मल्लिकार्जुन खड़गे का जीवन परिचय (जीवनी, पत्नी, बच्चे, धर्म, जाति, बेटी, लंबाई, वजन, परिवार, करियर, जन्मतारिक, जन्मस्थान, राजनीतिक पार्टी, शिक्षा, प्रोफेशन, माता-पिता, राजनीतिक करियर, कांग्रेस अध्यक्ष, पद, उपलब्धियां, ताजा खबर, संपत्ति, उम्र) Mallikarjun Kharge Biography in Hindi (date of birth, birth place, political party, education, profession, father, mother, wife, children, religion, caste, height, weight, family, political career, achievements, Congress President, property, latest news, net worth, history)
कांग्रेस पार्टी के नए अध्यक्ष को लेकर के 17 अक्टूबर साल 2022 में चुनाव हुए थे जिसमें मुख्य तौर पर प्रतिद्वंदी के तहत कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता मलिकार्जुन खड़गे और शशि थरूर का नाम लिया जा रहा था और इन्हीं दोनों लोगों में कांग्रेस पार्टी का नया अध्यक्ष बनने की टक्कर भी मानी जा रही थी।
इस प्रकार इलेक्शन के रिजल्ट अब आ चुके हैं जिसमें मलिकार्जुन खड़गे विजेता बने हैं और इस प्रकार से इन्हें कांग्रेस पार्टी का नया अध्यक्ष बनाया जाएगा। इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कि कैसे कर्नाटक में पैदा हुए एक सामान्य व्यक्ति मलिकार्जुन खड़गे कांग्रेस पार्टी के बड़े नेताओं में शामिल हो गए। आप इस आर्टिकल में “मल्लिकार्जुन खड़गे की बायोग्राफी” अथवा “मल्लिकार्जुन खड़गे की जीवनी” पढेंगे।
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मलिकार्जुन खड़गे का जीवन परिचय [Mallikarjun Kharge Biography in Hindi]
पूरा नाम: | मपन्ना मल्लिकार्जुन खड़गे |
लोगों द्वारा दिया गया नाम: [Other name] | सोलिल्लादा शारदरा |
व्यवसाय: [Profession] | राजनेता |
राजनीति पार्टी: [Political Party] | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC) |
लम्बाई: [Height] | 5’ 10” |
आँखों का रंग: | काला |
बालों का रंग: | सफ़ेद और काला |
जन्मतिथि: [Date of birth] | 21 जुलाई 1942 |
आयु (2022 के अनुसार) : [Age] | 80 वर्ष |
जन्म स्थान: [Birth place] | वारवती, कर्नाटक, भारत |
राशि: | कर्क |
राष्ट्रीयता: [Nationality] | ब्रिटिश भारतीय (21 जुलाई 1942-15 अगस्त 1947), भारतीय (15 अगस्त 1947-वर्तमान) |
गृहनगर: [Home town] | गुलबर्गा (अब कलबुर्गी), कर्नाटक |
स्कूल: [School] | नूतन विद्यालय, गुलबर्गा (10वीं कक्षा तक) |
शैक्षिक योग्यता: | बैचलर ऑफ आर्ट्स, बैचलर ऑफ लेजिस्लेटिव लॉ |
धर्म: [Religion] | बौद्ध |
जाति: [Caste] | दलित |
शौक: | किताबें पढ़ना, तर्कसंगत सोच |
पसंदीदा खेल: | कबड्डी, हॉकी और क्रिकेट |
मल्लिकार्जुन खड़गे का प्रारंभिक जीवन
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी में अपना अच्छा खासा दबदबा रखने वाले और सोनिया गांधी के करीबी राजनेताओं में गिने जाने वाले मल्लिकार्जुन खड़गे का जन्म साल 1942 में 21 जुलाई के दिन देश के कर्नाटक राज्य के बीदर जिले मे वारवट्टी इलाके में हुआ था।
इस प्रकार से जब हमारा भारत देश अंग्रेजों की गुलामी में था तभी मल्लिकार्जुन का जन्म हुआ था और तब के समय में बीदर जिला ब्रिटिश भारत के हैदराबाद में आता था।
इनके साथ दुखद बात यह हुई कि छोटी सी ही उम्र में कर्नाटक में हुए एक सांप्रदायिक दंगे में इनकी मां की हत्या कर दी गई। और इसी सांप्रदायिक दंगे की वजह से इन्हें गुलबर्गा जिले में अपने संपूर्ण परिवार के साथ स्थानांतरण करना पड़ा। हालांकि वर्तमान के समय में गुलबर्गा जिले को कुलबरगी के नाम से जाना जाता है।
मल्लिकार्जुन की गिनती कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेताओं में होती है। उन्होंने भारतीय गवर्नमेंट के पूर्व रेल मंत्री का पद भी संभाला हुआ है।
इनका पूरा नाम मपन्ना मल्लिकार्जुन खड़गे है। कर्नाटक में रहने वाले लोग इन्हें प्यार से सोलिल्लादा सरदारा के नाम से बुलाते हैं। इसका मतलब होता है बिना हार का नेता।
कर्नाटक के लोग इन्हें ऐसा इसलिए कहते हैं क्योंकि इन्होंने लगातार 9 बार कर्नाटक के गुलबर्गा सीट से विधानसभा का इलेक्शन लड़ा और इन्हें हर विधानसभा इलेक्शन में विजय प्राप्त हुई और लगातार यह 9 बार विधायक बने।
इतना ही नहीं यह कर्नाटक की गुलबर्गा लोकसभा सीट से सांसद भी रह चुके हैं। इनके द्वारा साल 1972 से लेकर के साल 2008 तक लगातार कर्नाटक में विधानसभा का इलेक्शन जीता गया और यह विधानसभा के सदस्य बने।
मल्लिकार्जुन खड़गे की शिक्षा [Mallikarjun Kharge Education]
जब यह थोड़े समझदार हुए तब इनके माता-पिता के द्वारा इनका एडमिशन एक प्रारंभिक विद्यालय में करवाया गया। प्रारंभिक विद्यालय में इन्होंने अपनी शुरुआती शिक्षा ग्रहण की।
इसके पश्चात इन्होंने गुलबर्गा जिले में मौजूद गवर्नमेंट आर्ट्स एंड साइंस कॉलेज में बैचलर ऑफ आर्ट्स की डिग्री में एडमिशन लिया और इन्होंने बैचलर ऑफ आर्ट्स की डिग्री की 3 साल की पढ़ाई करके प्राप्त की।
इसके पश्चात इन्होंने गुलबर्गा जिले में मौजूद सेठ शंकरलाल कानून कॉलेज में बैचलर ऑफ लेजिसलेटिव लो में एडमिशन लिया और इस पढ़ाई को पूरी करके इन्होंने कानून की डिग्री भी हासिल की। इस प्रकार से मल्लिकार्जुन कानून के भी काफी अच्छे जानकार हैं।
मलिकार्जुन खड़गे का परिवार [Mallikarjun Kharge Family]
इनके पिता जी का नाम मपन्ना खड़गे और इनकी माता जी का नाम साईबाव्वा खड़गे है। वर्तमान के समय में यह विवाहित है। साल 1968 में 13 मई के दिन इन्होंने राधाबाई नाम की महिला के साथ शादी की थी और इस प्रकार से राधाबाई खड़गे इनकी पत्नी है।
इनकी टोटल पांच संतान हैं जिनमें इनकी बेटी का नाम प्रियदर्शनी खड़गे हैं और मलिकार्जुन खड़गे के दो बेटे का नाम प्रियंक खड़गे और राहुल खड़गे हैं।
मल्लिकार्जुन खड़गे का बेटा प्रियंक खड़गे भी एक राजनेता है और इनका दूसरा बेटा राहुल आईटी कंपनी में एडवाइजर के तौर पर काम कर रहा है।
इसके अलावा इनकी बेटी प्रियदर्शनी डॉक्टर के पद पर है।मलिकार्जुन खड़गे को डॉक्टर भीमराव अंबेडकर में अत्याधिक विश्वास है और वर्तमान के समय में यह बौद्ध मजहब को मान रहे हैं।
मल्लिकार्जुन खड़गे का राजनीतिक सफ़र [Mallikarjun Kharge Political Career]
कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन ने अभी तक कई महत्वपूर्ण पदों पर काम किया और अपनी जिम्मेदारी बखूबी निभाई। नीचे हम आपको उनके राजनीतिक सफर के बारे में पूरी जानकारी सरल शब्दों में दे रहे हैं।
मलिकार्जुन खड़गे ने पहली बार साल 1969 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी की सदस्यता ग्रहण की और तब से लेकर के यह लगातार कांग्रेस पार्टी में ही है और इस दरमियान इन्होंने कांग्रेस पार्टी की सरकार में कई महत्वपूर्ण पदों पर काम किया, जिसमे प्रदेश स्तर से लेकर के केंद्रीय स्तर तक के पद शामिल है।
मलिकार्जुन खड़गे ने विधायक का चुनाव साल 1972 में लड़ा। यह विधायकी इन्होंने गुरमितकाल विधानसभा क्षेत्र से लड़ी थी और कमाल की बात यह रही कि लोगों ने इन्हें काफी पसंद किया और इन्हें बंपर वोट देकर गुरमितकाल विधानसभा क्षेत्र से विजेता बना कर अपना विधायक चुना। इस प्रकार से मल्लिकार्जुन ने सरकारी पद प्राप्त करने में सफलता हासिल की।
साल 1976 में मंत्री परिषद में पहली बार मलिकार्जुन खड़गे का नाम शामिल किया गया तब वह मौजूदा गवर्नमेंट में प्राथमिक और माध्यमिक एजुकेशन राज्य मंत्री बनाए गए।
साल 1972 के पश्चात साल 1978 में एक बार फिर से विधानसभा के चुनाव हुए। इस विधानसभा चुनाव में भी मल्लिकार्जुन ने गुरमितकाल विधानसभा से दोबारा विधायक के लिए अपना नामांकन करवाया और कमाल की बात यह रही कि फिर से इन्हें जनता के द्वारा अपना प्यार दिया गया।
और यह दूसरी बार गुरमितकाल विधानसभा से विधायक बनने में सफल हुए। इसी कार्यकाल के दरमियान साल 1979 में कर्नाटक राज्य की मौजूदा कांग्रेस गवर्नमेंट में मल्लिकार्जुन को कैबिनेट मंत्री का पद प्रदान किया गया।
मलिकार्जुन खड़गे को राज्य मंत्रिमंडल में ग्रामीण विकास मंत्री और पंचायती राज मंत्री भी बनाया गया था। साल 1980 से लेकर के साल 1983 तक कर्नाटक की वर्तमान कांग्रेस गवर्नमेंट में मल्लिकार्जुन खड़गे राजस्व और कैबिनेट मंत्री के पद पर विराजमान रहे।
साल 1983 में एक बार फिर से मल्लिकार्जुन खड़गे ने गुरमीतकल विधानसभा से विधायक का चुनाव लड़ा और चुनाव में विजेता हासिल की।
साल 1983 में इन्हें कर्नाटक विधानसभा के महासचिव के तौर पर भी सिलेक्ट किया गया।
कर्नाटक राज्य के प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महासचिव के तौर पर साल 1983 से लेकर के साल 1985 तक मल्लिकार्जुन खड़गे विराजमान रहे।
इस प्रकार आगे बढ़ते हुए साल 1989 में मल्लिकार्जुन खड़गे गुरमितकाल विधानसभा से विधायक बने। इसके पश्चात साल 1994 में, साल 1999 में और साल 2004 में भी इन्होंने गुरमितकाल विधानसभा से ही चुनाव लड़ा और विजय प्राप्त की।
मलिकार्जुन खड़गे के द्वारा साल 2009 में कर्नाटक राज्य के गुलबर्गा लोकसभा सीट से सांसदी का चुनाव लड़ा गया और इसमें भी जनता ने इन्हें भरपूर प्यार देकर इन्हें सांसद बनाया।
सांसद का पद ग्रहण करने के पश्चात साल 2009 में 31 मई के दिन मल्लिकार्जुन खड़गे को सेंट्रल मिनिस्ट्री में शामिल किया गया और उन्हें कैबिनेट मंत्री बनाया गया। इस दरमियान मलिकार्जुन खड़गे ने श्रम और रोजगार मंत्री का पद ग्रहण किया और लगातार साल 2013 तक 17 जून के दिन इन्होंने इस पद पर बखूबी काम किया।
साल 2013 में 17 जून के दिन मंत्रिमंडल में कुछ बदलाव करके मल्लिकार्जुन खड़गे को सेंट्रल केबिनेट मंत्री और रेलवे मिनिस्टर बनाया गया। इस पद पर इन्होंने साल 2014 में 26 मई तक काम किया। हालांकि साल 2014 में हुए इलेक्शन में कांग्रेस पार्टी चुनाव हार गई और भारतीय जनता पार्टी ने केंद्र सरकार के तौर पर अपनी सरकार बनाई।
भले ही साल 2014 में कांग्रेस पार्टी इलेक्शन हार गई परंतु कर्नाटक की गुलबर्गा विधानसभा से यह एक बार फिर से सांसद बनने में कामयाब हुए। साल 2014 में कांग्रेस पार्टी के अधिकतर नेता चुनाव हार गए थे परंतु मल्लिकार्जुन खड़गे ने चुनाव जीतने के लिए काफी मेहनत की और उन्हें अपनी मेहनत का फल भी प्राप्त हुआ।
ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी के महासचिव का पद साल 2018 में मलिकार्जुन खड़गे को दिया गया और इसी साल इन्हें कांग्रेस वर्किंग कमेटी का मेंबर भी बनने का मौका मिला परंतु साल 2019 के लोकसभा इलेक्शन में मल्लिकार्जुन खडके के द्वारा किए गए लाख प्रयत्न के बावजूद भी कर्नाटक की गुलबर्गा सीट से लोकसभा का इलेक्शन नहीं जीत सके। इसके पीछे कारण था कांग्रेस पार्टी की लोगों में खराब छवि और भारतीय जनता पार्टी का देश में बढ़ता हुआ दबदबा।
साल 2020 में जून के महीने में इन्हें राज्यसभा के लिए चुना गया। इसके पश्चात साल 2021 के फरवरी के महीने में मल्लिकार्जुन खड़गे को कांग्रेस पार्टी के राज्यसभा का नेता बनाया गया।
क्यों चर्चा में है मल्लिकार्जुन खड़गे?
काफी लंबे समय के पश्चात कांग्रेस पार्टी की प्रमुख सोनिया गांधी के द्वारा यह निर्णय लिया गया है कि अब परिवार का कोई सदस्य कांग्रेस पार्टी का नया अध्यक्ष नहीं बनेगा बल्कि पार्टी का ही कोई भरोसेमंद सदस्य कांग्रेस पार्टी का नया अध्यक्ष बनेगा।
साल 2022 में 17 अक्टूबर के दिन कांग्रेस पार्टी के द्वारा अध्यक्ष की खोज के लिए वोट करवाया गया था जिसमें शशि थरूर और मल्लिकार्जुन खड़गे एक दूसरे के सामने खड़े हुए दिखा दिए थे। साल 2022 में ही 19 अक्टूबर के दिन इस इलेक्शन का रिजल्ट आने वाला है।
रिजल्ट में जिस व्यक्ति को सबसे अधिक वोट प्राप्त हुआ होगा उसे ही कांग्रेस पार्टी का नया अध्यक्ष बनाया जाएगा, जिसके संरक्षण में कांग्रेस पार्टी अपनी आगे की रणनीति तय करेगी।
मलिकार्जुन खड़गे बने कांग्रेस पार्टी के नए अध्यक्ष [Mallikarjun Kharge as Congress President]
कांग्रेस पार्टी के नए अध्यक्ष के लिए हुए चुनाव के रिजल्ट अब आ चुके हैं। साल 2022 में 19 अक्टूबर को नए अध्यक्ष के नाम की घोषणा की गई और इस प्रकार से कांग्रेस पार्टी के नए अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे बने।
इन्होंने तकरीबन 7000 से भी अधिक वोटों से विजय प्राप्त की, वहीं शशि थरूर को 1000 से अधिक वोट मिले। लगातार 9 बार कर्नाटक से विधायक रहने वाले और कई बार सांसद के पद को संभालने वाले मलिकार्जुन खड़गे की गिनती गांधी परिवार के भरोसेमंद नेताओं में होती है।
कांग्रेस पार्टी का नया निर्वाचित अध्यक्ष बनने के पश्चात कांग्रेस के नेता शशि थरूर के द्वारा मलिकार्जुन खड़गे से उनके घर पर जाकर मुलाकात की गई और उन्होंने मलिकार्जुन खड़गे को शुभकामनाएं दी, साथ ही ट्विटर पर ट्वीट करते हुए लिखा कि मैं मलिकार्जुन खड़गे को बधाई देता हूं और उन्हें पूरा सहयोग देने का भी ऐलान करता हूं।
मलिकार्जुन खड़गे की कुल संपत्ति [Mallikarjun Kharge Net Worth/Property]
प्राप्त जानकारी के अनुसार मलिकार्जुन खड़गे के पास तकरीबन ₹300000 नगद है। इसके अलावा इनकी बैंक में जमा राशि 1,74,93,120 है। इसके अलावा शेयर, डिवेंचर और बॉन्ड मिला करके इनके पास 25,37,214 की संपत्ति है तथा इनके पास तकरीबन 39,66,000 के गहने हैं।
इसके अलावा इनके पास उपलब्ध खेती की जमीन की कुल कीमत ₹1,44,36,200 है और इनके पास गैर कृषि भूमि भी है जिसकी कीमत
42,93,640 रुपये है। इसके अलावा इनके पास मौजूद सभी बिल्डिंग की कीमत 2,63,76,375
है तथा आवासीय भवन की कीमत 8,79,70,348 रुपये है।
मलिकार्जुन खड़गे की उपलब्धियां [Mallikarjun Kharge Achievements]
- मलिकार्जुन खड़गे के द्वारा सिद्धार्थ विहार ट्रस्ट नाम की एक संस्था का निर्माण किया गया है। इसी संस्था के द्वारा कर्नाटक के गुलबर्गा जिले में बुध विहार का निर्माण किया गया है।
- मलिकार्जुन खड़गे चौधिया मेमोरियल हॉल के संरक्षक भी हैं। इस मेमोरियल हॉल के द्वारा नवीनीकरण के लिए केंद्र की योजनाओं की सहायता की जाती है।
- इनके द्वारा ही कर्नाटक में पीपुल्स एजुकेशन सोसाइटी की स्थापना गुलबर्गा जिले में की गई थी और यह साल 2012 तक इसके संस्थापक थे।
- मलिकार्जुन खड़गे सिद्धार्थ एजुकेशन सोसाइटी के अध्यक्ष भी रह चुके हैं।
- यह प्रमुख तौर पर कर्नाटक राज्य में मेडिकल और टेक्निकल इंस्टिट्यूट के उद्घाटन में शामिल होते हैं।
मलिकार्जुन खड़गे के विवाद [Mallikarjun Kharge Controversy]
मोहर्रम पर नाचने के बयान पर विवाद
मल्लिकार्जुन के द्वारा एक बार मध्यप्रदेश में भोपाल शहर के एक कांग्रेस कमेटी ऑफिस में दिए गए बयान पर विवाद हो गया था। अपने बयान में मल्लिकार्जुन ने कहा था कि बकरीद पर बचेंगे तब मोहर्रम में नाचेंगे।
भाजपा पार्टी के द्वारा इसे विवादित और आपत्तिजनक बयान करार दिया था और कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष के पद से मलिकार्जुन खड़गे का नामांकन वापस लेने की मांग भी की गई थी।
कर्नाटक हिजाब विवाद
कर्नाटक हिजाब विवाद पर मलिकार्जुन खड़गे के द्वारा भाजपा पार्टी को घेरते हुए कहा गया कि भाजपा पार्टी के सभी सदस्य ही विवाद के लिए जिम्मेदार है।
उन्होंने अपने बयान में कहा कि वर्तमान के समय में कर्नाटक में जो कुछ भी घटित हो रहा है उसके लिए गवर्नमेंट और विशेष रूप से भाजपा के सदस्य जिम्मेदार हैं। इसका कारण बताते हुए मल्लिकार्जुन ने कहा कि अभी चुनाव चल रहे हैं और भाजपा पार्टी चुनाव में सांप्रदायिक ध्रुवीकरण कर के लाभ लेना चाहती है।
धर्मांतरण कोई नई बात नहीं
साल 2019 के आम चुनाव से पहले भाजपा और पीएम मोदी के खिलाफ भी मल्लिकार्जुन खड़गे ने जहरीली बात बोली थी। उन्होंने कहा था कि अगर मोदी जी को और पावर मिल जाती है तो समझ लीजिए कि फिर इस देश में सनातन धर्म और आरएसएस की हुकूमत आ जाएगी।
FAQ:
ANS: कांग्रेस पार्टी के नए अध्यक्ष
ANS: 7000
ANS: 17 अक्टूबर 2022
ANS: 19 अक्टूबर साल 2022
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