श्रीकांत किदम्बी का जीवन परिचय

श्रीकांत किदम्बी का जीवन परिचय [Srikanth Kidambi biography in hindi]

विश्वस्तर बैडमिंटन में श्रीकांत किदम्बी एक बहुत बड़े खिलाड़ी हैं. इन्होने अच्छे बैडमिंटन का प्रदर्शन करते हुए विश्वस्तर पर पहला स्थान अर्जित किया है. साल 2014 में चाइना ओपन सुपर सीरीज में लीन डैन को हराने के बाद ये लोगों की नज़र में आये. फिलहाल ये हैदराबाद स्थित गोपीचंद बैडमिंटन अकादमी में प्रशिक्षण देते हैं. इस बैडमिंटन अकादमी को गोस्पोर्ट फाउंडेशन द्वारा सहायता प्राप्त है. इस तरह ये पहले भारतीय बने जिसने सुपर सीरीज प्रीमियर का खिताब हासिल किया. बैडमिंटन और उसके नियम यहाँ पढ़ें.

श्रीकांत किदम्बी का जीवन परिचय

श्रीकांत किदम्बी का जन्म और परिवार (Srikanth Kidambi Birth and Family)

श्रीकांत का जन्म 7 फ़रवरी 1993 में आँध्रप्रदेश के रवुलापलेम में हुआ. इनके पिता का नाम केवीएस कृष्णा है. ये एक जमींदार थे. इनकी माता का नाम राधा है. इनकी माता गृहिणी है. ग़ौरतलब है कि इनके बड़े भाई नन्द गोपाल भी बैडमिंटन खिलाड़ी हैं.

श्रीकांत किदम्बी का करियर (Srikanth Kidambi Career)

यदि श्रीकांत के करियर की तरफ देखा जाये तो पता लगता है कि श्रीकांत शुरू से ही बहुत अच्छा बैडमिंटन खेलते रहे हैं. यहाँ पर विभिन्न वर्षों के अनुसार इनके करियर के उतार चढाव को देखा जा रहा है.

  • साल 2011 : साल 2011 में इन्होंने “कॉमनवेल्थ यूथ गेम्स” में हिस्सा लिया. इस प्रतियोगिता में इन्हें मिक्स्ड डबल में रजत पदक और डबल में कांस्य पदक हासिल हुआ. इसी वर्ष इन्होने पुणे में होने वाले ‘आल इंडिया जूनियर इंटरनेशनल बैडमिंटन चैंपियनशिप’ में हिस्सा लिया था. इस प्रतियोगिता मे इन्हें सिंगल और डबल दोनों तरह के खेलों में जीत हासिल हुई.
  • साल 2012 : साल 2012 में ‘मालदीव्स इंटरनेशनल चैलेंज’ में उस समय के जूनियर वर्ल्ड चैंपियन मलेशिया के ज़ुल्फदिल ज़ुल्किफ्फी को हरा कर ये जूनियर विश्व चैंपियन बने.
  • साल 2013 : साल 2013 में थाईलैंड ओपन ग्रैंड प्रिक्स गोल्ड इवेंट में विश्व के आठवे स्थान के खिलाड़ी बून्सक पोंसना को हरा कर ‘मेन्स सिंगल टाइटल’ का खिताब अपने नाम किया. इसी साल किदम्बी ने दिल्ली में होने वाले आल इंडिया सीनियर नेशनल चैंपियनशिप में प्रख्यात ओलिंपियन परुपल्ली कश्यप को हरा कर ‘फर्स्ट सीनियर नेशनल’ का खिताब जीता. इस साल होने वाले इंडियन बैडमिंटन लीग में ये अवध वॉरियर्स की टीम में थे. ये टीम लीग में दूसरे स्थान पर थी.
  • साल 2014 : साल 2014 में इनके करियर में एक लम्बी छलांग देखने मिलती है. इस साल लखनऊ में होने वाले ‘इंडियन ओपन ग्रैंड प्रिक्स गोल्ड’ में रनर अप रहे. इसके बाद मलेशिया ओपन में क्वार्टर फाइनलिस्ट रहे. ग्लासगो में होने वाले कामनवेल्थ गेम में ‘मिक्स्ड टीम’ इवेंट में सेमी फाइनलिस्ट रहे. इसी साल मेन’स सिंगल में इन्होने क्वार्टर फाइनल तक का सफ़र पूरा किया. इस साल नवम्बर के महीने में होने वाले ‘चाइना ओपन सुपर सीरीज प्रीमियर’ के फाइनल में पांच बार से विश्व चैंपियन और दो बार के ओलिंपिक चैंपियन लीन डैन को स्ट्रैट सेट (21-19 21-17) से हरा कर सुपर सीरीज प्रीमियर मेन का खिताब जीतने वाले पहले भारतीय बने. इसके बाद इन्होने हांगकांग ओपन में हिस्सा लिया. इस मुकाबले में इनका सफ़र ‘थ्री सेट’ में सेमिफाइनल तक का रहा. इस सेमिफिनल में इन्हें चेन लॉन्ग से मात मिली. इसके बाद इसी साल इन्होंने केंटो मोमोता को (15-21 21-16 21-10) तथा टौमी सुगिअरतो को (21-18 21-13) से हराया. बीडब्ल्यूएफ़ सुपर सीरीज मास्टर्स फाइनल में इन्हें पुनः चेन लॉन्ग से मात मिली.
  • साल 2015 : इस साल भी किदम्बी भारत के पहले खिलाड़ी हुए जिन्होने ‘स्विस ओपेन्न ग्रैंड प्रिक्स गोल्ड’ इवेंट में स्वर्ण पदक हासिल किया. इसके फाइनल में इन्होने विक्टर अक्सेइसेन को (21-15 12-21 21-14) से हरा कर गोल्ड मैडल हासिल किया. इसी वर्ष इन्होने ओपन सीरीज में भी अपनी जीत दर्ज कराई.
  • साल 2016 : किदम्बी इस साल मलेशिया मास्टर्स में सेमीफाइनल तक पहुँच सके. इस सेमिफ़ाइनल में मलेशिया के इस्कंदर ज़ुल्कार्नियन जैनुद्दीन से हार मिली. इसी साल साउथ एशियाई गेम्स में इन्हें दो गोल्ड मैडल प्राप्त हुए. इन दो गोल्ड मैडल में एक मेन’स सिंगल और एक मेन’स टीम के लिए था. मेन्स सिंगल में इन्होने प्रन्नो कुमार को हराया. इसी साल बैडमिंटन एशिया टीम चैंपियनशिप में यद्यपि इनकी टीम सेमीफाइनल में हार गई, किन्तु इन्हे व्यक्तिगत तौर पर हार का मुंह नहीं देखना पड़ा. इसी साल रियो अंतर्राष्ट्रीय ओलिंपिक में लीणो मुनोज़ और हेनरी हुर्स्कैनेन को हरा कर टॉप 16 में शामिल हुआ. विश्व के पांचवे स्तर के खिलाड़ी जोर्गेनसेन को (21-19 21-19) से हराकर वे क्वार्टरफाइनल में गये, किन्तु लीन डैन से हार कर बाहर हो गये. अंतर्राष्ट्रीय ओलिंपिक दिवस का इतिहास यहाँ पढ़ें.
  • साल 2017 : इस साल श्रीकांत किदम्बी और साईं प्रणीत ने मिलकर एक बैडमिंटन रैंकिंग इवेंट में एक साथ फाइनल में पहुँच कर इतिहास कायम किया. ग़ौरतलब ये है कि दोनों हैदराबाद से हैं और दोनों के कोच पी गोपीचंद रह चुके हैं. इसी साल ये जापान के कज़ुमासा सकई को इंडोनेशिया ओपन सुपर सीरीज में हरा कर खिताब अपने नाम करने वाले पहले भारतीय बने. इसी साल इन्होने ऑस्ट्रेलिया ओपन में शामिल हो कर लगातार तीन सुपर सीरीज इवेंट में शामिल होने का रिकॉर्ड बनाया.

श्रीकांत किदम्बी को मिले अवार्ड (Srikanth Kidambi Awards)

श्रीकांत को कई तरह के आवर्ड भी प्राप्त हुये हैं.

  • साल 2015 में बीएआई की तरफ से स्विस ओपन ग्रैंड प्रिक्स गोल्ड के लिए रू 5,00,000 प्राप्त हुये.
  • साल 2015 में इंडियन सुपर सीरीज जीतने पर रू 500,000 का पुरस्कार.
  • साल 2017 में इंडोनेशिया सुपर सीरीज में रू 500,000 का पुरस्कार.
  • साल 2017 में ऑस्ट्रेलिया सुपर सीरीज जीतने पर रू 500,000 का पुरस्कार.
होम पेजयहाँ क्लिक करें

अन्य पढ़ें –

Leave a Comment