अटल टनल योजना – दुनिया की सबसे लंबी हाईवे टनल, पुराना नाम (सुरंग, लम्बाई, कहाँ है, इतिहास, मनाली रोहतांग, उद्घाटन (Atal Tunnel Details in hindi, World Longest Highway Tunnel, company name, length, route, timing)
आज के इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कि दुनिया की सबसे लंबी हाईवे टनल के बारे में। हाल ही में इस टनल का उद्घाटन कर दिया गया है और अगर आपको इसके बारे में जानकारी नहीं है तो हमारे इस आर्टिकल को आप पूरा पढ़ें क्योंकि आज हम आपको दुनिया की सबसे लंबी टनल के बारे में सारी जानकारी देने वाले हैं।
अटल टनल योजना कब शुरू हुई
जैसा कि सभी जानते हैं कि भारत एक प्रगतिशील देश है और निरंतर यह देश टेक्निकल और एजुकेशन के क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है। लेकिन आज हम आपको बता दें कि भारत ने अब दुनिया की सबसे बड़ी हाईवे टनल भी बना ली है जिसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 3 अक्टूबर 2020 को कर दिया है। यह अब तक की सारे विश्व की सबसे बड़ी हाईवे सुरंग है और इसका निर्माण करने के लिए हिमालय की पहाड़ियों को काटा गया है। साथ ही जानकारी के लिए बता दें कि इस हाईवे सुरंग को बनाने की प्रक्रिया 28 जून 2010 से शुरू की गई थी और इसका उद्घाटन 3 अक्टूबर 2020 को किया गया है।
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अटल टनल के बारे में आवश्यक जानकारी
नाम |
अटल टनल |
अटल सुरंग किस राज्य में स्थित है |
रोहतांग, हिमाचल प्रदेश भारत |
अटल सुरंग की लंबाई कितनी है |
9.02 किलोमीटर |
चौड़ाई |
10 मीटर |
रूट |
लेह मनाली हाईवे |
लेनो की संख्या |
प्रत्येक तरफ एक एकलेनकुल मिला कर 2 लेन |
वाहन चलाने की गति |
40-80 किलोमीटर/घंटा |
अटल टनल नाम क्यूँ पड़ा –
दुनिया की सबसे बड़ी हाईवे सुरंग को बनाने के लिए भारत को लगभग 10 वर्ष का समय लग गया और साथ ही आपको यह भी जानकारी दे दें कि इस सुरंग का नाम भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर रखा गया। साथ ही यहां यह भी बता दें कि मोदी सरकार ने पिछले साल यानी 2019 में इस बात का निर्णय लिया था कि इस सुरंग का नाम भूतपूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जी के नाम पर रखा जाएगा। वैसे तो इसका निर्माण 2010 में कोंग्रेस की मनमोहन सरकार के समय शुरू हुआ था, जो अब पूरा हुआ है. इस सुरंग का निर्माण कार्य पिछले 2 वर्षों से काफी तेजी के साथ किया गया है और 10 वर्षों के लंबे कार्य के बाद इसको बनाने में 3200 करोड़ रुपए खर्च हुए हैं।
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अटल सुरंग की आधारशिला कब रखी गई थी –
दुनिया की इस सबसे बड़ी हाईवे टनल को बनाने का निर्णय भारत के भूतपूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी के द्वारा 3 जून को 2002 को लिया गया था। यहां जानकारी के लिए बता दें कि इसकी आधारशिला स्वर्गीय अटल जी ने ही रखी थी लेकिन फिर जब उनकी सरकार खत्म हो गई थी तो उसके बाद उनका यह सपना भी धूमिल हो गया था। यह भी बता दें कि 2014 तक भी इस सुरंग का कार्य बहुत थोड़ा सा ही हुआ था और अगर उसी रफ्तार से काम होता रहता तो अगले 20-25 सालों में भी यह टनल बन कर तैयार नहीं हो पाती। लेकिन भारत के प्रधानमंत्री मोदी जी ने अटल बिहारी जीके इस सपने को पूरा करने के लिए बहुत तेजी के साथ काम करवाया जिसके कारण आज यह टनल बनकर तैयार हो चुकी है।
अटल टनल की लंबाई –
जानकारी के लिए बता दें कि अटल टनल की लंबाई 9 किलोमीटर है हालांकि जब इस सुरंग को बनाने की शुरुआत की गई थी तो उस समय यह निर्णय लिया गया था कि इस सुरंग की लंबाई 8.8 किलोमीटर रखी जाएगी लेकिन जब यह सुरंग बनकर तैयार हुई और उसके बाद इसकी ज़ीडीपी रीडिंग ली गई तो उसमें इसकी लंबाई 9 किलोमीटर निकली। इस प्रकार यह सुरंग दुनिया की सबसे लंबी हाईवे सुरंग है।
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दुनिया की सबसे बड़ी अटल टनल कहां स्थित है
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि अटल टनल का साउथ पोर्टल मनाली से 25 किलोमीटर की दूरी पर है और वहां पर यह 3065 की ऊंचाई पर स्थित है और इसी तरह इस सुरंग का नोर्थ पोर्टल लाहौल घाटी से जुड़ा हुआ है जहां पर यह 3071 मीटर की ऊंचाई पर बना है। इसके अलावा आपको यह भी बता दें कि यह टनल एक अत्यधिक आधुनिक तकनीक से बनी हुई है जो कि समुद्र तल से लगभग 3,000 मीटर यानी 10,000 फीट की ऊंचाई पर स्थित है।
अटल टनल की विशेषताएं
- लाहौल स्पीति घाटी 6 महीने भारी बर्फबारी होने की वजह से देश से अलग हो जाया करती थी, लेकिन अटल टनल अब सारा साल मनाली को लाहौल स्पीति घाटी के साथ जोड़े रखेगी।
- इसकी दूसरी अन्य विशेषता यह है कि इसने मनाली और लेह के बीच की दूरी को 46 किलोमीटर तक कम कर दिया है जिसके कारण यात्रा का समय भी चार-पांच घंटे तक कम हो गया है।
- इसकी एक अन्य खास बात यह भी है कि इस सुरंग से हर दिन 3,000 कारें और 1500 ट्रक का आवागमन सुगमता के साथ हो सकता है और प्रत्येक वाहन 80 किलोमीटर प्रति घंटे की अधिकतम गति से चल सकेगा यानी इस टनल पर हर दिन 5000 वाहन चल सकते हैं।
- घोड़े की नाल के जैसे आकार में बनी हुई इस टनल में 8 मीटर का सड़क मार्ग है जिस पर सिंगल ट्यूब और डबल लेन वाली यह सुरंग बनी हुई है। साथ ही आपको बता दें कि इसकी ओवरहेड निकासी 5.525 मीटर है।
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अटल टनल में है सुरक्षा के जबरदस्त इंतजाम
बता दें कि दुनिया की इस सबसे बड़ी अटल टनल के अंदर सुरक्षा के बहुत कड़े और जबरदस्त इंतजाम किए गए हैं। इस टनल के अंदर सुरक्षा का बहुत ज्यादा ध्यान रखा गया है और इसीलिए सुरंग की दोनों तरफ एंटीबैरियर बनाए गए हैं। इसके अलावा आपातकालीन स्थिति के लिए भी हर 150 मीटर के बाद मदद के लिए संपर्क किया जा सकेगा। इसके अलावा सुरंग में आग पर नियंत्रण करने की सुविधा भी है और साथ ही इस टनल में सीसीटीवी कैमरे भी लगे हुए हैं ताकि अगर कोई दुर्घटना हो जाए तो उसका पता आसानी के साथ चल जाए।
दोस्तों यह था हमारा आज का आर्टिकल जिसमें हम ने आपको दुनिया की सबसे ऊंची हाईवे टनल के बारे में जानकारी दी। इसके अलावा हमने आपको इस टनल के बारे में सारी महत्वपूर्ण जानकारी दे दी है और हमें पूरी आशा है कि आपको हमारा आर्टिकल पसंद आया होगा इसलिए हमारी आपसे रिक्वेस्ट है कि हमारे इस आर्टिकल को सोशल मीडिया पर दूसरे लोगों के साथ भी शेयर करें ताकि उन्हें भी दुनिया की सबसे ऊंची टनल के बारे में सारी जानकारी प्राप्त हो जाए।
FAQ –
Ans: रोजाना 2 घंटे देख रेख के लिए बंद रहेगा, सुबह 9 से 10 एवं शाम को 4 से 5 बजे तक.
Ans: नहीं, फिलहाल पेट्रोल डीजल वाले टैंकर इस टनल में प्रवेश नहीं कर सकेंगें.
Ans: नहीं, टनल के अंदर किसी भी वाहन के रोकने पर पूरी तरह मनाही है, नियमों के उल्लंघन पर कार्यवाही होगी.
Ans: पीर पंजाल नामक पहाड़ी, टनल 2 किलोमीटर ऊँची पहाड़ी के नीचे बना है.
Ans: लगभग 237596 मीट्रिक टन सीमेंट
Ans: जी हाँ
Ans: एफकोन्स कंपनी
Ans: 1000 वर्कर और 150 इंजिनियर
Ans: ऑस्ट्रेलिया की इंजीनियरिंग कंपनी स्नोवे माउनटेन
Ans: श्री नरेन्द्र मोदी जी ने
Ans: रोहतांग सुरंग
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