की मुख्यमंत्री के पद पर आसीन होकर तमिलनाडु का कार्यभार संभालती रही।
- साल 2011 में एआईएडीएमके के सहयोगी दलों के साथ मिलकर उन्होंने फिर से 234 में से 203 सीटें जीतकर अपने नाम कर ली और मात्र अपने दम पर उन्होंने 150 सीटें अपने नाम की जिसकी वजह से 16 मई 2011 को उन्होंने चौथी बार तमिलनाडु राज्य में अपना नाम मुख्यमंत्री की लिस्ट में शामिल कराया।
- जयललिता को साल 2014 में तमिलनाडु के मुख्यमंत्री पद से हटना पड़ा क्योंकि उन्हें 18 साल पुरानी अज्ञात संपत्ति रखने के दोष में कर्नाटक की एक ट्रायल कोर्ट द्वारा गैरकानूनी रूप से संपत्ति रखने और भ्रष्टाचार के रूप में उन पर मुकदमा दायर किया गया। इस आरोप के चलते कोर्ट में सुनवाई के दौरान उन्हें 4 साल की जेल की सजा सुनाई गई थी।
- उन पर चल रहे मुकदमे को लेकर उन्होंने कर्नाटक के उच्च न्यायालय में अपील की जिसके बाद 11 मई 2015 को उन्हें संपत्ति के इस मामले से बरी कर दिया गया।
- उन का कार्यकाल कुछ इस तरह का था कि 23 मई 2015 के दिन उन्होंने मुख्यमंत्री के पद को दुबारा से संभालते हुए पांचवी बार मुख्यमंत्री बनने के लिए शपथ ग्रहण की।
- साल 2016 में भी उन्होंने रिकॉर्ड तोड़ जीत हासिल की और 23 मई के दिन छठी बार तमिलनाडु की मुख्यमंत्री के रूप में फिर से शपथ लेकर महिलाओं का नाम रोशन कर दिया।
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सम्मान और पुरस्कार
- सन 1972 में उन्हें तमिलनाडु सरकार द्वारा कलीममणी पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
- उनकी उच्च शिक्षाओं के चलते उन्हें मद्रास विश्वविद्यालय द्वारा डॉक्टर ऑफ लिटरेचर की डिग्री सन 1991 में नवाजी गई।
- एमजीआर मेडिकल यूनिवर्सिटी द्वारा सन 1992 में उन्हें डॉक्टर ऑफ साइंस की उपाधि भी प्रदान की गई।
- मदुरई कामराज विश्वविद्यालय द्वारा सन 1993 में उन्हें डॉक्टर ऑफ लेटर की उपाधि से भी नवाजा गया।
- 2003 में उन्हें तमिलनाडु के कृषि विश्वविद्यालय से डॉक्टर ऑफ साइंस की उपाधि प्रदान करके उन्हें सम्मानित किया गया।
- साल 2004 में उन्हें हाउस ऑफ लॉर्ड्स द्वारा एशियन गिल्ड अवार्ड में आमंत्रित किया गया जिसमें उन्हें वूमेन पॉलिटिशियन ऑफ द डिकेड का पुरस्कार भी दिया गया।
- साल 2004 में उनके सामाजिक कार्य जैसे मानव अधिकार की रक्षा समिति द्वारा समाज के कमजोर वर्ग की रक्षा करना और तमिलनाडु और भारत मेलानिन समानता के क्षेत्र में उनका महत्वपूर्ण योगदान रहा जिसकी वजह से उन्हें सम्मानीय गोल्डन स्टार अवार्ड से भी नवाजा गया।
- फिल्मों में भी उन्होंने अपनी कमाल की अदायगी के लिए फिल्म फेयर अवार्ड, बेस्ट एक्ट्रेस के लिए एक तमिल फिल्म के लिए जीता जिसका नाम पट्टिकाडा पट्टनामा था।
- सन 1972 में भी उन्होंने अपनी बेहतरीन अदाकारी के लिए श्री कृष्णा सत्य एक तमिल फिल्म के लिए बेस्ट एक्ट्रेस का अवार्ड जीता था।
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जयललिता के जीवन में हुए विवाद
- जयललिता की जीवन में सन 1988 के दौरान उन पर आईपीसी की धारा 109 और 120 बी के तहत भ्रष्टाचार का आरोप लगाया गया था जिसके लिए उन्हें दोषी ठहराया गया था।
- उसके बाद गैरकानूनी संपत्ति रखने के लिए भी उन पर 1996 में मुकदमा चलाया गया था जिसके लिए उन्होंने उच्च न्यायालय के कोर्ट में फैसले को चुनौती दी और खुद को निर्दोष साबित ठहराया।
- बाद में उन्हें साल 2014 में भी भ्रष्टाचार और गैरकानूनी रूप से अधिक संपत्ति रखने के जुर्म में अदालत में खुद पर दायर किए गए मुकदमे को लड़ते हुए वे मुकदमा जीत गई और खुद को निर्दोष साबित करने में सक्षम हुई।
जयललिता के बारे में कुछ तथ्य
- जयललिता के काम इतने बड़े बड़े थे कि उन्होंने अपने कारनामों के चलते तो गिनीज बुक वर्ल्ड ऑफ रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज कर लिया था। उनके द्वारा गौद लिए गए पुत्र सुधाकर की शादी उन्होंने चेन्नई में कराई थी। वह शादी 7 दिसंबर 1995 में हुई थी जिसमें उन्होंने छह करोड रुपए खर्च किए थे। उस समय उन्होंने 50 एकड़ जगह में एक पंडाल में यह शादी कराई थी जिसमें कम से कम डेढ़ लाख मेहमान आए हुए थे।
- जयललिता को ज्योतिष में बहुत ज्यादा विश्वास था जिसके चलते उन्होंने अपने अंग्रेजी नाम की स्पेल्लिंग में बदलाव किया और Jayalalitha से बदलकर Jayalalithaa कर दिया था। उन के अनुसार उनके लिए हरा रंग बहुत की शुभकारी था. इसलिए वे मुख्य रुप से सभी चीज़े हरे रंग की इस्तेमाल किया करती थी जैसे कि साड़ीस, पेन और अन्य वस्तुएं।
- वे हमेशा अपने साथ कुर्सी ले कर चला करती थी और वे उसी कुर्सी पर बैठा करती थी। दरअसल उन्हें गठिया की समस्या थी जिसके चलते उन्होंने सागोन की लकडी की खास डिज़ाइन कराई हुई कुर्सी बनवाई थी। जिसे वे हर जगह अपने साथ लेकर ही जाती थी। उनके निधन के बाद वह कुर्सी अब दिल्ली के तमिलनाडु भवन में रख दी गयी है।
- मुख्यमंत्री के पद पर आसीन रहते हुए वह सैलरी के तौर पर सरकार से मात्र 1 रूपए महीना लिया करती थी। अपनी इस एक खासियत की वजह से वह तमिलनाडु के लोगों के बीच बहुत ज्यादा मशहूर थी।
जयललिता का निधन
साल 2016 में 5 दिसंबर को अचानक कार्डिक अरेस्ट की वजह से मात्र 65 साल की उम्र में उनका निधन हो गया। तमिलनाडु में उन्हें एक मार्गदर्शक नेता के रुप में देखा जाता था जिन्हें अम्मा के नाम से भी जाना जाता था जिसका अर्थ होता था मां और उन्हें पूरैची थलाइवी भी कहा जाता है जिसका अर्थ होता है क्रांतिकारी नेता।
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जयललिता के जीवन पर बनने वाली बायोपिक (Kangana Ranaut Movie Thalaivi)
जयललिता के जीवन में जो कुछ भी घटित हुआ वह बॉलीवुड के बड़े पर्दे पर उतारा जाएगा। बॉलीवुड की जानी मानी अभिनेत्री कंगना रनौत मुख्य किरदार में जयललिता का किरदार निभाते हुए उनके जीवन के सभी संघर्षों को बड़े पर्दे पर दिखाने वाली हैं। कंगना रनौत का इस बायोपिक फिल्म को लेकर यह कहना है कि जयललिता की तरह ही मेरी भी कुछ जीवन की कहानी ऐसी ही है इसलिए इस पर में काम करना मेरे लिए गर्व की बात तो है ही और मैं अपने भूतकाल को भी इस फिल्म के जरिए याद कर पाऊंगी।
जयललिता के जीवन पर बनाई जाने वाली फिल्म का नाम “थालायवी” रखा जाएगा। जिसे उम्मीद जताई जा रही है कि आने वाले साल 2020 में बड़े पर्दे पर देखा जा सकता है। यह फ़िल्म मुख्य रूप से तमिल में बनाई जाएगी और इसको हिंदी में भी रिलीज किया जाएगा कंगना ने इस फिल्म के लिए मुख्य रूप से तमिल भाषा सीखी है।
FAQ
Ans- जयललिता का जन्म 24 फरवरी 1948 को मंड्या डिस्ट्रिक्ट मैसूर, कर्नाटका में हुआ।
Ans- जयललिता की मृत्यृ लंबी बीमारी के कारण 5 दिसंबर 2016 को हुई।
Ans- इनकी पार्टी का नाम था ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम। जिसको 1972 में स्थापित किया गया था।
Ans- राजनीति में आने से पहले वो बेहतरीन एक्ट्रेस रह चुकी हैं जिन्होंने तमिल की कई फिल्म में काम भी किया है।
Ans- साल 1991 से लेकर 2016 तक उन्होंने मुख्यमंत्री पद संभाला और तमिलनाडू पर अपनी सत्ता चलाई।
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