ब्रिटिश संसद में जम्मू-कश्मीर की पत्रकार याना मीर का उत्कृष्ट भाषण: जम्मू-कश्मीर से आई पत्रकार याना मीर ने ब्रिटेन की संसद में एक प्रभावशाली भाषण दिया, जिससे विश्वभर में एक मजबूत संदेश प्रसारित हुआ। संकल्प दिवस के अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान ब्रिटेन पहुंची याना ने भारत की जमकर प्रशंसा की। उन्होंने अपने भाषण में बताया कि वह कश्मीर से हैं, जो दुनिया के सबसे खूबसूरत स्थानों में से एक है और जहां की बर्फ़ से ढकी घाटियाँ विश्वभर के पर्यटकों को आकर्षित करती हैं। लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि वह मलाला यूसुफजई नहीं बनेंगी क्योंकि वह आज़ाद हैं और अपने कश्मीर, अपने भारत में सुरक्षित और शांतिपूर्वक रहती हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें कभी भी अपने देश से भागने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी। याना मीर के इस भाषण को संसद में मौजूद सभी ने सराहा और उनका उत्साह बढ़ाया।
Table of Contents
कौन है याना मीर
याना मीर एक प्रसिद्ध पत्रकार हैं जो जम्मू-कश्मीर, भारत से हैं। वह अपनी बेबाक रिपोर्टिंग, साहसिक पत्रकारिता और सामाजिक मुद्दों पर अपनी सक्रिय आवाज के लिए जानी जाती हैं। याना मीर का काम न केवल कश्मीर में बल्कि पूरे भारत में सराहा गया है। उन्होंने अपने करियर में विविध विषयों पर रिपोर्ट किया है, जिसमें राजनीति, सामाजिक न्याय, मानवाधिकार और महिला सशक्तिकरण शामिल हैं।
उनकी पहचान एक ऐसी पत्रकार के रूप में है जो गंभीर और जटिल मुद्दों को समझने और उन्हें उजागर करने में माहिर हैं। उनकी रिपोर्टिंग ने कई बार सामाजिक बदलाव को प्रेरित किया है और लोगों के जीवन पर सकारात्मक प्रभाव डाला है। याना मीर ने अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी अपनी आवाज उठाई है, जैसे कि उन्होंने ब्रिटेन की संसद में भाषण देकर विश्व समुदाय को संदेश दिया और भारत की प्रशंसा की। उनका यह भाषण खासकर उनके गृह राज्य जम्मू-कश्मीर और भारत के लिए उनकी सुरक्षा और स्वतंत्रता की भावना को प्रकट करता है। उनके भाषण ने विशेष रूप से यह बताया कि कैसे वे भारत में स्वतंत्र और सुरक्षित महसूस करती हैं, और उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से भारतीयों के ध्रुवीकरण को रोकने की अपील की।
ब्रिटिश संसद में याना मीर का साहसिक भाषण
जम्मू-कश्मीर की जानी-मानी पत्रकार याना मीर ने ब्रिटेन की संसद में एक गहन भाषण देकर लोगों को चकित कर दिया, जहां उन्होंने स्पष्ट किया कि वे मलाला यूसुफजई नहीं हैं जिन्हें अपना देश छोड़ना पड़ा। उन्होंने पाकिस्तान को सीधे लक्ष्य करते हुए कहा कि वे जम्मू-कश्मीर में पूरी तरह से सुरक्षित महसूस करती हैं। याना ने अंतरराष्ट्रीय मंच पर पाकिस्तान द्वारा भारत की छवि को खराब करने के प्रयासों की निंदा की। वे बोलीं कि वे भारत में स्वतंत्र और सुरक्षित हैं, और उन्हें कभी भी अपने देश से भागने की आवश्यकता नहीं होगी। उनके इस उद्घोष पर संसद भवन में उपस्थित सभी ने खूब सराहना की। याना ‘संकल्प दिवस’ के अवसर पर ब्रिटेन में आयोजित एक कार्यक्रम में बोल रही थीं और उन्होंने अंतरराष्ट्रीय मीडिया से जम्मू-कश्मीर के लोगों के विभाजन को रोकने की अपील की। उन्होंने जोर देकर कहा कि वे मलाला नहीं हैं क्योंकि वे अपने देश में, अपने घर कश्मीर में, जो कि भारत का हिस्सा है, स्वतंत्रता और सुरक्षा के साथ जीवन यापन कर रही हैं।
याना मीर की अपील: भारतीयों में विभाजन न करें
याना मीर ने जोर देकर कहा, ‘मैं आपसे विनती करती हूँ कि धार्मिक आधार पर भारतीय समाज को विभाजित करने की प्रक्रिया को विराम दें। हम आपको हमारे बीच फूट डालने की अनुमति नहीं देंगे। संकल्प दिवस के इस अवसर पर, मेरी एकमात्र आशा है कि ब्रिटेन और पाकिस्तान में बसे हमारे विरोधी, अंतरराष्ट्रीय मीडिया और मानवाधिकार मंचों पर मेरे देश की छवि को धूमिल करने की प्रक्रिया को रोक देंगे। चुनिंदा आक्रोश की अवधारणा को छोड़ दें, और भारतीय समाज में विभाजन उत्पन्न करने के लिए अपने ब्रिटिश घरों से रिपोर्टिंग करना बंद करें। आतंकवाद की वजह से कई कश्मीरी माताएँ अपने बेटों को खो चुकी हैं। हमारा पीछा छोड़ दें और हमें अपने कश्मीर में शांतिपूर्वक जीवन जीने दें। धन्यवाद, जय हिंद।’
भारतीय सेना के प्रयासों की सराहना
एक समारोह में, याना मीर को जम्मू-कश्मीर में विविधता और समन्वय को बढ़ावा देने के लिए ‘विविधता दूत’ सम्मान से नवाजा गया। इस अवसर पर, उन्होंने अनुच्छेद 370 के निरसन के पश्चात जम्मू-कश्मीर में हुई सकारात्मक प्रगति पर प्रकाश डाला, जिसमें सुरक्षा, सरकारी उपक्रमों और वित्तीय आवंटन पर विशेष जोर दिया गया। याना ने मीडिया द्वारा भारतीय सेना की छवि को धूमिल करने के प्रयासों का मुखर विरोध किया और उग्रवाद निर्मूलन अभियानों, युवाओं के लिए खेल एवं शिक्षा में निवेश जैसे सेना के सराहनीय कार्यों की प्रशंसा की।
ब्रिटेन मीटिंग में शामिल हुए प्रमुख व्यक्तित्व
ब्रिटेन में आयोजित इस सम्मेलन में 100 से भी ज्यादा गणमान्य व्यक्तियों ने हिस्सा लिया, जिनमें ब्रिटिश संसद के सांसद, स्थानीय नगर पार्षद, समुदाय के अग्रणी नेता, विविध संस्थानों के प्रतिनिधि और प्रवासी समुदाय के अग्रणी सदस्य शामिल थे। इस मीटिंग के विशेष अतिथियों में सांसद बॉब ब्लैकमैन, सांसद थेरेसा विलियर्स, सांसद इलियट कोलबर्न, और सांसद वीरेंद्र शर्मा का नाम प्रमुख था। मुख्य वक्ताओं में पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) से प्रोफेसर सज्जाद राजा, जो कि वर्तमान में यूके में निर्वासित हैं, और याना मीर, जो एक जानी-मानी कश्मीरी कार्यकर्ता और वर्तमान में एक वरिष्ठ न्यूज़ एंकर हैं, शामिल थे।
होमपेज | यहां क्लिक करें |
FAQ
Ans : याना मीर एक प्रसिद्ध जम्मू-कश्मीरी पत्रकार हैं।
Ans : उन्होंने ब्रिटेन की संसद में भाषण दिया।
Ans : उन्होंने मलाला यूसुफजई की तुलना में खुद को स्वतंत्र बताया।
Ans : उन्हें ‘विविधता राजदूत पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया।
Ans : उन्होंने अपने भाषण में पाकिस्तान पर भारत की छवि खराब करने का आरोप लगाया।