Power of faith (Vishwaas ki Shakti) story in hindi कहा गया है कि मनुष्य की सफलता के पीछे उसके विश्वास का सबसे बड़ा योगदान होता है. यह सही भी है क्योंकि हमारे आसपास ही कई ऐसे सफल लोगों के उदाहरण मिल जाएंगे जिन्होंने अपने विश्वास और दृढ़ इच्छाशक्ति की बदौलत सफलता के कदम चूमे हैं. यहाँ एक पात्र रिंकू के बारे में बताया जा रहा है जिसने अपनी विश्वास की शक्ति से अपनी कमजोरी को दूर किया.
विश्वास की शक्ति कहानी (Power of faith story in hindi)
रिंकू के जीवन की कहानी कुछ यूं है. स्कूल की पढाई के दौरान रिंकू अपने परिवार के साथ एक छोटे से शहर में रहता था. पढाई-लिखाई में इसका मन नहीं लगता था. अपनी कक्षा में ये हमेशा ही फिसड्डी रहता था. मुश्किल से किसी तरह पास होकर अगली कक्षा में पहुँचता था. स्कूल के बच्चों से लेकर मोहल्ले तक लोग रिंकू का मजाक उड़ाने में कोई कसर नहीं छोड़ते थे. रिंकू की पढाई में कमजोरी से उनके माता-पिता भी दुखी रहते थे. पढाई में पिछड़ने का दुःख तो रिंकू को भी होता था, परन्तु कोशिश करने पर भी पढाई में उसका मन नहीं लगता था.
हर तरफ से उपेक्षा और तिरस्कार से दुखी होकर अंततः रिंकू ने पढाई छोड़ने का मन बना लिया. अभी वह दसवीं कक्षा में था. उसकी पढाई की जो स्थिति थी उससे बोर्ड की परीक्षा में उसे पास करने की उम्मीद लगभग न के बराबर थी. अपने जीवन से निराश रिंकू एक दिन जब स्कूल से घर लौट रहा था तो रास्ते में एक जगह रामायण की कथा हो रही थी. उस समय ओजस्वी स्वर में कथावाचक लंका कांड की व्याख्या कर रहे थे. कथावाचक के ओजस्वी स्वर से बुरे ख्यालों में खोये रिंकू की तंद्रा भंग हुई. और वह सम्मोहित होकर कथा स्थल की ओर चल पड़ा. कथा स्थल पर पहुंचकर वह जगह बनाते हुए आगे की पंक्ति में जा बैठा. रिंकू को देखकर कथावाचक मुस्कराए और अपनी कथा को जारी रखा. रिंकू एकाग्रता से कथा के एक-एक शब्द को सुन रहा था. इस समय कथावाचक कह रहे थे, “समस्या बड़ी गंभीर थी. सागर तट पर भगवान राम की सेना के सभी योद्धा लक्ष्मण, हनुमान, सुग्रीव, अंगद आदि गंभीर सोच में डूबे थे. जटायु से यह तो पता लग गया था कि रावण सीता को लेकर दक्षिण दिशा में उफनते समुद्र के पार स्थित अपने राज्य लंका में गया है, परन्तु इस विशाल समुद्र को लांघकर लंका जाएगा कौन? समस्या विकट थी. तभी वहां की शांति सुग्रीव के आवाज़ से भंग हुई. सुग्रीव ने प्रभु राम से कहा कि हमारे बीच एक ऐसे दिव्य शक्ति हैं जो समुद्र लांघकर लंका जा सकती हैं. तब भगवान राम की जिज्ञासा को शांत करने के लिए सुग्रीव ने महाबली हनुमान की ओर देखा. सुग्रीव के संकेत से हनुमान जी सकपका गए. हनुमान जी की असमंजसता को भांपते हुए सुग्रीव ने कहा – हे पवनपुत्र ! संभवतः आपको अपनी शक्ति का ज्ञान नहीं है. बचपन में आपने सूर्य को एक फल समझते हुए एक छलांग में उसे सैकड़ों कोस दूर जाकर निगल लिया था तो फिर लंका की दूरी ही क्या है? जरूरत है तो सिर्फ आपको अपने विश्वास को जगाने की. आप जब अपने विश्वास को जगा लेंगे और मन में ठान लेंगे तो शक्ति आपमें स्वतः आ जाएगी. सुग्रीव की बात सुनकर एक तरफ जहाँ हनुमान जी को आश्चर्य हुआ वहीँ उनका विश्वास भी जागा और वे समुद्र लांघने को तैयार हो गए. अगले ही दिन उन्होंने पूर्ण विश्वास के साथ समुद्र लांघते हुए लंका की ओर प्रस्थान किया. रास्ते में मुश्किलें तो बहुत आईं फिर भी वे सभी मुश्किलों को परास्त करते हुए लंका में माँ सीता को ढूंढने में सफल हुए.”
वहां कथावाचक के एक-एक शब्द को मंत्रमुग्ध होकर सुन रहे रिंकू का नया जन्म हो चुका था. कुछ समय पहले तक जिस रिंकू की आँखों से निराशा के भाव झलक रहे थे, अब उसकी आँखों में चमक थी. उसके शरीर में उत्साह और स्फूर्ति का संचार होने लगा था. कथा ख़त्म होने के साथ ही वह तेजी से घर की ओर चल पड़ा. उसे सफलता का मूलमंत्र मिल चुका था. वह मन ही मन सोच रहा था कि जब हनुमान जी ने अपने विश्वास से शक्ति अर्जित कर समुद्र को लांघ लिया था, तो पढाई कौन सी बड़ी बाधा है. उसी दिन से रिंकू ने प्रण कर लिया कि वह ध्यान लगा कर खूब पढ़ेगा और सफलता अवश्य प्राप्त करेगा. उसकी मेहनत रंग लाई. अपनी कक्षा में सबसे फिसड्डी रहने वाला छात्र रिंकू दसवीं की बोर्ड परीक्षा में सबसे अव्वल आया. इसके बाद रिंकू ने पीछे मुड़कर नहीं देखा और जिंदगी में हमेशा अव्वल ही आता रहा. वह लोक सेवा की परीक्षा में भी प्रथम स्थान पर आया और अपने आप पर विश्वास की बदौलत वह सरकारी महकमे में भी पदोन्नति पाते हुए ऊँचे ओहदे तक पहुंच गया.
कहानी से शिक्षा (Moral of the story)
विश्वास की शक्ति को साबित करने के लिए रिंकू का जीवन तो बस एक उदाहरण है. हरेक सफल व्यक्तित्व के पीछे उस व्यक्ति का विश्वास और कुछ कर गुजरने के जज्बे का मुख्य योगदान होता है. जब किसी व्यक्ति में विश्वास का संचार होता है तो उसमें शक्ति अपने आप संचारित होने लगती है. फिर जब तन और मन में शक्ति यानि उर्जा का संचार होता है तो मुश्किल काम भी आसान हो जाता है. यही तो जीवन में सफलता का मूल मंत्र है.
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