विक्रम बेताल की रहस्यमयी कहानियां व सीरियल

विक्रम बेताल की रहस्यमयी 25 कहानियां  कलाकार, प्रश्न उत्तर (vikram aur betaal ki rahasya gatha, stories,  serial cast in hindi)

दूरदर्शन पर प्रसारित होने वाले कई धारावाहिकों में एक नाम विक्रम बेताल का भी रहा हैं. उन दिनों इस कहानी को बड़े शोक से देखा जाता था.  इन कहानियों को लेकर एक शो टीवी पर प्रसारित हो रहा हैं. चलिये आज जानते हैं कौन सी थी विक्रम बेताल की रहस्यमयी कहानियां  और इन्हे किसने लिखा था ?

vikram betaal
शीर्षकविक्रम बेताल
कहानियों का प्रकारशिक्षाप्रद [पौराणिक कथाएँ]
रचियता और लेखक महाकवि सोडेव भट्ट
तारीखहजारों साल पुराना

कैसे उत्तपति हुई बेताल पच्चीसी (Betal Paccheesee) कहानियों की ?

विक्रम बेताल एक नॉवेल (उपन्यास) का रूपान्तरण था. कहा जाता हैं यह कई हजारों साल पुराना उपन्यास है, जिसे महाकवि सोमदेव भट्ट ने लिखा था. इन कहानियों के मुख्य किरदार राजा विक्रमादित्य एवं बेताल जो कि एक पिशाच हैं. इस उपन्यास में 25 रोचक कथाओं का संग्रह हैं, इसलिए इसे बेताल पच्चीसी (Betal Paccheesee) भी कहा जाता हैं.

कहानियों की पृष्ठ भूमि क्या हैं ?

इस कहानी में राजा विक्रमादित्य जो कि उज्जैन के राजा हैं, वो किसी महत्वपूर्ण कार्य के चलते अमावस की रात के एक दिन पूर्व एक जगह जाता हैं, जहां वे बेताल नामक पिशाच अर्थात एक आत्मा से मिलते हैं, जिसे उन्हें अपने कार्य की पूर्ति के लिए लेकर जाना अनिवार्य हैं. लेकिन बेताल एक शर्त रखता हैं कि वो सफर करते हुये कहानियाँ सूनाएगा, जिसमे अंत में वो राजा से न्याय के रूप में सवाल करेगा. अगर राजा को उत्तर पता होगा और वो नहीं बोलेगा, तो राजा के सिर के टुकड़े हो जायेंगे और अगर वो उत्तर देने के लिए मुँह खोलेगा, तो बेताल उड़कर अपने स्थान चला जायेगा.

इस तरह बेताल 25 कहानियाँ सुनाता हैं और हर कहानी का जवाब राजा विक्रम देता हैं और बेताल उड़ जाता हैं और राजा उसे ढूँढ कर फिर से अपने कंधे पर बैठा लेता और बेताल अगली कहानी सुनाता हैं.

कहानी से जुड़ी एक और सच्चाई :

कहा यह भी जाता हैं कि इन कहानियों को बेताल भट्ट ने लिखा था, जो कि राजा विक्रमादित्य के खास पाँच लोगों में से एक था. और लेखक ने इसमे राजा विक्रमादित्य के न्याय को कहानियों के रूप में संग्रहीत किया हैं.

धारावाहिक विक्रम बेताल से जुड़ी जानकारियां-

 नाम विक्रम बेताल की रहस्यमयी कहानियां 
1किस चैनल पर प्रसारित हुआ दूरदर्शन
2कहाँ प्रसारित हुआ भारत
3कब प्रसारित हुआ 1989
4भाषा हिन्दी
5एपिसोड टेलेकास्ट 52 मिनिट
6सिरीज़1
7एपिसोड26
8किस प्रॉडक्शन ने बनाया सागर आर्ट्स लिमिटेड
9निर्माता रामानन्द सागर
10ऑनलाइन साइट NA

यह प्रसिद्ध निर्माता रामानन्द सागर ने बनाया हैं, इसलिए इसके कई किरदारों को उन्ही कलाकारों ने निभाया हैं जिन्हे आपने रामानन्द सागर की रामायण में देखा होगा. इसमे मुख्य किरदार अरुण गोविल ने निभाया हैं, जो कि राजा विक्रमादित्य हैं , सज्जन जो कि बेताल बने हैं ने निभाया हैं एवं अरविंद त्रिवेदी जिन्होने भिखारी का किरदार किया हैं. इसके अलावा हर कहानी में कलाकारों ने कई किरदार निभाये हैं.

कलाकारों के नाम इस प्रकार हैं –

  • दीपिका चीखलिया
  • विजय अरोरा
  • रमेश भाटकर
  • मूलरज राजदा
  • रजनी बाला
  • सुनील लहरी
  • लिलीपुट
  • रामा वीज
  • सतीश कौल

नयानया धारावाहिक “विक्रम बेताल की रहस्यमयी गाथा” (Vikram Aur Betaal Ki Rahasya Gatha) :

वर्तमान समय में भी बेताल पचिसी का धारावाहिक मंचन किया गया हैं, इसका नाम विक्रम बेताल की रहस्यमयी गाथा हैं, जो कि अक्टूबर 2018 से एंड टीवी पर प्रसारित हो रहा हैं. इस धारावाहिक के मुख्य किरदार अहम शर्मा [विक्रमादित्य] एवं मार्कण्ड देशपांडे [बेताल] हैं.

1नामविक्रम बेताल की रहस्यमयी गाथा
2प्रॉडक्शनपेनीनसुला पिक्चर
3आधारितबेताल पचिसी
4टाइपपौराणिक
5प्रसारितएंड टीवी
6तारीख16 अक्टूबर 2018
7कास्टसूरज थापड़, ईशिता गांगुली,रोमांच मेहता,सोनिया सिंह ,राम अवाना,अमित बेहल,स्पर्श, कुलदीप
8निर्देशकNA

यह सभी धारावाहिक मूलतः 25 कहानियों पर आधारित हैं, जो बेताल पचिसी में हैं. उन में से कुछ कहानियाँ एवं कुछ शीर्षक आगे लिखे जा रहे हैं, वे सभी प्रेरणा दायक कहानियाँ हैं.

विक्रम बेताल रहस्यमयी कहानियों का संग्रह (Vikram Aur Betaal stories)

1सूर्यमल और उसकी पत्नी की दुविधा
पहली कहानी पहले एपिसोड में विक्रम की मुलाक़ात बेताल से होती हैं और बेताल  कहानी सुनाता हैं, जिसमे सूर्यमल का विवाह एक सुंदर कन्या से होता हैं. कुछ समय बाद डाकू सूर्यमल के गाँव में हमला कर देते हैं. जिनसे लड़ते – लड़ते सूर्यमल और उसका मित्र मर जाते हैं. जिससे दुखी होकर सूर्यमल की पत्नी माँ दुर्गा से प्रार्थना करती हैं, तब माँ दुर्गा उसके पति को जीवित करने का वरदान देती हैं. खुशी के मारे सूर्यमल की पत्नी उसके पति के सिर को उसके पति के मित्र के धड़ से जोड़ देती हैं और वो पुनः जीवित हो जाता हैं.
सवाल बेताल पूछता हैं कि अब उसका कन्या का पति कौन हैं सूर्यमल जिसका सिर हैं या उसका मित्र जिसका धड़ हैं ?
उत्तरविक्रमादित्य कहता हैं – शरीर का पूरा संचालन मस्तिष्क से होता हैं, जो कि सूर्यमल का सिर हैं, इस प्रकार सूर्यमल ही उसका पति होगा
 
2.राजा रूपसेन और उनका रक्षक वीरवर
 कहानीराजा रूपसेन के राज्य में वीरवर नामक शक्तिशाली मनुष्य था. उसकी शक्ति के कारण उसे राजा का रक्षक बनाया गया, वो इस कार्य के लिए रोजाना नौ तौला सोना लेता था. एक दिन उसे धन की देवी लक्ष्मी बताती हैं, कि एक गुफा में एक राक्षस हैं, जो उठने वाला हैं और वो अपनी भूख की शांति के लिए राजा और उसके परिवार को खा जायेगा. वीरवर राजा का रक्षक हैं इसलिए वो अपने जीवन को त्यागने का निर्णय लेता हैं और स्वयं अपने परिवार के साथ गुफा में चला जाता हैं. जब यह बात राजा को पता चलती हैं, तो उन्हे आत्म ग्लानि महसूस होती हैं कि उनके होते हुये, वो कैसे किसी का बलिदान कर सकते हैं और वो भी गुफा में आ जाते हैं. तब ही वहाँ देवी लक्ष्मी प्रकट होती हैं और कहती हैं कि यह तो एक परिक्षा थी. वीरवर की कि वो सच में कर्तव्य निभाता हैं या केवल धन के लिए रक्षक हैं. पर वीरवर अपने कर्तव्य का चुनाव करता हैं.
सवाल बेताल ने सवाल किया हैं कि कौन बड़ा त्यागी हैं राजा रूपसेन या वीरवर?
 उत्तरराजा ने कहा – वीरवर ने त्याग किया लेकिन वो इसका कर्तव्य था, क्यूंकि वो इसके पैसे भी लेता हैं, लेकिन यहाँ महान त्याग राजा का हैं, जो अपना जीवन ही देने को तैयार हो गया.
  
2राजा यशोधन की प्रेम कहानी
कहानीराजा यशोधन एक बहुत ही दयालु और न्याय प्रिय राजा था. उनकी प्रजा उनसे बहुत प्यार करती थी. एक बार नगर के धनी व्यापारी ने सोचा की वो अपनी पुत्री का विवाह राजा यशोधन से करेगा और उसने विवाह प्रस्ताव भेजा. राजा ने अपने दरबारियों को कन्या के बारे में जानने के लिए भेजा. दरबारियों ने पता किया तो उन्हे पता चला कन्या बहुत सुंदर एवं सुशील हैं. तब ही एक नगरवासी ने दरबारियों से यह कह दिया कि अगर राजा का विवाह इतनी सुंदर कन्या से करोगे तो उसका ध्यान राज काज से हट जायेगा तो दरबारियों ने राजा से यह कह दिया कि कन्या अच्छी नहीं हैं. राजा यशोधन ने प्रस्ताव के लिए ना कह दिया. कुछ समय बाद उस कन्या का विवाह राजा के एक मंत्री के साथ तय होता हैं दोनों एक दूसरे को पसंद करने लगते हैं. तब ही एक दिन राजा उन कन्या को बाग में देख लेते हैं और उसकी सुंदरता से प्रभावित हो जाते हैं और दरबारियों को विवाह के लिए उसके घर प्रस्ताव भेजने बोलते हैं. जब यह बात मंत्री को पता चलती हैं तो वह अपना विवाह तोड़ देता हैं और राजा के विवाह की तैयारी शुरू हो जाती हैं लेकिन विवाह के पहले राजा को सच का पता चलता हैं तो वो उसी मंडप में मंत्री और उस कन्या का विवाह करवा देता हैं.
सवाल यशोधन और मंत्री में से किसका त्याग बड़ा था ?
जवाब विक्रमादित्य कहता हैं – इन दोनों में मंत्री का त्याग बड़ा था क्यूंकि वो अपने प्रेम का त्याग करता हैं जबकि राजा को केवल सुंदरता से प्रेम हुआ था.
  
3तीन विवाह प्रस्ताव और एक सोनप्रभा
कहानीसोनप्रभा नाम की एक कन्या हैं जिसका विवाह करना हैं जिसके लिए उसके पिता, माता और भाई विवाह योग्य वर ढूंढ रहे हैं. तब ही एक राक्षस सोनप्रभा को उठा ले जाने की धमकी देता हैं तो परिवार वाले डर जाते हैं. एकदिन सोनप्रभा के पिता व्यापार के लिए जाते हैं तो उन पर डाकू हमला कर देते हैं तब एक शक्तिशाली पुरुष उनकी जान बचाता हैं. तब सोनप्रभा के पिता युवक की शक्ति से प्रभावित होकर उसके सामने बेटी के विवाह का प्रस्ताव रखते हैं और वो मान जाता हैं. उसी समय सोनप्रभा की माँ एक कवि से मिलती हैं और उससे प्रभावित होकर वो उसके सामने भी विवाह का प्रस्ताव रखती हैं कवि भी मान जाता हैं और वहीं भाई भी एक इंजीनियर से मिलता हैं जिसने विमान बनाया हैं वो उससे प्रभावित होकर विवाह का कहता हैं इंजीनियर भी मान जाता हैं. अब तीनों सोनप्रभा से मिलने आते हैं अब सोनप्रभा को तय करना हैं कि वो किससे विवाह करेगी. तब वो नगर का राक्षस सोनप्रभा को उठाकर ले जाता हैं. तब वो तीनों युवक सोनप्रभा को बचाने का निर्णय लेते हैं. कवि को पता होता हैं कि राक्षस कहाँ हैं तीनों इंजीनियर के विमान कि सहायता से वहाँ पहुँचते हैं और जो शक्तिशाली पुरुष था वो राक्षस ले लड़कर सोनप्रभा को बचा लेता हैं. अब सोनप्रभा के सामने दुविधा हैं कि वो किसे अपना वर चुने ?
प्रश्नसोनप्रभा को किससे विवाह करना चाहिये? योद्धा या कवि या इंजीनियर से
उत्तरराजा जवाब देते है – सोनप्रभा को योद्धा से विवाह करना चाहिये क्यूंकि वो शक्तिशाली हैं जो हमेशा उसकी रक्षा करेगा.
  
4पद्मावती और राजकुमार विराजमुक्ति की कहानी
कहानीराजकुमार विराजमुक्ति एक सुंदर युवक हैं उनकी दोस्ती उनके दीवान के पुत्र के साथ हैं. एक दिन दोनों जंगल घूमने जाते हैं तब विराजमुक्ति की नजर एक कन्या पर पड़ती हैं वो उसकी सुंदरता में खो जाता हैं और उससे उसका नाम, पता और उसके पिता कौन हैं यह पूछता हैं कन्या उसे इशारे में संकेत देती हैं वो कमल की तरफ देखती हैं, हाथों को कान से छूती हैं और दाँत दिखती हैं. विराजमुक्ति को पहली समझ नहीं आती और वो अपने मित्र से पूछता हैं तब वो मित्र कहता हैं उसका नाम पद्मावती हैं वो कानपुर की रहने वाली हैं और उसके पिता डेंटिस हैं. विराजमुक्ति पद्मावती से विवाह करना चाहता हैं लेकिन उससे कानपुर का राजा भी विवाह करना चाहता हैं तब विराजमुक्ति को बहुत गुस्सा आता हैं. जब उसका मित्र उसे सलाह देता हैं और वो एक चोर से पद्मावती के गहने चुराने बोलता हैं और गहने लेकर कानपुर के राजा के पास जाकर कहने बोलता हैं कि यह गहने जिसके हैं उससे मेरे संबंध हैं. यह सुनकर राजा विवाह प्रस्ताव खत्म कर देता हैं और विराजमुक्ति और पद्मावती का विवाह हो जाता हैं.
प्रश्नबेताल सवाल करता हैं : इन दोनों में ज्यादा पापी कौन हैं ?
उत्तरराजा कहता हैं – पापी दोनों ही हैं पर ज्यादा पापी विराजमुक्ति हैं क्यूंकि उसकी इच्छा थी उसके मित्र ने बस अपने मित्र को सलाह दी थी.
  
5अमीर लड़की ने चोर को पति के रूप में स्वीकार किया
कहानीराजा वीरकेतू अयोध्या के राजा थे. वह बहुत ज्यादा परेशान हैं क्यूंकि एक चोर ने राज्य में आतंक फैला रखा हैं. तब राजा खुद उस चोर को पकड़ने का फैसला लेता हैं. और उसी दौरान मन्ना नामक एक सुंदर कन्या एक सुंदर युवक से मिलती हैं और उससे प्रेम करने लगती हैं. वह युवक चोर ही हैं जिसे राजा तलाश रहा हैं. मन्ना के लिए कई रिश्ते आए पर उसने किसी को कभी पसंद नहीं किया लेकिन इस युवक को वो बहुत चाहने लगी थी. कुछ समय बाद नगर में राजा की मुलाक़ात चोर से होती हैं, राजा ने वेष बदल रखा हैं इसलिए चोर उसे पहचान नहीं पाता हैं. राजा और चोर की दोस्ती हो जाती हैं और जब चोर उसे बताता हैं कि वो भी राज्य की सेना में भर्ती होना चाहता था लेकिन भ्रष्ट मंत्रियों के कारण वो भर्ती नहीं हो सका. आगे कि सारी बात राजा समझ जाता हैं और उस चोर को पकड़ लेता हैं. उस चोर पर कार्यवाही होती हैं. मन्ना के पिता चोर के पक्ष में खड़े होकर उसका साथ देते हैं. मन्ना भी चोर के साथ खड़ी हैं. राजा सारी बाते सुनने के बाद चोर को माफ कर देता हैं और आजाद कर देता हैं साथ ही सेना में शामिल भी करता हैं, यह सुनकर चोर रोता हैं फिर हँसता हैं.
प्रश्नचोर पहले रोता हैं और फिर हँसता हैं ऐसा क्यूँ ?
उत्तरचोर रोता हैं क्यूंकि उसे लगता हैं वो मर जायेगा और मन्ना और उसके पिता का अहसान कभी चुका नहीं पायेगा। हँसता इसलिए हैं क्यूंकि उसे यक़ीन नहीं होता कि मन्ना ने इतने युवकों को छोड़कर उसे पसंद किया.
  
6राजकुमारी ने किससे शादी की ?
कहानीएक राजकुमारी अपने राज्य में घूमने निकलती हैं तब वो एक व्यक्ति से मिलती हैं जो पक्षियों से बाते कर सकता हैं राजकुमारी उससे बहुत खुश होती हैं और उसे महल यह कला सिखाने बुलाती हैं. आगे जाकर वो बुनकर से मिलती हैं जो बहुत सुंदर कपड़े बुनता हैं और बहुत प्रसिद्ध हैं  वो उससे भी खुश होती हैं. फिर वो रास्ते में बीमार हो जाती हैं तो एक वैद्य उसे ठीक करता हैं वो उससे भी खुश होती हैं और कहती हैं वो भी इस वैद्य के समान लोगो की सेवा करना चाहती हैं। जब वो महल लौटती हैं तो उस पर दुश्मन हमला कर देता हैं तब एक योद्धा उसे बचाता हैं वो उससे भी बहुत प्रसन्न होती हैं. महल आने के बाद राजा राजकुमारी के विवाह की घोषणा करता हैं और सभी लायक रिश्तों को आने का न्यौता देता हैं।
प्रश्न राज कुमारी को किसे चुनना चाहिये पक्षी से बाते करने वाले को, बुनकर को, वैद्य को या योद्धा को
उत्तरराजकुमारी को योद्धा को चुनना चाहिये क्यूंकि वही उसकी हमेशा रक्षा करेगा बाकी सभी से तो बस पल भर का प्रेम ही होगा.
  
7गुणकर की असफल तपस्या
कहानीगुणकर के पिता की मृत्यु हो जाती हैं और सारा धन जूए में हार जाता हैं इस कारण उसे उसके घर से निकाल दिया जाता हैं तब उसे एक संत मिलता हैं जो अपनी तपस्या से जो चाहे वो प्राप्त कर सकता हैं तो गुणकर उस संत को यह सिखाने बोलता हैं। संत मान जाता हैं और कहता हैं दो चरणों में तुम ये सीख जाओगे. गुणकर पहला चरण पूरा करता हैं और उसे घर की याद आने लगती हैं तो वो सबसे मिलने चला जाता हैं फिर आकर वो दूसरा चरण पूरा करता हैं. लेकिन गुणकर को शक्ति नहीं मिलती.
प्रश्नगुणकर की तपस्या सफल क्यूँ नहीं हुई ?
उत्तर गुणकर से ध्यान से तपस्या नही की इसलिए उसकोण सफलता नहीं मिली.
  
8राजकुमार और पक्षी
9नागिन का बदला
10लालची अपूर्व
11दगड़ू का सपना
12सत्यदेव का न्याय
13चार राजकुमारों की प्रेम कहानी
14सुकेश की प्रेम कथा और राजा धर्मवीर का कर्तव्य
15राजा वल्लभ और मंत्री की दुविधा
16राजकुमारी चंद्रप्रभा का प्रेमी
17शक्तिशाली बालक
18कौन से सच्चा पिता ?
19राजकुमार और तीन बहने
20पति, चौर और प्रेमी
21तीन भावुक भाई
22राजा चंदरसेन और उसका सेवक
23अमर प्रेम
24गोपु की जुआँ परीक्षा
25राज कुमार आनंदसेन का अहसास

यह सभी थी विक्रम बेताल की कहानियाँ. कुछ कहानियों को हमने लिखा और कुछ का शीर्षक दिया हैं. सभी कहानियाँ प्रेरणा देने वाली हैं. 

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