उत्तर भारत के पहाड़ी इलाके | North India Hill Station Tourist Place In Hindi

 North India Hill Station Tourist Place In Hindi उत्तर भारत, भारत के उत्तरीय भाग से मिलकर एक शिथिल परिभाषित क्षेत्र है. यहाँ की प्रमुख भौगोलिक विशेषताएँ सिन्धु – गंगा के मैदान और हिमालय हैं, उत्तर भारत के इन क्षेत्रों की सीमा का निर्धारण तिब्बतन पठार और एशिया के केंद्र से किया गया है. उत्तर भारत में अधिकारिक (Offcially) तौर पर पंजाब, जम्मू काश्मीर, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, दिल्ली एवं चंडीगढ़ के केंद्र शासित प्रदेश आदि आते है. कुछ राज्य जो औपचारिक(Formally) रूप से उत्तर भारत के हिस्सा नही है किन्तु पारम्परिक, सांस्कृतिक और भाषायी रूप से उत्तर भारत का ही हिस्सा हैं वे राज्य राजस्थान, बिहार और मध्य प्रदेश हैं. इन सभी राज्यों में बहुत से पहाड़ी इलाक़े और पर्यटक स्थल है, जहाँ दूर – दूर से लोग इसका आनंद उठाने आते है. उत्तर भारत में मौर्य, गुप्ता, पाला, हर्षा, मुग़ल, मराठास, सुर, सिख और ब्रिटिश भारतीय साम्राज्य आदि के ऐतिहासिक केंद्र हैं.

उत्तर भारत (Uttar Bharat darshan)

भारत का उत्तरीय हिस्सा विशाल स्थलाकृतिक (topographical) विविधता (diversity) जैसे ऐतिहासिक स्मारकों, अलग – अलग संस्कृतियों, वन्यजीव उद्यानों एवं अभयारण्यों, पवित्र मंदिरों, नदियों और विविध जल वायु आदि से भरा हुआ है. देश के सबसे प्रसिद्ध पहाड़ी इलाक़े उत्तरीय भारत में ही स्थित है. देश के पूरे उत्तरीय भाग की सीमा पाकिस्तान, चीन, नेपाल, भूटान आदि देशों से जुड़ी हुई है.

यहाँ विविध प्रकार की संस्कृतियां है, जैसे हिन्दू तीर्थ स्थलों में चार धाम के केंद्र हरिद्वार, वाराणसी, अयोध्या, मथुरा, इलाहाबाद, वैष्णो देवी एवं पुष्कर आदि हैं. बुद्धिज़्म तीर्थ स्थलों में सारनाथ एवं कुशीनगर आदि के केंद्र हैं, सिख स्वर्ण मंदिर के साथ ही विश्व के धरोहार स्थलों के रूप में जैसे नंदा देवी बायोस्फियर रिज़र्व, खजुराहों के मंदिर, राजस्थान के पहाड़ी किले, जंतर मंतर (जयपुर), भीमबेटका की गुफाएं, साँची की स्मारक, क़ुतुब मीनार, लाल किला, आगरा किला, फतहपुर सीकरी और ताज महल आदि हैं.  खुजराहों के मंदिर एवं उनका इतिहास जानने के लिए यहाँ पढ़ें.

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उत्तर भारत के राज्यों में देश के सबसे ज्यादा पर्यटक स्थल हैं. देश के विभिन्न भागों से यात्री गर्मियों के महीने के दौरान शिमला, नैनीताल, धर्मशाला, देहरादून जैसी जगहों में घुमने के लिए आते है. विशेष रूप से उत्तर भारत के उत्तराखंड व हिमाचल राज्य सुंदर गर्मियों के स्थलों के लिए जाने जाते है. इन राज्यों में कई लोकप्रिय पहाड़ी रिसॉर्ट हैं, जहाँ हर साल भारी मात्रा में पर्यटकों की संख्या आती है. इसके आलावा लोग हर साल गर्मियों की छुट्टियों में उत्तराखंड के तेजस्वी पहाड़ी इलाक़ों एवं हिमाचल के पहाड़ी रिसॉर्ट, कश्मीर और राजस्थान आदि जगहों में भी भ्रमण करने आते है.

उत्तर भारत का परिचय

क्र..परिचय घटकपरिचय
1.स्थानउत्तर भारत
2.जनसंख्या543,937,430
3.एरिया1,420,540 किमी स्क्वायर
4.राज्य और प्रदेश
  • जम्मूकश्मीर
  • हिमाचल प्रदेश
  • पंजाब
  • चंडीगढ़
  • उत्तराखंड
  • हरियाणा
  • दिल्ली
  • उत्तर प्रदेश
5.भाषा
  • हिंदी
  • पंजाबी
  • उर्दू
  • अंग्रेजी

उत्तर भारत के पहाड़ी इलाक़े की सूची ( Famous Hill Station of North India Tourist Place List In Hindi)

उत्तर भारत में बहुत से पहाड़ी इलाक़े है, जिनमें से कुछ इस प्रकार है-

औली (Auli) –

औली में बर्फ़ की चादर से ढकी पहाड़ी स्थित है. औली में साहसिक गतिविधियाँ भी है, जोकि उत्तर में उत्तरांचल प्रदेश के चमोली जिले में स्थित हैं, और यह गढ़वाल पर्वत श्रंखला का हिस्सा भी हैं. औली जोशिमथ से 16 किमी दूर 2895 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है. इस जगह को स्केटिंग के लिए और भी अधिक जाना जाता है. औली उस जगह की तरह है जहाँ ख़ुशी और रोमांच, प्राकतिक सौन्दर्य, बर्फ क्षेत्र की ढ़लानें स्थित है और सबसे ज्यादा यह अपने प्राकृतिक सौन्दर्य के रूप में जिन्दा है. औली की खड़ी ढलाने सभी एडवेंचर के चाहने वालों के लोगों के लिए बेहतरीन है. यहाँ की हिमालय की चोटी में स्थित नंदा देवी मंदिर, कमेट पर्वत, मन पर्वत और दूनागिरी जैसी जगहें मनोरम दृश्य प्रस्तुत करते हैं.

  1. औली में रुकने के लिए बहुत ही आरामदायक होटल और पर्यटकों के लिए गेस्ट – हाउस हैं, जोकि जोशिमथ में औली से 26 किमी दूर स्थित है.
  2. औली में घुमने के लिए सबसे अच्छा मौसम ठण्ड है. यहाँ की खड़ी ढलान पर बर्फ स्केटिंग के लिए शानदार जमीन है. यहाँ लोगों की नवंबर से मार्च के अंत तक बहुत भीड़ रहती है.
  3. औली में एयर द्वारा पहुँचने के लिए 279 किमी दूर देहरादून का जॉली एयरपोर्ट है, जहां दिल्ली के लिए फ्लाइट मिल सकती है. 
  4. औली में ट्रेन द्वारा पहुँचने के लिए 273 किमी दूर हरिद्वार स्टेशन है जोकि कई बड़े शहरों से ट्रेन द्वारा जुड़ा हुआ है.
  5. औली में रोड द्वारा पहुँचने के लिए ऋषिकेश से होते हुये जोशिमथ जाया जा सकता है, जहाँ से टेक्सी द्वारा औली पहुंचा जा सकता है. ऋषिकेश के पर्यटन स्थल की जानकारी यहाँ पढ़ें.

चैल (Chail)

चैल बहुत ही सुंदर पहाड़ी इलाक़ा और जाना माना रिसोर्ट है, जोकि हिमाचल प्रदेश में शिमला से 43 किमी दूर स्थित है. चैल तीन पहाड़ों के ऊपर स्थित है पहला राजगढ़ पर्वत के ऊपर महल, दूसरा पंधेवा पर्वत के ऊपर ब्रिटिश रेजीडेंसी और तीसरा साध तिबा पर्वत पर. साध तिबा मूल महल का स्थल था, किन्तु महराजाओं ने उसका निर्माण रोक दिया, और यहाँ एक सिद्ध बाबा का मंदिर बना दिया. यह बहुत ही सुंदर पहाड़ी इलाक़ा है.

  1. चैल बहुत छोटी सी जगह है. यहाँ बहुत कम होटल है, जो बजट की सभी प्रकार की जरुरत को पूरा करता है.
  2. चैल में घुमने जाने के लिए सबसे अच्छा समय अप्रैल – जून और अक्टूबर – नवम्बर में है.
  3. चैल में एयर द्वारा पहुँचने के लिए जुब्बर हटी एयरपोर्ट है, जोकि शिमला से 45 किमी और चैल से 63 किमी दूर स्थित है. शिमला और चंडीगढ़ के एयरपोर्ट भी इसके पास में स्थित है.
  4. चैल में ट्रेन द्वारा पहुंचने के लिए सबसे पास 80 किमी पर कालका स्टेशन है, इसके अलावा यहाँ चंडीगढ़ का स्टेशन भी पास पड़ेगा.
  5. चैल में रोड से खुद के साधन से भी जाया जा सकता है. यहाँ से दिल्ली तक रोड जुड़ी हुई है. 

चंबा घाटी (Chamba ghati)

यह रावी नदी के दक्षिणी तट पर समुद्र स्तर के ऊपर, डलहौज़ी से सिर्फ 56 किमी दूर 996 किमी की ऊंचाई पर स्थित है. इस प्राचीन पहाड़ी राजधानी को 920 ईसवी में ‘राजा साहिल वर्मा’ द्वारा स्थापित किया गया था, जिन्होंने इसका नाम अपनी बेटी ‘चम्पावती’ के नाम पर रखा. यह बहुत सी सुंदर घाटी है जोकि बर्फ की चादरों से ढकी हुई है. दूर – दूर से लोग इसका नजारा देखने यहाँ आते है. यह बहुत ही अदभुत पहाड़ी इलाक़ा है.

  1. चंबा घाटी में घुमने जाने के लिए सबसे अच्छा मई के मध्य और अक्टूबर के मध्य का समय है.
  2. चंबा घाटी में एयर द्वारा पहुँचने के लिए चंबा से 180 किमी दूर काँगड़ा घाटी पर गग्गल एयरपोर्ट स्थित है.
  3. चंबा, पठानकोट से 122 किमी की दूरी पर स्थित है, जहाँ दिल्ली, मुंबई, अमृतसर और कोल्कता से बहुत सी ट्रेन्स चलती है.  यहाँ पढ़ें.
  4. चंबा घाटी पर खुद के साधन से भी आसानी से जाया जा सकता है.

चोपटा (Chopta) –

चोपटा गोपेश्वर – उखीमठ रोड पर लगभग 40 किमी पर स्थिर है. यह गोपेश्वर में समुद्र के स्तर के ऊपर लगभग 2,900 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है. यह पुरे गढ़वाल क्षेत्र में सबसे खूबसूरत स्थानों में से एक है. चोपटा हिमालय पर्वतमाला और आसपास के क्षेत्रो के लुभावने दृश्य को प्रदान करता है. यह भी घुमने के लिए बहुत सुन्दर जगह है.

  1. चोपटा में रुकने के लिए लॉज और रेस्ट हाउस है.
  2. यहाँ आने के लिए सबसे अच्छा समय अप्रैल से जून तक का है.
  3. यहाँ एयर द्वारा पहुँचने के लिए सबसे पास 226 किमी दूर जॉली एयरपोर्ट है.
  4. चोपटा में ट्रेन द्वारा पहुँचने के लिए सबसे पास 209 किमी पर ऋषिकेश स्थित है.
  5. चोपटा में रोड द्वारा भी जाया जा सकता है.

डलहौज़ी (Dalhousie points of interest) –

हिमाचल प्रदेश में डलहौज़ी बहुत ही सुंदर पहाड़ी इलाक़ा है. यह 5 पहाड़ियों से घिरा हुआ है. यह सन 1854 में ब्रिटिशर द्वारा बनाया गया था, यह उनके भगवान डलहौज़ी के नाम पर बसाया गया. यह समुद्र से 6000- 9000 फ़ीट की ऊँचाई पर स्थिर है. यह बहुत ही सुंदर और अदभुत जगह है यहाँ का प्राकृतिक सोंदर्य बहुत ही अच्छा है.

  1. डलहौज़ी में ठहरने के लिए बहुत से होटल और रेस्ट हाउस है, जहाँ आराम से रुका जा सकता है.
  2. डलहौज़ी में साल के किसी भी मौसम में जाया जा सकता है, यह सभी समय के लिए अच्छा है.
  3. डलहौज़ी में एयर द्वारा पहुँचने के लिए सबसे पास अमृतसर का एयरपोर्ट है और जम्मू एयरपोर्ट 188 किमी पर है.
  4. यहाँ ट्रेन द्वारा पहुँचने के लिए सबसे पास पठानकोट स्टेशन है जोकि यहाँ से 80 किमी पर है.
  5. डलहौज़ी हिमाचल प्रदेश के सभी बड़े शहरों से जुड़ा हुआ है. जहां खुद के साधन से भी पहुंचा जा सकता है.

धनौल्ती (Places to visit in Dhanaulti)

धनौल्ती मसूरी चंबा ट्रैक पर स्थित है. यह बर्फ से ढके हिमालय के कई ट्रेक्स के लिए शुरूआती बिंदु है, यह विशेष रूप से गढ़वाल के टेहरी क्षेत्र में स्थित है. यह 2286 मीटर की ऊंचाई पर स्थित लकड़ी का स्वर्ग है. यह सुख और शांति की तलाश में थके हुए जीवन के लिए बाम (मलहम) की तरह काम करता है. यह बहुत ही सुंदर पहाड़ी इलाक़ा है.

  1. यहाँ बहुत ही कम बजट में ठहरने के लिए जगहें है.
  2. यहाँ साल के किसी भी मौसम में जाया जा सकता है लेकिन लोग मानसून में बहुत कम आते है.
  3. यह एयर द्वारा पहुँचने के लिये सबसे पास देहरादून का जॉली एयरपोर्ट है जोकि यहाँ से 82 किमी पर है.
  4. यहाँ ट्रेन द्वारा पहुँचने के लिए सबसे पास देहरादून का ही स्टेशन है.
  5. यहाँ रोड द्वारा भी आसानी से जाया जा सकता है, यह देहरादून से रोड द्वारा 60 किमी की दूरी पर है.

धर्मशाला (Dharamshala) –

धर्मशाला, हिमाचल प्रदेश के काँगड़ा जिले में स्थित बहुत ही सुंदर पहाड़ी इलाक़ा है. यह समुद्र के स्तर से 1475 मीटर पर स्थित है. यह काँगड़ा घाटी का प्रवेश द्वारा है और यहाँ काँगड़ा जिले का मुख्यालय भी स्थित है. धरमशाला 2 जिलों के भागों में है लोवर धर्मशाला और अप्पर धर्मशाला. यहाँ का पहाड़ी इलाक़ा बहुत ही सुंदर है दूर – दूर से लोग यहाँ आते है.

  1. यह दिल्ली से 486 किमी की दूरी पर स्थित है.
  2. यहाँ गर्मी और ठण्ड के मौसम में जाया जा सकता है.
  3. यहाँ एयर, ट्रेन और खुद के साधन किसी के भी द्वारा जाया जा सकता है जोकि बहुत से बड़े शहरों से जुड़ा हुआ है.

गुलमर्ग (Gulmarg tourist places)

गुलमर्ग, श्रीनगर के फूलों और घास के मैदान से लगभग 50 किमी की दूरी पर है. यह एक कप के आकर का घास का मैदान है, जोकि 3 किमी लंबा और 2000 मीटर ऊँचा है. यहाँ की प्राकृतिक सुंदरता बहुत ही अदभुत है, जहाँ बहुत सी बॉलीवुड फिल्मों की शूटिंग भी होती है. यहाँ बर्फ से चादर से ढकी हुई पहाड़ियां भी है जोकि स्कीइंग के लिए बहुत अच्छा है.

  1. यहाँ ठहरने के लिए बहुत से लक्ज़री होटल है जहाँ आराम से ठहरा जा सकता है.
  2. यहाँ साल के किसी भी मौसम में जाया जा सकता है किन्तु यहाँ स्कीइंग करने के लिए ठण्ड का मौसम बहुत ही बेहतर है.
  3. यहाँ एयर द्वारा पहुँचाने के लिए बडगाम का एयरपोर्ट है.
  4. यहाँ ट्रेन द्वारा पहुँचाने के लिए जम्मू शहर है.
  5. यहाँ रोड द्वारा भी जाया जा सकता है.

अल्मोरा (Almora tourist places)

यह उत्तराखंड के अल्मोरा जिले में स्थित एक पहाड़ी इलाक़ा है, यह हिमालय के कुमाओं पर्वत के दक्षिण भाग में 1651 मीटर पर है. यह 5 किमी लम्बी घोड़े की नाल के आकार के रिज पर स्थित है जोकि इसका पूर्वी भाग है. यह पहले चंद वंश के राजाओं द्वारा विकसित किया गया था, उसके बाद इसे ब्रिटिशों ने विकसित किया. अल्मोरा उत्तराखंड के कुमाओं क्षेत्र का सांस्कृतिक दिल माना जाता है. यह भारत के बड़े से बड़े पहाड़ी इलाक़ों में से एक है.

  1. यहाँ बहुत से ठहरने के लिए साधन है जहाँ आसानी से रुका जा सकता है.
  2. यहाँ पर आने का सबसे अच्छा समय मार्च से जून और सितम्बर से नवंम्बर है.
  3. यहाँ एयर, ट्रेन, बस और खुद के साधन किसी के भी द्वारा जाया जा सकता है.

मनाली (Manali tourist places) –

यह हिमाचल प्रदेश का बहुत ही सुंदर और प्रसिद्ध पहाड़ी इलाक़ा है यह कुल्लू घाटी के अंत में उत्तरी भाग पर स्थित है. यह व्यास नदी के किनारे 2050 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है. यह हनीमून के लिए बहुत सी प्रसिद्ध जगह है, और यह उत्तर भारत के सबसे ज्यादा प्रसिद्ध पहाड़ी इलाकों में से एक है. यह बहुत ही सुंदर जगह है.

  1. यहाँ ठहरने के लिए बहुत से होटल, रिसोर्ट और रेस्ट हाउस भी है.
  2. यहाँ वैसे तो साल के किसी भी मौसम में जा सकते है किन्तु सबसे अच्छा समय ठण्ड का मौसम है.
  3. यहाँ एयर, ट्रेन और रोड द्वारा बहुत ही आसानी से पहुंचा जा सकता है.

कुल्लू (Kullu places to visit)-

कुल्लू को भगवान की घाटी के नाम से जाना जाता है. यहाँ अपने अस्तित्व से जुड़ी कई रहस्यमयी कहानियां है. कुल्लू और मनानी 2 जुड़वे पहाड़ी इलाक़े है जहाँ  साल भर में पर्यटकों की भारी मात्रा आती है. कुल्लू हिमाचल प्रदेश में स्थित बहुत ही सुन्दर पहाड़ी इलाक़ा है यह मनाली से जुड़ा हुआ है. और यह भी हनीमून के लिए बहुत अच्छी जगह है.

  1. यहाँ बहुत से रिसोर्ट है जहाँ आराम से ठहरा जा सकता है.
  2. यहाँ किसी भी मौसम में जाया जा सकता है किन्तु ठण्ड का मौसम बहुत ही अच्छा है.
  3. यहाँ पहुँचने के लिए बहुत से साधन है.

शिमला (Shimla) –

यह हिमाचल प्रदेश की राजधानी है और उत्तर भारत के सबसे प्रसिद्ध पहाड़ी इलाक़ों में से एक है. यह 7238 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है इसे “क्वीन ऑफ़ हिल्स” भी कहा जाता है. शिमला चीड, देवदार और ओक जंगलों से घिरा हुआ है. यह बहुत ही अदभुत पहाड़ी इलाक़ा है जोकि घुमने के लिए बहुत ही अच्छी जगह है. शिमला के दर्शनीय स्थल को विस्तार से यहाँ पढ़ें.

  1. यहाँ ठहरने के लिए बहुत से होटल है.
  2. यहाँ घुमने के लिए गर्मी का मौसम बहुत ही बेहतरीन है.
  3. यहाँ पहुँचने के लिए बहुत से साधन उपलब्ध हैं.

मसूरी (Mussoorie hill station)

यह उत्तराखंड राज्य के देहरादून जिले का बहुत ही प्रसिद्ध पहाड़ी इलाक़ा है. यह दून घाटी और हिमलय पर्वत के समीप स्थित है. यह गंगोत्री और यमनोत्री का प्रवेश द्वार है. यह भी उत्तर भारत के प्रसिद्ध पहाड़ी इलाक़ों में से एक है. यहाँ बहुत से एडवेंचर के लिए स्थान भी है. मसूरी हिल स्टेशन के बारे में यहाँ पढ़ें.

  1. यहाँ रुकने के लिए धर्मशाला, होटल और रिसोर्ट है.
  2. यहाँ गर्मी और ठण्ड के मौसम जाया जा सकता है.
  3. यहाँ अपने किसी भी साधन से पहुंच सकते है.

नैनीताल (Nainital)

यह उत्तराखंड का बहुत ही प्रसिद्ध पहाड़ी इलाक़ा है और नैनीताल जिले का मुख्यालय हिमालय की तलहटी कुमाओं में है. यह उत्तर भारत के सुंदर पहाड़ी इलाको में से एक है. यह 1938 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है, नैनीताल नैनी लेक के नाम से प्रसिद्ध है. यह भारत की बहुत ही सुंदर और अदभुत जगह है जहाँ दूर – दूर से लोग भ्रमण करने आते है.

  1. यहाँ होटल और रिसोर्ट का भी इन्तेजाम बहुत अच्छा है.
  2. यहाँ पर आने के लिए सबसे अच्छा समय मार्च से मई और दिसम्बर से फरवरी है.
  3. यहाँ ट्रेन, एयर और रोड द्वारा आसानी से पहुंचा जा सकता है.

श्रीनगर (Srinagar) –

श्रीनगर, जम्मू और कश्मीर की राजधानी है. यह झेलम नदी जोकि सिन्धु की सहायक नदी है, दल और अंचार झीलों के किनारे पर स्थित है. श्रीनगर, भारत के नामी पर्यटक आकर्षणों में से एक है, क्यूकि यहाँ के ऐतिहासिक उद्द्यान, सुंदर हाउसबोर्ट, चकरा देने वाली नदी और सुखद जलवायु बहुत ही लोकप्रिय है. यह परंपरागत कश्मीरी हस्तशिल्प और सूखे मेवे के लिए जाना जाता है. यह उत्तर भारत का बहुत ही ख़ूबसूरत पहाड़ी इलाक़ा है. श्रीनगर 2000 साल पहले राजा प्रवारासेना द्वारा स्थापित करवाया गया था. यह भारत के इतिहास से भी जुड़ा हुआ है. यह बहुत ही लोकप्रिय और अदभुत स्थान है, जहाँ दूर – दूर से लोग आनंद लेने आते है.

  1. श्रीनगर में रहने के लिए बहुत से होटल, रिसोर्ट, लॉज और रेस्ट हाउस हैं.
  2. श्रीनगर में भ्रमण के लिए सबसे अच्छा समय अप्रैल और अक्टूबर के महीने के बीच का समय है.
  3. यहाँ तो आसानी से किसी भी साधन से पहुंचा जा सकता है.

इन सभी पहाड़ी इलाक़ों के अलावा यहाँ बहुत से दार्शनिक स्थल भी हैं, जहाँ अधिक संख्या में लोग अपने परिवारों के जाते है और आनंद का अनुभव करते है.

Ankita
अंकिता दीपावली की डिजाईन, डेवलपमेंट और आर्टिकल के सर्च इंजन की विशेषग्य है| ये इस साईट की एडमिन है| इनको वेबसाइट ऑप्टिमाइज़ और कभी कभी आर्टिकल लिखना पसंद है|

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