बाल योगी संत उमेश नाथ महाराज कौन है? (जीवन परिचय, ताजा खबर, राज्यसभा उम्मीदवार, बाल योगी, आरएसएस कनैक्शन) Who is Balyogi Umesh Nath Maharaj? (Umesh Nath Maharaj Biography in hindi, Latest News, Rajya Sabha candidate, RSS Connection)
भारतीय जनता पार्टी ने मध्य प्रदेश से राज्यसभा के लिए अपने उम्मीदवारों के नाम का ऐलान कर दिया है, जहां कुल पांच सीटों के लिए चुनाव आयोजित किए जा रहे हैं। इन नामों में उज्जैन के वाल्मीकि समाज से आए संत उमेश नाथ महाराज का नाम भी प्रमुख है। संत उमेश नाथ महाराज वाल्मीकि समाज के प्रतिष्ठित प्रतिनिधि हैं और उनका आशीर्वाद आरएसएस के प्रमुख से लेकर गृह मंत्री अमित शाह तक, कई उच्च पदस्थ व्यक्तियों ने प्राप्त किया है। खासकर, सिंहस्थ कुंभ के दौरान अमित शाह ने संत उमेश नाथ जी महाराज के साथ ‘समरसता स्नान ‘ किया था, जिससे उनकी धार्मिक और सामाजिक प्रतिष्ठा में और भी वृद्धि हुई।
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राष्ट्रीय संत श्री बालयोगी उमेश नाथ महाराज का जीवन परिचय
राष्ट्रीय संत श्री बालयोगी उमेश नाथ महाराज का संन्यासी जीवन 1964 से प्रारंभ हो गया था। उनका जन्म होते ही उनके परिवार ने उन्हें महान योगी गोरक्षनाथ की सेवा में समर्पित कर दिया था, जिसके बाद से वे एक संन्यासी के रूप में अपना जीवन व्यतीत कर रहे हैं। उनकी जीवन यात्रा का मुख्य उद्देश्य मानव समाज में अध्यात्म, संस्कृति, मर्यादा, और सभ्यता को उसके शिखर तक पहुँचाना है। उमेश नाथ महाराज समाज में एकता और सद्भाव की भावना को मजबूती देने के लिए निरंतर प्रयासरत रहते हैं।
Balyogi Umesh Nath Maharaj Biography in hindi,
विवरण |
जानकारी |
नाम |
संत उमेश नाथ महाराज |
पारिवारिक पृष्ठभूमि |
जन्म के समय परिवार द्वारा महायोगी गोरक्षनाथ को समर्पित, बचपन से ही संन्यासी जीवन यापन किया |
आध्यात्मिक यात्रा की शुरुआत |
वर्ष 1964 से संन्यासी जीवन की शुरुआत की |
उद्देश्य |
मानव समाज में अध्यात्म, संस्कृति, मर्यादा, और सभ्यता को उच्चतम रूप में बनाए रखना |
सामाजिक और राजनीतिक संबंध |
बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही पार्टियों के साथ अच्छे संबंध, कांग्रेस शासनकाल में राज्यमंत्री का दर्जा प्राप्त |
राज्यसभा उम्मीदवार |
बीजेपी द्वारा राज्यसभा के लिए नामित |
प्रमुख उपलब्धियाँ |
1992 में 8 प्रांतों के राजकीय अतिथि रहे, वाल्मिकी धाम आश्रम के पीठाधीश्वर |
वाल्मिकी धाम आश्रम |
अवंतिका पुरी, उज्जैन में स्थित, स्वामी सोहन दास महाराज की समाधि स्थल पर निर्मित |
समाजिक प्रभाव |
देश और विदेश में व्यापक यात्रा की, एकता और सद्भाव के लिए निरंतर कार्य किया |
संत उमेश नाथ महाराज की पारिवारिक प्रष्ठभूमि
संत उमेश नाथ महाराज की पारिवारिक पृष्ठभूमि उनके अध्यात्मिक जीवन की ओर उनके उन्मुख होने की गहरी जड़ों को दर्शाती है। जन्म से ही उन्हें उनके परिवार ने महायोगी गोरक्षनाथ को समर्पित कर दिया था, जो उनके जीवन के अध्यात्मिक पथ की शुरुआत थी। इस अर्पण के साथ ही उमेश नाथ महाराज ने बचपन से ही एक संन्यासी जीवन अपना लिया था।उनका पालन-पोषण और शिक्षा-दीक्षा ऐसे वातावरण में हुई, जहाँ आध्यात्मिकता, धर्म, और सेवा को मुख्य महत्व दिया जाता था। उनके पारिवारिक जीवन के बारे में विस्तृत जानकारी सार्वजनिक रूप से कम ही उपलब्ध है, क्योंकि वे अपने बचपन से ही एक संन्यासी जीवन के लिए प्रतिबद्ध थे।
उनकी पारिवारिक पृष्ठभूमि, भले ही विस्तार से ज्ञात न हो, पर इतना स्पष्ट है कि उनका परिवार उन्हें एक उच्च आध्यात्मिक और धार्मिक जीवन के लिए प्रेरित करता रहा है। उनकी जीवन यात्रा और उनके कार्यों में उनकी पारिवारिक विरासत की गहराई और महत्व को परिलक्षित किया जा सकता है।
संत उमेश नाथ महाराज: राज्यसभा के लिए बीजेपी की पसंद
भारतीय जनता पार्टी ने संत उमेश नाथ महाराज को राज्यसभा के लिए अपना उम्मीदवार चुना है। इस कदम के साथ, पार्टी ने दलित समुदाय के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दर्शाने का प्रयास किया है। बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने इस निर्णय पर उन्हें बधाई दी। इस फैसले का स्वागत न केवल पार्टी के सदस्यों ने किया है, बल्कि पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह जैसे विरोधी दल के नेताओं ने भी इसे सराहा है।
संत उमेश नाथ महाराज की प्रतिक्रिया पर एक नज़र
संत उमेश नाथ जी महाराज ने मीडिया के जरिए प्रकट किया कि उन्हें जब यह जानकारी मिली कि भारतीय जनता पार्टी ने उन्हें एक महत्वपूर्ण जिम्मेदारी और कर्तव्य सौंपने का निर्णय लिया है, तो उन्होंने इसे बहुत बड़ा सम्मान माना। उन्होंने पूरे देशवासियों की ओर से भाजपा का धन्यवाद किया और एक संत के रूप में अपना आशीर्वाद भी प्रदान किया। उमेश नाथ जी ने आगे कहा कि वे इस विषय पर विस्तार से भविष्य में चर्चा करेंगे और अवंतिका के सभी निवासियों को उनका आशीर्वाद है। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि वे इस दायित्व को बखूबी निभाएंगे और किसी भी प्रकार की कमी नहीं आने देंगे।
महाकाल की शरण में संत उमेश नाथ महाराज
संत उमेश नाथ महाराज ने यह स्पष्ट किया कि वे अपने नए जिम्मेदारियों की शुरुआत महाकाल बाबा के आशीर्वाद से करेंगे। उन्होंने कहा, “मेरा पहला कदम महाकाल बाबा का धन्यवाद करने की ओर होगा। हम सभी बाबा महाकाल की पवित्र नगरी में रहते हैं। जब भी बाबा महाकाल किसी को कोई दायित्व सौंपते हैं, वही इसे पूर्ण करने के लिए अपना आशीर्वाद प्रदान करते हैं।” उन्होंने यह भी बताया कि उनके सन्यासी जीवन को 60 वर्ष पूरे हो चुके हैं और वे इसे पूरी ईमानदारी और समर्पण के साथ निभाएंगे। उमेश नाथ महाराज ने आगे कहा कि वे देश के सभी साधु-संतों से आशीर्वाद लेंगे और इस क्षेत्र में काम करने वालों से सलाह-मशविरा कर अपने कार्य को आगे बढ़ाएंगे।
राजकीय अतिथि के रूप में उमेश नाथ महाराज का सम्मान
उमेश नाथ महाराज को 1992 में भारत के आठ प्रांतों में राजकीय अतिथि के रूप में गौरवान्वित किया गया था। उन्हें मध्य प्रदेश और राजस्थान में विशेष रूप से प्रथम राजकीय अतिथि का दर्जा प्रदान किया गया, जो उनकी अध्यात्मिक यात्रा और समाज के प्रति उनके योगदान को मान्यता देता है। उमेश नाथ महाराज ने न केवल भारत में, बल्कि विदेशों में भी व्यापक यात्राएँ की हैं, जहाँ उन्होंने अपने अध्यात्मिक ज्ञान को साझा किया है। उनका जीवन सादगी और उच्च आदर्शों का प्रतीक है।
वाल्मिकी धाम आश्रम
उज्जैन के अवंतिका पुरी में स्थित, वाल्मिकी धाम आश्रम वाल्मिकी समाज के धार्मिक प्रमुख, श्री विभूषित स्वामी सोहन दास महाराज की समाधि के स्थान पर बनाया गया है। इस तीर्थस्थल की स्थापना उनके द्वारा की गई थी और यह जगह वाल्मिकी धर्म के अनुयायियों के लिए एक हृदयस्थली के रूप में मानी जाती है। आश्रम न केवल एक धार्मिक स्थल है, बल्कि इसकी पवित्रता और महत्व पूरे भारत में प्रसिद्ध है। महाराज के आश्रम में आगमन के बाद, 41 दिनों के अंदर भूमि से एक शिवलिंग का प्रकट होना इसकी पवित्रता को और भी बढ़ाता है। इस अद्भुत घटना के बाद, इस स्थान को कमलेश्वर वाल्मीकेश्वर महादेव का नाम दिया गया।
वाल्मिकी धाम आश्रम, जो अपनी अध्यात्मिकता और पवित्रता के लिए प्रसिद्ध है, विभिन्न क्षेत्रों के प्रमुख व्यक्तित्वों के लिए आशीर्वाद और प्रेरणा का स्रोत बना हुआ है। यहां देश के प्रतिष्ठित संत-महात्मा, समाजसेवी, राजनेता और प्रशासनिक अधिकारी, संत बाल योगी उमेश नाथ से आशीर्वाद प्राप्त करने आते हैं। संत उमेश नाथ का संबंध न केवल भाजपा बल्कि कांग्रेस से भी अच्छा रहा है, जिसका प्रमाण है कि कांग्रेस के शासनकाल में भी उन्हें राज्यमंत्री का दर्जा प्राप्त था। इस आश्रम की गरिमा और महत्व को इसके द्वारा आकर्षित किए गए व्यक्तित्वों से समझा जा सकता है।
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