Rich Dad Poor Dad Book Summary

रिच एंड पुअर डैड, rich and poor dad, story, author, book, book review

इंटरनेट पर रिच डैड पुअर डैड नाम की किताब पर काफी चर्चा हो रही है जिसे लिखने का काम रॉबर्ट टी. कियोसकी द्वारा किया गया है। इनके द्वारा इस किताब के अंदर पैसे के मैनेजमेंट से संबंधित कई महत्वपूर्ण बातों के बारे में बताया गया है, साथ ही इस किताब के लेखक के द्वारा किताब में यह भी बताया गया है कि अमीर और गरीब लोग किस प्रकार से अपने बच्चों को पैसे के बारे में क्या सिखाते है और वह बच्चों को पैसे के मैनेजमेंट के बारे में क्या-क्या जानकारी देते हैं।

Rich Dad Poor Dad Book Summary

रोबर्ट टी. कियोसाकी के कुल दो पिता थे, जिनमें से इनके एक पिता जी पैसे के मामले में काफी अमीर थे जबकि दूसरे पिताजी पैसे के मामले में बहुत ही गरीब थे। कई लोग यह सोचते हैं कि उनके दो पिता कैसे थे, तो बता दे कि इनके जो असली पिता थे वह पैसे से तो भले ही गरीब थे परंतु उन्होंने पढ़ाई लिखाई काफी अधिक की थी और उनके पास विभिन्न सब्जेक्ट की डिग्री थी। इसके अलावा इनके जो दूसरे पिता थे वह इनके बेस्ट फ्रेंड के पिता थे। इस प्रकार रॉबर्ट उन्हें भी अपना पिता ही मानते थे।

वह पैसे से काफी मजबूत थे और अपनी फील्ड में काफी सफल भी थे। रॉबर्ट (लेखक) के दोनों पिता ने साथ में एजुकेशन हासिल की और साथ में ही काफी कठिन मेहनत भी की परंतु जो अमीर पिता थे उन्होंने अपनी एजुकेशन को बीच में ही छोड़ दी और जो गरीब पिता थे उन्होंने लगातार शिक्षा हासिल करने पर जोर दिया।

परंतु आगे चलकर के दोनों ने ही अपनी फील्ड में काफी सक्सेस प्राप्त की परंतु पैसे के मामले में दोनों में काफी अंतर हो गया जिनमें से एक पिता पैसे के मामले में काफी मजबूत हो गए तो दूसरे पिता पैसे के मामले में आर्थिक तौर पर कमजोर हो गए। रॉबर्ट के दोनों पिता पैसे के मामले में अलग-अलग मत रखते थे। आइए दोनों ही पिता की राय के बारे में जानकारी प्राप्त करते हैं ताकी आपको यह समझने में आसानी हो सके की किस तरह लेखक के अमीर डैडी अपने शहर के सबसे धनी व्यक्ति बन गए जबकि गरीब डैडी गरीब रह गए।

1: पॉजिटिव सोच

पॉजिटिव सोच को सकारात्मक विचार भी कहा जाता है। रोबर्ट के जो गरीब पिता थे, वह रोबर्ट से कहते थे कि रोबर्ट के अंदर ऐसी काबिलियत है ही नहीं कि वह किसी चीज को खरीद सके, वही रोबर्ट के जो अमीर पिता थे, वह रोबर्ट से कहते थे कि अगर तुम किसी चीज को नहीं खरीद पा रहे हो तो तुम्हें इस बात की जानकारी प्राप्त करने का प्रयास करना चाहिए कि आखिर वह कौन सी वजह है अथवा वह कौन सा कारण है जिसकी वजह से तुम उस सामान को नहीं खरीद पा रहे हो और अगर तुम्हें उस चीज को खरीदना है तो तुम कैसे उस चीज को खरीद सकते हो या फिर प्राप्त कर सकते हो।

रोबर्ट के जो पिता आर्थिक तौर पर गरीब थे उनकी सोच को नेगेटिव सोच कहा जाता था, क्योंकि रोबर्ट जब उनसे कुछ बात कहते थे तो उनके पिता उनकी बातों को ज्यादा तवज्जो नहीं देते थे, वहीं जब रोबर्ट अपने अमीर पिता से कुछ बात कहते थे तो उनके अमीर पिता के द्वारा काफी सवाल भी किए जाते थे, जिसकी वजह से रोबर्ट अक्सर सोचने पर मजबूर हो जाते थे कि वह कैसे किसी वस्तु को खरीद सकते हैं या फिर उसे हासिल कर सकते हैं।

अगर किसी व्यक्ति के मन में ऐसा ख्याल है कि वह किसी चीज को नहीं प्राप्त कर सकता है, तो उसका दिमाग काम करना बंद कर देता है। यानी कि उसके दिमाग में नेगेटिव ख्याल पैदा होने लगते हैं और यह बात तो आप जानते ही हैं कि नेगेटिव ख्याल वाला व्यक्ति जिंदगी में कभी भी सफलता को हासिल नहीं कर सकता है।

इसलिए हमारे दिमाग में हमें कभी भी नेगेटिविटी को हावी नहीं होने देना है, बल्कि पॉजिटिव विचार को ही हमें हमारे दिमाग में लाना है ताकि हमारा दिमाग नए आइडिया को सोचने के लिए तैयार रहें।

2: जिंदगी में रिस्क लेना

रोबर्ट के आर्थिक तौर पर जो गरीब पिता थे, वह रोबर्ट से कहते थे कि जिंदगी में कभी भी किसी भी प्रकार का रिस्क नहीं लेना चाहिए, बल्कि अच्छे से अपनी एजुकेशन को हासिल करना चाहिए और अच्छे परसेंटेज ला करके किसी अच्छी नौकरी को पकड़ लेना चाहिए और नौकरी करके अपनी जिंदगी व्यतीत करनी चाहिए। रोबर्ट के गरीब पिता के अनुसार अगर व्यक्ति की जिंदगी में अमीर बनना लिखा होगा तो वह अवश्य ही अमीर बनेगा।

वहीं दूसरी साइड रोबर्ट के अमीर पिता कहते थे कि अगर जिंदगी में बड़ा मुकाम हासिल करना है तो व्यक्ति को जोखिम लेना ही पड़ेगा। आप अपनी पढ़ाई जारी रखने के साथ ही साथ फाइनेंसियल मैनेजमेंट के बारे में भी सीखें क्योंकि जब आप पैसों का मैनेजमेंट करना सीख जाएंगे तब आप तेजी से अपनी जिंदगी में अमीर बनने का सपना भी पूरा कर सकेंगे।

3: एसेट और लाईबिलिटी में अंतर का पता होना

जो इंसान जिंदगी में अमीर बनने का सपना देखता है उसे कम उम्र में ही ऐसेट (संपत्ति) ओर लायबिलिटी (देयता) के बीच का अंतर पता कर लेना चाहिए। एसेट्स वे चीज़ें होती है जो आपको पैसा कमा कर देती है जबकि लायबिलिटीज आपकी जेब से पैसा निकालती है।

आपके द्वारा अपने बिजनेस को स्थापित करने के लिए खरीदी गई मशीन एक liability है। जबकि बाइक, कार इत्यादि ऐसी चीज है जो आपकी जेब से पैसा खर्च करवाती है वह लायबिलिटीज में गिनी जाती है।

इसलिए जितना जल्दी हो सके इंसान को एसेट खरीदने पर ज्यादा से ज्यादा फोकस करना चाहिए।

इसके लिए व्यक्ति जमीन खरीद सकता है या फिर सोने के गहने खरीद सकता है अर्थात किसी ऐसी जगह पर इन्वेस्टमेंट कर सकता है जहां से उसे रिटर्न मिलने का तगड़ा चांस हो। इसके अलावा अगर कोई व्यक्ति अपने शौक पूरे करने के लिए लोन पर गाड़ी लेता है या फिर घर बनवाने के लिए लोन लेता है तो ऐसा व्यक्ति जिंदगी में अमीर तो नहीं बन सकेगा परंतु वह और भी गरीब हो जाएगा और कर्जे के तले उसकी जिंदगी व्यतीत होगी।

4: ¼% हिस्सा अपने लिए रखें

रॉबर्ट के जो अमीर पिता थे, उनका मानना था कि अगर तुम वर्क करते हो तो वर्क करने के बाद तुम्हें जितना फायदा प्राप्त होता है, उसमें से तकरीबन ¼% परसेंट हिस्सा अपने लिए रखना चाहिए, ताकि उस हिस्से का इस्तेमाल आप अपने आप को बेहतर बनाने में या फिर अपनी लाइफ स्टाइल को इंप्रूव करने के लिए कर सको।

5: अपनी गलतियों से सीखे

रॉबर्ट के दोनों ही पिता ने रॉबर्ट को बचपन में ही इस बात को बताया था कि अगर किसी गलती को तुम एक बार कर देते हो तो तुम्हें यह प्रयास करना चाहिए कि तुम दोबारा उस गलती को ना करो बल्कि तुमने जो गलती की है तुमको उस गलती से सीख लेनी है और जिंदगी में कभी भी उस गलती को ना दोहराने का दृढ़ संकल्प भी लेना है ताकि तुम अपनी जिंदगी में सफलता को हासिल कर सको और अपने आप को सफलता की ऊंचाइयों तक पहुंचा सको।

6: इनकम के लिए काम करना

रॉबर्ट के जो गरीब पिता थे, वह रॉबर्ट से कहते थे कि व्यक्ति को पैसा कमाने के पीछे नहीं दौड़ना चाहिए और व्यक्ति को पैसे के लिए भी काम नहीं करना चाहिए बल्कि व्यक्ति को काबिल बनने के लिए काम करना चाहिए परंतु रॉबर्ट के अमीर पिता की राय पहले वाले पिता से अलग थी।

रॉबर्ट के अमीर पिता का मानना था कि व्यक्ति को जिंदगी में हमेशा पैसे कमाने के लिए ही काम करना चाहिए क्योंकि पैसे होने पर व्यक्ति अपनी सभी इच्छाओं की पूर्ति कर सकता है। इसीलिए व्यक्ति को किसी प्रकार से पैसे कमाने का प्रयास करना चाहिए साथ ही पैसे कमाने के अन्य रास्ते भी पता करते रहना चाहिए और रास्ते पता हो जाने पर उन पर अमल भी करना चाहिए।

7: मौके की पहचान

जिंदगी में हर इंसान अमीर बनना चाहता है परंतु कुछ इंसान ऐसे होते हैं जो अमीर बनने के लिए मौके की राह देखते रहते हैं परंतु बता दें कि मौका किसी भी व्यक्ति को बता करके नहीं आता है बल्कि व्यक्ति को खुद ही अच्छे मौके की तलाश करते रहना चाहिए।

अगर किसी व्यक्ति के द्वारा अच्छे मौके की तलाश कर ली जाती है या फिर उसके द्वारा अच्छे मौके को पहचान लिया जाता है, तो उसे जिंदगी में सफल होने से कोई भी नहीं रोक सकता। जो व्यक्ति अच्छे मौके को पहचान लेता है, ऐसा व्यक्ति जिंदगी में आगे बढ़ जाता है।

8: पैसे को सही जगह डालना

दुनिया में ऐसे बहुत सारे लोग हैं, जो पैसे कमाने के पश्चात उन्हें काफी सहज करके रखते हैं, जो कि बिल्कुल गलत बात होती है। पैसे को सहेज कर के रखने पर वह उतने ही रहते हैं जितने कि रखे जाते हैं परंतु अगर आप इस बात को पता कर लेते हैं कि पैसे को कहां इन्वेस्ट करने पर आपको अधिक फायदा होगा, तो आप अपने पैसे के द्वारा ही पैसे बना सकते हैं।

कहने का मतलब यह है कि अगर किसी ऐसी जगह पर आप अपने पैसे लगाते हैं जहां से आपको रिटर्न मिलता है तो आपके पैसे डबल और ट्रिपल हो जाएंगे, जिससे आपके पैसे भी बढ़ेंगे और आपकी इनकम भी बनी रहेगी। इसीलिए व्यक्ति को यह समझना चाहिए कि उसे पैसे कहां पर लगाना चाहिए और कहां पर नहीं लगाना चाहिए। अगर व्यक्ति के अंदर पैसे को इन्वेस्टमेंट करने की अच्छी समझ होगी, तो वह कम पैसे को भी अधिक पैसा बना सकता है।

FAQ:

Q: रिच डैड पुअर डैड किताब को ओरिजिनल तौर पर कब पब्लिश किया गया था?

Ans-1997

Q: रिच डैड पुअर डैड किताब में कितने पन्ने हैं?

ANS: 336 अथवा 207

Q: रिच डैड पुअर डैड में कितने अध्याय हैं?

ANS: 10

Q: रिच डैड पुअर डैड में क्या बताया गया है?

ANS: अमीर बनने के गुण

Q: रिच डैड पुअर डैड किताब के लेखक कौन हैं?

ANS: Robert T. Kiyosaki और Sharon Lechter

More on Deepawali

Similar articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here