प्रोटीन पदार्थ एवं उनके फायदे Protein rich foods benefits in hindi
प्रोटीन हमारे शरीर हेतु अत्यंत आवश्यक हैं. प्रोटीन की खोज सन 1950 में लीनस पोलिंग [ Linus Pauling ] ने की. वे Spiral Structure of Proteins की खोज करके Molecular Biology के संस्थापक बने. एक सामान्य वयस्क व्यक्ति को सामान्यतः उसकी उम्र एवं वजन के अनुसार रोजाना 46 ग्राम – 56 ग्राम प्रोटीन की जरुरत होती हैं. उपयुक्त आहार लेने के साथ ही यदि आप अपने आहार में अतिरिक्त प्रोटीन शामिल करें, तो यह फायदेमंद भी होता हैं, भले ही वो प्रोटीन शेक के रूप में हो या अन्य किसी रूप में. चूँकि प्रोटीन को पचाने में ज्यादा ऊर्जा लगती हैं और इस कारण ज्यादा कैलोरी उपयोग होने से वजन भी कम होता है.
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प्रोटीन पदार्थ एवं उनके फायदे ( Protein rich foods benefits in hindi)
विभिन्न शाकाहारी एवं माँसाहारी खाद्य पदार्थों में प्रोटीन पाया जाता हैं. जिन्हें ग्रहण करके हम प्रोटीन की कमी को पूरा कर सकते हैं.
प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थ (Protein rich foods list ) -:
- समुद्री खाद्य पदार्थ [ Seafood ],
- सफ़ेद – मीट (White – Meat Poultry),
- दूध , चीज़ एवं दही [ Milk, Cheese and Yogurt] ,
- अंडे [ Eggs ] ,
- फली [ Beans ] ,
- सूअर का गोश (Pork Tenderloin)
- सोया (Soy),
- बीफ (Lean Beef),
- दालें
- प्रोटीन शेक
प्रोटीन की कमी शरीर के लिए नुकसानदायक हैं. इसकी कमी से अनेक प्रकार की बीमारियाँ होती हैं.
प्रोटीन की कमी से होने वाली बीमारियाँ (Protein deficiency disease) -:
- मरास्मुस [ Marasmus] ,
- क्वाशिरोरकर [ Kwashiorkor ] ,
- असामान्य रूप से खून के थक्के जमना [ Abnormal Blood Clotting ] ,
- केशेज़िया [ Cachexia ] ,
- मांसपेशियों का बढ़ना [ Muscle Wasting ] ,
- इडेमा [ Edema ] ,
- त्वचा एवं नाखूनों में बदलाव [ Skin and Nail Alterations ] ,
- बालों का गिरना [ Hair Loss ] ,
- इन्फेक्शन [ Infection ] ,
- गैस से होने वाली तकलीफें [ Gastrointestinal Distress ].
प्रोटीन की कमी दर्शाने वाले लक्षण (protein deficiency disease symptoms) -:
प्रोटीन की कमी सामान्यतः खिलाडियों एवं अन्य शारीरिक रूप से सक्रीय लोगों में पाई जाती हैं. इस कमी को पहचानने के लिए निम्न लक्षणों पर ध्यान देना जरुरी हैं -:
1 | लगातार भूख लगना, |
2 | मांसपेशियों एवं जोड़ों में दर्द, |
3 | बालों एवम नाखूनों का पतला होना, |
4 | सुजन [ Swellling ] आना, |
5 | लगातार बीमार रहना. |
प्रोटीन से होने वाले फायदे (Protein benefits )-:
प्रोटीन से विभिन्न प्रकार के फायदे होते हैं. जिनका वर्णन निम्नानुसार हैं-:
वजन कम होना [ Weight Loss Tool ]-:
प्रोटीन को आहार में शामिल करना, वजन घटाने का एक असर – कारक तरीका हैं. चूँकि जिस आहार में प्रोटीन शामिल होता है, उसे पचाने में ज्यादा कैलोरी की आवश्यकता होती हैं. जिससे अतिरिक्त वसा शरीर में जमा नहीं होता और शरीर पर मोटापा नहीं चढ़ता. साथ ही इस प्रकार के खाद्य पदार्थों से जल्दी भूख भी नहीं लगती, जिससे कोई अतिरिक्त आहार न लेने से और बाहर का तैलीय नाश्ता, फास्टफूड भी ग्रहण न करने से मोटापा नहीं बढ़ता और वजन नियंत्रित रहता हैं.
न्यूट्रीशन मेटाबोलिज्म में प्रकाशित एक अध्यनन के अनुसार, जिन लोगों ने अपने आहार में 30% प्रोटीन की मात्रा बढ़ाई, उनकी लगभग 450 कैलोरी ज्यादा उपयोग होती हैं और लगभग 12 हफ्तों में उनका वजन 11 पाउंड तक कम हुआ. प्रोटीन से अतिरिक्त वसा कम होता हैं और मांसपेशियां भी मजबूत बनती हैं, साथ ही इससे मांसपेशियां पतली, सही आकार में बढ़ती हैं.
प्रोटीन की उपयुक्त मात्रा (Suitable quantity of protein) -:
आपके शरीर के वजन के अनुसार आपको प्रोटीन की मात्रा निर्धारित करनी चाहिए. एक पौंड वजन के लिए 0. 5 – 1.0 ग्राम प्रोटीन उपयुक्त होता हैं. उदाहरणतः अगर एक महिला का वजन 140 पौंड हैं तो उसे अपने आहार में 70 – 140 ग्राम तक प्रोटीन युक्त आहार शामिल करना चाहिए.
मरम्मत एवं रखरखाव [ Repair & Maintenance ] -:
सम्पूर्ण स्वास्थ्य एवं मानव शरीर के सही तरीके से काम करने हेतु प्रोटीन आवश्यक हैं. प्रोटीन शरीर में निर्माण एवं मरम्मत में बहुत मदद करता है. प्रोटीन को शरीर का बिल्डिंग ब्लाक (Building Block) कहते हैं, क्योंकिं प्रोटीन शरीर के टिश्यु के रख – रखाव एवं निर्माण में बहुत महत्वपूर्ण हैं. हमारे अंग, मांसपेशियाँ, चमड़ी, बाल, नाख़ून, हड्डियाँ एवं कुछ हार्मोन्स बनाने में प्रोटीन बड़ा सहायक हैं. इसलिए बढ़ते बच्चो को वयस्कों की अपेक्षा अधिक मात्रा में प्रोटीन की जरुरत होती हैं.
ऊर्जा [ Energy ] -:
प्रोटीन ऊर्जा प्राप्त करने का महत्वपूर्ण साधन हैं. अगर शरीर के रख – रखाव एवं अन्य कार्यों में प्रयोग होने में आवश्यक मात्रा से भी अधिक प्रोटीन ग्रहण करते हैं तो शरीर उसका उपयोग ऊर्जा प्राप्त करने में करता हैं. और अगर आप इससे भी अधिक प्रोटीन ग्रहण करते हैं तो यह फेट सेल्स [ Fat Cells ] का निर्माण करता हैं.
हार्मोन्स [ Harmones ] -:
प्रोटीन हार्मोन्स के निर्माण में भी सहायक हैं, जो कि शरीर के अनेक कार्यों को सुचारू रूप से चलाने एवं सामंजस्य बनाये रखने में आवश्यक हैं. इंसुलीन एक ऐसे प्रोटीन का उदाहरण हैं, जो कि रक्त में शक्कर [ Blood Sugar ] की मात्रा को नियंत्रित करता हैं. यह विभिन्न अंगो के बीच तालमेल बैठाता हैं, जैसे इसके द्वारा अग्नाशय एवं लीवर के बीच सामंजस्य बनाया जाता हैं, जिससे पाचन क्रिया ठीक प्रकार से पूरी होने में मदद मिलती हैं.
किण्वक [ Enzymes]-:
Enzymes एक ऐसा प्रोटीन हैं, जो शरीर में रासायनिक क्रियाओं को बढ़ाते हैं. यहाँ तक कि शरीर में बहुत सी रासायनिक क्रियाएं बिना Enzymes के संभव ही नहीं हैं. जैसे कुछ Enzymes के बिना डी.एन.ए. [N.A. ] का निर्माण नहीं हो सकता.
अणुओ का वहन एवं संग्रहण [ Transportation & Storage of Molecules ]-:
प्रोटीन कुछ अणुओ [ Molecules ] का प्रमुख वाहक होता हैं. उदाहरण के तौर पर हीमोग्लोबिन एक ऐसा प्रोटीन हैं, जो ओक्सीजन को सम्पूर्ण शरीर में पहुँचाता हैं. प्रोटीन कुछ Molecules के संग्रहण का कार्य भी करता हैं, जैसे – फेरेटाइन एक ऐसा प्रोटीन हैं, जो लीवर में लौह तत्वों का संग्रहण करता हैं.
एंटीबॉडी (Antibodies) का निर्माण-:
प्रोटीन Antibodies का निर्माण करता हैं, जो बिमारिओं एवं इन्फेक्शन से बचाता हैं. कुछ प्रोटीन विषाणुओं एवं बेक्टेरिया आदि की पहचान करते हैं और इन्हें ख़त्म करके शरीर को बिमारिओ से बचाते हैं. ये अक्सर शरीर की अन्य प्रतिरोधक क्षमता वाली कोशिकाओं के साथ मिलकर कार्य करते हैं. साथ ही ये विषाणुओं एवं बेक्टेरिया को तब तक घेरकर रखते हैं, जब तक श्वेत रक्त कोशिकाएँ [White Blood Cells ]इन्हें नष्ट न कर दें.
इस प्रकार प्रोटीन से अनेक फायदें होते हैं. जिसे हम अपनी डाइट में शामिल करके उसके लाभ उठा सकते है|