भारत में फ्लिप्कार्ट का इतिहास व सफलता की कहानी | Indian Flipkart history and success story in hindi
फ्लिप्कार्ट एक इलेक्ट्रॉनिक कॉमर्स वेबसाइट है, जो आज सफलता के नए नए आयाम छू रही है. इस कंपनी का मुख्यालय कर्नाटक राज्य के बैंगलोर शहर में स्थित है. इस वेबसाइट की सहायता से कई लोग घर बैठे विभिन्न तरह के वस्तुओ को खरीदते एवं बेचते रहे हैं. इसकी कंपनी की स्थापना अक्टूबर सन् 2007 में सचिन बंसल और बिन्नी बंसल के द्वारा की गयी. तात्कालिक समय में यह कंपनी कुल कीमत 11.6 बिलियन डॉलर की है. इसकी सफलता के पीछे के इतिहास का वर्णन नीचे किया जा रहा है.
फ्लिप्कार्ट का इतिहास (Flipkart history in hindi)
- सचिन बंसल और बिन्नी बंसल दोनों ने इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी (आईआईटी) दिल्ली से पढ़ाई की हुई है. इन्होंने शिक्षा समाप्त होने के बाद एक मशहूर इलेक्ट्रॉनिक कॉमर्स वेबसाइट अमेज़न के लिए काम करना आरम्भ किया. इस कंपनी में कम करते हुए इन्हें अपनी कंपनी स्थापित करने का विचार आया और दोनों ने अक्टूबर 2007 को इस कंपनी को त्यागपत्र देकर एक अपनी कंपनी की शुरुआत की.
- सबसे पहले इन दोनों ने जिस कंपनी की स्थापना की उसका नाम था फ्लिप्कार्ट ऑनलाइन सर्विस प्राइवेट लिमिटेड. इस सर्विस की सहायता से इन्होंने सबसे पहले किताब बेचने का व्यापार आरम्भ किया. इस समय ये ‘लीविंग माइक्रोसॉफ्ट टू चेंज द वर्ल्ड’ के लिये कार्य कर रहे थे.
- वर्ष 2011 के अक्टूबर- नवम्बर के दौरान इन्होंने दो वेबसाइट और बनाए, जिनके नाम Mime360.com और chakpak.com थे. इन वेबसाइट की सहायता से कंपनी ने और भी बेहतर प्रदर्शन किया. वर्ष 2012 के दौरान इस कंपनी ने एक डिजिटल म्यूजिकल स्टोर का आरम्भ किया. इस म्यूजिकल स्टोर का नाम ‘फ्लाईट डिजिटल म्यूजिक स्टोर’ था. इस म्यूजिक स्टोर की सहायता से लोग कानूनी तौर पर म्यूजिक डाउनलोड कर सकते थे, किन्तु यह वर्ष 2013 के दौरान बंद हो गया.
- इस वेबसाइट के बंद होने की सबसे बड़ी वजह ये थी कि बहुत जल्दी ही कई ऐसे वेबसाइट भारत में आ गये थे, जो मुफ्त में गाने डाउनलोड करने का विकल्प देते थे. ऐसे में कोई पैसे लगाकर म्यूजिक नहीं खरीदना चाहता था.
- वर्ष 2014 में फ्लिपकर्ट ने एक ‘बिग बिलियन सेल’ का आयोजन किया. इस सेल के आयोजन के दौरान फ्लिप्कार्ट को बहुत अधिक लाभ प्राप्त हुआ और इस व्यापार का टर्नओवर कुल 300 मिलियन डॉलर का था.
- वर्ष 2015 में अपनी डिलीवरी सर्विस को बेहतर बनाने के लिए मैपमायइंडिया से नेविगेशन और आसान एवं सरल रास्ता खोजने की तकनीकी को खरीदा ताकि यह मैपमायइंडिया के उपकरणों की सहायता से सरलता से अपने आर्डर को सही जगह पहुंचा सकें.
इंडस्ट्रीज | प्राइवेट कम्पनी |
उत्पत्ति | 2007 |
जनक | सचिन बंसल व बिन्नी बंसल |
मुख्यालय | बैंगलोर,कर्नाटक, इंडिया |
सेवाए | ई-कॉमर्स (ऑनलाइन सर्विसेज) |
स्लोगन | “अब हर Wish होगी पूरी .” |
फिल्प्कार्ट का आर्थिक इतिहास:
इस कंपनी के आरंभिक समय में दोनों ने मिल कर केवल वेबसाइट तैयार करने के लिए लगभग 6,200 डॉलर खर्च किया. इसके बाद अपने प्रोजेक्ट की सहायता से इस कंपनी को बाद में कई कंपनियों से आर्थिक सहयोग प्राप्त हुआ. कालांतर में फ्लिप्कार्ट को वर्ष 2009 के दौरान एक्सेल इंडिया की तरफ से 1 मिलियन डॉलर, वर्ष 2010 में टाइगर ग्लोबल की तरफ से 10 मिलियन डॉलर और वर्ष 2011 में 20 मिलियन डॉलर का सहयोग प्राप्त हुआ. वर्ष 2012 में फ्लिप्कार्ट ने ऐलान किया कि उन्हें नेस्पेर्स ग्रुप और आइकॉनिक की तरफ से कुल 150 मिलियन डॉलर का निवेश प्राप्त हुआ है. इस वजह से इनका व्यापार बेहद अच्छे से चलने लगा. इनकी सफलता को देखते हुए कई अन्य इन्वेस्टर्स भी इस कंपनी की तरफ आकर्षित हुए. वर्ष 2013 के 10 जुलाई के दौरान इन्हें इन तमाम निवेशकर्ताओं से 200 मिलियन डॉलर का इन्वेस्ट प्राप्त हुआ.
वर्ष 2014 में फ्लिप्कार्ट ने केवल 10 घंटे के सेल में कुल 6.5 बिलियन डॉलर का व्यापार किया. इस आयोजन का नाम ‘द बिग बिलियन डे’ रखा गया था. फ्लिप्कार्ट ने इस सेल को ई कॉमर्स का सबसे बड़ा सेल बताया था. इसी वर्ष दिसम्बर के दौरान फ्लिप्कार्ट ने घोषणा किया कि वह सिंगापुर की एक कंपनी के साथ भी मिल करके कार्य करने वाला है. इस पार्टनरशिप के ज़रिये फ्लिप्कार्ट एक पब्लिक कंपनी हो गया, जिसकी कुल बजट 700 मिलियन डॉलर से अधिक की थी. इस समय फ्लिप्कार्ट को और नए इन्वेस्टर्स जैसे बिल्ली गिफ्फोर्ड, क़तर इन्वेस्टमेंट अथॉरिटी, स्टेडव्यू कैपिटल आदि से निवेश प्राप्त हुआ है.
अगस्त 2015 के समय तक इस कंपनी के पास कुल 16 निवेशकर्ता मौजूद थे और यह कंपनी लगभग 3 बिलियन की हो गई थी.
फ्लिप्कार्ट ने 10 अप्रैल 2017 के दौरान यह घोषणा की कि, कंपनी के पास साफ तौर पर कुल 1.4 बिलियन डॉलर मौजूद हैं. पुनः इसी वर्ष अगस्त के महीने में सॉफ्टबैंक विज़न फण्ड ने इस कंपनी में 2.5 बिलियन डॉलर निवेश (इन्वेस्ट) किया.
विभिन्न उत्पादों की शुरुआत :
अपनी व्यापारिक सफलता की वजह से फ्लिपकार्ट काफ़ी मशहूर हो गया. इसके बाद कई बड़ी कम्पनियां इस साईट पर अपने नये प्रोडक्ट्स लॉन्च भी करने लगीं.
- फरवरी 2014 में मोटोरोला और फ्लिप्कार्ट के बीच एक समझौता हुआ. इस समझौते के बाद फ्लिपकार्ट ने 19 मार्च 2014 में अपनी वेबसाइट से मोटो- एक्स स्मार्ट फोन बेचना आरम्भ किया. 13 मई 2014 को इस कंपनी ने अपनी साईट से मोटोरोला का ही एक सस्ता फोन मोटो- ई भी बेचना शुरू किया.
- इसी वर्ष 2 सितम्बर 2014 को फ्लिकार्ट ने xiaomi Redmi 1s स्मार्ट फोन भी बेचना आरम्भ किया. यह फोन भारत में जुलाई 2014 में रिलीज हुआ था. इस सेल के दौरान कुछ क्षणों में ही कुल 40,000 स्मार्टफ़ोन बिक गये थे.
- फ्लिप्कार्ट ने जुलाई 2017 माइक्रोमैक्स का यू यूनिके 2 स्मार्टफोन लॉन्च किया. इस लॉन्च के समय इस मोबाइल की कीमत महज 5,999 रूपए थी. इसके अलावा फ्लिपकार्ट ने अपनी तरफ से भी मोबाइल, स्मार्टफोन, फैबलेट. नेटवर्किंग राऊटर आदि लॉन्च किये.
पुरस्कार और उपलब्धियां (Awards and Achivements)
फ्लिप्कार्ट को प्राप्त अवार्ड और उपलब्धियों का वर्णन नीचे किया जा रहा है.
- अप्रैल 2016 में फ्लिप्कार्ट की सफलता की वजह से कंपनी के मालिक सचिन बंसल और बिन्नी बंसल का नाम टाइम्स मैगज़ीन में ‘100 मोस्ट इन्फ्लूएंशल पीपल’ (100 सर्वाधिक प्रभावशाली व्यक्ति) की सूची में आया.
- सितम्बर 2015 में मं दोनों का नाम फोर्ब्स द्वारा जारी किये गये ‘फोर्ब्स इंडिया रिच लिस्ट’ में आया. इस सूची में इनका नाम 86 वें स्थान पर था. इस समय दोनो मालिकों के पास अलग अलग 1.3 बिलियन डॉलर की राशि थी.
- सचिन बंसल को इकोनॉमिक्स टाइम्स की तरफ से ‘इंटरप्रेन्योर ऑफ़ द इयर 2012- 2013’ के ख़िताब से समानित किया गया. फ्लिप्कार्ट कंपनी को वर्ष 2012 में सीएनबीसी की तरफ से ‘यंग टर्क ऑफ़ थे इयर’ के ख़िताब से सम्मानित किया गया.
विवाद (Controversy)
फ्लिप्कार्ट का सबसे बड़ा विवाद इनकी सर्विस को लेकर रहा है. एक बड़ी कंपनी होने के बावजूद भी इस कंपनी में तकनीकी दिक्कतें आती रहती है, जिसकी वजह से लोगों में इसकी आलोचना भी होती है. फ्लिप्कार्ट पर अपलोड किये गये सामानों की कीमतों की वजह से भी इस कंपनी की आफी आलोचना होती है. कई बार सामानों की क़ीमत आवश्यकता से अधिक होती है, जिससे ग्राहक काफ़ी परेशान होते है. अतः सर्विस और क़ीमत को लेकर इस कंपनी की आलोचना आये दिन होती है.
अनुमानित लाभ
किसी भी कम्पनी के बारे मे बिल्कुल सही लाभ की जानकारी देना मुश्किल ही नही असंभव है. हम सिर्फ अनुमानित आकड़े ही बता सकते है, जो कम्पनी ने राजस्व के रूप मे हासिल किया है.
- 2008 मे, 4 करोड़ लगभग .
- 2009 मे, 20 करोड़ लगभग .
- 2010 मे, 75 करोड़ लगभग .
- 2011 से, 31 मार्च 2012 तक, 500 करोड़ लगभग कहा जाता है.
- 2015 मे, लगभग 5000 करोड़ का टारगेट था कम्पनी का.
फ्लिप्कार्ट की सफलता का मंत्र
सफलता व असफलता एक ही सिक्के के दो पहलु है. हर व्यक्ति को अपने जीवन मे, दोनों का सामना करना होता है. असफलताओ के समय, डट कर उसका सामना करना, अपने आप मे, भविष्य की बहुत बड़ी सफलता की घोषणा करना है. फ्लिप्कार्ट भी बिल्कुल उसी तरह है. इसकी सफलता के अपने ही मूल मंत्र है. जैसे-
- आसान सेवा देना – फ्लिप्कार्ट ने शुरूवात से अपने ग्राहकों को बहुत ही आसान सेवाओ का लाभ दिया है. जिससे सामान बुलाने मे कोई भी परेशानी नही होती है.
- आसान वेबसाइट – वेबसाइट का आसानी से कोई भी उपयोग कर सकता है.
- सेवाए – घर पहुच बेहतर सेवाए देकर अपने ग्राहकों को सन्तुष्ट किया है.
- भुगतान के कई तरीके – Cash on Delivery (COD) तथा सभी प्रकार के कार्ड की सुविधाओ को चालू कर भुगतान की प्रकिया को आसान कर दिया है.
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