भारतीय सेना, बीएसएफ़ और सीआरपीएफ़ में अंतर (Difference Between BSF vs CRPF vs ARMY, full form in hindi)
भारत में भारतीय सेना और सेंट्रल आर्म्ड़ पुलिस फोर्स ऐसे दो विभाग है, जो भारत और भारतीय सीमावर्ती इलाकों की सुरक्षा व्यवस्था अपने जिम्मे लिए हुए है. हमारी भारतीय सेना, रक्षा मंत्रालय के अंतर्गत कार्यरत है, वही सेंट्रल आर्म्ड़ फोर्स के विभाग जैसे सीआरपीएफ़,आईटीबीटी, बीएसएफ़, आसाम राइफल्स और एसएसबी आदि ग्रह मंत्रालय के अंतर्गत आते है. ये दोनों ही विभाग भारतीय सुरक्षा के लिए सदैव तत्पर रहते है, हालांकि ये विभाग बिलकुल ही अलग है, इन्हे मिलने वाली सुरक्षा और सैलरी भी अलग है, परंतु फिर भी देश की सुरक्षा में दोनों की ही भूमिका अहम है.
भारतीय सेना युध्द के समय मोर्चा संभालती है, वही सीमावर्ती इलाको में शांति के समय, देश में आंतरिक सुरक्षा के लिए, देश में आतंकवाद से निपटने और आतंकी गतिविधियों को रोकने के लिए और वीआईपी सिक्योरिटी की ज़िम्मेदारी इन अर्धसैनिक बलों की ही है.
बीएसएफ़ और सीआरपीएफ़ दोनों सेंट्रल आर्म्स पुलिस फोर्स के ही दो अलग अलग विभाग है, दोनों ही गृह मंत्रालय के अधीन होकर कार्य करते है, परंतु फिर भी इनके कुछ विशेष कार्य है, जो इस प्रकार है.
बीएसएफ़ या बार्डर सिक्योरिटी फोर्स (Border Security Force or BSF) – सीमा सुरक्षा बल (बार्डर सिक्योरिटी फोर्स) देश के प्रमुख अर्धसैनिक बलों में से एक है. इस दल का गठन साल 1965 में हुआ था और अब इसे सभी देशो में सबसे बड़े सुरक्षा बल की ख्याति प्राप्त है. इस दल में शामिल जवानो की ज़िम्मेदारी शांति के समय अपने देश के सीमावर्ती इलाकों की लगातार देखरेख करना और सीमा पर अंतराष्ट्रीय अपराध को होने से रोकना है. सीमा पर होने वाले अपराध जैसे तस्करी, घुसपैठ और अन्य अवैध गतिविधियों को रोकने की ज़िम्मेदारी भी इसी विभाग ने अपने कंधो पर ली हुई है. क्या आप जानते है हमारे देश की सीमा 6385.36 किलोमीटर लंबे इलाके में फैली हुई है, जिसमें रेगिस्तान, नदियां और हिम क्षेत्र शामिल है और बीएसएफ़ के जवान हर समय हर परिस्थिति में इन इलाकों की सुरक्षा करते है और उन क्षेत्रो में रहने वाले लोगों को सुरक्षा का अहसास करवाते है.
सीआरपीएफ़ या केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF or The Central Reserve Police Force) – सीआरपीएफ़ का पूर्ण नाम केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल है. यह भारत के सश्स्त्र पुलिस बलों में सबसे बड़ा है और इसकी ज़िम्मेदारी कानून बनाए रखने और आतंकवाद में पुलिस कार्यवाही में सहायता करना है. भारतीय सुरक्षा का यह विभाग आजादी के पहले ही अस्तित्व में आ गया था और साल 1939 में ही इसे क्राउन प्रतिनिधि पुलिस के रूप में मान्यता मिल गई थी. इसके बाद भारत की स्वतंत्रता के बाद 1949 में इस पर सीआरपीएफ़ के अधिनियम लागू हुए. 230 बटालियानों के साथ यह हमारे देश का सबसे बड़ा बल है.
बीएसएफ़ और सीआरपीएफ़ में अंतर (Difference Between BSF and CRPF)–
- यह दोनों ही सुरक्षा बल गृह मंत्रालय के अधीनस्थ होकर काम करते है, परंतु सीआरपीएफ़ का गठन आजादी के पूर्व का है, जबकि बीएसएफ़ क गठन 1965 में भारत पाक युध्द में सीमावर्ती क्षेत्रों में खतरो से निपटने की असमर्थता के बाद हुआ.
- बीएसएफ़ का काम शांति के समय हमारी बार्डर की निगरानी करना है, जबकि सीआरपीएफ़ का काम संविधान की सर्वोच्चता को बरकरार रखते हुए राष्ट्रीय अखंडता और समाज में शांति को बनाए रखते हुए और कानून को ध्यान में रखते हुए, लोक व्यवस्था और आंतरिक सुरक्षा को बनाए रखना है.
- इस समय बीएसएफ़ की 188 बटालियन है और लगभग 2.4 लाख जवान इसका हिस्सा है, जिन्हे भारतीय क्षेत्रों की रक्षा की पहली दीवार कहा जाता है, सीआरपीएफ़ भी एक बहुत बड़ा विभाग है, जिसमें 246 बटालियन है और लगभग 165000 जवान कार्यरत है.
इस प्रकार आप समझ सकते है, कि भारतीय सुरक्षा कि ज़िम्मेदारी कितनी बड़ी है. हम केवल भारतीय सेना को अच्छे से जानते और समझते है, परंतु इनके अतिरिक्त भी कई विभाग है, जो भारतीय सुरक्षा में अपनी जान दाव पर लगाए हुए है. जब अन्य विभागो के जवान शांति के समय और अन्य जगहो पर अपनी सेवाएँ देते है, तब ही भारतीय सेना के जवान अपनी ट्रेनिंग को पूरी कर युध्द के समय अपना बेहतरीन प्रदर्शन करते है और भारत के हिस्सो की हिफाजत अपनी जान पर खेलकर करते है. जय हिंद जय भारत.
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