कौन था राजा पोरस व क्या थी पोरस और सिकंदर का युद्ध Porus and Alexander (Sikander ) Battle (war) history in hindi
हमेशा से भारत का इतिहास काफी रोचक रहा है. हमारे देश में कई सारे युद्ध भी हुए हैं, जिनसे जुड़ी जानकारी हमें इतिहास की किताबों के जरिए मिलती है. वहीं भारत के इतिहास में लड़े गए महत्वपूर्ण युद्धों की बात की जाए तो इस सूची में कई सारे युद्ध शामिल हैं और इन्हीं युद्धों में से एक युद्ध सिकंदर और पोरस के बीच का भी है. इन दोनों ताकतवर राजाओं के बीच हुए इस युद्ध को आज भी याद किया जाता है. लेकिन कई लोगों को इस युद्ध के बारे में और भारत के राजा पोरस के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है. वहीं इस युद्ध को लेकर और राजा पोरस के जीवन पर कई फिल्में और टीवी धारावाहिक भी बनाएं गए हैं. ऐसे में कई लोग इस युद्ध से जुड़ी घटनाओं को जानने के लिए उत्सुक भी हैं. वहीं आज हम अपने इस लेख में आपको इस युद्ध और राजा पोरस के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं.
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कौन थे पोरस (who is porus)
भारत के इतिहास की घटनाओं के पन्नों में राजा पोरस के बारे में ज्यादा जानकारी मौजूद नहीं है लेकिन कहा जाता है कि पोरस का नाता पोरवा वंश से था और वो इस वंश के वशंज थे. वहीं भारत के इस महान राजा ने 340 ईसा पूर्व से लेकर 315 ईसा पूर्व तक पंजाब में झेलम और चेनाब नदियों तक अपनी हुकूमत चलाई थी. हालांकि अब ये हिस्सा पाकिस्तान देश में आता है. पोरस राजा के बारे में ग्रीस के इतिहास में भी जिक्र देखने को मिलता है. वहीं हमारे ऋग्वेद वेद में ‘पुरा’ नाम का जिक्र किया गया है. जिसको पोरस राजा से जुड़ा हुआ माना जाता है. इसके अलावा पोरस राजा के जीवन की जानकारियाँ और कहीं भी मौजूद नहीं है.
कौन थे सिकंदर (who is Alexander)
सिकंदर ग्रीस देश का एक शासक था, जिनको सिकंदर द ग्रेट नाम से भी जाना जाता है. सिकंदर का अर्थ है “रक्षक” या “योद्धा” होता है. वहीं सिकंदर से जुड़े इतिहास को पढ़कर यही लगता है कि वो एक महान योद्धा थे. जिन्होंने बेहद ही कम आयु में अपने पिता का सिंहासन संभाल लिया था. सिकंदर का जन्म ग्रीस के पेला शहर में जुलाई के महीने में 356 ईसा पूर्व में हुआ था. इतना ही नहीं सिकंदर ने पूरी दुनिया में अपना शासन फैलाने के मकसद से कई सारे युद्ध लड़े थे. कहा जाता है कि सिकंदर ने पूरी दुनिया को जीतने के अपने सपने को पूरा करने के लिए बेहद ही कम उम्र में युद्ध लड़ना शुरू कर दिया था. वहीं अपने इस सपने को पूरा करने के लिए कई लोगों को मौत की सूली पर भी चढ़ा दिया था. वहीं कहा जाता है कि सिकंदर ने अपने जीवन में जितने भी युद्ध लड़े थे उनमें उनको केवल विजय ही प्राप्त हुई थी .
पोरस राजा और सिकंदर का युद्ध (porus and alexander war in hindi) (sikander and porus history)
पोरस और सिकंदर के युद्ध को लेकर कई सारी कहानियां हैं. जहां ग्रीस के इतिहास में कहा गया है कि सिकंदर की इस युद्ध में जीत हुई थी. वहीं भारत के इतिहासकारों की इससे विपरीत राय है. उनका माना था कि इस युद्ध में पोरस के सामने सिकंदर ने हार मान ली थी और समझौता कर लिया था.
ग्रीस के इतिहास के ‘हाइडस्पेश की लड़ाई’ की कहानी (battle of hydaspes river 326 bc) –
ग्रीस के इतिहास के अनुसार फारस में युद्ध जीतने के बाद सिकंदर ने भारत देश का रूख किया था. सिकंदर ने चेनाब नदी के जरिए भारत में प्रवेश करने की कोशिश की थी. वहीं उस वक्त इस नदी के आस पास ही राजा पोरस का शासन हुआ करता था. वहीं उस वक्त सिकंदर के सामने कई भारत राजाओं ने अपने घुटने टेक दिए थे, लेकिन पोरस राजा ने ऐसा नहीं किया. जिसके बाद इन दोनों महान योद्धों के बीच सन् 326 ईसा पूर्व में एक युद्ध हुआ था. वहीं ये युद्ध ‘हाइडस्पेश की लड़ाई’ के नाम से आज भी जाना जाता है. वहीं ‘हाइडस्पेश’ शब्द का मतलब झेलम है. ग्रीस में झेलम को इस नाम से पुकारा जाता है. ये युद्ध झेलम नदी के किनारे पर लड़ा गया था.
वहीं ग्रीस के इतिहास में इस युद्ध का जिक्र करते हुए बताया गया है कि झेलम नदी के पास लड़े गए इस युद्ध को पोरस ने काफी बहादुरी से लड़ा था, लेकिन पोरस की सिकंदर के सामने हार हुई थी. वहीं इस युद्ध में पोरस की सेना में हाथियों को देखकर सिकंदर हैरान रह गए थे. सिकंदर की विशाल सेना को इस युद्ध से काफी नुकसान भी हुआ था.
पोरस और सिकंदर के बीच की दोस्ती (porus and alexander relationship)
इस युद्ध में पोरस की केवल 20 हजार सैनिकों ने सिकंदर के करीब 50 हजार सैनिकों का डट कर सामना किया था. वहीं पोरस की इस बहादुरी को देकर सिकंदर दंग रह गए थे. वहीं पोरस को जब सिकंदर के सामने लाया गया था तो पोरस के बहादुरी को देकर सिकंदर ने उनके सामने दोस्ती का हाथ बढाया था. जिसके बाद इन दोनों राजाओं के बीच दोस्ती हो गई थी. सिकंदर ने पोरस को उनका राज्य सहित उनके द्वारा भारत के जीते अन्य राज्य को भी सौंप दिया था. जिस पर पोरस ने राज किया था.
कैसे हुई थी पोरस और सिकंदर की मौत (death of porus)
- इस युद्ध के खत्म होने के बाद सिकंदर वापस अपने देश चले गए, वहीं महज 32 साल की आयु में बीमारी की चपेट में आकर सिकंदर की मौत हो गई थी. जिस वक्त सिकंदर की मौत हुई थी वो इराक देश में थे. इतिहास के मुताबिक इनकी मौत 323 बी.सी के दौरान हुई थी. वहीं पोरस की मौत कैसे हुई थी इसको लेकर कई कहानियां हैं. कहा जाता है कि सिकंदर की मृत्यु के बाद उनके जनरल युदोमोस ने पोरस को एक सड़यंत्र के चलते मार डाला था.
- वहीं अन्य कहानियों के मुताबिक सिकंदर ने पोरस को उनका राज्य वापस सौंप दिया था और 321- 315 ईसा पूर्व के बीच में पोरस की मृत्यु हो गई थी. हालांकि पोरस की मृत्यु किन कारणों से हुई थी इसकी जानकारी इतिहास में नहीं है.
भारत के इतिहासकारों की राय (porus in indian history)
वहीं भारत के कई इतिहासकारों का मानना है कि इस युद्ध में पोरस की विजय हुई थी. सिकंदर की सेना इतने सारे युद्ध लड़कर थक गई थी. वहीं जब सिकंदर भारत आए, तो वो पोरस की सेना को देखकर दंग रह गया और निराश होकर ही वापस लौट गया थे.
इस युद्ध पर बनी फिल्में- (battle of hydaspes alexander movies)
इस युद्ध को लेकर फिल्मे और टीवी सीरियल भी बन चुके हैं. साल 1941 में इस विषय पर बनी एक फिल्म में पृथ्वीराज कपूर सिकंदर के रूप में नजर आए थे. वहीं इस फिल्म का नाम सिकंदर था. इस फिल्म में पोरस और सिकंदर के युद्ध को भी दिखाया गया था. वहीं साल 1991 में ‘चाणक्य’ नामक एक नाटक, साल 2004: फ़िल्म ‘अलेक्जेंडर’, साल 2011: चंद्रगुप्त मौर्य नाम के नाटक में भी पोरस का भी नाम लिया गया था.
सोनी पर आ रहा है धारावाहिक (sony porus serial)
वहीं इस वक्त सोनी चैनल पर “पोरस ’ नाम का एक धारावाहिक भी प्रसारित हो रहा है. ये धारावाहिक सोमवार से शुक्रवार को रात 8.30 बजे आता है. ये नाटक साल 2017 में नंबर के महीने से ही शुरू हुआ है. इस नाटक की शूटिंग भारत के बाहर की गई है.
निष्कर्ष-(conclusion)
सिकंदर और पोरस के बीच कोई युद्ध हुआ था कि नहीं? इस सवाल का जवाब किसी के पास नहीं है. ग्रीस के इतिहास में इस युद्ध का जिक्र किया गया है, लेकिन भारत के इतिहासकारों के मुताबिक उस वक्त सिकंदर को बहादुरी राजा के तौर पर दिखाने के मकसद से ये कहानी लिखी गई थी. अगर सिकंदर इस युद्ध को जीत गए थे तो क्यों वो भारत से वापस लौट गए थे. वहीं इस तरह की राय होने के बाद ये तो साफ हो गया है कि इस युद्ध की सच्चाई के बारे में किसी को भी जानकारी नहीं है.
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