आईपी (इन्टरनेट प्रोटोकॉल) एड्रेस क्या है | What is IP Address and Information in hindi

आईपी (इन्टरनेट प्रोटोकॉल) एड्रेस क्या है  What is IP Address and Information in hindi

हम लोग जिस कंप्यूटर का प्रयोग कई कामों के लिए करते हैं, उसमे कई सारे काम आईपी की सहायता से होते है. इसकी सहायता से किसी कंप्यूटर का सारा विवरण प्राप्त किया जा सकता है. यहाँ पर आईपी एड्रेस से सम्बंधित विशेष बातों की जानकारी दी जा रही है.

आईपी एड्रेस क्या है (What is IP Address)

आईपी एड्रेस का पूरा नाम ‘इन्टरनेट प्रोटोकॉल’ है. इस एड्रेस के अंतर्गत यूनिक नंबर आता है. यह आईपी एड्रेस उन सभी ऑनलाइन प्रक्रिया से संलग्न रहते हैं, जो आपके कंप्यूटर से किया जाता है. आईपी एड्रेस के दो मुख्य कार्य है. इंटरनेट की आवश्यकता यहाँ पढ़ें.

  • यह नेटवर्क इंटरफ़ेस आइडेंटिफिकेशन अथवा होस्ट की तरह से कार्य करता है.
  • इसकी सहायता से कंप्यूटर की लोकला एड्रेसिंग पूरी हो पाती है.

इन्टरनेट प्रोटोकॉल एक तरह से ‘सेट ऑफ़ रूल’ होता है, जो कि पूरे विश्व भर के अंतर्गत होने वाले इन्टरनेट एक्टिविटी का नियंत्रण और नियमन करता है. यह ग्लोबली तौर पर ‘इन्टरनेट एसाइन्ड नंबर्स अथॉरिटी’ और 5 ‘रीजनल इन्टरनेट रजिस्ट्री’ द्वारा संचालित किया जाता है.

ip address

आईपी का प्रयोग (IP Address Uses)

आईपी एड्रेस मॉडर्न कंप्यूटर टेक्नोलॉजी का एक अहम् हिस्सा हो चूका है, क्योंकि लगभग सभी जगह पर कंप्यूटर का प्रयोग इन्टरनेट एक्सेस के लिए होता है, जिसके लिए आईपी का होना अनिवार्य है.

  • आईपी एड्रेस एक बहुत बड़ी संख्या में विभिन्न तरह के ऑनलाइन डिवाइस के लोकेशन में मदद करता है, जो कि इन्टरनेट से जुड़े हुए होते हैं.
  • यदि कोई व्यक्ति आपको किसी तरह के लैटर भेजने के लिए मैलिंग एड्रेस चाहता हो, तो एक रिमोट कंप्यूटर को आपके आईपी की आवश्यकता पड़ती है.

आईपी एड्रेस के प्रकार (IP Address Types)

किसी कंप्यूटर का आईपी एड्रेस दो तरह का होता है, जिसका वर्णन नीचे किये जा रहा है,

  1. स्टेटिक आईपी : किसी कंप्यूटर का स्टैटिक आईपी एड्रेस कभी बदलता नहीं है. यह एक परमानेंट इन्टरनेट एड्रेस की तरह से काम करते हैं और आपको अपने कंप्यूटर सिस्टम को नियंत्रित करने के आसान रास्ते प्राप्त हो जाते हैं. स्टैटिक आईपी की सहयता से महाद्वीप, देश, क्षेत्र और शहर आदि की जानकारी प्राप्त हो सकती है, जहाँ से कम्प्यूटर ऑपरेट किया जा रहा हो.  
  2. डायनामिक आईपी : डायनामिक आईपी किसी कंप्यूटर में अस्थायी रूप से रहता है. यह वास्तव में आईपी पूल के सहारे बोरो किया जाता है, जो कि विभिन्न कंप्यूटर के अंतर्गत सेट किया जाता है. इसकी कास्टिंग बहुत कम होती है, और इसके अंतर्गत किसी ऑनलाइन कार्य के लिए अधिक संख्या में सब्सक्राइबर्स आ जाते हैं.

आपके कंप्यूटर का आईपी एड्रेस (What is My IP Address in hindi)

आप अपने कंप्यूटर सिस्टम में से आईपी एड्रेस प्राप्त करने के लिए ipconfig (IPCONFIG) कमांड लाइन टूल का प्रयोग कर सकते हैं. इसकी सहायता से आपके कंप्यूटर स्क्रीन पर सभी तात्कालिक TCP तथा IP नेटवर्क कॉन्फ़िगरेशन वैल्यू आ जाते हैं. इसी के साथ डायनामिक होस्ट कॉन्फ़िगरेशन प्रोटोकॉल (DHCP) और डोमेन नेम सिस्टम (DNS) सेटिंग भी रिफ्रेश हो जाते हैं. किसी विंडो कंप्यूटर में कमांड प्रांप्ट खोलने के लिए नीचे दिए निर्देश का पालन करें.

  • start > All Programs > Accessories > Command Prompt.

इस तरह से आपके कंप्यूटर पर कमांड प्रांप्ट खुल जाएगा और आप दिए गये कमांड लाइन टूल पर ipconfig टाइप कर इंटर करने से अपना आईपी एड्रेस पा सकते हैं.

ऑनलाइन तरीक़े से भी आप अपने कंप्यूटर सिस्टम की आईपी पता कर सकते हैं, जिसके लिए आपको गूगल सर्च में जाकर ‘My IP address’ लिख कर सर्च करना होगा. आपके सामने आपके कंप्यूटर का आईपी एड्रेस आ जायेगा.

आईपी एड्रेस वर्शन (IP Address Versions)

आईपी एड्रेस वर्शन मुख्यतः दो प्रकार के होते है. पहला है आईपी वर्शन 4 और दूसरा है आईपी वर्शन 6. इन दोनों का संक्षिप्त रचनात्मक विवरण यहाँ दिया जा रहा है.

  1. इन्टरनेट प्रोटोकॉल वर्शन 4 (IPv4) :
  • 32 बिट नंबर.
  • 4 ओक्टेट
  • उदाहरण: 172.115.56.48
  1. इन्टरनेट प्रोटोकॉल वर्शन 6 (IPv6) :
  • 128 बिट नंबर.
  • 16 ओकटेट
  • उदाहरण: 2001:0:9d38:90d7:2c0f:19de:4b28:afba

आईपी एड्रेस का फॉर्मेट (IP Address Format)

आईपी एड्रेस दरअसल एक संख्या के रूप में होता है, किन्तु कई बार यह नम्बर कुछ अक्षरों के साथ अल्फानुमेरिक भी हो सकता है. उदाहर के तौर पर दो आईपी के फॉर्मेट नीचे दिए जा रहे हैं,

  • 116.204.1
  • 2011:d9b8:04f1:1234:0qp34:4b67:8stg:1ab0

आईपी एड्रेस क्लासेज (IP Address Classes)

यह आईपी विभिन्न तरह के क्लास में बंटा हुआ होता है. सुविधा और प्रयोग के अनुसार आईपी को पांच विभिन्न क्लास में बांटा गया है, जिसमें से तीन का प्रयोग बहुत अधिक होता है. इसके अंतर्गत क्लास ए, क्लास बी, क्लास सी, क्लास डी, क्लास ई एड्रेस के आईपी होते है. यहाँ पर उदाहरण के साथ इसका वर्णन किये जा रहा है.

  • क्लास ए एड्रेस : क्लास ए आईपी का पहला ओक्टेट रेंज 1 से 127 तक का होता है. क्लास ए एड्रेस आईपी का प्रयोग लार्ज नेटवर्क के लिए किया जाता है. इसका डिफ़ॉल्ट सबनेट मास्क है : 255.0.0.0

अतः क्लास ए के आई पी एड्रेस का नेटवर्क होस्ट आई डी है : N.H.H.H

  • क्लास बी एड्रेस : क्लास बी के अंतर्गत 128 से 191 के बीच के आईपीओ एड्रेस होते है. इसका प्रयोग मीडियम नेटवर्क के लिए किया जाता है. इस क्लास का ‘डिफ़ॉल्ट सबनेट’ 255.255.x. है.

क्लास बी के आईपी एड्रेस का नेटवर्क होस्ट आई डी है : N.N.H.H

  • क्लास सी एड्रेस : इसका आईपी रेंज है 192- 223 है, इसका प्रयोग स्माल रेंज के नेटवर्क के लिए किया जाता है. इस तरह के आईपी का डिफ़ॉल्ट सबनेट है : N.N.H

क्लास सी के आईपी एड्रेस का रेंज 192.0.0.x to 223.255.255.x होगा, और डिफ़ॉल्ट सबनेट 255.255.255.x. होगा.

  • क्लास डी एड्रेस: इसका रेंज 224 से 239 है, इस आईपी एड्रेस का रेंज 224.0.0.0 से 239.255.255.255 होगा. क्लास डी आईपी को मल्टिकास्टिंग के लिए रिज़र्व रखा गया है. मल्टीकास्टिंग डाटा किसी पर्टिकुलर होस्ट के लिए नहीं होता है. इस तरह के आईपी का कोई सबनेट मास्क नहीं होता है.
  • क्लास ई एड्रेस: इस तरह के आईपी एड्रेस का प्रयोग या तो रिसर्च और डेवलपमेंट के लिए अथवा स्टडी के लिए किया जाता है. इस क्लास के आईपी एड्रेस का रेंज 240.0.0.0 से 255.255.255.254 के बीच का होता है. इस आईपी एड्रेस का भी कोई सबनेट मास्क नहीं होता है.

आईपी कैसे कार्य करता है (How Does the IP Work)

कोई भी ऐसा डिवाइस जो कि इन्टरनेट से जुड़ा हो, तो वह डिवाइस बिना आईपी के काम नहीं कर सकता है. इसकी सहयात से आपके सिस्टम को मिलने वाले सिग्नल के बारे में यह पता चल पाता है कि वह कहाँ से आ रहा है. इसी तरह से आपके सिस्टम द्वारा भेजे जाने वाले सिग्नल्स भी उसे पाने वाले अन्य कंप्यूटर इसी के माध्यम से डिटेक्ट कर पाते है.  असल में यह किसी कंप्यूटर के लिए ठीक उसी तरह का कार्य करता है, जो कि कोई नंबर प्लेट अपनी गाडी के लिए करता है. किसी कंप्यूटर का आईपी एड्रेस उसके मालिक की जानकारी देता है. साथ ही आईपी एक मशीन को किसी दुसरे मशीन के साथ लोकेट करने का भी कार्य करता है.

गूगल आईपी एड्रेस कैसे इस्तेमाल करता है (How Google Use IP Address)

गूगल आईपी का प्रयोग अपने यूजर के लोकेशन के अनुसार कस्टमाइज करने लिए करता है. ध्यान दें कि किसी भी आईपी के साथ उसके यूजर का लोकेशन जुड़ा हुआ रहता है. गूगल इस्तेमाल करने वाले सभी यूजर की आईपी गूगल को प्राप्त होती रहती है, और इस वजह से जब भी हम गूगल सर्च इंजन पर कुछ भी सर्च करते हैं, तो सर्च रिजल्ट हमें हमारे लोकेशन के अनुसार प्राप्त होती है. यहाँ पर Google.Com द्वारा प्रयोग किये जाने वाले आईपी रेंज का विवरण दिया जा रहा है. गूगल से पैसे कैसे कमायें यहाँ पढ़ें.

  • गूगल द्वारा Google.com के लिए आईपी रेंज का प्रयोग :
  1. 233.160.0 – 64.233.191.255
  2. 102.0.0 – 66.102.15.255
  3. 249.64.0 – 66.249.95.255
  4. 14.192.0 – 72.14.255.255
  5. 125.0.0 – 74.125.255.255
  6. 85.128.0 – 209.85.255.255
  7. 239.32.0 – 216.239.63.255
  • गूगल डीएनऐस आईपी एड्रेस : गूगल आईपी एड्रेस 8.8.8.8 और 8.8.4.4 के बीच का होता है. इसका प्रयोग गूगल पब्लिक DNS के अंतर्गत होता है. DNS का प्रयोग हालांकि गूगल के अलावा अन्य कंपनी भी करती हैं.
  • गूगलबोट आईपी एड्रेस : गूगल Google.com के अलावा goolgebot वेब्क्रेव्ल के लिए भी आईपी का प्रयोग करता है. यहाँ पर इस कम रेंज का वर्णन किया जा रह है.
  1. 68.90.1 – 64.68.90.255
  2. 233.173.193 – 64.233.173.255
  3. 249.64.1 – 66.249.79.255
  4. 239.33.96 – 216.239.59.128

पब्लिक आईपी एड्रेस क्या है (Public IP Address)

पब्लिक आईपी एड्रेस उस तरह के आईपी एड्रेस हैं, जिसका प्रयोग तब होता है जब कोई डिवाइस आईएसपी से जोड़ा जाता है. उदाहरण के तौर पर किसी घर में चलने वाले इन्टरनेट डिवाइस पब्लिक आईपी के अंतर्गत आते हैं. यह उन सभी डिवाइस को अन्य डिवाइस से अलग करता है जो कि किसी भी पब्लिक नेटवर्क से जुड़े हुए होते हैं और एक यूनिक आईपी एड्रेस के इन्टरनेट से लाभ उठाते हैं. आप इसके उदाहरण के लिए अन्य एड्रेस जैसे ईमेल एड्रेस, आपका घर का एड्रेस आदि की तरह से सोच सकते हैं. जो यह तय करता है कि आपके ईमेल अथवा घर के पते पर भेजा गया सन्देश केवल आपको ही प्राप्त होगा. इसी तरह से पब्लिक आईपी भी कार्य करता है, जिसके अंतर्गत भेजा गया समस्त डिजिटल रिक्वेस्ट सिर्फ और सिर्फ आपके डिवाइस को ही प्राप्त हो न कि अन्य किसी को.

प्राइवेट आईपी क्या है (Private IP Address)

प्राइवेट आईपी के अंतर्गत वे आईपी एड्रेस आते हैं, जिसका प्रयोग LAN, MAN अथवा WAN के लिए किया जाता है. उदाहरण स्वरूप किसी बैंक में प्रयोग होने वाला आईपी एड्रेस. 

इन्टरनेट एसाइन्ड नंबर अथॉरिटी (IANA) ने कुछ विशेष आईपी एड्रेस को प्राइवेट आईपी एड्रेस के अंतर्गत रखा है ये आईपी एड्रेस निम्नलिखित हैं,

  1. 0.0.0 to 10.255.255.255
  2. 16.0.0 to 172.31.255.255
  3. 168.0.0 to 192.168.255.255

इस आईपी एड्रेस के अंतर्गत आने वाले डिवाइस का आईपी एड्रेस प्राइवेट आईपी एड्रेस होगा. इसके पहले आईपी एड्रेस रेंज के अंतर्गत कुल 16 मिलियन एड्रेस आते हैं. इसके बाद दूर वाले रेंज के अंतर्गत 1 मिलियन आईपी एड्रेस आते हैं और अंत वाले रेंज में कुल 65,000 आईपी एड्रेस आते हैं. इसका प्रयोग किसी तरह के विशेष स्टुप के लिए किया जाता है. उदाहरण के तौर पर यदि आपके होम राऊटर से आप कुछ यूजर को अपने इन्टरनेट की सुविधा दे रहे है और आप अपने अंतर्गत लोगों को देने वाले इन्टरनेट 192.168.1.1 उसके बाद 192.168.1.2 आदि आईपी एड्रेस सेट कर रहे हैं, तो इसे प्राइवेट आईपी कहा जाएगा. ध्यान देने वाली बात यह है कि प्राइवेट आईपी पब्लिक आईपी से सीधे संलग्न नहीं हो सकती है. 

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अंकिता दीपावली की डिजाईन, डेवलपमेंट और आर्टिकल के सर्च इंजन की विशेषग्य है| ये इस साईट की एडमिन है| इनको वेबसाइट ऑप्टिमाइज़ और कभी कभी आर्टिकल लिखना पसंद है|

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