क्रिकेटर विनोद राय का जीवन परिचय व किताबें, बीसीसीआई, वाइफ, नेटवर्थ, दामाद (Vinod Rai Biography and Book Information in Hindi) (Son in Law, Wife, Net Worth, BCCI)
देश के नेताओं और मंत्रियों द्वारा किए गए कई घोटालों को लोगों के उजागर करने में विनोद राय का बहुत बड़ा हाथ रहा है. उन्होंने बिना किसी दबाव के अपना कार्य करते हुए देश की जनता के पैसों को खाने वाले नेताओं के नाम और उनके द्वारा किए गए घोटालों को उजागर किया था. आईएएस अधिकारी से लेकर देश के भारतीय नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) बनने तक के उनके सफर के दौरान, उन्होंने कई महत्वपूर्ण कार्य किया हैं और देश को अपनी सेवाएं दी हैं. आखिरी कौन हैं ये विनोद राय और इनके द्वारा किए गए कार्य के बारे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं.
Table of Contents
विनोद राय के जीवन की महत्वपूर्ण जानकारी (Vinod Rai Biography in Hindi)
पूरा नाम | विनोद राय |
जन्म तारीख | 23, मई 1948 |
पत्नी का नाम | गीता |
कुल बच्चे | तीन |
आंखो का रंग | काला |
बालों का रंग | सफेद |
लम्बाई | 5’8 फुट |
शौक | लॉन टेनिस, बगानी, किताब पढ़ना और आदि |
संभाले गए पद | नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (CAG), कलेक्टर, प्रधान सचिव और आदि |
विनोद राय का जन्म एवं शिक्षा (Vinod Rai Education)
विनोद राय का जन्म भारत की आजादी से एक साल बाद यानी सन् 1948 में भारत के उत्तर प्रदेश के राज्य में हुआ था. उन्होंने राजस्थान के बिड़ला पब्लिक स्कूल से अपनी स्कूली शिक्षा प्राप्त की थी. वहीं उन्होंने अपनी स्नातक दिल्ली के हिंदू कॉलेज से की है. वहीं दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से उन्होंने अर्थशास्त्र में मास्टर डिग्री की है और हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से उन्होंने लोक प्रशासन में मास्टर डिग्री हासिल की है.
विनोद राय का परिवार (Vinod Rai Family)
विनोद राय के माता-पिता के नाम के बारे में कोई भी जानकारी नहीं है मगर उनके पिता भारत आर्मी में कार्य करते थे. विनोद राय की पत्नी का नाम गीता राय है. गीता राय से उनकी दूसरी शादी हुई थी. किन्हीं कारणों से विनोद राय की पहली पत्नी की मृत्यु साल 1990 में हो गई थी. जिसके बाद उन्होंने गीता से शादी की थी. वहीं गीता की भी विनोद राय से दूसरी शादी थी . विनोद राय के कुल तीन बच्चे हैं.
विनोद राय बतौर आईएएस ऑफिसर (Vinod Rai As a IAS Officer)
विनोद राय ने साल 1972 में भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) में अपनी सेवाएं देना शुरू किया था. वो 1972 बैच, केरल केडर के अधिकारी थे, इस दौरान उन्होंने त्रिशूर जिले के उप- कलेक्टर के रूप में अपना करियर शुरू किया था और बाद में वो इस जिले के कलेक्टर बन गए. वहीं इस जिले की तरक्की के लिए उन्होंने जो कार्य किये उनकी बदौलत उनका नाम सत्तन थम्परन रख दिया गया था.
विनोद राय के द्वारा संभाले गए अन्य पद
विनोद राय ने केरल के स्टेट सहकारी विपणन (मार्केटिंग) संघ में बतौर एमडी भी अपनी सेवाएं दी है. उन्होंने इस संघ में साल 1977 से ये पद संभाला था और तीन साल तक अपनी सेवा दी थी. इसके अलावा उन्हें केरल सरकार में प्रधान सचिव (वित्त) के रूप में भी कार्य किया है.
विनोद राय ने भारत के कई बैंक में भी निदेशक के रूप में कार्य किया है. इन बैंक की सूची में भारतीय स्टेट बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, लाइफ इंश्योरेंस कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया और इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट एंड फाइनेंस कम्पनी ऑफ इंडिया के नाम शामिल हैं. इसके अलावा उन्होंने वाणिज्य और रक्षा मंत्रालयों में कई वरिष्ठ पदों पर काम किया था.
वहीं साल 2017 में भारत की सर्वोच्च न्यायालय ने उन्हें क्रिकेट बोर्ड ऑफ कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के अंतरिम अध्यक्ष के रूप में नियुक्त भी किया है. इसके अलावा वो रेलवे के बाहरी लेखा परीक्षक और माननीय सलाहकार के पैनल के अध्यक्ष के रुप में कार्य कर रहे है. इतना ही नहीं विनोद राय रेलवे काया कलप परिषद के सदस्य भी है.
विनोद राय बतौर CAG (Vinod Rai CAG)
भारत के 11 वीं नियंत्रक और महालेखा परीक्षक के रूप में कार्य करते हुए. उन्होंने 2जी स्पेक्ट्रम, कोयला ब्लॉक आवंटन और राष्ट्रमंडल खेलों के आयोजन में हुए घोटाले का खुलासा किया था. उन्होंने ये पद 7 जनवरी 2008 से लेकर 22 मई 2013 तक ग्रहण किया था. जिस वक्त उनको इस पद पर नियुक्त किया गया था. उस वक्त देश में कांग्रेस की सरकार थी और प्रधानमंत्री का पद मनमोहन सिंह द्वारा संभाला जा रहा था. उनके द्वारा किए गए इन खुलासों के लिए उनकी काफी सराहना भी की गई थी. वहीं देश में हुए इतने बड़े घोटालों पर विनोद राय ने कहा था कि मनमोहन सिंह चाहते तो 2-जी घोटाले को रोक सकते थे. वहीं काफी कम लोगों को ये पता है कि जब विनोद राय दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से अपनी अर्थशास्त्र की पढाई कर रहे थे, तो उन्हें मनमोहन द्वारा अर्थशास्त्र पढाया गया था.
विनोद राय से जुड़े विवाद (Vinod Rai Controversy)
विनोद राय का नाता किसी भी विवाद से नहीं रहा है. लेकिन हाल ही में जब उनके द्वारा सामने लाए गए 2-जी घोटाले में कोर्ट द्वारा इस मामले के आरोपियों को बरी कर दिया गया था. जिसके बाद 2-जी घोटाले के खुलासे पर कांग्रेस के कई नेताओं ने सवाल उठाए थे और विनोद राय से देश में कांग्रेस की छवि बिगाड़ने के मामले में माफी मांगने को कहा था.
विनोद राय को मिले सम्मान (Vinod Rai Awards)
फोर्ब्स पत्रिका द्वारा दुनिया भर से साल 2011 के चुने गए पर्सन ऑफ ईयर की सूची में एक नाम विनोद राय का भी था. CAG रहते हुए किए गए घोटालों के खुलासे के लिए उन्हें पर्सन ऑफ ईयर चुना गया था. वहीं भारत सरकार द्वारा भी उनको उनके द्वारा किए गए काम के लिए पुरस्कार दिया गया था. मोदी सरकार ने साल 2016 में इनका सम्मान करते हुए पद्म भूषण पुरस्कार भी दिया था.
विनोद राय द्वारा लिखी गई किताब (Vinod Rai’s Book Details)
विनोद राय ने देश में हुए घोटालों को लेकर एक किताब भी लिखी है. इस किताब के जरिए उन्होंने लोगों को बताया है कि किस तरह से नेताओं और मंत्रियों द्वारा घोटाले किए गए थे और कैसे इनके बारे में पता चला था. जिस किताब में विनोद राय ने ये खुलासे किए हैं उसका नाम नॉट जस्ट एन एकाउंटेंट: द डायरी ऑफ द नेशन्स कॉनसाइंस कीपर और ये किताब 2014 में उनके द्वारा लिखी गई थी.
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FAQ
Ans : पूर्व क्रिकेटर एवं सिविल सर्वेंट
Ans : गीता
Ans : कांग्रेस नेता संजय निरुपम से
Ans : 3
Ans : नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (CAG), कलेक्टर, प्रधान सचिव और आदि.
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