ऋषिकेश के पर्यटन स्थल की जानकारी Rishikesh Tourist Places Visit In Hindi
ऋषिकेश, भारत के उत्तराखंड प्रदेश के देहरादून जिले में स्थित एक तहसील और नगर परिषद है. यह उत्तर भारत में हिमालय की तलहटी में स्थित है. इसे “गेटवे टू दी गढ़वाल हिमालय” और “विश्व की योग राजधानी” भी कहा जाता है. यह तीन जिलों से घिरा हुआ है टेहरी गढ़वाल, पौरी गढ़वाल और हरिद्वार. यह हरिद्वार के उत्तर में लगभग 25 किमी और प्रदेश की राजधानी देहरादून जिले के दक्षिण में 43 किमी की दूरी पर है. भारत की 2011 की जनगणना के अनुसार ऋषिकेश की जनसंख्या उत्तराखंड प्रदेश के 7वें स्थान पर है और यह यहाँ का सबसे बड़ा नगर परिषद है.
यह तीर्थस्थल भी है, जोकि हिन्दुओं के पवित्र स्थानों में से एक समझा जाता है. सितम्बर 2015 में राज्य पर्यटन मंत्री महेश शर्मा ने घोषित किया था कि ऋषिकेश और हरिद्वार भारत के पहले “दो राष्ट्रीय पारम्परिक शहर” है. ऋषिकेश एक शाकाहारी शहर है. यहाँ बहुत सारे धार्मिक स्थान है, कुछ भ्रमण करने की जगहें और एडवेंचर स्पॉट भी है. भारी मात्रा में लोग यहाँ भ्रमण करने आते है. हरिद्वार के दार्शनिक स्थल के बारे में यहाँ पढ़ें.
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ऋषिकेश के पर्यटन स्थल की जानकारी Rishikesh Tourist Places Visit In Hindi
ऋषिकेश एक देवभूमि है, जोकि देहरादून जिले का प्रमुख तीर्थ स्थान है. यहाँ बहुत से देवी – देवता निवास किया करते थे, इसलिए इसे देवभूमि कहा जाता है. यह पवित्र गंगा नदी के तट पर स्थित है और तीन ओर से वेदांत शिवालिक पर्वत से घिरा हुआ है. हिन्दू समुदाय में गंगा नदी में डुबकी लगाने का धार्मिक महत्व है. हर साल भारी मात्रा में पर्यटक यहाँ के धार्मिक स्थलों के दर्शन करने, महान हिमालय पर्वत को देखने और गंगा नदी में डुबकी लगाने आते है. ऐसा कहा जाता है कि गंगा नदी में डुबकी लगाने से सारे पाप धुल जाते है और आत्मा की शुद्धी होती है. गंगा का इतिहास यहाँ पढ़ें.
यहाँ बहुत से प्राचीन मंदिर और आश्रम है, जिनका यहाँ धार्मिक महत्व है. ऋषिकेश योग राजधानी कहा जाता है, क्योंकि योग और ध्यान का यहाँ प्रशिक्षण होता है. हिन्दू साधू-संत यहाँ पर रहकर, योग और ध्यान में मग्न रहते है. ताकि उन्हें मोक्ष की प्राप्ति हो सके.
ऋषिकेश में मौसम (Best time to visit Rishikesh) –
ऋषिकेश का वातावरण यूरोपीय प्रकार का है. यहाँ का मौसम साल में कई बार बदलता रहता है और पर्यटक साल में कभी भी यहाँ आ सकते है. लेकिन सबसे अच्छा मौसम यहाँ सितम्बर के मध्य से लेकर मई तक रहता है.
- Best time to visit Rishikesh for river rafting – ठण्ड (अक्टूबर से फरवरी तक) में यहाँ का तापमान 19 से 27 डिग्री सेल्सियस तक रहता है, जोकि घुमने के लिए बहुत ही अच्छा है, इस समय लोग राफ्टिंग का आनंद उठा सकते है.
- गर्मी (मार्च से जून तक) में यहाँ का तापमान 35 डिग्री सेल्सियस होता है. इस समय बहुत गर्मी की वजह से लोग ज्यादा नही आते. किन्तु शाम के समय यहाँ ठंडक रहती है और लोग इस समय आनंद का अनुभव करते है.
- यहाँ मानसून (जून से सितम्बर तक) में लोग बारिश का मजा लेते है. ऋषिकेश एक बहुत सुंदर जगह है, जोकि गर्मी में गर्म और ठंड में ठंडी रहती है. इस मौसम में राफ्टिंग नही होती.
ऋषिकेश पहुँचने का तरीका (How to Reach Rishikesh) –
- ऋषिकेश का सबसे करीबी एअरपोर्ट देहरादून का जॉ ली ग्रांट है. यहाँ दिल्ली, लखनऊ से डायरेक्ट फ्लाइट होती है. इस एअरपोर्ट से ऋषिकेश के लिए टैक्सी, बस आसानी से मिल जाती है.
- ऋषिकेश जाने के लिए, हरिद्वार, देहरादून, दिल्ली से बहुत सी बस चलती है, जो हर तरह की होती है.
- ऋषिकेश का करीबी रेलवे स्टेशन हरिद्वार है, जहाँ से देश के हर कोने से ट्रेन जुड़ी हुई है.
यहाँ निम्न धार्मिक स्थान है, जिनका बहुत महत्व है और देश भर के लोग हर साल यहाँ दर्शन करने आते है.
धार्मिक स्थान बिन्दू | धार्मिक स्थान |
मंदिर | नीलकंठ महादेव मंदिर, भरत मंदिर, शत्रुघ्न मंदिर, त्रयम्बकेश्वर मंदिर, लक्ष्मण मंदिर, कुंजापुरी देवी मंदिर, रघुनाथ मंदिर, वीरभद्र मंदिर आदि. |
घाट/ पुल/ कुण्ड/काम्प्लेक्स | लक्ष्मण झूला, राम झूला, त्रिवेणी घाट, ऋषि कुण्ड, गीता भवन, वशिष्ठ गुफा, आदि. |
योग स्थान/ आश्रम | मुनि की रेती, परमार्थ निकेतन, शिवानंद आश्रम, ओम्कारानंद आश्रम, स्वर्गाश्रम, बीटल्स आश्रम, आनंद प्रकाश आश्रम, आंध्र आश्रम, हिमालयान योग आश्रम, मधुबन आश्रम, निर्मल आश्रम, फूल चट्टी आश्रम, ओशो गंगा धाम आश्रम, साधक ग्राम आश्रम, स्वामी दयानंद आश्रम, वानप्रस्थ आश्रम आदि. |
ऋषिकेश के बारे में निम्न बिन्दुओं के आधार पर वर्णन किया गया है.
- ऋषिकेश का इतिहास
- ऋषिकेश के धार्मिक स्थान
- ऋषिकेश के योग स्थान
- ऋषिकेश के एडवेंचर स्पॉट्स
- ऋषिकेश में स्वास्थ्य के स्थान
ऋषिकेश का इतिहास (Rishikesh History) –
ऋषिकेश प्रसिद्ध केदारनाथ का भाग है. उत्तराखंड, इस प्रसिद्ध प्रदेश में गंगा नदी के तट पर भगवान श्रीराम ने तपस्या की थी, जब वे लंका के राजा रावण का वध करके लौटे थे. भगवान श्रीराम के छोटे भाई लक्ष्मण जी ने गंगा नदी को पार करने के लिए, गंगा नदी के ऊपर एक जूट की रस्सी से पुल बनाया. जिसे आज लक्ष्मण झूला के नाम से जाना जाता है. यह पुल 450 फीट लम्बाई का है. सन 1889 में इस जूट की रस्सी के पुल को हटाकर लोहे की रस्सी से बनाया गया, जोकि सन 1924 में आई बाड़ में बह गया. फिर इसे दोबारा मजबूती से बनाया गया. यह दो जिले टेहरी और पौरी से जुड़ा हुआ है. सन 1986 में शिवानन्द नगर के पास ऐसा ही 450 फीट लम्बाई का एक और पुल बनाया गया, जिसे राम झूला कहा जाता है, जोकि शिवानन्द आश्रम और स्वर्गाश्रम से जुड़ा हुआ है.
ऋषिकेश से पवित्र गंगा नदी बहती है, जोकि हिमालय के शिवालिक पर्वत से निकलती है और उत्तर भारत के मैदानों में बहती है. यहाँ गंगा नदी के तट पर बहुत से प्रचीन और नये मंदिर है. शत्रुघ्न मंदिर, भरत मंदिर, लक्ष्मण मन्दिर यहाँ के प्राचीन मन्दिर है जिनकी स्थापना आदि गुरु शंकराचार्य जी ने की थी. शत्रुघ्न मंदिर राम झूला के समीप और लक्ष्मण मंदिर लक्ष्मण झूला के समीप स्थित है.
ऋषिकेश के धार्मिक स्थान (Rishikesh Famous Temple)
ऋषिकेश में बहुत से धार्मिक स्थान हैं, जिनका हिन्दू समुदाय में बहुत महत्व है.
- नीलकंठ महादेव मंदिर – यह भगवान् शिव का बहुत ही प्राचीन और प्रसिद्ध मन्दिर है जोकि ऋषिकेश से 32 किमी पर है. यह एक पर्वत के ऊपर स्थित है, जिसकी ऊचाई 1330 मी है. यह मंदिर तीन घाटियों से घिरा हुआ है, मणिकूट, ब्रम्हाकूट और विष्णुकूट. यह धार्मिक स्थान दो सदाबहार नदियों पंकजा और मधुमती के संगम से बना है.
- भरत मंदिर – यह मंदिर आदि गुरु शंकराचार्य जी ने लगभग 12वीं शताब्दी में बनवाया था. भरत मंदिर गंगा नदी के तट पर ऋषिकेश के हृदय में स्थित है. इस मंदिर के पवित्र स्थान में भगवान् विष्णु की प्रतिमा है जोकि एक सालिग्राम के ऊपर तराशी गई है. त्रिपाल के अंदर ही प्रतिमा के ऊपर श्री यंत्र आदि गुरु शंकराचार्य जी द्वारा लगाया गया है.
- त्रयम्बकेश्वर मंदिर – यह प्रसिद्ध मंदिर गंगा नदी की तट पर स्थित है. इसकी 13 मंजिले है और हर मंजिल में बहुत सारे हिन्दू देवी-देवता विराजमान है. यह मंदिर किसी एक देवी या देवता का नही है. इस मंदिर में लक्ष्मण झूला से होते हुए जाया जाता है.
- लक्ष्मण मंदिर – यह प्रसिद्ध मंदिर गंगा नदी के तट पर स्थित है. मंदिर में मूर्तिकला और उसकी दीवारों में चित्रकारी की गई है जिसके लिए यह प्रसिद्ध है. कहा जाता है कि भगवान् श्री राम के भाई,लक्ष्मण ने इस जगह में अध्यात्मक ज्ञानोदय को प्राप्त करने के लिए ध्यान किया था.
- कुंजापुरी मंदिर – इस मंदिर का हिन्दू धर्म में बहुत महत्व है. यह पर्वत के 1676 मी ऊचाई पर स्थित है. उत्तराखंड में कुंजापुरी देवी मंदिर 52 शक्तिपीठ में से एक है. कहा जाता है कि जब भगवान् शिव देवी सती का शव ले जा रहे थे, तब देवी सती का धड़ इसी जगह पर गिर गया था. इसलिए इसे शक्तिपीठ कहा जाता है.
- रघुनाथ मंदिर – यह ऋषिकेश में धार्मिक उत्सव के लिए बहुत जरुरी स्थान है. यह मंदिर भगवान् श्री राम और उनकी पत्नी देवी सीता को समर्पित है. यह सभी जरुरी धार्मिक जगहों में से एक है.
- वीरभद्र मंदिर – यह भगवान् शिव को समर्पित है. यह मंदिर 1300 साल पुराना है. यहाँ वीरभद्र जी ने भगवान शिव की उपस्थिती में आराधना की थी.
- वशिष्ठ गुफा – यह बहुत प्राचीन गुफा है जहां ऋषि वशिष्ठ ध्यान किया करते थे. ऋषि वशिष्ठ भगवान ब्रम्हा के मानस पुत्र थे और ये 7 सप्तऋषियों में से एक थे. यह गुफा ऋषिकेश से 25 किमी दूर बद्रीनाथ रोड में स्थित है.
- ऋषिकुण्ड – यह रघुनाथ मंदिर के पास स्थित एक तलाब है. कुब्ज संत जी ने इसको स्थापित किया और ईश्वर की आराधना से यमुना के पवित्र जल से इस तलाब को भरा गया.
- त्रिवेणी घाट – यह तीन पवित्र नदियों का संगम है गंगा, यमुना और सरस्वती. यहाँ लोग स्नान करने आते है, यह बहुत प्रसिद्ध धार्मिक स्थान है. कहा जाता है कि इस संगम में डुबकी लगाने से आत्मा शुद्ध हो जाती और सारे पाप धुल जाते है. लोग अधिक मात्रा में यहाँ पंहुच कर स्नान करते है और संध्या के समय यहाँ माँ गंगा जी की महा आरती होती है जिसकी लोग पूजा करते है और आनंद उठाते है.
- गीता भवन – ऋषिकेश के स्वर्गाश्रम में गंगा नदी के तट पर एक बहुत बड़ा काम्प्लेक्स है. इस काम्प्लेक्स में बहुत से हॉल और 1000 कमरे है, जिसमें भक्त मुफ्त में बिना किसी परेशानी के आसानी से रह सकते है. यहाँ बहुत से सत्संग और ध्यान के कार्यक्रम होते है जिसमें हर साल बहुत से भक्त सम्मलित होने आते है.
ऋषिकेश के योग स्थान (Rishikesh Yoga Ashram) –
ऋषिकेश, को “विश्व का योग स्थान” कहा जाता है. यहाँ बहुत से योग के स्थान है, जोकि पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करते है. कहा जाता है कि योग और ध्यान करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है.
ऋषिकेश, 133 साल पुराना कैलाश आश्रम ब्रम्हाविद्यापीठ का घर है, जोकि वेदान्तिक संस्कृति की सुरक्षा और उसे बढ़ावा देने के लिए समर्पित है. इस जगह पर स्वामी विवेकानंद, स्वामी रामातीर्थ, और स्वामी शिवानन्द जी ने ज्ञान प्राप्त किया. स्वामी विवेकानंद के जीवन के बारे में यहाँ पढ़ें. यहाँ बहुत से योग स्थल और आश्रमों का निर्माण हुआ है, जोकि योग और ध्यान के लिए लोकप्रिय है. यहाँ मुनि की रेती, परमार्थ निकेतन, शिवानंद आश्रम, ओम्कारानंद आश्रम, स्वर्गाश्रम, आनंद प्रकाश आश्रम, आंध्र आश्रम, हिमालयान योग आश्रम, मधुबन आश्रम, निर्मल आश्रम, फूल चट्टी आश्रम, ओशो गंगा धाम आश्रम, साधक ग्राम आश्रम, स्वामी दयानंद आश्रम, वानप्रस्थ आश्रम आदि प्रमुख है. इनका यहाँ बहुत महत्व है. हर साल देश भर के लोग यहाँ योग करने आते है. इनमें से कुछ प्रसिद्ध स्थान है –
- मुनि की रेती – यह छोटी सी जगह है जो की ऋषिकेश के पास ही स्थित है. मुनि की रेती बहुत से मंदिरों, योग और ध्यान के लिए प्रसिद्ध है और यह आयुर्वेद का घर है. यह भी गंगा नदी के तट पर स्थित है.
- परमार्थ निकेतन – यह भारत का सबसे बड़ा योग स्थान है और सबसे बड़ा आश्रम भी है, जोकि गंगा नदी के तट पर स्थित है. यह 70 साल से ज्यादा समय से समृद्ध है. इसे 1942 में स्वामी शुक्देवानंद सरस्वती जी ने स्थापित किया. यह आश्रम सभी के लिए है. यहाँ संध्या की गंगा जी की महाआरती भी बहुत प्रसिद्ध है.
- स्वर्गाश्रम – यह हिमालय की तलहटी में स्थित है और यह ऋषिकेश के सभी पुराने आश्रमों में से एक है. यह लक्ष्मण झूला के पास है और यहाँ बहुत से प्रसिद्ध ऋषियों के ध्यान करने के लिए मैदान हैं. यहाँ पर सबसे पहले योगी स्वामी आत्मप्रकाश जी आये थे, जिन्होंने इस आश्रम को स्थापित किया.
- बीटल्स आश्रम – यह महर्षि महेश योग आश्रम है जोकि बीटल्स आश्रम के नाम से प्रसिद्ध है. 1968 में इस आश्रम ने प्रमुखता प्राप्त की थी, उसके बाद विश्व के प्रसिद्ध संगीतकार की टोली इसी आश्रम में रुकी थी. उन्होंने यहाँ ध्यान के लिए प्रशिक्षण लिया. इसलिए यह बीटल्स आश्रम के नाम से प्रसिद्ध है.
- शिवानन्द आश्रम – यह स्वामी श्री शिवानन्द जी ने स्थापित किया था. यह आश्रम सुन्दर जंगल, पर्वत तथा गंगा नदी से घिरा हुआ है.
- ओम्कारानंद आश्रम – यह हिमालय की तलहटी में स्थित है. यह शिवानन्दनगर और प्रसिद्ध लक्ष्मण झूला के पास है इसे परमहंस ओम्कारानंद सरस्वती जी ने स्थापित किया था.
ऋषिकेश में और भी बहुत से प्रसिद्ध आश्रम है जिसमें योग और ध्यान के स्थान है और हर साल भारी मात्रा में भक्त यहाँ आते है.
ऋषिकेश के एडवेंचर स्पॉट्स (Rishikesh adventure sports) –
ऋषिकेश में बहुत से एडवेंचर स्पॉट्स है. यहाँ का सबसे प्रसिद्ध सफेद पानी राफ्टिंग है जोकि देश और विदेश दोनों जगह प्रसिद्ध है. यहाँ राफ्टिंग करने का मौसम मार्च में शुरू होता है और यह सितम्बर तक चलता है. ऋषिकेश में और भी बहुत से स्थान है जोकि बैकपैकिंग, बन्ज़ी जम्पिंग, हाईकिंग, कयकिंग, मोऊटेन बाइकिंग, रॉक क्लाइम्बिंग, राप्प्लिंग और ज़िप लाइनिंग आदि है.
- ब्यासी एक छोटा सा गाँव है जोकि गंगा नदी के तट पर स्थित है और यह ऋषिकेश से 30 किमी की दूरी पर है. यह गंगा नदी में राफ्टिंग करने और कैम्पिंग के लिए एक एडवेंचर स्पॉट के नाम से जाना जाता है. यहाँ पर गंगा नदी का बहाव ज्यादा होता है जोकि राफ्टिंग के लिए बहुत जरुरी होता है. इसलिए ये जगह राफ्टिंग के लिए बहुत अच्छी है.
- कौदियाला भी एक छोटा सा गाँव है यह बद्रीनाथ रोड में ऋषिकेश से 40 किमी की दूरी पर है. यह सफेद पानी में राफ्टिंग के लिए प्रसिद्ध है. यह कैम्पिंग के लिए बहुत सुन्दर जगह है. यहाँ बहुत से पर्यटक भ्रमण करने आते है.
- जम्पिंग हाइट भी एक बहुत अच्छा एडवेंचर स्पॉट है, यह मोहन चट्टी में लक्ष्मण झूले से लगभग 15 किमी दूर है. यहाँ पर कई तरह के एडवेंचर किये जाते है. लोग इसका भरपूर आनंद उठाते है.
ऋषिकेश में स्वास्थ्य के स्थान (Rishikesh Health Spa) –
ऋषिकेश 6 अपैक्स स्वास्थ्य सुरक्षा विद्यालय में से एक है जोकि परिवार कल्याण और स्वास्थ्य मंत्री द्वारा स्थापित किया गया है. यह भारत सरकार द्वारा प्रधान मंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना के तहत चलाया जाता है. यहाँ चिकित्सा की पढ़ाई के लिए भी बहुत से स्थान है.
ऋषिकेश में योग और संस्कृतिक दवाईयों के मंत्री श्रीपद यस्सो नाइक जी ने 4 जून 2015 में भारत का पहला आयुष स्थान को खोला. उनका भरोसा है कि ऋषिकेश में आयुर्वेद, योग, प्राकृतिक, यूनानी, सिद्द, होम्योपैथी और कई प्रकार की दवाइयों के अनुसंधान है.
इस तरह ऋषिकेश बहुत से धार्मिक स्थल और एडवेंचर स्पॉट के लिए प्रसिद्ध है. हर साल यहाँ भारी मात्रा में लोग पधारते है और इन सभी का आनंद उठाते है.