नागपंचमी 2024 कब है (भैया पंचमी) महत्व, कथा व्रत पूजा विधि | Nag Panchami 2024 in Hindi

नागपंचमी या भैया पंचमी महत्व, कथा, व्रत, पूजा विधि, निबंध, कब है, क्यों मनाई जाती है, 2024 तारीख (Nag Panchami 2024, Vrat, Katha Puja Vidhi, Mahtav in Hindi) (Date, Kis Din Hai)

नाग पंचमी का त्यौहार नागों का त्यौहार होता है. भारत, नेपाल और अन्य देशों में जहाँ हिन्दू धर्म के अनुयायी रहते हैं वे सभी इस दिन पारंपरिक रूप से नाग देवता की पूजा करते है, और परिवार के कल्याण के लिए उनके आशीर्वाद की मांग की जाती है. इस दिन नाग देवता के दर्शन किये जाते हैं, जिसका लोगों के बीच बहुत महत्व है इसके पीछे कुछ पौराणिक कथाएं भी छिपी हुई है. यहाँ नागपंचमी महत्व, पौराणिक कथा एवं व्रत पूजा विधि के बारे में सभी जानकारी एकत्र की गई हैं, जिसे पढ़कर आप नाग पंचमी के बारे में जानकर पूजा कर सकते हैं.

Naag Panchami Mahtav Vrat Vidhi Katha Importance In Hindi

नागपंचमी भैया पंचमी महत्व, निबंध

नाग पंचमी महत्त्व (Nag Panchami Mahatv)

नाग पंचमी का त्यौहार सावन में मनाया जाता हैं. श्रावण माह में शुक्ल पक्ष की पंचमी को नाग देवता की पूजा की जाती हैं. किन्तु भारत के कुछ स्थानों पर नाग पंचमी श्रावण माह की कृष्ण पक्ष की पंचमी को भी मनाई जाती है, और कुछ जगह पर जैसे गुजरात में कृष्ण जन्माष्टमी के 3 दिन पहले और बहुला चौथ व्रत के अगले दिन नाग पंचमी का त्यौहार मनाया जाता है. इस तरह से नाग पंचमी का त्यौहार का महत्व अलग – अलग स्थान के लोगों में अलग – अलग है. वे अपने रीतिरिवाजों के अनुसार इसे मनाते हैं. इस दिन नाग देवता के दर्शन करना शुभ माना जाता है.

नाग पंचमी का त्यौहार मनाने का तरीका (Nag Panchami Celebrations)

रिवाजानुसार इस दिन नाग यानि सर्प को दूध पिलाया जाता हैं. गाँव में नाग पंचमी के दिन मेला सजता हैं जिसमें झूले लगते हैं. पहलवानी का खेल कुश्ती भी नाग पंचमी की एक विशेषता हैं. कई स्थानों पर नाग पंचमी के दिन विवाहित बेटियों को मायके में बुलाया जाता हैं. उनके परिवार को भोजन करवा कर दान दिया जाता हैं. साथ ही खेत के मालिक अन्य पशुओं जैसे बैल, गाय भैस आदि की भी पूजा करते हैं. साथ ही फसलों की भी पूजा की जाती है.

नाग पंचमी तारीख (Nag Panchami 2024 Date)

नाग पंचमी 2024 में यानि इस साल 9 अगस्त, दिन शुक्रवार को मनाया जायेगा. नाग पंचमी पूजा के लिए शुभ मुहूर्त 06:05 से 08:39 तक यानि 2 घंटे 14 मिनिट तक का है. आपको बता दें कुछ लोग सावन माह की कृष्ण पक्ष की पंचमी के दिन भी नाग पंचमी की पूजा सकते हैं. और यह 8 जून को है.

नाग पंचमी 2024 डेट9 अगस्त
दिनशुक्रवार
शुभ मुहूर्त06:05 से 08:39 तक
कुल समय2 घंटे 14 मिनिट

नाग पंचमी कब मनाई जाती है (मास)

नाग पंचमी कैसा त्यौहार जब सर्पों को दूध पिलाना नहीं बल्कि उन्हें दूध से स्नान कराना बहुत ही पवित्र माना गया है। नाग पंचमी कैसा पर्व जिस दिन अवश्य नागों की पूजा विभिन्न राज्य में विभिन्न प्रकार से की जाती है। सावन के महीने के बारे में तो आपने बहुत सुना होगा सावन के महीने में आने वाली कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि को नाग पंचमी के नाम से जाना जाता है और इसी दिन को नाग पंचमी के रूप में मनाया जाता है।

नाग पंचमी का मेला कब और कहां लगता है

हम हर साल अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार सारे त्यौहार मनाते हैं लेकिन हमारे हिंदी कैलेंडर में अंग्रेजी कैलेंडर से बहुत ज्यादा अधिक त्योहार होते हैं। उन्हीं में से एक होता है सावन के महीने में आने वाला नाग पंचमी का त्यौहार। जो सावन महीने की शुक्ल पक्ष की तिथि के पांचवें दिन पर मनाया जाता है। इस दिन नाग देवता की पूजा उनको स्नान कराना बहुत ही महत्वपूर्ण और लाभदायक समझा जाता है। प्रत्येक वर्ष इस त्यौहार को मनाने के लिए काशी, वाराणसी में एक स्थान पर बहुत बड़ा मेला लगता है। उस स्थान का नाम नाग कुआं है। सावन मास की कृष्ण पक्ष की पंचमी के दिन नागपंचमी नामक इस मेले में दूर-दूर से लोग आते हैं। ऐसी मान्यता है कि यहां पर सर्व देवता के दर्शन हो जाए तो उस व्यक्ति की कुंडली से सारे सर्प दोष खत्म हो जाते हैं। नाग पंचमी के दिन विभिन्न गांवों और कस्बों में विभिन्न तरह के खेल भी होते हैं जिसमें कुश्ती का आयोजन भी होता है। इस दिन गाय बैल आदि पशुओं को भी नदी या तालाब में ले जाकर नहला धुलाकर तैयार किया जाता है ऐसा करना बहुत शुभ माना जाता है।

नाग पंचमी पूजा विधि (Naag Panchami Puja Vidhi)

नाग पंचमी की पूजा का नियम सभी का अलग होता हैं, कई तरह की मान्यता होती हैं. एक तरह की नाग पंचमी पूजा विधि यहाँ दी गई हैं.

  • सबसे पहले सुबह सूर्योदय से पूर्व उठकर स्नान किया जाता हैं. निर्मल स्वच्छ वस्त्र पहने जाते हैं.
  • भोजन में सभी के अलग नियम होते हैं, एवं उन्ही के अनुसार भोग लगाया जाता हैं. कई घरों में दाल बाटी बनती हैं. कई लोगों के यहाँ खीर पुड़ी बनती हैं. कईयों के यहाँ चांवल बनाना गलत माना जाता हैं. कई परिवार इस दिन चूल्हा नहीं जलाते अतः उनके घर बासा खाने का नियम होता हैं. इस तरह सभी अपने हिसाब से भोग तैयार करते हैं.
  • इसके बाद पूजा के लिए घर की एक दीवार पर गेरू, जोकि एक विशेष पत्थर है से लेप कर यह हिस्सा शुद्ध किया जाता हैं. यह दीवार कई लोगों के घर की प्रवेश द्वार होती हैं तो कई के रसोई घर की दीवार. इस छोटे से भाग पर कोयले एवं घी से बने काजल की तरह के लेप से एक चौकोर डिब्बा बनाया जाता हैं. इस डिब्बे के अन्दर छोटे छोटे सर्प बनाये जाते हैं. इस तरह की आकृति बनाकर उसकी पूजा की जाती हैं.
  • कई परिवारों में यह सर्प की आकृति कागज पर बनाई जाती हैं.
  • कई परिवार घर के द्वार पर चन्दन से सर्प की आकृति बनाते हैं, एवं पूजा करते हैं.
  • इस पूजा के बाद घरों में सपेरे को लाया जाता हैं जिनके पास टोकनी में सर्प होता हैं, जिसके दांत नहीं होते साथ ही इनका जहर निकाल दिया जाता हैं. उनकी पूजा की जाती हैं. उन्हें अक्षत, पुष्प, कुमकुम चढ़ाकर दूध एवं भोजन का भोग लगाया जाता हैं.
  • इस दिन सर्प को दूध पिलाने की प्रथा हैं. साथ ही सपेरे को दान दिया जाता हैं.
  • कई लोग इस दिन कीमत देकर सर्प को सपेरे के बंधन से मुक्त भी कराते हैं.
  • इस दिन बाम्बी के भी दर्शन किये जाते हैं. बाम्बी सर्प के रहने का स्थान होता हैं. जो मिट्टी से बना होता हैं, उसमे छोटे- छोटे छिद्र होते हैं. यह एक टीले के समान दिखाई देता हैं.

इस प्रकार नाग पंचमी की पूजा की जाती हैं. फिर सभी परिवारजनों के साथ मिलकर भोजन करते हैं.

नाग पंचमी पर पौराणिक कथा

क्यों पड़ा नाग पंचमी का नाम भैया पंचमी (Nag Panchami Bhaiya Panchami Story)

नगर का एक सेठ था उसके चार पुत्र थे. सभी का विवाह हो चूका था. तीन पुत्र की पत्नियों का मायका बहुत सम्पन्न था. उसे धन धान की कोई कमी ना थी, लेकिन चौथी के परिवार में कोई नहीं था, उसका विवाह किसी रिश्तेदार ने किया था. अन्य तीन बहुए अपने घरों से कई उपहार लाती थी और छोटी बहु को ताने मारती थी. लेकिन छोटी बहु स्वाभाव से बहुत अच्छी थी उस पर इन बातों का प्रभाव नहीं पड़ता था.

एक दिन बड़ी बहु से सभी बहुओं को साथ चल कर कुछ पौधे लगाने को कहा गया. सभी साथ गई और बड़ी बहु ने खुरपी से गड्डा करने के लिए जैसे ही खुरपी को उठाया. उस वक्त वहां एक सर्प आ गया उसने उसे मारने की सोची, लेकिन छोटी बहु ने उसे रोक दिया कहा -दीदी यह बेजुबान जानवर हैं इसे ना मारे. तब सर्प की जान बच गई. कुछ वक्त बाद सर्प छोटी बहु के स्वपन में आया और उसने उससे कहा तुमने मेरी जान बचाई, इसलिए तुम जो चाहों मांग लो तब छोटी बहु ने सर्प को उसका भाई बनने को कहा. सर्प ने छोटी बहु को अपनी बहन स्वीकार किया.

कुछ दिनों बाद सारी बहुयें अपने- अपने मायके गई और वापस आकर छोटी बहु को ताना मारने लगी. तभी छोटी बहु को उस स्वपन का ख्याल आया और उसने मन ही मन सर्प को याद किया.

एक दिन वह सर्प मानव रूप धर के छोटी बहु के घर आया और उसने सभी को यकीन दिलाया कि वो छोटी बहु का दूर का भाई हैं, और उसे अपने साथ मायके ले जाने आया. परिवार वालो ने उसे जाने दिया. रास्ते में सर्प ने छोटी बहु को अपना वास्तविक परिचय दिया, और उसे शान से घर लेकर गया. जहाँ बहुत धन धान्य था. सर्प ने अपनी बहन को बहुत सा धन, जेवर देकर मायके भेजा. जिसे देख बड़ी बहु जल गई और उसने छोटी बहु के पति को भड़काया और कहा कि छोटी बहु चरित्रहीन हैं. इस पर पति ने छोटी बहु को घर से निकालने का निर्णय लिया. तब छोटी बहु ने अपने भाई सर्प को याद किया. सर्प उसी वक्त उसके घर आया और उसने सभी को कहा कि अगर किसी ने मेरी बहन पर आरोप लगाया तो वो सभी को डस लेगा. इससे वास्तविक्ता सामने आई और इस प्रकार भाई ने अपना फर्ज निभाया. तब ही से सर्प की पूजा सावन की शुक्ल पंचमी के दिन की जाती हैं. लडकियाँ सर्प को अपना भाई मानकर पूजा करती हैं. धन्य धान की पूर्ति हेतु भी सर्प की पूजा की जाती हैं.

नाग पंचमी व्रत विधान (Nag Panchami Vrat)

नाग पंचमी सावन की शुक्ल पंचमी को मनाई जाती हैं, उस समय कई लोग सावन के व्रत करते हैं. जिसमें कई लोग धन धान्य की ईच्छा से नाग पंचमी का व्रत करते हैं. इस दिन नाग देवता के मंदिर में श्री फल चढ़ाया जाता हैं.

‘ॐ कुरुकुल्ये हुं फट् स्वाहा’ श्लोक का उच्चारण कर सर्प का जहर उतारा जाता हैं, और सर्प के प्रकोप से बचने के लिए नाग पंचमी की पूजा की जाती हैं.

नाग पंचमी शायरी (Nag Panchami Hindi Shayari)

देवादिपति महादेव का हैं आभूषण
श्री विष्णु भगवान का हैं शेष नाग सिहांसन
अपने फन पर जिसने पृथ्वी उठाई
ऐसे नाग देवता को मेरा वंदन

जो वर्ष भर डसता हैं,जो हर वक्त फन फैलाता हैं

दूध पिला दो या कोई अमृत

ना बनता वो किसी का मित्र

वही जानता हैं उसकी महिमा

जिस के सर पर बॉस हैं भैया  

उसे मेरी तरफ से हैप्पी बॉस पंचमी

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नाग देवता करे आपकी रक्षा पिलाये दूध उन्हें मीठा मीठा

नागिन तो घर में ही है आपके शादी जो कर बैठे हो

दूध पिलाओं नाग देवता को

हाथ जोड़ करो प्रार्थना

क्यों अपनी नागिन मेरे घर छोड़े हो
हैप्पी भैया पंचमी

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एडमिन जी हैं हमारे माई बाप है आज उनका त्यौहार

यह नागपंचमी का त्यौहार हमें यह बताता हैं कि हमारे देश में सभी जिव जंतु को सम्मान दिया जाता हैं क्यूंकि प्रकृति के संतुलन के लिए सभी उत्तरदायी हैं. किसी एक की भी कमी से यह संतुलन बिगड़ जाता हैं.

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FAQ

Q : नाग पंचमी का मेला कब और कहां लगता है ?

Ans : नाग पंचमी का मेला वाराणसी के छोटे से राज्य में लगता है।

Q : नाग पंचमी के दिन क्या बनाते हैं ?

Ans : नाग पंचमी के दिन घरों में खीर, कमल पंचामृत आदि बनाए जाते हैं।

Q : नाग पंचमी किस मास में मनाई जाती है ?

Ans : सावन मास में

Q : बिहार में नाग पंचमी का मेला कब है ?

Ans : 9 अगस्त 2024

Q : क्या नाग पंचमी के दिन सांपों को दूध पिलाया जाता है ?

Ans : नहीं, दूध से स्नान कराया जाता है

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