क्या है वैदिक घड़ी, विक्रमादित्य एप, सायबर हमला, ऑनलाइन (What is Vaidik Ghadi) (‘Vikramaditya’ Mobile App, Cyber Attack)
उज्जैन स्थित वैदिक समय दर्शक ऐप पर हुआ साइबर आक्रमण। इस ऐप को विकसित करने वाले ने घटना की जानकारी देते हुए महाराजा विक्रमादित्य अनुसंधान केंद्र के प्रमुख को सूचित किया, जो अब साइबर पुलिस स्टेशन में इसकी शिकायत दर्ज कराने की प्रक्रिया में हैं। इस खास घड़ी का अनावरण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था।
Table of Contents
Vaidik Ghadi Cyber Attack
विवरण | जानकारी | |
नाम | विक्रमादित्य वैदिक घड़ी | |
निर्माता | आरोह श्रीवास्तव | |
स्थान | उज्जैन, भारत | |
विशेषताएं | इंटरनेट और जीपीएस से जुड़ी, भारतीय स्टैंडर्ड टाइम, पंचांग और मुहूर्त की जानकारी देती है | |
उपलब्धता | मोबाइल और टीवी पर सेट किया जा सकता है | |
भाषाएँ | हिंदी, अंग्रेजी और अन्य भारतीय व विदेशी भाषाओं में उपलब्ध | |
साइबर हमला | डीडीओएस अटैक से प्रभावित, लेकिन डाटा सुरक्षित रहा | |
सुरक्षा स्थिति | सर्वर पर हमला हुआ था, परंतु तकनीकी टीम ने डाटा को सुरक्षित रखा | |
लॉन्चिंग की तिथि | महाशिवरात्रि पर लॉन्चिंग की योजना थी, लेकिन साइबर हमले के कारण गुड़ी पड़वा पर होने की संभावना | |
संचालित करने वाला संस्थान | महाराजा विक्रमादित्य शोध पीठ, संस्कृति विभाग के अंतर्गत | |
लोकार्पण | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा | |
प्रधानमंत्री ने किया था उद्घाटन
उज्जैन के एक विशेष ऐप, जिसे वैदिक समय दिखाने के लिए बनाया गया था, पर साइबर हमला हुआ है। इस ऐप के निर्माता ने महाराजा विक्रमादित्य अनुसंधान पीठ के प्रमुख को इस घटना की सूचना दी। वे अब इसकी शिकायत दर्ज कराने के लिए साइबर पुलिस स्टेशन जा रहे हैं। इस अनूठी घड़ी का लोकार्पण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था।
रिलीज़ से पहले हुआ साइबर अटैक
महाराजा विक्रमादित्य शोध संस्थान ने 8 मार्च 2024 को एक नई मोबाइल ऐप, ‘विक्रमादित्य वैदिक घड़ी’ जारी करने की योजना बनाई थी। लेकिन, रिलीज़ से ठीक पहले, इस ऐप पर हैकर्स ने हमला कर दिया। इस घड़ी को बनाने वाले आरोह श्रीवास्तव ने बताया कि इस हमले को तकनीकी जगत में डीडीओएस अटैक कहा जाता है, जिसके कारण घड़ी का सर्वर धीमा पड़ गया है और लोग इसे इस्तेमाल नहीं कर पा रहे हैं। आरोह ने इस घटना की साइबर पुलिस में शिकायत दर्ज कराने की बात कही है।
वैदिक घडी क्या है
आरोह श्रीवास्तव के मुताबिक, इस विशेष वैदिक घड़ी ऐप को इंटरनेट और जीपीएस के साथ संयोजित किया गया है, जिससे यह विश्वभर में कहीं भी उपयोगी है। यह घड़ी दुनिया की पहली डिजिटल वैदिक घड़ी है जो भारतीय समय मानक, पंचांग और शुभ मुहूर्त की जानकारी प्रदान करती है। इसे मोबाइल और टेलीविजन दोनों पर सेट किया जा सकता है। इसका ऐप हिंदी, अंग्रेजी सहित अन्य भारतीय और विदेशी भाषाओं में भी विकसित किया जा रहा है।
साइबर हमले की शिकायत दर्ज
महाराजा विक्रमादित्य अनुसंधान पीठ के निदेशक श्रीराम तिवारी ने बताया कि विक्रमादित्य वैदिक घड़ी के मोबाइल ऐप पर हुए साइबर हमले को लेकर हम साइबर विभाग में शिकायत करने जा रहे हैं। यह शोधपीठ संस्कृति मंत्रालय के अधीन है। यह घड़ी अपनी विशेषताओं के कारण अनोखी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसके उद्घाटन समारोह में इसके इतिहास के बारे में बताया था। इस घड़ी से भारत और विश्वभर के समय को दिखाया जाता है, और लोग इसे ऐप के माध्यम से कहीं से भी देख सकते हैं।
वैदिक घड़ी ऐप पर डीडीओएस हमला, सुधार की कोशिशें जारी
वैदिक घड़ी ऐप बनाने वाले आरोह श्रीवास्तव के अनुसार, इस घड़ी के सर्वर पर एक डीडीओएस (डिस्ट्रीब्यूटेड डिनायल ऑफ सर्विस) हमला हुआ है। इसके कारण घड़ी की प्रक्रिया में धीमापन आ गया है, जिससे लोग इसका उपयोग नहीं कर पा रहे हैं। आरोह और उनकी टीम इस समस्या को हल करने के लिए प्रयासरत हैं ताकि क्षतिग्रस्त डाटा को पुनः प्राप्त किया जा सके।
वैदिक घड़ी की विशेषताएं
आरोह के मुताबिक, यह वैदिक घड़ी दुनिया भर में कहीं भी इंटरनेट और जीपीएस की मदद से इस्तेमाल की जा सकती है। यह भारतीय समय, पंचांग, और मुहूर्त की जानकारी देने वाली पहली डिजिटल वैदिक घड़ी है। इसे मोबाइल और टेलीविज़न पर सेट किया जा सकता है, और यह हिंदी, अंग्रेजी सहित अन्य भारतीय और विदेशी भाषाओं में उपलब्ध है।
वैदिक घड़ी पर हमला, फिर भी सुरक्षित: तिवारी
महाराजा विक्रमादित्य अनुसंधान पीठ के प्रमुख, श्रीराम तिवारी ने सूचित किया है कि वैदिक घड़ी पर हाल ही में हुआ साइबर हमला उसे नुकसान नहीं पहुंचा पाया। इस हमले का असर केवल लोकल सर्वर पर हुआ था, जिससे घड़ी के कार्य में कोई बाधा नहीं आई। वैदिक घड़ी के डाटा को खतरे में डालने की कोशिश की गई थी, लेकिन तकनीकी दल ने समय रहते डाटा को सुरक्षित कर लिया। तिवारी ने यह भी बताया कि महाशिवरात्रि के दिन इस ऐप को लॉन्च किया जाना था, लेकिन साइबर हमले के कारण लॉन्चिंग में देरी हुई है और अब यह गुड़ी पड़वा के दिन होने की संभावना है।
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