A1 aur A2 Milk kya hai | दूध के प्रकार एवं उनके असीमित फायदे

दूध के प्रकार एवं उसके फायदे (Different Type of Milk and its Health Benefits in Hindi)

दूध, खाने की एक ऐसी सामग्री है, जोकि प्रोटीन एवं कैल्शियम से भरपूर होती हैं. इसे लोग अपने रोजाना के आहार में जरुर शामिल करते हैं, क्योंकि इसके स्वास्थ्य के लिए फायदे, बालों के लिए फायदे एवं त्वचा के लिए कई फायदे हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं, कि दूध भी कई प्रकार के होते हैं. जिनमें से कुछ नुकसानदायक होते हैं, तो कुछ फायदेमंद होते हैं. क्योंकि उसमें अलग – अलग पोषक तत्व पाए जाते है. इस लेख में हम आपको सभी तरह के दूध के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं और साथ ही आपको दूध के फायदे के बारे में भी बतायेंगे. तो आइये जानते हैं, दूध से संबंधित सभी जानकारी के बारे में.

type of milk

दूध के प्रकार और लाभ (Different types of Milk and Benefits)

दूध कई प्रकार के होते हैं, उन सभी की जानकारी नीचे प्रदर्शित की गई है –

  • टोंड दूध (Toned Milk):- टोंड दूध वास्तव में एक ऐसी प्रोसेस हैं, जिसमें से केवल एक बार वसा निकाला जाता है. यह स्किम्ड पाउडर दूध और पानी का मिश्रण है, जो वसा को कम करने के लिए भैंस के दूध में मिलाया जाता है. इसके पोषक तत्व शुद्ध या ताजे गाय के दूध के समान हैं और इसमें 3.0 % वसा होता है. यह कुपोषित एवं गर्भवती महिलाओं के लिए प्रोटीन का एक उपयोगी स्त्रोत है.
  • डबल टोंड दूध (Double Toned Milk):- डबल टोंड दूध एक तरह के सबसे ताजे दूध का रूप होता है. डबल टोंड दूध गाय या भैंस या दोनों के दूध के मिश्रण से बनाया जाता है या ताजा मलाईरहित दूध से भी तैयार किया जाता है. इसके अलावा यह वसा और ठोस पदार्थों के लिए स्टैण्डर्डाइज्ड किया गया है. यह वास्तव में ऐसे दूध होता है, जो कि स्किम्ड मिल्क पाउडर और पानी के दूध के साथ होल दूध में मिलाया जाता है.  
  • ताजा मलाईरहित दूध :- इस दूध में वसा की मात्रा सबसे कम होती है, जिसमें 0.15 % से अधिक वसा नहीं होता है. कहा जाता है कि आमतौर पर इस दूध के स्वाद को बेहतर बनाने के लिए दूध में ठोस पदार्थ या दूध पाउडर मिलाया जाता है. यह बहुत पतला होता है इसलिए लोग इसका सेवन नहीं करते हैं, लेकिन इसके पोषण संबंधी कुछ फायदे भी हैं. इसमें पाए जाने वाले पोषक तत्वों के अलावा अतिरिक्त ठोस पदार्थ या पाउडर से अतिरिक्त कैल्शियम एवं प्रोटीन भी मिलता है. इस तरह के दूध में चीनी की मात्रा अधिक होती हैं लेकिन इसमें चीनी प्राकृतिक रूप से मिली हुई होती हैं.
  • फुल क्रीम दूध (Full Cream Milk):- फुल क्रीम दूध में वसा की मात्रा सबसे अधिक होती हैं. औसतन लगभग 3.8 %. एक शोध से पता चला हैं, कि इसमें वसा की मात्रा अधिक होने के कारण इसका स्वाद सबसे अधिक मलाईदार होता है. यदि आप एक अच्छी कॉफ़ी बनाते हैं और यदि यह आपकी प्राथमिकता सूची में सबसे ऊपर हैं. तो फुल क्रीम दूध आपकी सबसे अधिक एवं अच्छी पसंद हो सकती है.  
  • लो फैट दूध (Low fat Milk or Skim Milk):- इस तरह के दूध में अपेक्षाकृत कम वसा होता है. लगभग 1.3 से 1.4 प्रतिशत. इस दूध में अक्सर स्किम दूध पाउडर मिलाया जाता है, जो इसे मलाईदार बनाने के लिए स्वाद को बेहतर बनाता है. साथ ही प्रोटीन और कैल्शियम की मात्रा को भी बढ़ाता है. यह हमारे शरीर में कोलेस्ट्रोल को कम रखने और हमारे स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में फायदेमंद है. जो लोग अपना वजन कम करना चाहते हैं, उनके लिए यह दूध अच्छा विकल्प है.
  • लैक्टोस फ्री दूध (Lactose-free milk):- लैक्टोज फ्री दूध असली गाय का दूध होता है. जैसे अन्य प्रकार के दूध होते हैं, लेकिन इसमें कुछ अंतर होता है. इस प्रकार के दूध में मौजूद प्राकृतिक शर्करा जिसे लैक्टोज कहा जाता है टूट जाती है. यह उन लोगों के लिए बहुत अच्छा विकल्प है, जो लैक्टोज को बर्दाश्त नहीं कर पाते हैं. इसमें भी अन्य प्रकार के दूध के समान कैल्शियम, प्रोटीन, विटामिन डी और पोटेशियम सहित आवश्यक पोषक तत्व होते हैं.
  • फ्लेवर्ड दूध :- चॉकलेट या अन्य प्रकार के फ्लेवर्ड दूध बहुत ही स्वादिष्ट एवं प्रोटीन युक्त फ़ूड होता है, जोकि बच्चों के लिए के लिए बहुत ही अच्छा होता है. और बच्चे इसका सेवन करना पसंद भी करते हैं, क्योंकि उन्हें सादा दूध पसंद नहीं आता है. यह दूध डेयरी में उपलब्ध हो जाता हैं और इसका सेवन करने वाले लोगों को यह 9 आवश्यक पोषक तत्व प्रदान करता है.
  • कच्चा दूध :- कच्चा दूध गाय या भैस का सीधा दूध होता है, जोकि पश्च्यूराइज्ड नहीं होता है. राज्य स्तर पर इसके वितरण को प्रबंधित करने वाले फ़ेडरल कानून के कारण खरीद के लिए यह व्यापक रूप से उपलब्ध नहीं है. यह भी डेयरी दूध हैं, जिसे आप किसी भी डेयरी से खरीद सकते हैं. हालाँकि कई जगह पर कच्चा दूध उपयोग में नहीं लिया जाता है, बल्कि इसे उबालकर उपयोग किया जाता है. इसके भी अलग – अलग फायदे हैं.

Milk Extracted From Plants/Nuts

  • बादाम दूध :- यह एक लोकप्रिय दूध हैं जिसे लोगों को अपनी डाइट में शामिल करने की सलाह दी जाती है. बादाम के दूध में न ही कोलेस्ट्रोल होता हैं और न ही लैक्टोज. यह उन लोगों के लिए भी एक अच्छा विकल्प हो सकता है जो लैक्टोज को सहन नहीं कर पाते या जिन्हें सोयाबीन से एलर्जी होती है. अतः यह दूध एक स्वादिष्ट, डेयरी मुक्त, सोया मुक्त और लैक्टोज मुक्त विकल्प है.
  • सोया दूध :- सोया दूध को सोयाबीन से निकाला जाता है. यह शाकाहारी लोगों के लिए एवं लैक्टोज को सहन नहीं करने वाले लोगों के लिए बहुत अच्छा डेयरी विकल्प माना जा सकता है. यह सोयाबीन के पौधों से निकाला जाता है इसलिए यह स्वाभाविक रूप से कोलेस्ट्रोल को कम करेगा, साथ ही सैचुरेटेड फैट को भी कम करेगा. इसमें समान मात्रा में प्रोटीन होता है जो गाय के दूध में होता है.
  • राइस एवं ओट दूध :- राइस और ओट्स का दूध यानी चावल और जई का दूध स्वाभाविक रूप से मीठा होता है, अधिक स्वादिष्ट होता है, और यह गैर – डेयरी दूध है. हालाँकि पोषक तत्वों के मामले में भी यह ज्यादा अच्छा नहीं होता. क्योंकि इसमें प्रोटीन बहुत कम होता है. और इसमें बहुत अधिक चीनी मिलाई जाती है. इसे ऐसे भी परिभाषित किया जा सकता है कि यह वास्तविक रूप में बहुत कम पाया जाता हैं, इसमें पाउडर के साथ शर्करा युक्त पानी होता है. हालाँकि अधिक एलर्जी वाले लोगों के लिए यह अच्छा विकल्प होता है. क्योंकि यह सबसे अधिक हाइपोएलर्जेनिक है.
  • नारियल दूध :- नारियल का दूध दक्षिण पूर्व एशिया और एशिया में एक लोकप्रिय खाद्य सामग्री है. यह लैक्टोज से मुक्त होता है, और फल में से आता है, इसलिए यह फाइबर, विटामिन सी, बी1 लोहा, और कैल्शियम का एक बहुत अच्छा स्त्रोत है. हालाँकि इसे डब्ल्यूएचओ द्वारा नहीं अपनाया जाता है क्योंकि यह नारियल तेल के खिलाफ होते हैं. और नारियल का दूध नारियल के तेल का प्रमुख हिस्सा है. इसके साथ ही इसमें सैचुरेटेड वसा का लेवल हाई होता है.
  • काजू दूध :- जब काजू को पानी के साथ मिलाया जाता है, तो परिणाम स्वरुप एक मलाईदार तरल पदार्थ मिलता है, जिसे हम काजू का दूध कहते हैं. काजू का दूध लैक्टोज मुक्त होता है, लेकिन इसमें पाए जाने वाले पोषक तत्व इस बात पर निर्भर होते हैं कि इसे घर पर बनाया गया है या इसे किसी कोमर्सिअल दूकान से खरीदा गया है. क्योंकि बाजार में मिलने वाले काजू के दूध को अलग – अलग मात्रा में विटामिन और खनिजों के साथ मिलाकर फोर्टीफ़ाइड किया जाता है. इसलिए यह घर में बनाये जाये तो अधिक फायदेमंद होगा.

जानवरों से मिलने वाला दूध (Milk Produced By Animals)

  • गाय का दूध (Cow Milk) :- गाय का दूध सबसे आम प्रकार का दूध होता हैं, जिसका मानव द्वारा सबसे अधिक उपयोग किया जाता है. गाय का दूध वजन कम करने में मदद करता है, हड्डियों को मजबूत करता हैं साथ ही दांतों का निर्माण और इम्यून सिस्टम को भी बढ़ावा देता है. यह वसा को कम करने में मदद करता है और हृदय की रक्षा एवं मधुमेह को भी रोकता है.
  • बकरी का दूध (Goat Milk) :- बकरी का दूध गाय के दूध के समान ही होता है. यह स्वास्थ्य के लिए बहुत अच्छा हो सकता है, क्योंकि यह भी वसा को कम करता है और प्रोटीन एवं कैल्शियम से भरपूर होता है. यह पाचन के लिए आसान है और सूजन को कम करने के लिए जाना जाता है.
  • भैंस का दूध (buffalo Milk) :- भैस जो दूध देती हैं वह वसा से युक्त होता है. इसमें गाय के दूध से लगभग 2 गुना ज्यादा वसा होता है. इसे विशेष रूप से बच्चों द्वारा पचाया जाना बहुत कठिन होता है. इस दूध में सैचुरेटेड वसा एवं ओवरऑल कैलोरी बहुत अधिक होती है.
  • शीप (भेड़) का दूध (Sheep Milk) :- भेड़ का दूध एक अन्य प्रकार का पशु उत्पादित दूध है जो प्रोटीन और कैल्शियम का अच्छा स्त्रोत है. लेकिन इसमें वसा और कैलोरी भी मौजूद होती है. भेड़ के दूध की ठोस सामग्री पनीर और दही बनाने के लिए विशेष रूप से उपयुक्त होती है.
  • ऊंट का दूध (Camel Milk):- ऊंट का दूध स्वाद में थोड़ा नमकीन होता है और इसमें विटामिन सी भी अधिक होता है. इसका उपयोग संयुक्त अरब अमीरात गाय के दूध के विकल्प के रूप में किया जाता है. क्योंकि यह भी गाय के दूध के समान ही होता है. और यह उच्च प्रोटीन का एक बेहतर विकल्प भी हो सकता है. ऊंट का दूध आमतौर पर कच्चा या खमीर युक्त होता है. यह लैक्टोज मुक्त भी होता है और उन लोगों के लिए एक बहुत अच्छा विकल्प हो सकता है जो लैक्टोज के असहनशील होते हैं.

ए1 एवं ए2 मिल्क क्या होता हैं एवं इनमें क्या अंतर हैं ? (What is A1 and A2 Milk)

दूध ऐसी खाद्य सामग्री हैं जिसमें कई तरह के पोषक तत्व जैसे कैल्शियम, प्रोटीन, विटामिन्स एवं मिनरल्स आदि पाए जाते है. और इसके अपने अलग – अलग फायदे होते हैं. लेकिन आपको पता है दूध में पाया जाने वाला प्रोटीन दो प्रकार का होता है एक ‘वेह’ प्रोटीन और दूसरा ‘कैसीन’ प्रोटीन. दूध में पाया जाने वाला कैसीन प्रोटीन 80 % होता है. जोकि दूध में पाए जाने वाले प्रोटीनों का सबसे बड़ा समूह है. और यह 2 प्रकार का होता है. एक अल्फ़ा कैसीन और दूसरा बीटा कैसीन. इसमें भी अगर हम बीटा कैसीन की बात करें तो यह 13 अलग – अलग फॉर्म में आते हैं, जिनमें से ए1 एवं ए2 इसके एक प्रकार हैं. ए1 और ए2 दूध गाय का दूध ही होता हैं लेकिन दोनों में कुछ अंतर होता है. इसके बारे में जानकारी इस प्रकार है –

ए1 और ए2 मिल्क में अंतर (Difference between A1 and A2 Milk)

  • ए1 बीटा कैसीन उत्तरी यूरोप, संयुक्त राष्ट्र अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया में उत्पन्न होने वाली सामान्य गायों की नस्लों में पाया जाता है. वहीँ अगर हम ए2 दूध की बात करें तो यह मुख्य रूप से चैनल द्वीप समूह और दक्षिणी फ़्रांस में उत्पन्न हुआ था.
  • ए1 दूध गाय की होलस्टीन, फ्रेशियन, आयरशायर और ब्रिटिश शोरथोर्न आदि नस्लों में पाया जाता है, एवं व्यवसायिक रूप से तैयार किये गये दूध पर ए1 बीटा कैसीन पाया जा सकता है. जबकि ए2 दूध जर्सी, चारोलिस, गर्नजी और लिमोसिन जैसी पुराने समय की गायों द्वारा उत्पादित दूध में पाया जाता है. अन्य स्तनधारियों जैसे कि मानव, बकरी और भेड़ से उत्पादित दूध ए2 डेयरी के दूध के समान है.
  • वर्तमान में ए2 दूध को नियमित ए1 दूध की तुलना में स्वास्थ्यवर्धक विकल्प के रूप में उपयोग किया जाता है. दरअसल समर्थकों का कहना है कि ए2 के कई स्वास्थ्य लाभ है और यह दूध ए1 दूध की तुलना में लोगों के लिए पचाने में आसान होता है.

ए2 दूध ए1 दूध से क्यों अच्छा है ?

प्राचीन समय की गाय यानि जो देसी गायें होती हैं वह ए2 दूध देती हैं, और ऐसे दूध में कैसीन प्रोटीन तो होता ही हैं साथ ही इसमें एक तरह का एमिनो एसिड भी पाया जाता है, जोकि प्रोलीन कहलाता है. दरअसल दूध में पाया जाने वाला प्रोटीन पेप्टाइड्स में बदल जाता हैं जो बाद में एमिनो एसिड का रूप ले लेता है. वहीँ ए1 दूध जो होता हैं उसमें हिस्टीडाईन नामक एमिनो एसिड पाया जाता है. ए2 दूध ए1 दूध से अच्छा होता हैं इसके निम्न कारण है –

  • ए2 दूध में पाया जाने वाला प्रोलीन एमिनो एसिड हमारे शरीर में बीसीएम – 7 (बीटा – कैसोमोर्फिन -7) को पहुँचने से रोकता है. बीसीएम – 7 एक तरह का प्रोटीन ही हैं जोकि आसानी से नहीं पचता है. जिससे कई तरह की बीमारियाँ जैसे डायबिटीज, अपच आदि हो सकती हैं. लेकिन ए1 दूध में प्रोलीन एमिनो एसिड नहीं होता है इसलिए वह यह काम नहीं कर पाता. और हमारे शरीर में बीसीएम – 7 ब्लड में घुलने लगता है. इस तरह से ए1 दूध पाचन की क्रिया के लिए अच्छा नहीं होने के कारण स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है.
  • ए1 प्रकार का दूध बच्चों के लिए सबसे ज्यादा नुकसानदायक हैं क्योंकि यह बच्चों के ब्रेन से उनकी मांसपेशियों के बीच होने वाले विकास को रोकता है. साथ ही इसके कारण बच्चों में भी मधुमेह की समस्या हो सकती है. एक शोध के द्वारा इस बात की पुष्टि भी की गई है.
  • ए1 दूध मधुमेह टाइप 1 की समस्या पैदा कर सकते हैं. और इसके साथ ही इस प्रकार के दूध का सेवन करने से बीसीएम – 7 प्रोटीन हमारे ब्रेन में मुख्य रूप से परेशानी पैदा करता हैं क्योंकि इससे हृदय रोग, मानसिक आघात, एलर्जी जैसी समस्या हो सकती है.

यही वजह हैं कि ए2 दूध ए1 दूध से बेहतर होता है. हालाँकि ए1 दूध में कुछ पोषक तत्व ऐसे भी होते हैं जो शरीर के लिए फायदेमंद होते हैं, इसलिए यह कुछ हद तक अच्छा भी है.

ये सभी दूध के प्रकार हैं जोकि हमारे शरीर के लिए लाभकारी के साथ – साथ नुकसानदायक भी होते हैं. इसलिए इसका सेवन करने से पहले डॉ. की सलाह ले लेना बेहतर हो सकता है.

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