मार्कोस कमांडो क्या है, कौन है, कैसे बनें, हाइट, ट्रेंनिंग, सैलरी कितनी है, कैसे जुड़े, ताज़ा खबर (Marcos Commando India Latest News in Hindi) (Height, Training, Age Limit, Uniform, Kaise Bane, Operation, Movie, Indian Navy)
इंडियन नेवी के जांबाज़ फ़ोर्स मार्कोस कमांडो की चर्चा पूरे भारत में हो रही हैं, मार्कोस कमांडो ने हाल ही में वह कर दिखाया हैं, जो किसी अन्य के बस की बात नहीं थी। हाल ही में सोमालिया के तट पर पानी के जहाज को अगवा कर लिया गया और कुछ भारतीयो को बंदी बना लिया गया था। उन भारतीय को छुड़वाने के लिए हमारी जांबाज़ नेवी फ़ोर्स मार्कोस कमांडो को भेजा गया और इन्होंने अपना अभियान सफल पूर्वक करके 15 भारतियों को भारत देश वापस ले आये हैं। इस सफल अभियान हो जाने के बाद भारत की बड़ी-बड़ी हस्तियों ने उनकी तारीफें की हैं। मार्कोस कमांडो के बारे में अपने लेख के जरिए विस्तार पूर्वक चर्चा करते है।
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मार्कोस कमांडो क्या हैं
मार्कोस कमांडो को पानी का सिकंदर कहा जाता हैं, क्योंकि इन्हें ऐसा प्रशिक्षण प्रदान किया जाता हैं, कि वह पानी में होंगे मगर आपको दिखाई नहीं पड़ेंगे कितनी जल्दी अपने कार्यों को अंजाम दे देते है। मार्कोस कमांडो को पानी में मौत को मात देने की पूरी महारथ हासिल हैं। इनके कार्यों के जरिए,लोग इनको चलता फिरता हुआ प्रेत भी कहते है, क्योंकि इनकी जो बनावट होती है, या जिस प्रकार से दिखते है, इनका रूप खतरनाक होता हैं। यह कमांडो नेवी की एक खास फ़ोर्स होती हैं। जिसे पानी में और पानी के अंदर लडाई करने के लिए उन्हें नेवी द्वारा पूरी तरह से प्रशिक्षण दिया जाता हैं। मार्कोस कमांडो को अधिकारिक तौर पर इन्हें मरीन कमांडो कहा जाता हैं, और इन्हें स्पेशल ओपरेशन करने के लिए ट्रेंड किया जाता है। पानी के अंदर कार्यों को अंजाम देने वाली जबाज़ फ़ोर्स होती है। इनके अन्य कार्य जैसे होस्टेज या पर्सनल रिकवरी आदि के भी लिए इनका उपयोग किया जाता हैं।
मार्कोस कमांडो कब अस्तित्व में आया
मार्कोस कमांडो अस्तित्व में तब आया जब इंडिया और पाकिस्तान का युद्ध हुआ था,तब से नौसेना के अधिकारी यह सोचने लगे, कि दुश्मनो से पानी मे भी लड़ने के लिए एक फ़ोर्स होनी चाहिए। तब भारतीय नौसेना ने यह पाया कि उन्हें ऐसे फ़ोर्स की जरूरत हैं, जो दुश्मनों को पानी में ही उनके छक्के छुड़वा दे तब उसके बाद इनका गठन 1987 में किया गया। तब से एक स्पेशल फ़ोर्स के जरिए इन्हें कमांडो की सुविधा और ट्रेनिंग प्रदान की जाती हैं, जब से यह अस्तित्व में आये हैं, इन्होंने बड़े-बड़े कारनामे किये हैं, और बहुत से आतंकवादियों को भी नाको चने चबवा दिये 1991 में इनका नाम बदलकर मरीन कमांडो फ़ोर्स रख दिया गया था।
मार्कोस कमांडो का इतिहास
मार्कोस कमांडो बनने से पहले एक बार 1955 में, भारतीय सेना ने ब्रिटिश स्पेशल बोट सर्विस की सहायता से कोचिन में एक डाइविंग स्कूल की स्थापना की व लड़को गोताखोरों को विस्फोटक निकासी आदि के लिए प्रशिक्षण दिया गया। जब 1971 में भारत और पाकिस्तान युद्ध हुआ, तो वहाँ पर गोताखोरों अपने वंचित परिणाम प्राप्त करने में विफल हो गये क्योंकि उन्हें तोडफोड़ अभियान के लिए पर्याप्त रूप से प्रशिक्षित नहीं किया गया था इसलिए वहाँ पर यह सफल नहीं हो सके। उसके बाद इन्हें 1987 में मार्कोस कमांडो के रूप में इनका गठन किया गया और उसके बाद इन्हें पूरी तरह से प्रशिक्षण दिया गया।
Marcos Commando Age Limit
नेवी के मार्कोस कमांडो बनने के लिए गर्म खून का होना अत्यंत जरूरी होता है, और यह गर्म खून सबसे ज्यादा युवा लड़कों में होता है। जो 20 से 22 की उम्र के होते है। उन्हीं को मार्कोस कमांडो में ट्रेनिंग देकर एक अच्छा कमांडो बनाया जाता हैं जो विभिन्न अभियानों को सफलतापूर्वक अंजाम देने के लिए कामयाब होते हैं।
Marcos Commando Operations
मार्कोस कमांडो द्वारा कुछ अभियानों के नाम इस प्रकार दिये हैं।
- आपरेशन पवन
- आपरेशन कैट्स
- आपरेशन ताशा
- आपरेशन रक्षक
- कारगिल युद्ध यमन में
- आपरेशन राहत
- विरोधी चोरी
Marcos Commando Training and Selection
मार्कोस कमांडो के चयन और प्रशिक्षण में जिस भी कर्मियों को चयन में लिया जाता हैं, उनको इसमें कड़ी परीक्षा का सामना करना पड़ता हैं। यहाँ पर उन्हीं व्यक्तियों को प्रशिक्षित किया जाता है जिनकी उम्र 20 वर्ष के आसपास होती हैं, और कमांडो बनने के लिए चयन मानक अत्यंत ऊँचे होते है। यहाँ पर जिन भी व्यक्तियों का नाम नामित किया जाता हैं उन्हें 8 से 9 महीने स्पेशल ट्रेनिंग दी जाती है। यह ट्रेनिंग इतनी कठिन होती है कि सब उसे नहीं कर सकते हैं। मार्कोस कमांडो के प्रशिक्षण व्यवस्था में इन्हें लडाई करने के लिए इन सभी की ट्रेनिंग दी जाती है जैसे हवाई संचालन, लड़को गोताखोरी पाठ्यक्रम, आतंकवादियों विरोधी अपहरण, विरोधी समुद्री, डकैती विरोधी, आपरेशन सीधी कार्यवाही, घुसपेट और घुसपेट की रणनीति, विशेष दोही और अपारंपरगत युद्ध शामिल हैं। इन सभी के लिए इन्हें पूरी तरह से प्रशिक्षित किया जाता है, जब उन्हें प्रशिक्षण प्राप्त हो जाता है तब उन्हें मार्कोस कमांडो का टैग दे दिया जाता हैं।
मार्कोस कमांडो 2024 ताज़ा खबर (Marcos Commando India Latest News)
भारतीय नौसेना की यह स्पेशल फ़ोर्स अपने स्पेशल आपरेशन करने के लिए कभी ना कभी चर्चा में बनी रहती हैं। वर्तमान समय में यह चर्चा में यह इसलिए बनी हुई हैं,कि आप लोगों ने यह सुना होगा कि हम लोगों के जहाज सोमालिया के तट से आ रहे थे। वहाँ पर उन जहाजों का अपहरण कर लिया गया और उसे जहाज में बैठे भारतीय का भी अपहरण कर लिया गया था। उन्हें बचाने के लिए हमारी स्पेशल फ़ोर्स मार्कोस कमांडो भेजा गया और फ़ोर्स ने वहाँ से 15 भारतियों सहित 21 चालक दल के सदस्यों को बचाकर भारत वापस ले आये है, इनके इस सफलतापूर्वक कारनामे से पूरे देश में इनकी सराहना हो रही है। इन कमांडो स्किल बहुत होती हैं, और साथ है साथ यह गुप्त तरीके से अपने कार्यों का अंजाम करते है। जिसे किसी को भी भनक तक नहीं लगती हैं। इस प्रकार के कार्यों को 5 जनवरी 2024 को सफलतापूर्वक किया गया हैं।
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FAQ
Ans : ट्रेंड स्पेशल फ़ोर्स होते हैं।
Ans : 20 से 22 वर्ष।
Ans : सोमालिया के तट पर जहाज एव्ं 15 भारतीय को का अपहरण कर लिया गया था उन्हें छुड़वाने के लिए लिए चर्चा हो रही है।
Ans : मार्कोस कमांडो को।
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