स्वस्थ आहार क्या है, लाभ, आदतें, कैसे खाएं, क्या खाएं,क्यों खाएं,कारण, कब खाएं, खाना, चार्ट [Healthy Food in Hindi] (List, Name and Chart, for Immunity)
बात जब खाने की आती है तो हमारे दिमाग में बहुत सारी डिशेज ऐसी हैं जो घूमने लगती हैं और उनका स्वाद भी मुंह में आने लगता है। परंतु जब हम स्वस्थ आहार के बारे में सोचते हैं तो स्वस्थ आहार की सही परिभाषा कोई समझना नहीं चाहता। क्योंकि आजकल मन को तसल्ली देने के लिए खाना खाया जाता है ना कि शरीर को पोषण देने के लिए। पोषक तत्वों से भरपूर खाना ही स्वस्थ होता है लेकिन इस बात को समझने के लिए हमें यह समझना होगा कि स्वस्थ आहार होता क्या है? आज हम अपने इस लेख में जीवन का सबसे बड़ा सवाल लेकर आए हैं जो है स्वस्थ आहार क्या है?
Table of Contents
स्वस्थ आहार क्या है [Healthy Food in Hindi]
आम तौर पर स्वस्थ आहार का मतलब किसी को नहीं पता होता है। यदि पूछा जाए कि आप स्वस्थ आहार यह स्वस्थ भोजन करते हैं तो कुछ देर तक तो सोच में पढ़ने के बाद आपको यही समझ में नहीं आएगा कि हम सुबह से शाम तक जो खाते हैं उसमें से स्वास्थ्य भोजन का भाग कौन सा है? आपकी इस समस्या को सुलझाने के लिए हम आपको बता देते हैं कि स्वस्थ आहार का सीधा सरल अर्थ यह होता है कि हमारा भोजन जिसमें विटामिन कैल्शियम पोषक तत्व और प्रोटीन भरपूर मात्रा में हो। ऐसा भोजन जो आपको सेहतमंद और तंदुरुस्त बनाए रखें ताकि आप बीमारियों से लड़ सके ऐसे आहार को स्वस्थ आहार कहते हैं।
स्वस्थ आहार क्या क्या होते हैं (List, Name)
स्वस्थ आहार को मुख्य रूप सेनिम्न श्रेणियों में बांटा जा सकता है:-
Soup (सूप):
पालक, टमाटर, गाजर, लोकी, मिक्स वेजीटेबल यह सभी सूप आपके लिए उपयोगी हैं .
Liquids (तरल पदार्थ) :
छांछ (thin buttermilk), नारियल पानी (coconut water), जूस (संतरा, मौसम्बी आदि)
vegetables (सब्जियां):
हरी पत्तेदार सब्जियां , पत्तागोभी, कद्दू, लोकी, ककड़ी (cucumber), प्याज, टमाटर, गाजर , करेला, भिन्डी, फूलगोभी, शिमला मिर्ची, फल्लिया (beans), गिलकी .
Grains (अनाज) :
गेहूं , दलिया, रवा, कुरमुरा,जों .
दाले (pulses) :
खड़ा मूंग , चावली, मोठ, सोयाबीन, राजमा, green and yellow मूंग दाल .
Milk/Milk Product (दूध के सामान) :
दही (curd without cream), skimmed milk (दूध को उबालने के बाद उसे फ्रिज में रखे दुसरे दिन सुबह उसकी मलाई हटाकर या उसे छान कर उपयोग करे), छाछ.
Non-Veg (नॉन वेज) :
यह माना जाता हैं कि नॉन वेज सेहत के लिए ख़राब होता हैं जो कि बिलकुल गलत है. इसकी भी उचित मात्रा बहुत जरुरी हैं . नॉनवेज में हाई प्रोटीन होता हैं . इसके अलावा अंडा भी बहुत फायदेमंद होता है. अंडा का सफ़ेद व् पीला भाग दोनों ही बहुत फायदे मंद हैं . मछली, चिकन सभी कि उचित मात्रा खाना चाहिए, इससे शरीर में सभी तरह के पोषक तत्व मिलते है . इसमें कोलेस्ट्रोल की मात्रा कम होती है, ओमेगा 3 व् फैटी एसिड भी प्रचुर मात्रा में होता हैं . नॉनवेज को उबालकर, भाप के द्वारा पका कर, ग्रिल कर के, रोस्ट या बेक कर के खाना चाहिए. चिकन को फ्राई करके खाने से ये शरीर को नुकसान पहुंचाता है, व् बहुत हैवी भी हो जाता है.
Sugar (शक्कर) :
शक्कर की मात्रा कम से कम ही रखे, दिन भर में 2 tsp शक्कर ही की जरूरत हमारे शरीर को होती है, इतनी ही लें. इससे ज्यादा लेने से ये फैट में बदलने लगती है.
Water (पानी):
12 to 15 गिलास पानी ले. बहुत अधिक ठंडा पानी ना ले . और पानी की अधिकतम मात्रा दिन के समय यानि शाम 7 के पहले ही लें. इसके बाद 1-2 गिलास से ज्यादा न पियें.
oil (तेल):
एक दिन में 2 से 3 tsp तेल शरीर के लिए पर्याप्त हैं .
Fruits (फल):
रोज 2 से 3 फल जरुर ले . यह आपके भोजन के आवश्यक तत्व आपके शरीर तक पहुँचाने में सहायक होते हैं . सेव(Apple) , पपीता (papaya) , संतरा(Orange) , मौसंबी (Sweet lemon) , तरबूज (water melon) , आडू (peach) , अमरुद (guava) , बेर (plum), लीची (lichi) यह सभी फल सेहत के लिए अच्छे हैं . लेकिन आम (mango) , अंगूर (grapes) , चीकू (chiku) एवम केला (banana) ना ले .
उपवास (fast):
उपवास का हिन्दू रीती रिवाज में एक अहम हिस्सा हैं. वैसे हफ्ते में एक दिन कुछ न खाना फायदेमंद होता हैं, जिसके लिए उपवास एक अच्छा बहाना हैं. पर अगर आप इस एक दिन भूखा नहीं रह सकते, तो साबूदाना और आलू जैसी चीजे खाकर अपने पुरे महीने को ना ख़राब करे. उपवास के नाम पर आजकल अधिक घी, तेल, वसायुक्त खाना खाया जाता है, जो कि शरीर के लिए नुकसानदेह है. पूरा दिन भूखा रहकर एक बार में इतना हैवी खाना बहुत सी परेशानियों की वजह बन जाता है. उपवास के दिन आप skimmed milk, दही, लस्सी, एवम छाछ ले और इसके अलावा फल, जूस, नारियल पानी, सूप भी बना के ले सकते है. इसके अलावा आप खाने में राजगीरा, मोरधन, मूंगफली भी ले सकते हैं. हाँ लेकिन उपवास के दिन भूखे न रहें, कुछ न कुछखाते रहें.
स्वस्थ आहार ऊर्जा और जरूरत के आधार पर
इसके अलावा इन पदार्थों को यदि ऊर्जा और जरूरत के हिसाब से वर्गीकृत किया जाए तो कुछ निम्न प्रकार से पहचाने जाएंगे।
शरीर में उर्जा उत्पन्न करने वाले खाद्य पदार्थ (कार्बोहाइड्रेट और वसा)-
वनस्पति तेल, साबुत अनाज, मेवा, बाजरा, तिलहन और शर्करा इन सब के सेवन से हमारे शरीर में भरपूर मात्रा में उर्जा उत्पन्न होती है।
हड्डियां मजबूत करने वाला आहार (बॉडीबिल्डिंग फूड)-
तिलहन, दूध, डेयरी उत्पाद, मांस, दाले मेवा और मुर्गी। यह सभी ऐसे पदार्थ है जो कमजोर हड्डियों में जान डाल कर उन्हें मजबूत कर देते हैं जो लोग बॉडीबिल्डिंग करते हैं उनके लिए यह खाना बहुत ही ज्यादा फायदेमंद होता है।
सुरक्षात्मक खाद्य पदार्थ (विटामिन और खनिज) :-
विटामिन और खनिज से भरपूर हरी पत्तेदार सब्जियां, फल, अंडा अन्य सब्जियां दूध और डेयरी उत्पाद साथ ही मांसाहारी खाद्य पदार्थ यह सभी चीजें हमारे शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाकर हमें बीमारियों से लड़ने के लिए सुरक्षा देते हैं।
स्वस्थ आहार क्यों करना चाहिए (कारण)
स्वस्थ आहार का सीधा सरल अर्थ है स्वस्थ जीवन, तो स्वस्थ आहार करना हमारे लिए उतना ही आवश्यक है जितना कि सांस लेना। स्वस्थ आहार हमारे लिए बहुत ज्यादा फायदेमंद हो सकता है क्योंकि स्वस्थ आहार से हमारे शरीर के साथ-साथ हमारा दिमाग भी तेज होता है। बॉडीबिल्डिंग करने के लिए स्वस्थ आहार बहुत जरूरी होता है क्योंकि खाना खाएंगे तभी तो बॉडी बना पाएंगे। एक प्रेग्नेंट महिला के लिए और उसके बच्चे के लिए स्वास्थ्य बच्चे को स्वस्थ रखने के लिए और महिला को तंदुरुस्त बनाए रखने के लिए बहुत आवश्यक होता है। स्वस्थ आहार को अपने जीवन का मूल मंत्र बनाकर यदि हम उसका पालन करेंगे तो हमें किसी भी बीमारी का कोई खतरा नहीं रहेगा।
स्वस्थ आहार कैसे लें (योजना बनाएं) [Diet Chart]
अब सबसे बड़ी बात यह है कि हमें स्वस्थ आहार कैसे लेना चाहिए अर्थात दिन भर में हमें कैसे स्वस्थ आहार का सेवन करना चाहिए, ताकि वह हमें सही तरीके से लाभ प्रदान करें और तंदुरुस्त बनाए रखें। तो चलिए शुरू करते हैं किस समय कौन सा स्वस्थ आहार करना आवश्यक है
सुबह के समय 6:00 से 7:00 के बीच –
सुबह उठकर खट्टी चीजें जैसे संतरा नींबू मौसम में या किसी अन्य फल का सेवन अवश्य करें, जो आपको पसंद हो।
8 से 10 के बीच में करें नाश्ता
नाश्ते के समय आप अपने नाश्ते की प्लेट में ब्राउन ब्रेड उबला हुआ अंडा या अगर आप मांसाहारी हैं तो मांस का सेवन कर सकते हैं। इसके अलावा अगर आप शाकाहारी हैं तो कम तेल वाला पराठा उपमा या फिर पोहे के साथ चाय कॉफी या ग्रीन टी जरूर ले।
11:00 से 12:00 के बीच
कोई भी पसंदीदा फल या फिर सलाद अथवा संतुलित मात्रा में कुछ ड्राई फ्रूट जैसे बदाम काजू अथवा किशमिश जरूर लें।
1:00 से 12:00 के बीच
दोपहर के भोजन में मांसाहारी लोग संतुलित मात्रा में दाल, मछली, चावल, अंडा, चिकन करी, दो से तीन रोटी सलाद के साथ खाएं। शाकाहारी लोगों के लिए संतुलित आहार में दोपहर के समय में दो से तीन रोटी के साथ दाल थोड़े चावल कोई भी पसंदीदा सब्जी और सलाद के साथ दही का सेवन सबसे उत्तम विकल्प है।
शाम को 4:00 से 5:00 के बीच
शाम की भूख के समय आप हर्बल टी या कॉफी उसके साथ मखाने या मूंगफली के दाने अथवा मुरमुरे अथवा उबले हुए चने का सेवन बेहद फायदेमंद होता है।
रात को 10:00 से 11:00 के बीच
रात के डिनर के समय यदि आप उचित भोजन करना चाहते हैं तो मांसाहारी लोग तीन से चार रोटी के साथ अंडा याद चिकन अथवा मछली करी के साथ सलाद का सेवन कर सकते हैं। इसके अलावा शाकाहारी लोगों के लिए तीन से चार रोटी एक सब्जी दाल अथवा सलाद उचित विकल्प है।
सोने से पहले
यदि आपको अच्छे से नींद ना आती हो तो आप एक गर्म गिलास दूध लेकर उसमें इलायची या हल्दी डालकर उसे पी सकते हैं।
ऊपर दी गई तालिका पूरी तरह से स्वस्थ आहार और हमारे शरीर की आवश्यकता के अनुसार तैयार की गई है। यदि इसमें आप कोई भी बदलाव करना चाहते हैं तो अपने खाने के समय बीच-बीच में कुछ अन्य चीजों का सेवन करके अपने आहार को और ज्यादा पौष्टिक बना सकते हैं।
स्वस्थ आहार विभिन्न आयु वर्ग के लिए
सभी आयु वर्ग के लोग एक ही आहार तालिका का पालन नहीं कर सकते हैं क्योंकि सब की आवश्यकता के अनुसार उन्हें भोजन मिलना चाहिए ताकि उसके अनुसार ही उनके शरीर में विकास हो सके। चलिए प्रारंभ करते हैं जीवन के विभिन्न चरणों में आहार योजना किस प्रकार तैयार करनी चाहिए ताकि एक व्यक्ति स्वस्थ और तंदुरुस्त रहे।
शिशु के लिए आहार :-
एक छोटे बच्चे को उचित आहार देना बेहद आवश्यक है क्योंकि जब 6 महीने तक वह केवल स्तनपान से ही अपना पेट भरता है तो उस समय उसकी प्रतिरोधक क्षमता मां के खाने पर निर्भर होती है। हालांकि स्तनपान एक शिशु के लिए बेहद सुरक्षित और पोषण पूर्ण आहार है। इसलिए एक माता को 6 महीने के बाद तक भी छोटे बच्चों को स्तनपान कराना चाहिए। 6 महीने के बाद उसे थोड़ा थोड़ा अनाज एवं अन्य पोषक वस्तुएं देने प्रारंभ करनी चाहिए। जैसे गेहूं चावल ज्वार बाजरा दाल चना मेवा मूंगफली तेल चीनी और गुड़ आदि से तैयार किया गया पोषक भोजन। साथ ही बच्चों को विभिन्न प्रकार के नरम अथवा ठोस खाद्य पदार्थ में खिलाई जा सकते हैं जैसे आलू दलिया अंडे आदि।
बढ़ते बच्चों के लिए आहार :-
2 साल से ज्यादा की उम्र के बच्चे बाल्यावस्था में आ जाते हैं उनकी खेलकूद की प्रक्रिया बढ़ने लगती है और वे जल्दी थकने लगते हैं। ऐसे में उन्हें प्रचुर मात्रा में पोषण और स्वस्थ भोजन की आवश्यकता होती है। बढ़ते बच्चों के भोजन में प्रचुर मात्रा में ऊर्जा, प्रोटीन, विटामिन और खनिजों की अच्छी खुराक होनी चाहिए। उचित समय पर उनको डेरी पदार्थ जैसे दूध पनीर दही जिससे उन्हें कैल्शियम प्राप्त हो देनी चाहिए। इसके अलावा कैल्शियम के लिए बच्चों को पालक एवं ब्रोकली भी खिलाना चाहिए। ऊर्जा के रूप में अधिक कार्बोहाइड्रेट और वसा की आवश्यकता होती है इसके लिए बच्चों को साबुत अनाज जैसे गेहूं, ब्राउन राइस, मेवा, वनस्पति तेल, सब्जियां, फल, केला एवं आलू अथवा शकरकंद का भी रोज सेवन कराना चाहिए। बच्चों में प्रोटीन की मात्रा प्रचुर मात्रा में होनी चाहिए ताकि उनकी मांसपेशियों का निर्माण और विकास बहुत अच्छे से हो सके इसलिए उन्हें समय-समय पर मांस, अंडा, मछली और दूध से जुड़ी चीजें देते रहना चाहिए। आजकल बच्चों का रुझान जंक फूड की तरफ बहुत ज्यादा बढ़ने लगा है इसलिए उन्हें स्वस्थ आहार का महत्व समझाना और स्वस्थ आहार देना बहुत जरूरी है ताकि वे आंतरिक रूप से मजबूत हो सके।
गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए आहार :-
मां बनने के बाद एक महिला के जीवन में परिवर्तन आता है तो साथ में उसके शरीर में भी काफी सारे परिवर्तन देखने को मिलते हैं। एक महिला जब गर्भवती होती है तो वह शारीरिक और मानसिक दोनों ही रूप से कमजोर हो जाती है जिसे पोषण की बहुत ज्यादा आवश्यकता होती है। गर्भावस्था के पहले का समय हो या स्तनपान कराने के समय दोनों ही समय एक महिला को अपने भोजन पर ध्यान देने की बहुत ज्यादा आवश्यकता होती है। ऐसी महिलाओं को अपने भोजन में प्रचुर मात्रा में कैल्शियम, विटामिन ए, विटामिन B12, विटामिन सी से भरपूर पोषक तत्वों का उपभोग करना चाहिए। एक गर्भवती महिला जब संतुलित और स्वस्थ आहार करती है तो उसका बच्चा भी पूरी तरह से स्वस्थ होता है।
वयस्क पुरुष और महिला के लिए आहार :-
आजकल पुरुष हो या महिला अपने आहार पर ध्यान देने का उन्हें समय नहीं मिलता है। ऐसे में वयस्क लोगों में खून की कमी, थकावट, सिर दर्द, शरीर दर्द, पैर दर्द आदि जैसी बहुत सी शिकायतें मिलती हैं। यह सब शिकायतें केवल एक ही कमी की वजह से होती है और वह है भरपूर स्वस्थ आहार। ऐसे लोगों को डिब्बाबंद खाद्य पदार्थ जैसे कि आचार पापड़ और जंक फूड से बचना चाहिए। उन्हें अपने दिनचर्या में भरपूर कैल्शियम, आयरन और संतृप्त वसा तथा ट्रांस वसा से युक्त भोजन सम्मिलित करना चाहिए। उन्हें दूध से बने उत्पाद, हरी पत्तेदार सब्जियां, ब्रोकली, घी, मक्खन, पनीर, वनस्पति घी आदि का उपयोग साथ में रेशेदार खाद्य पदार्थों जैसे साबुत अनाज सब्जियां फल आदि अधिक से अधिक मात्रा में शामिल करने चाहिए।
बुजुर्ग लोगों के लिए आहार :-
60 वर्ष की आयु के बाद इंसान बुजुर्ग अवस्था में पहुंच जाता है जहां पर उसका पाचन तंत्र और शरीर दोनों ही कमजोर हो जाते हैं। काफी हद तक शरीर की संरचना में भी बदलाव आ जाता है जिसकी वजह से उन्हें बुजुर्ग श्रेणी में रखा जाता है। इस उम्र में खानपान का विशेष ध्यान रखना होता है ताकि बुजुर्ग लोग अपनी शारीरिक गतिविधियों से स्वस्थ रहें। बुजुर्ग लोगों के भोजन में अधिक मात्रा में कैल्शियम, जिंक, विटामिन, आयरन, एंटीऑक्सीडेंट्स होना चाहिए। शरीर की हड्डियों में दर्द, उठने बैठने में दिक्कत और भूख का कम हो जाना यह सभी लक्षण बुढ़ापे के हैं। परंतु इन सभी समस्याओं को सुलझाने का एकमात्र साधन स्वस्थ आहार और नियमित व्यायाम ही है। बुजुर्ग लोगों को स्वास्थ्य मात्रा में भोजन करना चाहिए, जिसमें पर्याप्त मात्रा में दालें, टोंड मिल्क, अंडे का सफेद भाग आदि शामिल करना चाहिए। कुछ चीजों कि अपने जीवन में कटौती भी करनी चाहिए जैसे संतृप्त वसा, नमक, चीनी तेलीय आहार और मिठाई साथ घी और तेल। बुजुर्गों को आमतौर पर अच्छी तरह पकाया हुआ खाना जिसमें कम नमक और कम मसाला हो देना चाहिए। दूध, जूस और फल सब्जियों जैसी चीजें भी होने समय समय पर मिलती रहनी चाहिए।
बीमार व्यक्ति के लिए भोजन :-
बीमार व्यक्ति भी बुजुर्गों की तरह हो जाते हैं जिनके शरीर में पोषक तत्व कम हो जाते हैं और वे कमजोरी महसूस करने लगते हैं। ऐसे में उन्हें भी प्रचुर मात्रा में पोषक तत्व से भरा भोजन जिसमें जिंक, आयरन और कार्बोहाइड्रेट प्रचुर मात्रा में हो वह देना चाहिए। थोड़े थोड़े समय में ऐसे मरीजों को कुछ देते रहना चाहिए ताकि उनके शरीर में एनर्जी लेवल बना रहे और वह बीमारी से उबरने में सक्षम हो। उन लोगों को भी अच्छे से पकाया हुआ भोजन जो कम तेल और मसाले में बना हो वह देना चाहिए।
स्वस्थ आहार की आदतें
स्वस्थ आहार की आदत अपनानेमें थोड़ा समय तो लगता है लेकिन उन आदतों का कुछ महत्व भी होता हैजिसे आपको जानना आवश्यक है :-
स्वस्थ नाश्ता है महत्वपूर्ण :-
हमारी दिनचर्या सुबह से आरंभ होती है और रात तक चलती है। ऐसे में अगर हम पौष्टिक नाश्ता ना करें, तो हमारे शरीर का एनर्जी लेवल डाउन हो जाता है और पूरा दिन हमारा काम में ध्यान नहीं लगता है।
छोटा हिस्सा खाएं :-
हमेशा ध्यान रखें कि एक साथ बहुत सारा खाना खाने की बजाय उसे छोटे-छोटे भाग में विभाजित करके खाएं। अगर आपकी इच्छा हो तो हर 2 से 3 घंटे में आप थोड़ा बहुत कुछ खाते रहें।
फल और हरी सब्जियों पर दें ध्यान :-
प्रकृति से प्राप्त पोषण और विटामिन युक्त फल और हरी सब्जियों को अपने भोजन में शामिल करना बिल्कुल भी ना भूलें। 1 दिन में कम से कम तीन सब्जियां और दो फल आपके लिए बेहद आवश्यक है।
व्यायाम करना ना भूले :-
अपने शरीर को उचित भोजन प्रदान करने के साथ-साथ स्वस्थ रखने के लिए व्यायाम करना बेहद जरूरी है।
प्रोटीन रिच हो भोजन :-
प्रोटीन से भरपूर भोजन का सेवन आपके लिए बेहद आवश्यक है। बाजार से खरीदे गए कैलोरी और वसा युक्त पदार्थ जैसे कुकीज़ हमारे लिए नुकसानदायक होते हैं, परंतु जब हमें इन्हेंघर में तैयार करके खाते हैं तो यह और ज्यादा स्वादिष्ट और हमारे लिए स्वास्थ्यवर्धक होते हैं।
रात में देर से खाकर न सोए :-
हमारे विशेषज्ञों का कहना है कि हमें रात का खाना सोने से कम से कम 3 घंटे पहले खा लेना चाहिए ताकि वह जल्दी से डाइजेस्ट हो जाए।
धीरे-धीरे चबाकर खाएं :-
भोजन को कभी भी जल्दबाजी में नहीं खाना चाहिए एक संतुलित आहार तभी स्वस्थ होता है जब हम उसे धीरे-धीरे चबाकर खाएं।
एक संतुलित वजन :-
प्रत्येक शरीर और प्रत्येक उम्र के वर्ग के लोगों के लिए कुछ संतुलित वजन के माप निर्धारित किए गए हैं उसके अनुसार ही हमें अपने वजन पर ध्यान देना चाहिए।
स्वस्थ आहार के लाभ
स्वस्थ भोजन करने के केवल लाभ ही लाभ होते हैं आप सब जानते तो होंगे लेकिन आप उन्हें समझना नहीं चाहते, फिर भी एक छोटी सी सूची हम आपको नीचे देने जा रहे हैं:-
- स्वस्थ भोजन करने से एक मनुष्य का दिमाग और शरीर दोनों ही स्वस्थ रहते हैं।
- हमारी सोचने और समझने की शक्ति बहुत ज्यादा तेज हो जाती है और हमारा शरीर फुर्ति से काम करता है।
- स्वस्थ भोजन करने से मनुष्य का शरीर पूरी तरह से मजबूत हो जाता है वह बीमारियों का शिकार नहीं होता।
- शरीर में दर्द, घुटनों में दर्द या फिर किसी भी हड्डियों में दर्द की शिकायत स्वास्थ्य भोजन करने के बाद नहीं रहती है।
- गर्भावस्था के दौरान स्वस्थ भोजन एक गर्भवती स्त्री के साथ-साथ उसके बच्चे को भी तंदुरुस्त और स्वस्थ रखने में सहायक होता है।
- हमारी प्राकृतिक सब्जियां और फल बहुत सी बीमारियों को दूर करने में सहायक है जैसे मोटापा, डायबिटीज, हृदय रोग, कैंसर और शरीर की अन्य गंभीर बीमारियों से भी बचाव के लिए स्वस्थ भोजन बेहद आवश्यक है।
- बीमारियों से लड़ने के लिए सबसे ज्यादा फाइबर युक्त भोजन अधिक मात्रा में हमें लेना चाहिए ताकि हमारे शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ सके।
- ब्लड प्रेशर को कंट्रोल में करने के लिए भी स्वस्थ भोजन कारगर होता है खासकर कि ऐसा भजन जो पोटेशियम युक्त हो।
स्वस्थ आहार क्या बिल्कुल नहीं खाना चाहिए
अगर हम स्वस्थ रहना चाहते हैं और स्वस्थ आहार की तालिका का पालन करना चाहते हैं, तो कुछ भोजन हमें जीवन में बिल्कुल भी नहीं खाने चाहिए।
- तला और भुना हुआ खाना
- अधिक मीठे खाद्य पदार्थ जैसे मिठाई, चॉकलेट आइसक्रीम आदि
- बाजार में मिलने वाले विभिन्न जंक फूड जैसे बर्गर, पिज़्ज़ा, फ्राइज मोमोज पेटिस आदि
- चाय और कॉफी की आदत भी कम करनी चाहिए क्योंकि आज के समय में लोगों को चाय और कॉफी दिन में 5 से 6 बार जरूर चाहिए होती है।
- चीज बटर और मेयोनिस खाने में बहुत टेस्टी लगते हैं लेकिन हमारे शरीर के लिए बहुत ज्यादा नुकसानदायक होते हैं इसलिए लो फैट डेयरी प्रोडक्ट का उपयोग करना चाहिए।
- सॉफ्ट ड्रिंक्स हमारे शरीर में मोटापा, दांत खराब करना और भूख को कम करने का काम करते हैं इसलिए सॉफ्ट ड्रिंक्स को भी हमें अवॉइड करना चाहिए।
- डिब्बाबंद पदार्थ भले ही हम काफी समय तक यूज कर सकते हैं लेकिन यह हमारे शरीर में घातक बीमारी का कारण बन सकते हैं क्योंकि यह हमारे शरीर में क्लॉस्ट्रीडियम बोटूलिनम नामक एक विभिन्न प्रकार का रोगाणु उत्पन्न करता है जो जहर के समान होता है।
- अल्कोहल का सेवन सदैव ही गलत रहा है जो कि हमारे शरीर में भयंकर बीमारियों का कारण भी बनती है जैसे कैंसर, मधुमेह और हृदय रोग आदि।
स्वास्थ्य भोजन के कुछ महत्वपूर्ण टिप्स
स्वस्थ भोजन और स्वास्थ्य जीविका के लिए कुछ महत्वपूर्ण टिप्स आपको यहां पर बताने जा रहे हैं जिनका पालन अवश्य करना चाहिए।
अधिक तेल और मसाले वाले खाद्य पदार्थों से बचें-
अधिक तेल और मसाले वाले खाद्य पदार्थ हमेशा हमारे शरीर में नुकसान दायक और घातक बीमारियों के संकेत होते हैं। कुछ जानलेवा बीमारियां भी होती हैं जैसे कैंसर, हृदय रोग, सांस संबंधी विकार आदि।
अधिक शुगर का सेवन :-
भोजन में चाहे कोई भी वस्तु हो एक सीमित मात्रा में हो तो वह नुकसान नहीं पहुंचाती है परंतु अधिक मात्रा में सेवन की जाने वाली प्रत्येक वस्तु हमारे शरीर के लिए घातक हो सकते हैं। उसी प्रकार अधिक शुगर की वजह से हमारे दांत खराब हो सकते हैं डायबिटीज और मोटापे जैसी समस्या बढ़ सकते हैं।
उपवास है जरूरी :-
अगर आपको ऐसा लगता है कि आप बेवजह मोटे हो गए हैं या फिर आपके शरीर में कुछ समस्याएं हैं जिन्हें दूर करने के लिए आप हफ्ते में एक बार उपवास करें तो बहुत ज्यादा फायदेमंद हो सकता है। 1 दिन के उपवास से आपके शरीर की काफी सारी समस्याएं दूर हो जाती हैं परंतु यह ध्यान रखें कि उपवास के समय नियमित रूप से पानी पिए, फल अथवा ड्राई फ्रूट्स का सेवन भी करते रहें ताकि शरीर में ऊर्जा का संचार बना रहे।
पानी खूब पिए :-
पानी हमारे शरीर की बहुत सारी समस्याओं को दूर करने में सहायक है। पानी की वजह से हमारे शरीर की किडनी की समस्या, उल्टी बुखार त्वचा संबंधी समस्या और अन्य कई समस्याएं दूर हो सकती हैं इसलिए हमें कुछ अंतराल में दिन भर पानी पीते रहना चाहिए।
स्वस्थ्य शरीर में स्वस्थ्य मस्तिष्क का वास हैं . पेट भरने के लिए ही कमाया जाता है, अगर भूख नाम की चीज ना होती तो आप और हम कभी इतना ना पढ़ते और ना कमाने के लिए इतनी मेहनत करते, पर हम भाग दौड़ की ज़िन्दगी में यह भूल गए हैं, कि शरीर का हेल्थी रहना कितना जरुरी हैं. अगर अपनी खाने की आदत पर आपका कण्ट्रोल होगा, तो कोई बीमारी आपके शरीर पर घर नहीं कर सकेगी. स्वस्थ रहने से हमारे शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है. छोटे मोटे इन्फेक्शन से हमारे शरीर में कोई फर्क नहीं पड़ता है.
FAQ
Ans : अनाज एवं उससे तैयार होने वाले कुछ खाद्य पदार्थ जैसे ब्राउन राइस, गेहूं, जौ, बाजरा, दलिया और दालें।
Ans : फल और सब्जियों में
Ans : दूध और दूध से बने पदार्थ
Ans : चिकन अंडा और मछली, इसके अलावा सोयाबीन, बीज, टोफु और बींस
Ans : जी हां
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